*1987 में मिली आजीवन कारावास की सजा,38 साल बाद बरी हुए ओंकार सिंह* बुलंदशहर।उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है,जिसे जानकर आपको बड़ी ही हैरानी होगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 40 साल पुराने हत्या के एक मामले में 82 वर्षीय ओंकार सिंह को बरी कर दिया है।ट्रायल कोर्ट ने ओंकार सिंह को 1987 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। *जानें क्या है पूरा मामला* मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के अहमदगढ़ कस्बे के सतबरा गांव का है। 10 फरवरी 1985 की रात रामजीलाल के परिवार में एक बारात आई हुई थी। तभी अचानक गांव में बदमाशों के घुसने का शोर मचा,जहां रोशनी के लिए जल रही लालटेन भी बुझा दी गईं और चारों ओर अंधेरा कर दिया गया। इसी दौरान तड़ातड़ गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं।इसी दौरान रामजीलाल के भतीजे राजेंद्र ने भी चोर-बदमाशों का शोर सुनकर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने भी बदमाशों को ललकारते हुए गोलीबारी की। इसी दौरान अंधेरा होने के कारण ग्रामीणों द्वारा चलाई जा रही एक गोली राजेंद्र के कंधे पर लगी,जिससे राजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक राजेंद्र के परिजनों ने आरोप लगाया कि गांव के ही वीरेंद्र,ओंकार और अजब सिंह उर्फ बाली ने राजेंद्र को पकड़ लिया था। परिजनों के अनुसार वीरेंद्र ने तमंचे से राजेंद्र को गोली मारी थी। इसके बाद मृतक के परिजनों ने तीनों के खिलाफ राजेंद्र की हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया। *कोर्ट ने क्यों किया बरी* इस मामले में 2 दिसंबर 1987 को ट्रायल कोर्ट ने ओंकार सिंह,वीरेंद्र और अजब सिंह उर्फ बाली को धारा 302 के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।सजा के खिलाफ तीनों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। सुनवाई के दौरान वीरेंद्र और अजब सिंह उर्फ बाली की मौत हो गई, जिसके कारण उनके खिलाफ अपील खारिज कर दी गई। वहीं ओंकार की अपील पर सुनवाई पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पाया कि उनके खिलाफ अपराध साबित नहीं हो रहा है। इसी आधार पर अदालत ने ओंकार सिंह को दोषमुक्त घोषित करते हुए बरी करने का आदेश दिया। *गांव के लोगों ने क्या कहा* ओंकार सिंह के चचेरे भाई फतेह सिंह ने बताया कि उस वक्त मृतक राजेंद्र के चाचा रामजीलाल के घर में एक लड़की की शादी थी,जहां उनके घर में बारात आई हुई थी,इसी दौरान गांव में अचानक से चोर बदमाश आने का शोर मचा था।सभी गांव वाले अपने लाइसेंसी हथियार लेकर रामजीलाल के घर के आसपास दौड़ लिए।वहीं रामजीलाल का भतीजा राजेंद्र भी अंदर बनी एक कोठरी से फायर कर रहा था।उधर गांव वाले भी चोर बदमाश समझ कर फायरिंग कर रहे थे।बताया गया कि इसी दौरान राजेंद्र को गोली लगी और राजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। *मृत आरोपी की पत्नी ने जानें क्या बताया* मृत आरोपी वीरेंद्र की पत्नी श्रीमती ने बताया की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ओंकार सिंह को हत्या के मामले में बरी कर दिया है,वह भी अब काफी खुश हैं और गांव के लोग भी हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहे हैं। बता दें कि राजेंद्र का परिवार गांव छोड़ कर कहीं और जा चुका है। वहीं अब मृतक के घर के दरवाजे पर सिर्फ ताला लटका हुआ है।सभी लोग राजेंद्र की हत्या के कुछ साल बाद गांव छोड़कर चले गए थे। रजत यादव पत्रकार नव भारत संवाद इटावा
