सितंबर–अक्टूबर (बरसात के बाद और सर्दियों की शुरुआत) मसालेदार पौधों को घर पर लगाने का सबसे सही समय होता है। इस मौसम में मिट्टी में नमी रहती है, तापमान बहुत ज्यादा गर्म नहीं होता और पौधे तेजी से बढ़ते हैं। नीचे दिए गए 7 मसालेदार पौधों की पूरी जानकारी देखें – ⸻ 🌱 1. हल्दी (Turmeric) • बुवाई का समय: जुलाई से सितंबर तक, लेकिन गमले में सितंबर-अक्टूबर भी सही रहता है। • कैसे लगाएँ: कच्ची हल्दी की गांठ को मिट्टी में 5–6 इंच गहराई पर लगाएँ। • मिट्टी: भुरभुरी, उपजाऊ और अच्छी ड्रेनेज वाली। • देखभाल: हल्की धूप और नमी वाली मिट्टी पसंद करती है। • कटाई: 7–9 महीने बाद गांठें निकाल सकते हैं। ⸻ 🌱 2. लौंग (Clove) • बुवाई का समय: बरसात से लेकर अक्टूबर तक। • कैसे लगाएँ: लौंग पेड़ से मिलता है, इसलिए इसके बीज या पौधे नर्सरी से लाएँ। • मिट्टी: लाल दोमट और जैविक खाद वाली। • देखभाल: छांव और नमी पसंद करता है, तेज धूप से बचाएँ। • कटाई: पौधे को बड़ा होने में समय लगता है (कुछ साल), फिर कलियों से लौंग मिलती है। ⸻ 🌱 3. इलायची (Cardamom) • बुवाई का समय: जून से अक्टूबर तक। • कैसे लगाएँ: छोटे पौधे या जड़ के टुकड़े लगाकर। • मिट्टी: जैविक खाद वाली नम मिट्टी। • देखभाल: छांव और नमी वाला वातावरण चाहिए। • कटाई: 2–3 साल बाद फलियाँ आने लगती हैं। ⸻ 🌱 4. तेज पत्ता (Bay Leaf) • बुवाई का समय: सितंबर-अक्टूबर में पौधा लगाना सही रहता है। • कैसे लगाएँ: नर्सरी से पौधा लाकर गमले या जमीन में लगाएँ। • मिट्टी: उपजाऊ और हल्की मिट्टी। • देखभाल: धूप और हल्की छांव दोनों में रह सकता है। • कटाई: पत्ते सुखाकर मसाले के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं। ⸻ 🌱 5. काली मिर्च (Black Pepper) • बुवाई का समय: जून से अक्टूबर तक। • कैसे लगाएँ: नर्सरी से बेल का पौधा लाएँ और किसी सहारे (पेड़/स्टैंड) पर चढ़ाएँ। • मिट्टी: नम, जैविक खाद वाली। • देखभाल: आधी धूप और आधी छांव वाला स्थान अच्छा है। • कटाई: 2–3 साल बाद फलियों में मिर्च लगती है। ⸻ 🌱 6. धनिया (Coriander) • बुवाई का समय: सितंबर से फरवरी तक। • कैसे लगाएँ: साबुत धनिया दाने को हल्का कुचलकर मिट्टी में डालें। • मिट्टी: हल्की दोमट और जैविक खाद वाली। • देखभाल: रोज हल्की सिंचाई करें। • कटाई: 30–40 दिन में हरी पत्तियाँ, 2–3 महीने में बीज मिलते हैं। ⸻ 🌱 7. करी पत्ता (Curry Leaf) • बुवाई का समय: सितंबर-अक्टूबर में पौधा लगाना अच्छा होता है। • कैसे लगाएँ: बीज या नर्सरी से पौधा लाकर। • मिट्टी: रेतीली-भुरभुरी और जैविक खाद वाली। • देखभाल: धूप और हल्की छांव दोनों में अच्छा चलता है। • कटाई: 6–7 महीने में पत्ते इस्तेमाल करने लायक हो जाते हैं। ⸻ ✅ नोट: • इन सभी पौधों को आप छोटे गमले या बगीचे में उगा सकते हैं। • अच्छी बढ़त के लिए गोबर की खाद/वर्मी कम्पोस्ट डालते रहें। • बरसात के बाद (सितंबर-अक्टूबर) मौसम ठंडा और नमीयुक्त होता है, जिससे इन मसालों की जड़ें अच्छे से पकड़ बनाती हैं। #fblifestyle #gardeningwithnanav #plantcare
