ट्रांसफर के चार महीने बाद भी पुराने थाने में तैनात सिपाही! सवालों के घेरे में पुलिस प्रशासन कानपुर: उत्तर प्रदेश कानपुर नगर में पुलिस महकमे की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक सिपाही को अप्रैल 2025 में रावतपुर थाने से ककवन थाने में ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन अगस्त शुरू होने के बाद भी वह अब तक पुरानी पोस्टिंग पर ही तैनात है। सवाल ये उठता है कि ट्रांसफर के बावजूद आखिर सिपाही को किसके संरक्षण में पुराने थाने पर बनाए रखा गया है? कागज़ी आदेश बनकर रह गया ट्रांसफर 15 अप्रैल 2025 को पुलिस उपायुक्त पश्चिम, कानपुर नगर द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में आरक्षी अजीत कुमार को थाना रावतपुर से थाना ककवन में स्थानांतरित किया गया था। निर्देश साफ था कि तत्काल प्रभाव से नई पोस्टिंग पर योगदान दें, लेकिन आदेश के चार महीने बाद भी सिपाही रावतपुर थाने में ड्यूटी करता पाया गया है। ट्रांसफर के बावजूद तैनाती में देरी, विभागीय अनदेखी या अंदरूनी 'मैनेजमेंट' का संकेत देती है। कल्याणपुर से रावतपुर—पुरानी चौकी, नई पोस्टिंग जानकारी के अनुसार, अजीत कुमार सोलंकी(Pno-182419821) पहले थाना कल्याणपुर में तैनात था। रावतपुर उस समय कल्याणपुर थाने की एक चौकी के रूप में काम कर रहा था। बाद में जब रावतपुर को स्वतंत्र थाने का दर्जा दिया गया, तो अजीत कुमार ने तुरंत रावतपुर में अपनी पोस्टिंग करवा ली। चूंकि दोनों थाने एक-दूसरे से सटे हुए हैं, और पहले भी उसी क्षेत्र में उसकी तैनाती थी, इसलिए माना जा रहा है कि यह तैनाती उसकी 'पसंद' के अनुसार थी। अब ट्रांसफर ककवन हो जाने के बावजूद वह रावतपुर में ही बना हुआ है। नियम तो सबके लिए समान होते हैं... लेकिन? पुलिस सेवा नियमों के तहत, ट्रांसफर आदेश के 7 से 15 दिन के भीतर नई जगह योगदान देना अनिवार्य है। अनुपालन न करना सेवा अनुशासन का उल्लंघन माना जाता है। ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाती है, लेकिन इस मामले में अब तक कोई विभागीय कदम नहीं उठाया गया है। इससे पहले भी हुए हैं ऐसे मामले ऐसे ही कुछ मामलों में पूर्व में कार्रवाई भी हुई है। 2021 में प्रयागराज में एक दरोगा को ट्रांसफर के बाद भी पुराने थाने में टिके रहने पर निलंबित कर दिया गया था। सवाल ये है कि कानपुर जैसे बड़े शहर में ऐसे मामलों पर चुप्पी क्यों?
ट्रांसफर के चार महीने बाद भी पुराने थाने में तैनात सिपाही! सवालों के घेरे में पुलिस प्रशासन कानपुर: उत्तर प्रदेश कानपुर नगर में पुलिस महकमे की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक सिपाही को अप्रैल 2025 में रावतपुर थाने से ककवन थाने में ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन अगस्त शुरू होने के बाद भी वह अब तक पुरानी पोस्टिंग पर ही तैनात है। सवाल ये उठता है कि ट्रांसफर के बावजूद आखिर सिपाही को किसके संरक्षण में पुराने थाने पर बनाए रखा गया है? कागज़ी आदेश बनकर रह गया ट्रांसफर 15 अप्रैल 2025 को पुलिस उपायुक्त पश्चिम, कानपुर नगर द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में आरक्षी अजीत कुमार को थाना रावतपुर से थाना ककवन में स्थानांतरित किया गया था। निर्देश साफ था कि तत्काल प्रभाव से नई पोस्टिंग पर योगदान दें, लेकिन आदेश के चार महीने बाद भी सिपाही रावतपुर थाने में ड्यूटी करता पाया गया है। ट्रांसफर के बावजूद तैनाती में देरी, विभागीय अनदेखी या अंदरूनी 'मैनेजमेंट' का संकेत देती है। कल्याणपुर से रावतपुर—पुरानी चौकी, नई पोस्टिंग जानकारी के अनुसार, अजीत कुमार सोलंकी(Pno-182419821) पहले थाना कल्याणपुर में तैनात था। रावतपुर उस समय कल्याणपुर थाने की एक चौकी के रूप में काम कर रहा था। बाद में जब रावतपुर को स्वतंत्र थाने का दर्जा दिया गया, तो अजीत कुमार ने तुरंत रावतपुर में अपनी पोस्टिंग करवा ली। चूंकि दोनों थाने एक-दूसरे से सटे हुए हैं, और पहले भी उसी क्षेत्र में उसकी तैनाती थी, इसलिए माना जा रहा है कि यह तैनाती उसकी 'पसंद' के अनुसार थी। अब ट्रांसफर ककवन हो जाने के बावजूद वह रावतपुर में ही बना हुआ है। नियम तो सबके लिए समान होते हैं... लेकिन? पुलिस सेवा नियमों के तहत, ट्रांसफर आदेश के 7 से 15 दिन के भीतर नई जगह योगदान देना अनिवार्य है। अनुपालन न करना सेवा अनुशासन का उल्लंघन माना जाता है। ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाती है, लेकिन इस मामले में अब तक कोई विभागीय कदम नहीं उठाया गया है। इससे पहले भी हुए हैं ऐसे मामले ऐसे ही कुछ मामलों में पूर्व में कार्रवाई भी हुई है। 2021 में प्रयागराज में एक दरोगा को ट्रांसफर के बाद भी पुराने थाने में टिके रहने पर निलंबित कर दिया गया था। सवाल ये है कि कानपुर जैसे बड़े शहर में ऐसे मामलों पर चुप्पी क्यों?
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- Post by Sagar Thakur1
- धमसेना से मटे मोटर मार्ग पूरी तरह से बदहाल स्थिति में है। इस सड़क का डामरीकरण लगभग पूरी तरह उखड़ चुका है, जिससे यातायात में काफी दिक्कत हो रही है। खासकर धमसेना के पास कलमठ के क्षेत्र में सड़क का एक हिस्सा टूट गया है, जो औऱ भी सुरक्षा व आवाजाही के लिए समस्या पैदा कर रहा है। इसका जल्द सुधार आवश्यक है ताकि सड़क के उपयोगकर्ता सुरक्षित और सुगम यात्रा कर सकें।1
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- उत्तरांचल प्रेस क्लब: मंजुल सिंह माजिला स्मृति क्रिकेट टूर्नामेंट में रनरअप रही टीम दून सुपर किंग को 29 रन से हराकर टीम दून किंग रीडर ने फाइनल मैच में अपने नाम किया जीत का खिताब। zeta news 24x71
- Post by 🚨👑MR. SINGH1
- सबसे बड़ी पूजा किसी का बुरा नहीं सोचना:कथा वाचक1
- Post by Sagar Thakur1