पोस्ट को पूरा पढ़िए खुद भी लाभ ले और दूसरों को भी लाभांवित करे । 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🌤️ *दिनांक - 14 दिसम्बर 2024* 🌤️ *दिन - शनिवार* 🌤️ *विक्रम संवत - 2081* 🌤️ *शक संवत -1946* 🌤️ *अयन - दक्षिणायन* 🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु* 🌤️ *मास - मार्गशीर्ष* 🌤️ *पक्ष - शुक्ल* 🌤️ *तिथि - चतुर्दशी शाम 04:58 तक तत्पश्चात पूर्णिमा* 🌤️ *नक्षत्र - रोहिणी 15 दिसम्बर रात्रि 03:54 तक तत्पश्चात मृगशिरा* 🌤️ *योग -सिद्ध सुबह 08:27 तक तत्पश्चात साध्य* 🌤️ *राहुकाल - सुबह 09:51 से सुबह 11:12 तक* 🌤️ *सूर्योदय 07:09* 🌤️ *सूर्यास्त - 5:58* 👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे* 🚩 *व्रत पर्व विवरण - 💥 *विशेष- चतुर्दशी व पूर्णिमा एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)* 💥 *ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')* 💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')* 💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🌷 *षडशीति - धनु संक्रान्ती* 🌷 👉 *15 दिसम्बर 2024 रविवार को षडशीति संक्रान्ती है ।* 🙏 *पुण्यकाल : दोपहर 12:22 से सूर्यास्त तक… जप,तप,ध्यान और सेवा का पूण्य 86000 गुना है !!!* 🙏 *इस दिन करोड़ काम छोड़कर अधिक से अधिक समय जप – ध्यान, प्रार्थना में लगायें।* 🙏 *षडशीति संक्रांति में किये गए जप ध्यान का फल ८६००० गुना होता है – (पद्म पुराण )* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🌷 *विद्याध्ययन में आनेवाली पाँच बाधाएँ* 🌷 👉🏻 *बालकों को विद्याध्ययन में पाँच बाधाओं से सावधान रहना चाहिए* ➡ *1) अभियान,* ➡ *2) क्रोध,* ➡ *3) प्रमाद ,* ➡ *4) असंयम,* ➡️ *5) आलस्य* 👉🏻 *ये पाँच दोष शिक्षा में बाधक बनते हैं |* 🙏🏻 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🌷 *ससुराल में तकलीफ़ हो तो* 🌷 👩🏻 *सुहागन देवियाँ को अगर ससुराल में बहुत कष्ट है .... अपनी शुभ मनोकामनाएं पूरी न होने की पीड़ा है, उनके लिए महर्षि अंगीरा के बताये अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को माँ पार्वती का स्मरण करते हुए उनको मन ही मन प्रणाम करें .... " हे माँ मैं अपने घर में सुख ... शांति ... और समृद्धि की वृद्धि हेतु ये व्रत कर रही हूँ "... सुबह ये संकल्प करें और ११ मंत्र से माँ पार्वती को प्रणाम करें ....* 🌷 *ॐ पार्वतये नमः* 🌷 *ॐ हेमवत्ये नमः* 🌷 *ॐ अम्बिकाय नमः* 🌷 *ॐ गिरीश वल्लभाय नमः* 🌷 *ॐ गंभीर नाभ्ये नमः* 🌷 *ॐ अपर्नाये नमः* 🌷 *ॐ महादेव्यै नमः* 🌷 *ॐ कंठ कामिन्ये नमः* 🌷 *ॐ क्षण मुखाये नमः* 🌷 *ॐ लोक मोहिन्ये नमः* 🌷 *ॐ मेनका कुक्षी रत्नाये नमः* 🙏🏻 *ये 11 नाम कम से कम एक बार तो बोल ही लेना, ज्यादा भी बोल सकतें है । जो बहने ये न कर पायें तो उनकी ओर से घर का कोई भी ब्यक्ति उसके लिए कर सकता है और प्रार्थनाा करे की इसका पुण्य उन्हें पहुंचे उनके घर में भी सुख शांति बनी रहे ।* 💥 *विशेष - 15 दिसम्बर 2024 रविवार को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है ।🙏🏻 📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ (गुजरात)* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
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