*1987 में मिली आजीवन कारावास की सजा,38 साल बाद बरी हुए ओंकार सिंह* बुलंदशहर।उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है,जिसे जानकर आपको बड़ी ही हैरानी होगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 40 साल पुराने हत्या के एक मामले में 82 वर्षीय ओंकार सिंह को बरी कर दिया है।ट्रायल कोर्ट ने ओंकार सिंह को 1987 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। *जानें क्या है पूरा मामला* मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के अहमदगढ़ कस्बे के सतबरा गांव का है। 10 फरवरी 1985 की रात रामजीलाल के परिवार में एक बारात आई हुई थी। तभी अचानक गांव में बदमाशों के घुसने का शोर मचा,जहां रोशनी के लिए जल रही लालटेन भी बुझा दी गईं और चारों ओर अंधेरा कर दिया गया। इसी दौरान तड़ातड़ गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं।इसी दौरान रामजीलाल के भतीजे राजेंद्र ने भी चोर-बदमाशों का शोर सुनकर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने भी बदमाशों को ललकारते हुए गोलीबारी की। इसी दौरान अंधेरा होने के कारण ग्रामीणों द्वारा चलाई जा रही एक गोली राजेंद्र के कंधे पर लगी,जिससे राजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक राजेंद्र के परिजनों ने आरोप लगाया कि गांव के ही वीरेंद्र,ओंकार और अजब सिंह उर्फ बाली ने राजेंद्र को पकड़ लिया था। परिजनों के अनुसार वीरेंद्र ने तमंचे से राजेंद्र को गोली मारी थी। इसके बाद मृतक के परिजनों ने तीनों के खिलाफ राजेंद्र की हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया। *कोर्ट ने क्यों किया बरी* इस मामले में 2 दिसंबर 1987 को ट्रायल कोर्ट ने ओंकार सिंह,वीरेंद्र और अजब सिंह उर्फ बाली को धारा 302 के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।सजा के खिलाफ तीनों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। सुनवाई के दौरान वीरेंद्र और अजब सिंह उर्फ बाली की मौत हो गई, जिसके कारण उनके खिलाफ अपील खारिज कर दी गई। वहीं ओंकार की अपील पर सुनवाई पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पाया कि उनके खिलाफ अपराध साबित नहीं हो रहा है। इसी आधार पर अदालत ने ओंकार सिंह को दोषमुक्त घोषित करते हुए बरी करने का आदेश दिया। *गांव के लोगों ने क्या कहा* ओंकार सिंह के चचेरे भाई फतेह सिंह ने बताया कि उस वक्त मृतक राजेंद्र के चाचा रामजीलाल के घर में एक लड़की की शादी थी,जहां उनके घर में बारात आई हुई थी,इसी दौरान गांव में अचानक से चोर बदमाश आने का शोर मचा था।सभी गांव वाले अपने लाइसेंसी हथियार लेकर रामजीलाल के घर के आसपास दौड़ लिए।वहीं रामजीलाल का भतीजा राजेंद्र भी अंदर बनी एक कोठरी से फायर कर रहा था।उधर गांव वाले भी चोर बदमाश समझ कर फायरिंग कर रहे थे।बताया गया कि इसी दौरान राजेंद्र को गोली लगी और राजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। *मृत आरोपी की पत्नी ने जानें क्या बताया* मृत आरोपी वीरेंद्र की पत्नी श्रीमती ने बताया की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ओंकार सिंह को हत्या के मामले में बरी कर दिया है,वह भी अब काफी खुश हैं और गांव के लोग भी हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहे हैं। बता दें कि राजेंद्र का परिवार गांव छोड़ कर कहीं और जा चुका है। वहीं अब मृतक के घर के दरवाजे पर सिर्फ ताला लटका हुआ है।सभी लोग राजेंद्र की हत्या के कुछ साल बाद गांव छोड़कर चले गए थे। रजत यादव पत्रकार नव भारत संवाद इटावा
- tsi सूबेदार सिंह प्रभारी यातायात को किया गया सम्मानित1
