वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन हुआ संपन्न उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के मंशानुसार श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव, माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में माह अक्टूबर 2025 के प्लान आफ एक्शन के अन्तर्गत आज दिनांक-01.10.2025 को वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए भरण पोषण अधिनियम 2007 विषय पर मातृपित्र सदन सफेदाबाद में विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त मातृपित्र सदन में रहने वाले बुजुर्ग महिला-पुरूष, संस्था में कार्य करने वाले कर्मचारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी एवं अन्य लोग शामिल हुये। श्रीकृष्ण चन्द्र सिंह अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा शिविर में उपस्थित लोगों को खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को भरण पोषण अधिनियम 2007 के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि भारतवर्ष में संयुक्त परिवार की संकल्पना के आधार पर सभी लोग एक साथ एक परिवार में एक साथ रहते हैं किन्तु धीरे-धीरे संयुक्त परिवार से तात्पर्य पति-पत्नी और उनके बच्चों तक सीमित होता जा रहा है जिसके कारण परिवार के बुजुर्ग लोगों की उपेक्षा की जा रही है। यह कृत्य न सिर्फ सामाजिक रूप से निन्दनीय है बल्कि कानूनन अपराध भी है। इसके संदर्भ में भारत में भरण-पोषण से जुड़े मुख्य कानून हैं- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007, सी0आर0पी0सी0 की धारा 125 और हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, 1956. माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 वरिष्ठ नागरिकों और असहाय माता-पिता को वित्तीय सुरक्षा और कल्याण प्रदान करता है। सी0आर0पी0सी0 की धारा 125 के तहत कोई भी महिला, बच्चा या माता-पिता भरण-पोषण के लिए आवेदन कर सकता है। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 का उद्देश्य माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा, कल्याण और संरक्षण प्रदान करता है। इसके तहत बच्चे अपने माता-पिता के भरण-पोषण के लिए जिम्मेदार हैं। निसंतान वरिष्ठ नागरिक अपने कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं। इस अधिनियम में भरण-पोषण सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) और अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक को अकेला छोड़ देता है, तो यह एक आपराधिक अपराध है। इस धारा के तहत दत्तक माता-पिता भी भरण-पोषण का दावा कर सकते हैं। हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 हिंदुओं के लिए भरण-पोषण से जुड़े कानूनी प्रावधान प्रदान करता है। इस कानून में भरण-पोषण राशि का निर्धारण व्यक्ति की आय, जरूरतों और संबंधितों की संख्या जैसे कारकों के आधार पर होता है। इसमें सर्वप्रथम यह निर्धारित किया जाता है कि कौन अभिभावक हैं माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक अपने बच्चों या संबंधितों से भरण-पोषण के लिए आवेदन कर सकते हैं। न्यायाधिकरण दोनों पक्षों की आय और ज़रूरतों के आधार पर भरण-पोषण राशि तय करता है। यदि कोई पक्ष निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वे उच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकते हैं। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा बताया गया कि कोई भी बुजुर्ग महिला या पुरूष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा निःशुल्क अपने कानूनी अधिकार का प्रयोग कर सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिक्ता न सिर्फ निःशुल्क मुकदमा तैयार करेगें बल्कि निःशुल्क मुकदमें की पैरवी भी करेगें। शिविर का संचालन संस्था के कर्मचारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्था के संचालन समिति ने सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का आभार व्यक्त करते हुए शिविर का समापन किया गया।
वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन हुआ संपन्न उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के मंशानुसार श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव, माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में माह अक्टूबर 2025 के प्लान आफ एक्शन के अन्तर्गत आज दिनांक-01.10.2025 को वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए भरण पोषण अधिनियम 2007 विषय पर मातृपित्र सदन सफेदाबाद में विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त मातृपित्र सदन में रहने वाले बुजुर्ग महिला-पुरूष, संस्था में कार्य करने वाले कर्मचारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी एवं अन्य लोग शामिल हुये। श्रीकृष्ण चन्द्र सिंह अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा शिविर में उपस्थित लोगों को खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को भरण पोषण अधिनियम 2007 के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि भारतवर्ष में संयुक्त परिवार की संकल्पना के आधार पर सभी लोग एक साथ एक परिवार में एक साथ रहते हैं किन्तु धीरे-धीरे संयुक्त परिवार से तात्पर्य पति-पत्नी और उनके बच्चों तक सीमित होता जा रहा है जिसके कारण परिवार के बुजुर्ग लोगों की उपेक्षा की जा रही है। यह कृत्य न सिर्फ सामाजिक रूप से निन्दनीय है बल्कि कानूनन अपराध भी है। इसके संदर्भ में भारत में भरण-पोषण से जुड़े मुख्य कानून हैं- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007, सी0आर0पी0सी0 की धारा 125 और हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, 1956. माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 वरिष्ठ नागरिकों और असहाय माता-पिता को वित्तीय सुरक्षा और कल्याण प्रदान करता है। सी0आर0पी0सी0 की धारा 125 के तहत कोई भी महिला, बच्चा या माता-पिता भरण-पोषण के लिए आवेदन कर सकता है। