शोषक वर्ग के खिलाफ हमें एकजुट होना सिखाती है होली -जेके फैक्ट्री के मजदूरों ने धरना स्थल पर मनाया होली व धुलेंडी का पर्व -कोटा कलेक्ट्रेट पर 25 वें दिन भी लगातार जारी रहा धरना -18 फरवरी से परिवार की महिलाओं के साथ धरने पर बैठे हैं जेके के मजदूर कोटा। भुगतान की मांग को लेकर कोटा कलेक्ट्रेट पर 18 फरवरी से चल रहा जेके फैक्ट्री के मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना शुक्रवार को लगातार 25 वें दिन भी जारी रहा। जेके कर्मियों ने इस बीच गुरुवार को होली और शुक्रवार को धुलेंडी का पर्व धरना स्थल पर ही मनाया। सभी कर्मचारियों ने एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। साथ ही मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखने का प्रण लिया। सीटू के संभागीय मिडिया प्रभारी मुरारी लाल बैरवा ने बताया कि कलेक्ट्रेट पर चल रहे जेके फैक्ट्री के मजदूरों के बकाया वेतन का भुगतान कराने और कोटा जिले के विकास के लिए बन्द जेके फैक्ट्री को चालू कराने की मांग को लेकर चल रहे जेके फैक्ट्री के मजदूरों के धरने का शुक्रवार को 25 वां दिन है। एक तरफ सारा शहर होली की खुशियां मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ जेके फैक्ट्री के मजदूर कोटा शहर और कोटा के मजदूरों के हक अधिकारों के लिए जिला कलेक्ट्रेट पर धरना लगा कर बैठे हैं। धरने के संचालक जेके फैक्ट्री के मजदूर नेता व सीटू के कोटा जिला सैक्रेट्री कामरेड उमाशंकर ने सभी मजदूर साथियों और मेहनतकश जनता को रंगों के त्यौहार होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली हमेशा से मजदूरों के संघर्षों का हिस्सा रही है। होली हमें शोषक वर्ग के खिलाफ एकजुट होना सिखाती है। उन्होंने बताया कि 1886 में दुनिया भर के मजदूरों ने 8 घंटे काम करने की मांग को लेकर आंदोलन किया था। कड़े संघर्ष के बाद 8 घंटे काम करने का कानून लागू करवाया था। उस समय लाखों मजदूरों ने अपने खून से होली खेली थी। इसी तरह कोटा जेके फैक्ट्री में मजदूरों ने बोनस की मांग को लेकर आंदोलन किया था। जिसमें पुलिस की गोलियों से शहीद हुए हमारे 8 साथियों ने लहू के रंग से होली खेली थी। उस आंदोलन में कई मजदूर घायल हुए थे। आज वही दौर फिर आ रहा है। केंद्र की वर्तमान बीजेपी सरकार शोषक वर्ग के साथ मिलकर मजदूरों के संघर्षों से हासिल तमाम कानूनों को खत्म कर रही है। उसी के नतीजे में काम के घंटे 8 की जगह 12 कर दिए गए हैं। आज हमने उन तमाम खूनी होलियों और इस रंगों के त्यौहार होली को मजदूरों का हिस्सा मानते हुए धरना स्थल पर ही होली मनाई है। साथ ही यह शपथ ली है कि जेके फैक्ट्री के मजदूरों के इस संघर्ष को एक जन आंदोलन में बदल कर कोटा के विकास का विरोध करने वाले नेताओं की नीतियों को जिले के मजदूरों, किसानों और आमजनता तक पहुंचाएंगे। जब तक जेके फैक्ट्री के 4200 मजदूरों को न्याय नहीं मिलता, तब तक धरना निरंतर जारी रहेगा। चाहे 2026 की होली भी हमें यहीं क्यों ना मनानी पड़े। 25 वें दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित 25 वें दिन धरने को कामरेड हबीब खान, कामरेड उमा शंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड गोपाल शर्मा, कामरेड कालीचरण, योगेश, कामरेड अली मोहम्मद, कामरेड अशोक सिंह आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।
शोषक वर्ग के खिलाफ हमें एकजुट होना सिखाती है होली -जेके फैक्ट्री के मजदूरों ने धरना स्थल पर मनाया होली व धुलेंडी का पर्व -कोटा कलेक्ट्रेट पर 25 वें दिन भी लगातार जारी रहा धरना -18 फरवरी से परिवार की महिलाओं के साथ धरने पर बैठे हैं जेके के मजदूर कोटा। भुगतान की मांग को लेकर कोटा कलेक्ट्रेट पर 18 फरवरी से चल रहा जेके फैक्ट्री के मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना शुक्रवार को लगातार 25 वें दिन भी जारी रहा। जेके कर्मियों ने इस बीच गुरुवार को होली और शुक्रवार को धुलेंडी का पर्व धरना स्थल पर ही मनाया। सभी कर्मचारियों ने एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। साथ ही मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखने का प्रण लिया। सीटू के संभागीय मिडिया प्रभारी मुरारी लाल बैरवा ने बताया कि कलेक्ट्रेट
