Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर कड़ाके की ठंड ने श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ा दीं. सोमवार को मेला क्षेत्र में स्थित केंद्रीय अस्पताल और अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए 3000 से ज्यादा मरीज पहुंचे. ठंड के कारण सैकड़ों श्रद्धालु बीमार हो गए. इनमें से 85 वर्षीय अर्जुन गिरि को हार्ट अटैक आने पर एसआरएन अस्पताल लाया गया, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई. अस्पताल के मीडिया प्रभारी संतोष सिंह ने बताया कि एंबुलेंस से मरीज को शाम छह बजे ट्रामा सेंटर लाया गया, लेकिन जांच में पता चला कि उनकी मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. केंद्रीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. मनोज कुमार कौशिक ने बताया कि सोमवार को ओपीडी में 3104 मरीज इलाज के लिए आए, जिनमें से 262 को भर्ती किया गया. गंभीर अवस्था में 37 मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया. अस्पताल में 650 मरीजों की जांच की गई और मेला क्षेत्र के झूंसी और अरैल के अस्पताल से भी मरीजों को एसआरएन अस्पताल भेजा गया. एसआरएन अस्पताल में 24 मरीज रेफर होकर पहुंचे, जिनमें से 12 को भर्ती किया गया और बाकी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. केंद्रीय अस्पताल में रात आठ बजे तक 20 मरीज भर्ती थे, जिनमें से कई श्रद्धालु और अग्निशमन विभाग के कर्मी शामिल थे. मेला क्षेत्र से केंद्रीय अस्पताल और एसआरएन के बीच एंबुलेंस की आवाजाही सुबह से लेकर देर रात तक लगातार जारी रही.
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर कड़ाके की ठंड ने श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ा दीं. सोमवार को मेला क्षेत्र में स्थित केंद्रीय अस्पताल और अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए 3000 से ज्यादा मरीज पहुंचे. ठंड के कारण सैकड़ों श्रद्धालु बीमार हो गए. इनमें से 85 वर्षीय अर्जुन गिरि को हार्ट अटैक आने पर एसआरएन अस्पताल लाया गया, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई. अस्पताल के मीडिया प्रभारी संतोष सिंह ने बताया कि एंबुलेंस से मरीज को शाम छह बजे ट्रामा सेंटर लाया गया, लेकिन जांच में पता चला कि उनकी मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. केंद्रीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. मनोज कुमार कौशिक ने बताया कि सोमवार को ओपीडी में 3104 मरीज इलाज के लिए आए, जिनमें से 262 को भर्ती किया गया. गंभीर अवस्था में 37 मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया. अस्पताल में 650 मरीजों की जांच की गई और मेला क्षेत्र के झूंसी और अरैल के अस्पताल से भी मरीजों को एसआरएन अस्पताल भेजा गया. एसआरएन अस्पताल में 24 मरीज रेफर होकर पहुंचे, जिनमें से 12 को भर्ती किया गया और बाकी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. केंद्रीय अस्पताल में रात आठ बजे तक 20 मरीज भर्ती थे, जिनमें से कई श्रद्धालु और अग्निशमन विभाग के कर्मी शामिल थे. मेला क्षेत्र से केंद्रीय अस्पताल और एसआरएन के बीच एंबुलेंस की आवाजाही सुबह से लेकर देर रात तक लगातार जारी रही.
- Post by Mithun kumar1
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