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 का उद्देश्य माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा, कल्याण और संरक्षण प्रदान करता है। इसके तहत बच्चे अपने माता-पिता के भरण-पोषण के लिए जिम्मेदार हैं। निसंतान वरिष्ठ नागरिक अपने कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं। इस अधिनियम में भरण-पोषण सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) और अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक को अकेला छोड़ देता है, तो यह एक आपराधिक अपराध है। इस धारा के तहत दत्तक माता-पिता भी भरण-पोषण का दावा कर सकते हैं। हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 हिंदुओं के लिए भरण-पोषण से जुड़े कानूनी प्रावधान प्रदान करता है। इस कानून में भरण-पोषण राशि का निर्धारण व्यक्ति की आय, जरूरतों और संबंधितों की संख्या जैसे कारकों के आधार पर होता है। इसमें सर्वप्रथम यह निर्धारित किया जाता है कि कौन अभिभावक हैं माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक अपने बच्चों या संबंधितों से भरण-पोषण के लिए आवेदन कर सकते हैं। न्यायाधिकरण दोनों पक्षों की आय और ज़रूरतों के आधार पर भरण-पोषण राशि तय करता है। यदि कोई पक्ष निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वे उच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकते हैं। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा बताया गया कि कोई भी बुजुर्ग महिला या पुरूष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा निःशुल्क अपने कानूनी अधिकार का प्रयोग कर सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिक्ता न सिर्फ निःशुल्क मुकदमा तैयार करेगें बल्कि निःशुल्क मुकदमें की पैरवी भी करेगें। शिविर का संचालन संस्था के कर्मचारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्था के संचालन समिति ने सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का आभार व्यक्त करते हुए शिविर का समापन किया गया।
- भारतीय किसान यूनियन के नेता ने नहर विभाग के अधिकारी को रोक लिया लिखित आदेश 24 घंटे का दिया अल्टीमेटम किसान नेता ने किया कई बड़े खुलासे1
- बांग्लादेश में एक हिंदू को मार कर जलाया गया ।1
- वार्षिक वितरण पुरस्कार समारोह में पहुंचे विधायक बोले शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का भी पालन करना आवश्यक हैदरगढ़ बाराबंकी। दिनांक 20-12-2025 को क्षेत्र का उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान सेंट जेवियर्स इंटर कॉलेज में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षा, खेल, कला और अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक दिनेश रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं मुख्य अतिथि ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन और नैतिक मूल्यों का पालन करना भी आवश्यक है। उन्होंने छात्रों को कड़ी मेहनत करने और देश के विकास में योगदान देने के लिए भी प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में अतिथि अवधेश सिंह प्रबंधक चंद्रचूड़ इंटर कॉलेज सुबेहा सुशील जायसवाल भाजपा नेता वेदप्रकाश बाजपेई भाजपा सक्रिय नेता राजकुमार सिंह भाजपा नेता वेद वाजपेई काशी बख्श सिंह प्रधान गढ़ी सत्रही उपस्थित रहे। सेंट जेवियर्स स्कूल के प्रबंधक पंकज सिंह व प्रधानाचार्य रमेश चंद्र नायक उपस्थित मुख्य अतिथि विधायक दिनेश रावत तथा सभी अतिथियों का पुष्माला द्वारा सम्मान किया एवं अंग वस्त्र भी प्रदान किया। पुरस्कार वितरण समारोह में प्राचार्य श्री एंड्रयू रमेश नायक ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं । इस अवसर पर 250 छात्रों को ट्रॉफी, 400 पदक और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान भारत माता की जय के साथ सम्पन्न हुआ। इसी क्रम में मुख्य अतिथि विधायक दिनेश रावत द्वारा विद्यालय में विधानमंडल क्षेत्र विकास निधि द्वारा इंटरलॉकिंग का भी लोकार्पण किया गया।4
- ➡️ पत्रकार रामजी दीक्षित बाराबंकी राधा सीड्स एंड पेस्टीसाइड एंड मनीराम पहलवान बीज भण्डार श्री राम कालोनी बाराबंकी नीतेश कुमार वैश्य द्वारा जरूरत लोगों को कमल वितरण किया गया धनोखर चौराहा बस अड्डे रेलवे स्टेशन ठंड से बचने के लिए कमल वितरण किया गया जरुरत मंद लोगों के दिया गया कि ठंड से आराम मिल सके उपस्थित लोग राम जी दीक्षित अंकित वर्मा शिवम पटेल4
- Post by Sameer ahmad1
- सफदरगंज में रात्रि के अंधेरे में धड़ल्ले से चल रही अवैध खनन जिम्मेदार बेखबर1
- Post by स्वतंत्र प्रयाग न्यूज़ 241
- कुत्ते का आतंक लोगों की जान को आफत हैदरगढ़ में युवक को कुत्ते ने काटा परिजनों ने इलाज हेतु सीएचसी हैदरगढ़ कराया भर्ती नगर पंचायत हैदरगढ़ के घोसियाना वार्ड निवासी एक युवक को पागल कुत्ते ने काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। परिवार के लोगो ने युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैदरगढ़ में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार जारी है। यह घटना देर रात उस समय हुई जब वार्ड निवासी मोहम्मद आरिफ पुत्र सुलेमान अपनी दुकान बंद कर घर लौट रहे थे। बताया जाता है कि जैसे ही वह अपने घर के करीब पहुंचे, तभी एक पागल कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें हाथ और पैर में काट लिया। आरिफ के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के नागरिक दौड़कर मौके पर पहुंचे। लाठी डंडे से कुत्ते को मारकर भगा कर किसी तरह युवक को कुत्ते के चंगुल से बचाया और तत्काल इलाज के लिए सीएचसी हैदरगढ़ में भर्ती कराया। परिवार के लोगो ने बताया की यदि लोग न दौड़ते तो कुत्ता बुरी तरह से नोच डालता। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर गौरव सिंह ने युवक का उपचार शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कीपरिवार के लोगो ने बताया की यदि लोग न दौड़ते तो कुत्ता बुरी तरह से नोच डालता। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर गौरव सिंह ने युवक का उपचार शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया की उपचार किया जा रहा है।1