पर चल रहे जेके फैक्ट्री के मजदूरों के बकाया वेतन का भुगतान कराने और कोटा जिले के विकास के लिए बन्द जेके फैक्ट्री को चालू कराने की मांग को लेकर चल रहे जेके फैक्ट्री के मजदूरों के धरने का शुक्रवार को 25 वां दिन है। एक तरफ सारा शहर होली की खुशियां मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ जेके फैक्ट्री के मजदूर कोटा शहर और कोटा के मजदूरों के हक अधिकारों के लिए जिला कलेक्ट्रेट पर धरना लगा कर बैठे हैं। धरने के संचालक जेके फैक्ट्री के मजदूर नेता व सीटू के कोटा जिला सैक्रेट्री कामरेड उमाशंकर ने सभी मजदूर साथियों और मेहनतकश जनता को रंगों के त्यौहार होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली हमेशा से मजदूरों के संघर्षों का हिस्सा रही है। होली हमें शोषक वर्ग के खिलाफ एकजुट होना
सिखाती है। उन्होंने बताया कि 1886 में दुनिया भर के मजदूरों ने 8 घंटे काम करने की मांग को लेकर आंदोलन किया था। कड़े संघर्ष के बाद 8 घंटे काम करने का कानून लागू करवाया था। उस समय लाखों मजदूरों ने अपने खून से होली खेली थी। इसी तरह कोटा जेके फैक्ट्री में मजदूरों ने बोनस की मांग को लेकर आंदोलन किया था। जिसमें पुलिस की गोलियों से शहीद हुए हमारे 8 साथियों ने लहू के रंग से होली खेली थी। उस आंदोलन में कई मजदूर घायल हुए थे। आज वही दौर फिर आ रहा है। केंद्र की वर्तमान बीजेपी सरकार शोषक वर्ग के साथ मिलकर मजदूरों के संघर्षों से हासिल तमाम कानूनों को खत्म कर रही है। उसी के नतीजे में काम के घंटे 8 की जगह 12 कर दिए गए
हैं। आज हमने उन तमाम खूनी होलियों और इस रंगों के त्यौहार होली को मजदूरों का हिस्सा मानते हुए धरना स्थल पर ही होली मनाई है। साथ ही यह शपथ ली है कि जेके फैक्ट्री के मजदूरों के इस संघर्ष को एक जन आंदोलन में बदल कर कोटा के विकास का विरोध करने वाले नेताओं की नीतियों को जिले के मजदूरों, किसानों और आमजनता तक पहुंचाएंगे। जब तक जेके फैक्ट्री के 4200 मजदूरों को न्याय नहीं मिलता, तब तक धरना निरंतर जारी रहेगा। चाहे 2026 की होली भी हमें यहीं क्यों ना मनानी पड़े। 25 वें दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित 25 वें दिन धरने को कामरेड हबीब खान, कामरेड उमा शंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड गोपाल शर्मा, कामरेड कालीचरण, योगेश, कामरेड अली मोहम्मद, कामरेड अशोक सिंह आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।
- यह गाय प्राइवेट है हम इसका इलाज नहीं कर सकते हम सरकारी हैं #कोटा #kota1
- हर्ष बांटता है सदा, होली का त्यौहार -चम्बल साहित्य संगम की काव्य संध्या में खूब जमा होली का रंग -हंसी-ठिठोली के बीच दिया सामाजिक सद्भावना का संदेश कोटा। चम्बल साहित्य संगम कोटा की ओर से होली के रंग, कवियों के संग काव्य संध्या का आयोजन महर्षि दधिची सभागार कुन्हाडी में सम्पन्न हुआ। जिसमें कवियों ने रंगों के उत्सव को समर्पित कविताओं में विभिन्न रंगों को उकेरा तथा सामाजिक सद्भावना का संदेश दिया। होली को समर्पित बंटी सुमन के दोहों के बाद हास्य गीतकार सुरेश पण्डित ने हाडौती में फरड़ा सुनाकर माहौल को होली के रंगों से सराबोर कर दिया। रूप नारायण संजय व मयूर सोनी के बाद प्रसिद्ध गीतकार मुरलीधर गौड़ ने होली को समर्पित मधुर स्वर में गीत सुनाकर ख़ूब दाद बटोरी। कुशल मंच संचालक एवं हास्य-व्यंग्य कवि हलीम आईना ने अपने दोहों, क्षणिकाओं और आधुनिक परिभाषाओं से ख़ूब हंसाया। अध्यक्षता कर रहे हिन्दी-राजस्थानी कवि गीतकार बद्री लाल दिव्य ने होली और पवित्र रमज़ान की मंगल कामनाएं देते हुए होली गीत सुनाकर प्रशंसा पाई। अन्त में मुख्य अतिथि जाने-माने हास्य गीतकार विश्वामित्र दाधीच ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए पिचकारी शीर्षक से श्रृंगार का सराहनीय गीत सुनाकर होली को समर्पित काव्य संध्या का शानदार समापन किया।4
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