आज पितृ विसर्जन अमावस्या है और कल से नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। इसबीच आज रात सूर्यग्रहण भी पड़ रहा है। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए इसका कोई प्रभाव यहां नहीं होगा हालांकि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसके प्रभाव हो सकते हैं। यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा, किंतु चूंकि यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तरफाल्गुनी नक्षत्र में घटित हो रहा है, और उस पर वक्री शनि की सातवीं दृष्टि पड़ रही है, अतः इसका परोक्ष प्रभाव राजनीतिक, सामाजिक और वैश्विक स्तर पर हो सकता है। ग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और फिजी के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में यह दृश्य नहीं होगा, परंतु ग्रहण के समय का संयोग, आकाशीय गोचर और वैश्विक घटनाक्रमों की दृष्टि से यह विशेष है। ग्रहण का प्रभाव भारत में प्रत्यक्ष रूप से तो नहीं, परंतु अप्रत्यक्ष रूप से सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है, विशेषकर उन लोगों और संस्थानों को जिनका संबंध विदेशों से है। अगर वृषभ लग्न की कुंडली पर इस सूर्यग्रहण को परखा जाए तो ग्रहण का प्रभाव पंचम भाव पर पड़ रहा है। पंचम भाव ज्योतिष में शिक्षा, युवाओं, रचनात्मकता, सिनेमा, कूटनीति और शेयर बाजार जैसे क्षेत्रों से संबंधित माना जाता है। ग्रहण के समय कन्या राशि में सूर्य, चंद्रमा और बुध तीनों ही ग्रह स्थित होंगे और उस पर वक्री शनि की दृष्टि पड़ रही होगी। इसका सीधा असर उन भारतीय विद्यार्थियों और पेशेवरों पर हो सकता है जो विशेष रूप से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में पढ़ाई या काम के सिलसिले में निवास कर रहे हैं। आने वाले तीन महीनों में इन्हें कुछ अवरोधों या परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऑस्ट्रेलिया की स्थापना कुंडली में मीन लग्न है और वहां इस समय सूर्य में शुक्र की विंशोत्तरी दशा चल रही है, जो 2026 तक शुभ नहीं मानी जा रही है। इस कारणवश, वहां भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ असंतोष या नस्लीय प्रतिक्रियाएं उभर सकती हैं, जैसा कि सितंबर के पहले सप्ताह में एक रैली में देखा गया था। इसके विपरीत, न्यूज़ीलैंड की वृषभ लग्न की कुंडली में इस समय शुक्र में शनि की अनुकूल दशा चल रही है, अतः वहां इस ग्रहण के प्रभाव तुलनात्मक रूप से सामान्य रहने की संभावना है।
आज पितृ विसर्जन अमावस्या है और कल से नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। इसबीच आज रात सूर्यग्रहण भी पड़ रहा है। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए इसका कोई प्रभाव यहां नहीं होगा हालांकि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसके प्रभाव हो सकते हैं। यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा, किंतु चूंकि यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तरफाल्गुनी नक्षत्र में घटित हो रहा है, और उस पर वक्री शनि की सातवीं दृष्टि पड़ रही है, अतः इसका परोक्ष प्रभाव राजनीतिक, सामाजिक और वैश्विक स्तर पर हो सकता है। ग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और फिजी के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में यह दृश्य नहीं होगा, परंतु ग्रहण के समय का संयोग, आकाशीय गोचर और वैश्विक घटनाक्रमों की दृष्टि से यह विशेष है। ग्रहण का प्रभाव भारत में प्रत्यक्ष रूप से तो नहीं, परंतु अप्रत्यक्ष रूप से सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है, विशेषकर उन लोगों और संस्थानों को जिनका संबंध विदेशों से है। अगर वृषभ लग्न की कुंडली पर इस सूर्यग्रहण को परखा जाए तो ग्रहण का प्रभाव पंचम भाव पर पड़ रहा है। पंचम भाव ज्योतिष में शिक्षा, युवाओं, रचनात्मकता, सिनेमा, कूटनीति और शेयर बाजार जैसे क्षेत्रों से संबंधित माना जाता है। ग्रहण