संकल्प हिंसा के त्यागी प्रत्येक श्रावक को होना चाहिए -- मुनिश्री सानंद सागर आचार्य विद्यासागरजी महाराज का अवतरण दिवस मुनि द्वय के सानिध्य में आज मानेगा। मनुष्य अथवा पशु-पक्षी आदि जनों के अंगों को छेदना, बंधन-रस्सी आदि से बांधना, पीड़न अर्थात डंडे आदि से पीटना, पीड़ा देना, अधिक काम लेना अधिक भार लादना, आहार-भोजन दान देते -करते को रोकना, आहार बचा कर रखना यह स्थूलवध से विरती रूप अहिंसाणुव्रत संबंधी पांच अतिचार है। अहिंसाणुव्रत का स्वरूप मन, वचन, काय इन तीनों योगों के संकल्प से, कृत कारित और अनुमोदना से जो त्रस जीवों को नहीं मारता है, उसे धर्म में निपुण ज्ञानियों ने स्थूल हिंसा से विरमणरूप अहिंसाणुव्रत कहा है। आचार्य समंतभद्र स्वामी ने अणुव्रत का स्वरूप स्थल हिंसा से, स्थूल असत्य भाषण से, स्थूल चोरी से, स्थूल काम से और स्थूल ममतारुप मुर्छा से इन पांचो स्थूल पापों से विरक्त होना अर्थात स्थूल पापों का त्याग करना अणुव्रत कहलाता है। संकल्प हिंसा के त्यागी प्रत्येक श्रावक को होना चाहिए। सत्याणु व्रत का स्वरूप जो लोक विरुद्ध, राज्य विरुद्ध एवं धर्म विधातक ऐसा स्थूल झूठ ना तो स्वयं बोलता है और ना दूसरों से बुलवाता है तथा दूसरे की विपत्ति के लिए कारणभूत सत्य को भी न स्वयं कहता है और ना दूसरे से कहलवाता है उसे संत जन स्थूल मृषावाद से विरमण अर्थात सत्याणुव्रत कहते हैं। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर विराजमान आचार्य आर्जव सागर मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने रत्नकरण्डक श्रावकाचार ग्रंथ का स्वाध्याय कराते हुए कहा कि हिंसा 4 प्रकार की होती है।संकल्प हिंसा का श्रावक पूर्ण रूप से त्यागी होना चाहिए। आप विवेक से काम करें, हर जगह विवेक से काम करेंगे तो हिंसा से बचोगे, ताकि जीवन हिंसा न हो। औद्योगिक हिंसा से बचें। मुनिश्री ने कहा गैस चूल्हा चालू करने के पहले उसे कपड़े से साफ करें, चूल्हे के पास जीव होते ही हैं। विरोधी हिंसा में रक्षा करते हुए जीव मर जाएं तो हिंसा का दोष नहीं लगता है। संकल्प हिंसा का त्यागी प्रत्येक श्रावक को होना चाहिए। पूर्व कर्म के कारण बेटा संस्कार के अभाव में माता-पिता को खून के आंसू बहाता है। कोई निर्णय लेने से पहले सोचें। कोई भी काम करने से पहले सात कदम पीछे हट कर सोचें व विचार कर काम करें। पांच अणुव्रत लेने वाले विवेक से काम करते हैं। श्रावक का कर्तव्य है कि अहिंसा धर्म का पालन करें। पांच अतिचार होते हैं। आचार्य समंतभद्र स्वामी ने अलग-अलग शब्द दिए हैं। भगवान की पूजा-अर्चना, भक्ति को पहली प्राथमिकता देवें। सांसारिक कार्य बाद में करें। इस युग में अति हो रही है। लड़का लड़की की तरह कान छिदवा रहें हैं। लड़कियां लड़कों के कपड़े पहन रही है। ऐसा नहीं करना चाहिए। चातुर्मास के दौरान उपवास अधिक होते हैं, उससे शरीर भी स्वस्थ होता है। शक्ति है तो पन्द्रह दिन में एक उपवास अवश्य करें। दुर्भावना से खाने को नहीं देने में दोष लगता है। मोबाइल आने के बाद से यह सबसे अधिक झूठ बुलवा रहा है। कानून सभी के लिए एक समान है चाहे राष्ट्रपति हो या मंत्री। जीव की रक्षा हेतु झूठ बोलना पड़ता है तो दोष नहीं लगता है। सौ सुनार की और एक लौहार की होती है, यह कहावत चरितार्थ हो रही है। लोक व्यवहार में भी ऐसे वचन न बोलें जो दुर्गति का कारण बने। शरद पूर्णिमा महामहोत्सव पर आचार्य भगवंत की पूजा-अर्चना करेंगे 7 अक्टूबर मंगलवार को आचार्य विद्यासागर मुनिराज का अवतरण दिवस प्रातः 6:30 बजे से किला मंदिर जी के पांडाल में आचार्य भगवंत की महामांगलिक पूजन के साथ में मनाया जाएगा। सभी मंडल समय पर उपस्थित होकर आचार्य भगवंत की पूजन का अर्घ्य समर्पित करें। युग श्रेष्ठ आचार्य भगवंत संत शिरोमणि विद्यासागर जी महा मुनिराज व आचार्य समय सागर जी महाराज के अवतरण दिवस मुनि द्वय मुनिश्री सजग सागर मुनिराज एवं सानंद सागर मुनिराज के परम सानिध्य में जैन समाज शरद पूर्णिमा महा महोत्सव के रूप में बड़े ही धूमधाम से मनाएंगे। सभी समाजजन समय पर उपस्थित होकर पुण्य का संचय करें ।
