पंचायत धर्मशाला में कब तक । मनुष्य अपने संचित एवं प्रारब्ध कर्मों की देनिक जीवन नौका में बैठकर क्रियमाण रुपी पतवार के द्वारा उन्नति , अवनति यशापयश, सुख-दुखादि के रुप में अपने कर्मों का फल भोगता हैं। चित्त की उद्विग्नता - प्रसन्नता, आकस्मिक आपत्तियां - विपत्तियां, हर्ष - उत्कर्षादि सभी कुछ कर्मों के परिणामों पर निर्भर हैं। यदि क्रियमाण कर्मों का पलडा भारी हो जाए तों पूर्वार्जित संचित अदृष्ट कर्म दुख देने में असफल हो जाते हैं । यदि क्रियमाण शास्त्रानुसार शुभ-कर्म यथार्थ रुप से सम्पन्न न किये जाए तों अदृष्ट कर्म का फल मनुष्य को भोगना पड़ता हैं। जीवन से सम्बन्ध इस परम सत्य का विश्लेषण करना ही ज्योतिष है । अस्तु । जीवन का प्रारंभ सूर्य से , इस विषय से बहुतेरे हिंदू अनभिज्ञ हैं यह विशेष प्रमुख कारण है तभी तो जीवन का विकास अवरुद्ध रहा करता है । दरिद्रता घर में छायी रहती है । ब्रह्मांड यदि पृथ्वी जल तेज वायु व आकाश इन पंचमहाभूतों के पंचीकरण का परिणाम है तो यह शरीर भी इन्हीं पांचों के संघात का परिणाम है । इस शरीर को पंचायती - धर्मशाला स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं हैं। ब्रह्मांड का प्रबंधक परमात्मा सूर्य है । अपने मंन्त्री चंन्द्रमा [ मन का प्रतिनिधित्व करने वाला ] तथा प्रबंध समिति के अन्यान्य सदस्य - ग्रह , उपग्रह आदि के साथ नियमानुसार जैसे संचालन करता है , उसी प्रकार इस शरीर रहकर जीवात्मा अपने मंन्त्री मन के साथ बल रक्तादि [ मंगल ] वाणी [ बुध ] ज्ञान [ गुरु ] वीर्य तंन्त्रादि [ शुक्र ] सुख-दुखादि [ शनि ] उन्नति - अवनति -विकास इत्यादि [ राहू - केतु ] के साथ नियमित संचालन करता है । जब तक पंचायत द्वारा नियुक्त प्रबंधक* जीवात्मा* यदि पंचायत के प्रबंध समिति के सदस्यों सूर्यादि [ जिन्हें हम नवग्रहों के नाम से जानतें हैं ] के प्रति कृतज्ञ रहता हुआ धर्मशाला [ शरीर ] का संचालन अच्छी तरह करता रहेगा , तब तक उसे श्रमतोष [ पारश्रमिक ] के साथ साथ पुरस्कार स्वरूप सुख , शुभ उन्नति आदि अनुदान और वरदान प्राप्त होते रहेंगे। जिस दिन संचालन व्यवस्था में अवहेलना पूर्वक व्यवधान दिखाई देगा , उसी समय इस पंचायती धर्मशाला को ध्वस्त कर ये हि नवग्रह सदस्य जीवात्मा को बाहर निकाल देते हैं । आंग्ल भाषा भाषियों में एक बहुत प्रचलित सूक्ति हैं -Man does not live on bread alone अर्थात् मनुष्य केवल रोटी से जीवित नहीं रहता , उसे अपनी जिज्ञासा शांति हेतु और भी चाहिए। जैसे शौर्य, उच्च पदवी, मांगल्य, बुद्धिमता, महानता, सुख-शांति, बाहुबल, कुलवृध्दि आदि । जर्मनी के प्रसिद्ध रसायन शास्त्री डाक्टर जियारजी गियारडी सन् 1950 में अपनी प्रयोगशाला में यह सिद्ध कर दिया है कि समूचा ब्रह्मांड एक जीवंत रसायन हैं। इस ब्रह्माण्ड रसायन [ Cosmic Chemistry ] में यह सिद्ध किया गया है कि पूरा जगत एक शरीर [ Organic uniti ] है । पुनः