के समय कन्या राशि में सूर्य, चंद्रमा और बुध तीनों ही ग्रह स्थित होंगे और उस पर वक्री शनि की दृष्टि पड़ रही होगी। इसका सीधा असर उन भारतीय विद्यार्थियों और पेशेवरों पर हो सकता है जो विशेष रूप से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में पढ़ाई या काम के सिलसिले में निवास कर रहे हैं। आने वाले तीन महीनों में इन्हें कुछ अवरोधों या परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऑस्ट्रेलिया की स्थापना कुंडली में मीन लग्न है और वहां इस समय सूर्य में शुक्र की विंशोत्तरी दशा चल रही है, जो 2026 तक शुभ नहीं मानी जा रही है। इस कारणवश, वहां भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ असंतोष या नस्लीय प्रतिक्रियाएं उभर सकती हैं, जैसा कि सितंबर के पहले सप्ताह में एक रैली में देखा गया था। इसके विपरीत, न्यूज़ीलैंड की वृषभ लग्न की कुंडली में इस समय शुक्र में शनि की अनुकूल दशा चल रही है, अतः वहां इस ग्रहण के प्रभाव तुलनात्मक रूप से सामान्य रहने की संभावना है।
- हरिद्वार नगर निगम मेयर किरण जैसल ने आज सुभाष घाट,मोतीबाजार, कुशा घाट, बड़ा बाजार आदि क्षेत्रों का निरीक्षण किया।इस दौरान व्यापारियों ने उन्हें बाजारों में साफ-सफाई से जुड़ी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। लोगों ने उन्हें सार्वजनिक शौचालयों में यात्रियों से अधिक पैसे वसूलने की शिकायतों से भी अवगत कराया। समस्याओं को सुनकर मेयर ने अधिकारियों को तत्काल समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए।इस मौके पर व्यापारी नेता राजीव पाराशर, राजू वधावन,शलभ मित्तल, सुमित शर्मा, अरुण अग्रवाल पार्षद हिमांशु गुप्ता आदि मौजूद थे।1
- बेहट पेट्रोल पंप के सामने मिला अज्ञात युवक का शव, पहचान नहीं | Saharanpur Breaking News1
- सूरत, अलथाण में 17 साल की लड़की अपनी माँ के कड़े शब्दों से परेशान होकर बिल्डिंग की छत पर पहुँच गई। वह बालकनी पर खड़ी थी, और बिल्डिंग के बड़े हाथ जोड़कर उससे नीचे आने की विनती कर रहे थे। एक दादा ने प्यार से कहा, “बेटा, तू रोज आरती करती है, तू मेरी बेटी है, बस मुझ पर भरोसा कर और नीचे आ जा।” मकान मालिक ने कहा, “अगर तू नीचे आई तो हम तेरी शादी की पूरी जिम्मेदारी लेंगे, हम तेरी धूमधाम से शादी कराएंगे, लेकिन प्लीज ऐसा मत कर।”1
- “गाड़ी वाला आया, घर से कचरा निकाल” यह गाना सिर्फ एक धुन नहीं, बल्कि भारत की रोज़मर्रा की ज़िंदगी की पहचान बन चुका है। गली-गली, शहर-शहर गूंजने वाली इस आवाज़ को हर उम्र के लोगों ने सुना है। सोशल मीडिया पर अब इस गाने से जुड़े गायक का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग हैरान भी हैं और खुश भी। #ViralVideo #TrendingReels #IndianSongs #DailyLife #ReelIndia #GadiWala #InternetBreaks #ExplorePage1
- मुजफ्फरनगर हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर शिव चौक पर वकीलों द्वारा बाजार बंद कराया गया1
- दुखद हादसा: बिजनौर में फैक्ट्री दुर्घटना, जांच में जुटा प्रशासन 🙏एक हादसा, कई सवाल… बिजनौर फैक्ट्री से जुड़ी बड़ी खबर #BijnorNews #FactoryIncident #BreakingNews #PublicSafety #Update1
- गंगा मैय्या के चमत्कार :जय गंगे मैय्या2
- हरिद्वार में अब कोहरे का आगाज हो चुका है हालांकि चालीस दिन चलने वाले चीले की शुरुआत 25 दिसंबर के आसपास होगी। आज सुबह लोगों ने जब आंखें खोली तो शहर को कोहरे से घिरा पाया। हालात यह रहे कि धुंध के कारण आसपास की वस्तुएं , इमारतें भी धुंध में छिपी नजर आई। हरकी पैड़ी पर एक ओर से गंगा का दूसरा किनारा भी नजर नहीं आ रहा था।धुंध के कारण दृश्यता प्रभावित होने से सड़कों पर वाहन भी धीमे चलते नजर आए। मौसम विभाग ने हरिद्वार सहित देहरादून,पौड़ी, चंपावत, नैनीताल में अभी ऐसा मौसम बने रहने का अनुमान जताया है। उधर हरिद्वार में ठंड बढ़ने से अभिभावकों ने छोटे बच्चों को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव की मांग की है।1