- भारत में ऐसा अद्भुत कालेज जनपद इटावा में स्थित सनातन धर्म इन्टर कॉलेज हैं जिसकी चार दीवार शहर के प्रसिद्ध चार चौराहों राजा गंज चौराहा, नगर पालिका चौराहा, कोतवाली चौराहा व जिला परिषद चौराहे की चारों सीमाओं यानी ( चारों चौराहों ) से जुड़ी है। इस कालेज की स्थापना सन् 1914 में निवर्तमान अंग्रेज कलेक्टर ए.ओ. ह्यूम ने अपने नाम के पहले अक्षर एच ( H ) आकार में बनवायीं थी। इतिहासकारों के अनुसार बताया गया है, कि भारत रत्न पंडित मदनमोहन मालवीय वह बनारस से भ्रमण करने यहां आये थे और यहां आकर उनकी भेंट यहां के जमींदार पंडित श्याम बिहारी भटेले से हुई और उन्होंने प्रेरणा दी और कहां यहां गरीब बच्चों के शिक्षा के लिए सनातन धर्म को बढ़ाने के लिए एक स्कूल होना चाहिए। उनकी प्रेरणा से प्रभावित होकर उन्होंने 51 हजार चांदी के सिक्के यहां तैनात निवर्तमान कलेक्टर ए.ओ. ह्यूम को दिये यहां उन्होंने सहमति देकर शहर के बीचों ( H ) आकार का सनातन धर्म इन्टर कॉलेज की स्थापना की तथा कलेक्टर ह्यूम ने स्व भटेले को इस कालेज का संस्थापक बनाया। कलेक्टर ह्यूम ने उसी समय अपने नाम HUMES के आकार की सदर कोतवाली, सदर तहसील, जिला परिषद,व जिला अस्पताल का प्रत्येक अक्षर के आकार में सभी स्मारक बनायें जिसमें सदर तहसील व अस्पतालों के भवन तोड़कर ध्वस्त कर दिय गए। स्व मालवीय जी ने बनारस के हिन्दू विश्वविद्यालय के साथ देश के कहीं हिन्दू स्मारकों का लोगों से चंदा लेकर बनवाएं थे। तथा वह देश के जननायक थे। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने टीवी शो सीरियल कौन बनेगा करोड़पति में इस कालेज के बारे मे प्रश्न पूछ कर प्रशंसा की थी। वर्तमान समय में इस कालेज के प्रधानाचार्य श्री संजय शर्मा के नेतृत्व में छात्र - छात्रों को पढ़ाई के साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही है। रजत यादव पत्रकार नव भारत संवाद इटावा1
- भारत में ऐसा अद्भुत कालेज जनपद इटावा में स्थित सनातन धर्म इन्टर कॉलेज हैं जिसकी चार दीवार शहर के प्रसिद्ध चार चौराहों राजा गंज चौराहा, नगर पालिका चौराहा, कोतवाली चौराहा व जिला परिषद चौराहे की चारों सीमाओं यानी ( चारों चौराहों ) से जुड़ी है। इस कालेज की स्थापना सन् 1914 में निवर्तमान अंग्रेज कलेक्टर ए.ओ. ह्यूम ने अपने नाम के पहले अक्षर एच ( H ) आकार में बनवायीं थी। इतिहासकारों के अनुसार बताया गया है, कि भारत रत्न पंडित मदनमोहन मालवीय वह बनारस से भ्रमण करने यहां आये थे और यहां आकर उनकी भेंट यहां के जमींदार पंडित श्याम बिहारी भटेले से हुई और उन्होंने प्रेरणा दी और कहां यहां गरीब बच्चों के शिक्षा के लिए सनातन धर्म को बढ़ाने के लिए एक स्कूल होना चाहिए। उनकी प्रेरणा से प्रभावित होकर उन्होंने 51 हजार चांदी के सिक्के यहां तैनात निवर्तमान कलेक्टर ए.ओ. ह्यूम को दिये यहां उन्होंने सहमति देकर शहर के बीचों ( H ) आकार का सनातन धर्म इन्टर कॉलेज की स्थापना की तथा कलेक्टर ह्यूम ने स्व भटेले को इस कालेज का संस्थापक बनाया। कलेक्टर ह्यूम ने उसी समय अपने नाम HUMES के आकार की सदर कोतवाली, सदर तहसील, जिला परिषद,व जिला अस्पताल का प्रत्येक अक्षर के आकार में सभी स्मारक बनायें जिसमें सदर तहसील व अस्पतालों के भवन तोड़कर ध्वस्त कर दिय गए। स्व मालवीय जी ने बनारस के हिन्दू विश्वविद्यालय के साथ देश के कहीं हिन्दू स्मारकों का लोगों से चंदा लेकर बनवाएं थे। तथा वह देश के जननायक थे। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने टीवी शो सीरियल कौन बनेगा करोड़पति में इस कालेज के बारे मे प्रश्न पूछ कर प्रशंसा की थी। वर्तमान समय में इस कालेज के प्रधानाचार्य श्री संजय शर्मा के नेतृत्व में छात्र - छात्रों को पढ़ाई के साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही है। रमेश यादव पत्रकार नव भारत टाइम्स इटावा1