पंचायत धर्मशाला में कब तक । मनुष्य अपने संचित एवं प्रारब्ध कर्मों की देनिक जीवन नौका में बैठकर क्रियमाण रुपी पतवार के द्वारा उन्नति , अवनति यशापयश, सुख-दुखादि के रुप में अपने कर्मों का फल भोगता हैं। चित्त की उद्विग्नता - प्रसन्नता, आकस्मिक आपत्तियां - विपत्तियां, हर्ष - उत्कर्षादि सभी कुछ कर्मों के परिणामों पर निर्भर हैं। यदि क्रियमाण कर्मों का पलडा भारी हो जाए तों पूर्वार्जित संचित अदृष्ट कर्म दुख देने में असफल हो जाते हैं । यदि क्रियमाण शास्त्रानुसार शुभ-कर्म यथार्थ रुप से सम्पन्न न किये जाए तों अदृष्ट कर्म का फल मनुष्य को भोगना पड़ता हैं। जीवन से सम्बन्ध इस परम सत्य का विश्लेषण करना ही ज्योतिष है । अस्तु । जीवन का प्रारंभ सूर्य से , इस विषय से बहुतेरे हिंदू अनभिज्ञ हैं यह विशेष प्रमुख कारण है तभी तो जीवन का विकास अवरुद्ध रहा करता है । दरिद्रता घर में छायी रहती है । ब्रह्मांड यदि पृथ्वी जल तेज वायु व आकाश इन पंचमहाभूतों के पंचीकरण का परिणाम है तो यह शरीर भी इन्हीं पांचों के संघात का परिणाम है । इस शरीर को पंचायती - धर्मशाला स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं हैं। ब्रह्मांड का प्रबंधक परमात्मा सूर्य है । अपने मंन्त्री चंन्द्रमा [ मन का प्रतिनिधित्व करने वाला ] तथा प्रबंध समिति के अन्यान्य सदस्य - ग्रह , उपग्रह आदि के साथ नियमानुसार जैसे संचालन करता है , उसी प्रकार इस शरीर रहकर जीवात्मा अपने मंन्त्री मन के साथ बल रक्तादि [ मंगल ] वाणी [ बुध ] ज्ञान [ गुरु ] वीर्य तंन्त्रादि [ शुक्र ] सुख-दुखादि [ शनि ] उन्नति - अवनति -विकास इत्यादि [ राहू - केतु ] के साथ नियमित संचालन करता है । जब तक पंचायत द्वारा नियुक्त प्रबंधक* जीवात्मा* यदि पंचायत के प्रबंध समिति के सदस्यों सूर्यादि [ जिन्हें हम नवग्रहों के नाम से जानतें हैं ] के प्रति कृतज्ञ रहता हुआ धर्मशाला [ शरीर ] का संचालन अच्छी तरह करता रहेगा , तब तक उसे श्रमतोष [ पारश्रमिक ] के साथ साथ पुरस्कार स्वरूप सुख , शुभ उन्नति आदि अनुदान और वरदान प्राप्त होते रहेंगे। जिस दिन संचालन व्यवस्था में अवहेलना पूर्वक व्यवधान दिखाई देगा , उसी समय इस पंचायती धर्मशाला को ध्वस्त कर ये हि नवग्रह सदस्य जीवात्मा को बाहर निकाल देते हैं । आंग्ल भाषा भाषियों में एक बहुत प्रचलित सूक्ति हैं -Man does not live on bread alone अर्थात् मनुष्य केवल रोटी से जीवित नहीं रहता , उसे अपनी जिज्ञासा शांति हेतु और भी चाहिए। जैसे शौर्य, उच्च पदवी, मांगल्य, बुद्धिमता, महानता, सुख-शांति, बाहुबल, कुलवृध्दि आदि । जर्मनी के प्रसिद्ध रसायन शास्त्री डाक्टर जियारजी गियारडी सन् 1950 में अपनी प्रयोगशाला में यह सिद्ध कर दिया है कि समूचा ब्रह्मांड एक जीवंत रसायन हैं। इस ब्रह्माण्ड रसायन [ Cosmic Chemistry ] में यह सिद्ध किया गया है कि पूरा जगत एक शरीर [ Organic uniti ] है । पुनः
- Post by Awaaz -e-Bharat1
