बिठूर (कानपुर) का एक ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है। यह स्थान हिंदू धर्म के आदि पुरुष मनु से जुड़ा हुआ है, जिन्हें मानव जाति का प्रथम पुरुष और प्रथम राजा माना जाता है।हिंदू मान्यता के अनुसार, मनु महाराज ने यहाँ तपस्या की थी और यहीं से उन्होंने मानव सभ्यता की स्थापना की थी।कहा जाता है कि सृष्टि के विनाश (प्रलय) के बाद मनु को इसी स्थान पर नया जीवन मिला और उन्होंने यहीं से मानव जाति की पुनः रचना की।यह स्थल भारतीय संस्कृति में मनुस्मृति और वैदिक परंपराओं से भी जुड़ा हुआ है।यह स्थान एक प्राचीन द्वार (गेटवे) के रूप में जाना जाता है, जो बिठूर की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है।यहाँ आने वाले श्रद्धालु विशेष रूप से पवित्र स्नान और पूजा-पाठ करते हैं, क्योंकि इसे अत्यंत पावन स्थान माना जाता है।आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, जो इसे एक आध्यात्मिक और ध्यान स्थल के रूप में भी उपयुक्त बनाता है। #समाचार_भारतवर्ष (चन्दन पंडित)
बिठूर (कानपुर) का एक ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है। यह स्थान हिंदू धर्म के आदि पुरुष मनु से जुड़ा हुआ है, जिन्हें मानव जाति का प्रथम पुरुष और प्रथम राजा माना जाता है।हिंदू मान्यता के अनुसार, मनु महाराज ने यहाँ तपस्या की थी और यहीं से उन्होंने मानव सभ्यता की स्थापना की थी।कहा जाता है कि सृष्टि के विनाश (प्रलय) के बाद मनु को इसी स्थान पर नया जीवन मिला और उन्होंने यहीं से मानव जाति की पुनः रचना की।यह स्थल भारतीय संस्कृति में मनुस्मृति और वैदिक परंपराओं से भी जुड़ा हुआ है।यह स्थान एक प्राचीन द्वार (गेटवे) के रूप में जाना जाता है, जो बिठूर की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है।यहाँ आने वाले श्रद्धालु विशेष रूप से पवित्र स्नान और पूजा-पाठ करते हैं, क्योंकि इसे अत्यंत पावन स्थान माना जाता है।आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, जो इसे एक आध्यात्मिक और ध्यान स्थल के रूप में भी उपयुक्त बनाता है। #समाचार_भारतवर्ष (चन्दन पंडित)