संकल्प हिंसा के त्यागी प्रत्येक श्रावक को होना चाहिए -- मुनिश्री सानंद सागर आचार्य विद्यासागरजी महाराज का अवतरण दिवस मुनि द्वय के सानिध्य में आज मानेगा। मनुष्य अथवा पशु-पक्षी आदि जनों के अंगों को छेदना, बंधन-रस्सी आदि से बांधना, पीड़न अर्थात डंडे आदि से पीटना, पीड़ा देना, अधिक काम लेना अधिक भार लादना, आहार-भोजन दान देते -करते को रोकना, आहार बचा कर रखना यह स्थूलवध से विरती रूप अहिंसाणुव्रत संबंधी पांच अतिचार है। अहिंसाणुव्रत का स्वरूप मन, वचन, काय इन तीनों योगों के संकल्प से, कृत कारित और अनुमोदना से जो त्रस जीवों को नहीं मारता है, उसे धर्म में निपुण ज्ञानियों ने स्थूल हिंसा से विरमणरूप अहिंसाणुव्रत कहा है। आचार्य समंतभद्र स्वामी ने अणुव्रत का स्वरूप स्थल हिंसा से, स्थूल असत्य भाषण से, स्थूल चोरी से, स्थूल काम से और स्थूल ममतारुप मुर्छा से इन पांचो स्थूल पापों से विरक्त होना अर्थात स्थूल पापों का त्याग करना अणुव्रत कहलाता है। संकल्प हिंसा के त्यागी प्रत्येक श्रावक को होना चाहिए। सत्याणु व्रत का स्वरूप जो लोक विरुद्ध, राज्य विरुद्ध एवं धर्म विधातक ऐसा स्थूल झूठ ना तो स्वयं बोलता है और ना दूसरों से बुलवाता है तथा दूसरे की विपत्ति के लिए कारणभूत सत्य को भी न स्वयं कहता है और ना दूसरे से कहलवाता है उसे संत जन स्थूल मृषावाद से विरमण अर्थात सत्याणुव्रत कहते हैं। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर विराजमान आचार्य आर्जव सागर मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने रत्नकरण्डक श्रावकाचार ग्रंथ का स्वाध्याय कराते हुए कहा कि हिंसा 4 प्रकार की होती है।संकल्प हिंसा का श्रावक पूर्ण रूप से त्यागी होना चाहिए। आप विवेक से काम करें, हर जगह विवेक से काम करेंगे तो हिंसा से बचोगे, ताकि जीवन हिंसा न हो। औद्योगिक हिंसा से बचें। मुनिश्री ने कहा गैस चूल्हा चालू करने के पहले उसे कपड़े से साफ करें, चूल्हे के पास जीव होते ही हैं। विरोधी हिंसा में रक्षा करते हुए जीव मर जाएं तो हिंसा का दोष नहीं लगता है। संकल्प हिंसा का त्यागी प्रत्येक श्रावक को होना चाहिए। पूर्व कर्म के कारण बेटा संस्कार के अभाव में माता-पिता को खून के आंसू बहाता है। कोई निर्णय लेने से पहले सोचें। कोई भी काम करने से पहले सात कदम पीछे हट कर सोचें व विचार कर काम करें। पांच अणुव्रत लेने वाले विवेक से काम करते हैं। श्रावक का कर्तव्य है कि अहिंसा धर्म का पालन करें। पांच अतिचार होते हैं। आचार्य समंतभद्र स्वामी ने अलग-अलग शब्द दिए हैं। भगवान की पूजा-अर्चना, भक्ति को पहली प्राथमिकता देवें। सांसारिक कार्य बाद में करें। इस युग में अति हो रही है। लड़का लड़की की तरह कान छिदवा रहें हैं। लड़कियां लड़कों के कपड़े पहन रही है। ऐसा नहीं करना चाहिए। चातुर्मास के दौरान उपवास अधिक होते हैं, उससे शरीर भी स्वस्थ होता है। शक्ति है तो पन्द्रह दिन में एक उपवास अवश्य करें। दुर्भावना से खाने को नहीं देने में दोष लगता है। मोबाइल आने के बाद से यह सबसे अधिक झूठ बुलवा रहा है। कानून सभी के लिए एक समान है चाहे राष्ट्रपति हो या मंत्री। जीव की रक्षा हेतु झूठ बोलना पड़ता है तो दोष नहीं लगता है। सौ सुनार की और एक लौहार की होती है, यह कहावत चरितार्थ हो रही है। लोक व्यवहार में भी ऐसे वचन न बोलें जो दुर्गति का कारण बने। शरद पूर्णिमा महामहोत्सव पर आचार्य भगवंत की पूजा-अर्चना करेंगे 7 अक्टूबर मंगलवार को आचार्य विद्यासागर मुनिराज का अवतरण दिवस प्रातः 6:30 बजे से किला मंदिर जी के पांडाल में आचार्य भगवंत की महामांगलिक पूजन के साथ में मनाया जाएगा। सभी मंडल समय पर उपस्थित होकर आचार्य भगवंत की पूजन का अर्घ्य समर्पित करें। युग श्रेष्ठ आचार्य भगवंत संत शिरोमणि विद्यासागर जी महा मुनिराज व आचार्य समय सागर जी महाराज के अवतरण दिवस मुनि द्वय मुनिश्री सजग सागर मुनिराज एवं सानंद सागर मुनिराज के परम सानिध्य में जैन समाज शरद पूर्णिमा महा महोत्सव के रूप में बड़े ही धूमधाम से मनाएंगे। सभी समाजजन समय पर उपस्थित होकर पुण्य का संचय करें ।