- *बड़ी खबर :---* *_SSP इटावा बृजेश कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में बकेवर पुलिस ने अपनी मामी के घऱ से 30 लाख के जेवरात चोरी करने वाली भांजी को उसके बॉयफ्रेंड के साथ गिरफ़्तार कर भेजा जेल,,,,,,दोनों के कब्जे से चोरी किये हुए 30 लाख के शत प्रतिशत जेवरात बरामद_* ____________________________________ ⏩मेरे सपनों का वो राजा-मेरे दिल का वो राजकुमार,,,सपनों के राजकुमार से शादी करने,शादी के बाद घऱ बनवाने व गाड़ी खरीदने के लिए भांजी ने अपने ही मामा-मामी की लॉकर से साफ किये 30 लाख के मूल्यवान जेवरात ⏩Boyfriend ने अपनी गर्लफ्रेंड को दिया Crime Scene का idea,,,बॉयफ्रेंड की आपराधिक साजिश में शामिल होकर प्रेमिका ने अपने मामा-मामी के घऱ बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम देकर लॉकर से साफ किये 30 लाख के जेवरात ⏩मामा-मामी को दूर-दूर तक नहीं थी ये भनक कि उनकी भांजी ही उनके मूल्यवान जेवरों पर हाथ साफ क़र देगी ⏩भांजी के सर चढ़ा परवान इश्क़ के चलते अपने प्रेमी के बताये प्लान के अनुसार भांजी ने विगत 6 महीनों में धीमे-धीमे चोरी कर कुल 30 लाख के जेवर चोरी कर boyfriend को दे दिए थे ⏩भांजी का पड़ोसी गांव के योगेश उर्फ़ गोलू से चल रहा था प्रेम-प्रसंग और अपने बॉयफ्रेंड से शादी करने के लिए भांजी ने अपनी मामी के घऱ को ही बना डाला निशाना ⏩ज़ब मामी ने पुलिस थाने में दर्ज कराया मुकदमा तो पुलिस की जांच में संदेह की सुई सबसे पहले भांजी पर घूमी ⏩फिर क्या पुलिस ने भांजी के पूरे प्लान को Expose कर भांजी व उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ़्तार कर लिया व इन दोनों के कब्जे से चोरी किये गए 30 लाख के जेवरात बरामद ⏩भांजा-भांजी के मनसूबों पर बकेवर पुलिस ने पानी फेरते हुए दोनों को गिरफ़्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है ⏩SSP इटावा बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी भांजी व उसके Boyfriend को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया हैं ⏩SSP इटावा के निर्देशन में व ASP देहात श्रीश चंद्र के नेतृत्व में बकेवर थानाध्यक्ष विपिन कुमार मालिक व उनकी टीम की बड़ी कार्यवाही में प्रेमी-प्रेमिका को गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया है ⏩बकेवर पुलिस,बकेवर थानाध्यक्ष विपिन मलिक,SI स्वदेश कुमार व पूरी टीम ने 30 लाख के जेवरात की बड़ी चोरी की घटना का सफल अनावरण करते हुए चोरी किये हुए 30 लाख के सभी आभूषण बरामद कर लिए हैं ⏩इस घटना के राजफ़ाश पर क्या कुछ कहना हैं इटावा के SSP बृजेश कुमार श्रीवास्तव का,,आप भी सुनिए --- ⏩देखिये इटावा से Raftaar Media संवाददाता इंजीनियर सनत तिवारी की ये Exclusive Report:-- *✒️इंजी.सनत तिवारी-इटावा*1
- दिलीप नगर मढैयन इटावा उ प्र1
- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंहचौहान अपनी पत्नी के साथ पहुंचे भिण्ड स्व:जयद्रथ सिंह के निवास* पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की कहा हमेसा परिबार के साथ खड़ा रहूँगा1
- Post by Jeetu Bhai1
- राजस्थान टोंक मे भाजपा के मंत्री मदन दिलावर से भरी सभा मे भाजपा वोटर ने पूछा सवाल , एक भी वोट कांग्रेस का नहीं, पूरा गांव बीजेपी को वोट देता है , लेकिन फिर भी हमारे गांव मे सड़क नहीं है , हमारे गांव के बच्चे कीचड़ वाली सड़क से निकलकर स्कूल जाते है , आखिर हमारा कुसूर क्या है ?1