- 🛡️ व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर कोतवाली परिसर में अहम बैठक 📍 मोहम्मदाबाद, गाज़ीपुर मोहम्मदाबाद कोतवाली परिसर में नगर के व्यापार मंडल पदाधिकारियों व व्यापारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता क्षेत्राधिकारी सुधाकर पाण्डेय ने की। बैठक में व्यापारियों की सुरक्षा, चोरी की घटनाओं पर रोकथाम तथा रात्रि गश्त को और मजबूत किए जाने पर विस्तार से चर्चा हुई। पुलिस अधिकारियों ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि बाजार क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता बढ़ाई जाएगी और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। सर्राफा व्यापारियों को निर्देशित किया गया कि वे दुकानों पर आने-जाने वाले ग्राहकों का नाम-पता दर्ज रखें, ताकि किसी भी आपराधिक घटना की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। व्यापारियों ने पुलिस प्रशासन के इस प्रयास का स्वागत करते हुए पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया। 🤝 सुरक्षा में सहयोग करें, संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। #Mohammadabad #Ghazipur #PoliceMeeting #TraderSafety #BusinessSecurity #LawAndOrder #UPPolice #Samvad1
- Post by @PappuKumar-ky6qb you tube my channel1
- माता-पिता और परिजनों की इच्छा के विरुद्ध विवाह करने पर एक युवती को उसके ही परिवार ने सामाजिक रूप से मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार को परिजनों ने शहर में उसकी प्रतीकात्मक अर्थी निकाली और श्मशानघाट पहुंचकर आटे से बनाए गए पुतले का दहन किया। जानकारी के अनुसार शहर के चूना वाली गली में रहने वाले कुशवाह परिवार की एक 23 वर्षीय युवती ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर कुछ दिन पहले मोहल्ले में ही रहने वाले दूसरी जाति के युवक से विवाह कर लिया। इसी से नाराज होकर भाई-पिता और अन्य परिजनों ने शुक्रवार को बेटी को मृत मानकर अर्थी निकाली। इस अंतिम यात्रा में ढोल और अर्थी के साथ समाजजन निकले और वे शमशान घाट पहुंचे।1
- Post by Raju Yadav2
- अमरेंद्र कुमार पांडे ( पप्पू पांडे ) जी 22 दिसंबर को अर्पण करेंगे मां थावे भवानी माता को भव्य सोने का मुकुट 📿🤗| बिहार के प्रसिद्ध थावे वाली माता के मंदिर में चोरी, मां दुर्गा का सोने का मुकुट लेकर चोर फरार👣💔| #Thawe #थावे #Gopalganj थावे मंदिर थावे मंदिर, बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्ति पीठ है, जो देवी माँ थावे वाली को समर्पित है। यह मंदिर भक्तों के बीच अपनी चमत्कारी शक्ति और मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। #amrendrapandey #pappupandey #thawemandir #thawedurgamandir1
- Post by Awaaz -e-Bharat1
- Post by @PappuKumar-ky6qb you tube my channel1
- मैं हमारे सारे मुस्लिम रहनुमाओं को कहना चाहता हूं कि नीतीश कुमार के खिलाफ एक्शन ले ~शाही इमाम पंजाब1