- * *आत्मनिर्भर और विकसित भारत की कल्पना को साकार कर रहे हैं मुख्यमंत्री* पिछड़ा वर्ग मंत्री मप्र शासन एवं जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर जिला विकास सलाहकार सम्मेलन में l1
- सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने देवास पुलिस की संवेदनशील पहल, दुर्घटना-संभावित एवं जानलेवा स्थानों पर चेतावनी पोस्टर लगाकर आमजन को किया जा रहा है जागरूक देवास,देवास पुलिस द्वारा जिले में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं आम नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु निरंतर विभिन्न स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक देवास पुनीत गेहलोद के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) जयवीर सिंह भदौरिया एवं उप पुलिस अधीक्षक (एल-आर) संजय शर्मा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी देवास बैंक नोट प्रेस अमित सोलंकी के नेतृत्व में एक संवेदनशील एवं जनहितकारी पहल की जा रही है। इस पहल के अंतर्गत जिले के उन स्थानों पर, जहाँ पूर्व में सड़क दुर्घटनाओं में व्यक्तियों की मृत्यु अथवा गंभीर चोट की घटनाएं घटित हुई हैं, देवास पुलिस द्वारा चेतावनी एवं जागरूकता संबंधी पोस्टर लगाए जा रहे हैं। इन पोस्टरों के माध्यम से आम जनता को सतर्क रहने, वाहन सावधानीपूर्वक चलाने तथा सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में दिनांक 05.12.2025 एवं 06.12.2025 को ग्राम बिलावली एवं ग्राम खटाम्बा में हुई दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में दो व्यक्तियों की गंभीर रूप से घायल होने के पश्चात मृत्यु हो गई थी। उक्त दोनों दुर्घटनास्थलों पर थाना बीएनपी पुलिस द्वारा पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में दुर्घटना चेतावनी संबंधी पोस्टर लगाए गए हैं, ताकि वहां से गुजरने वाले वाहन चालक सतर्क रहें एवं भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। देवास पुलिस आम नागरिकों से अपील करती है कि वे वाहन चलाते समय गति सीमा का पालन करें, हेलमेट व सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य रूप से करें, नशे की हालत में वाहन न चलाएं तथा यातायात नियमों का पूर्णतः पालन कर स्वयं एवं दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। देवास पुलिस — सुरक्षित यातायात, सुरक्षित जीवन1
- भोपाल में सीजन का पहला घना कोहरा राजधानी सुबह की शुरुआत हुई घने कोहरे से1
- इसे कहते हैं जुनून1
- एमजी हॉस्पिटल में जितने भी डॉक्टर हैं सबके प्राइवेट निजी क्लीनिक में व्यस्त रहते हैं और यहां पर सिर्फ मुन्ना भाई एमबीबीएस डॉक्टर को एमजी हॉस्पिटल में बिठा रखते हैं जो मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं माननीय कलेक्टर महोदय से अनुरोध है की जांच कराया जाए जितने भी डॉक्टरों की एमजी हॉस्पिटल में ड्यूटी है अगर उनके कहीं भी शहरी क्षेत्र में निजी क्लीनिक है या लैब है या पैथोलॉजी है उन्हें बंद कराया जाए और नहीं तो की फिर इनका कहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफर किया जाए जब जाकर यह स्थिति एमजी हॉस्पिटल की सुधरेगी एम जी हस्पीटल में कार्यरत डॉक्टर अपने निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब सोनोग्राफी सिटी स्कैन लिखते हैं जहां पर उनका कमीशन बना है।4
- MAA JOGANIA EPISODE 12.1
- Post by Manoj_bamniya_official1
- कुमेरसिंह ठाकुर मिट्ठूपूरा सरकार द्वारा श्रवण कराई जारही श्रीमद्भागवत गीता मे पूर्व विधायक रुगनाथ सिंह मालवीय ने कथा श्रवण कर अपने पैरो को थिरकने से अपने आपको रोक नही पाये।1