सितंबर–अक्टूबर (बरसात के बाद और सर्दियों की शुरुआत) मसालेदार पौधों को घर पर लगाने का सबसे सही समय होता है। इस मौसम में मिट्टी में नमी रहती है, तापमान बहुत ज्यादा गर्म नहीं होता और पौधे तेजी से बढ़ते हैं। नीचे दिए गए 7 मसालेदार पौधों की पूरी जानकारी देखें – ⸻ 🌱 1. हल्दी (Turmeric) • बुवाई का समय: जुलाई से सितंबर तक, लेकिन गमले में सितंबर-अक्टूबर भी सही रहता है। • कैसे लगाएँ: कच्ची हल्दी की गांठ को मिट्टी में 5–6 इंच गहराई पर लगाएँ। • मिट्टी: भुरभुरी, उपजाऊ और अच्छी ड्रेनेज वाली। • देखभाल: हल्की धूप और नमी वाली मिट्टी पसंद करती है। • कटाई: 7–9 महीने बाद गांठें निकाल सकते हैं। ⸻ 🌱 2. लौंग (Clove) • बुवाई का समय: बरसात से लेकर अक्टूबर तक। • कैसे लगाएँ: लौंग पेड़ से मिलता है, इसलिए इसके बीज या पौधे नर्सरी से लाएँ। • मिट्टी: लाल दोमट और जैविक खाद वाली। • देखभाल: छांव और नमी पसंद करता है, तेज धूप से बचाएँ। • कटाई: पौधे को बड़ा होने में समय लगता है (कुछ साल), फिर कलियों से लौंग मिलती है। ⸻ 🌱 3. इलायची (Cardamom) • बुवाई का समय: जून से अक्टूबर तक। • कैसे लगाएँ: छोटे पौधे या जड़ के टुकड़े लगाकर। • मिट्टी: जैविक खाद वाली नम मिट्टी। • देखभाल: छांव और नमी वाला वातावरण चाहिए। • कटाई: 2–3 साल बाद फलियाँ आने लगती हैं। ⸻ 🌱 4. तेज पत्ता (Bay Leaf) • बुवाई का समय: सितंबर-अक्टूबर में पौधा लगाना सही रहता है। • कैसे लगाएँ: नर्सरी से पौधा लाकर गमले या जमीन में लगाएँ। • मिट्टी: उपजाऊ और हल्की मिट्टी। • देखभाल: धूप और हल्की छांव दोनों में रह सकता है। • कटाई: पत्ते सुखाकर मसाले के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं। ⸻ 🌱 5. काली मिर्च (Black Pepper) • बुवाई का समय: जून से अक्टूबर तक। • कैसे लगाएँ: नर्सरी से बेल का पौधा लाएँ और किसी सहारे (पेड़/स्टैंड) पर चढ़ाएँ। • मिट्टी: नम, जैविक खाद वाली। • देखभाल: आधी धूप और आधी छांव वाला स्थान अच्छा है। • कटाई: 2–3 साल बाद फलियों में मिर्च लगती है। ⸻ 🌱 6. धनिया (Coriander) • बुवाई का समय: सितंबर से फरवरी तक। • कैसे लगाएँ: साबुत धनिया दाने को हल्का कुचलकर मिट्टी में डालें। • मिट्टी: हल्की दोमट और जैविक खाद वाली। • देखभाल: रोज हल्की सिंचाई करें। • कटाई: 30–40 दिन में हरी पत्तियाँ, 2–3 महीने में बीज मिलते हैं। ⸻ 🌱 7. करी पत्ता (Curry Leaf) • बुवाई का समय: सितंबर-अक्टूबर में पौधा लगाना अच्छा होता है। • कैसे लगाएँ: बीज या नर्सरी से पौधा लाकर। • मिट्टी: रेतीली-भुरभुरी और जैविक खाद वाली। • देखभाल: धूप और हल्की छांव दोनों में अच्छा चलता है। • कटाई: 6–7 महीने में पत्ते इस्तेमाल करने लायक हो जाते हैं। ⸻ ✅ नोट: • इन सभी पौधों को आप छोटे गमले या बगीचे में उगा सकते हैं। • अच्छी बढ़त के लिए गोबर की खाद/वर्मी कम्पोस्ट डालते रहें। • बरसात के बाद (सितंबर-अक्टूबर) मौसम ठंडा और नमीयुक्त होता है, जिससे इन मसालों की जड़ें अच्छे से पकड़ बनाती हैं। #fblifestyle #gardeningwithnanav #plantcare
- न्यायालय का बड़ा फैसला: कृषि भूमि के दो बेचाननामा रद्द, नामांतरण प्रक्रिया पर उठे सवाल बाली ।पाली (जमाल खान)। समीपवर्ती बाली में वरिष्ठ सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय ने कृषि भूमि से जुड़े दो बेचाननामों को विधि विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिया है। न्यायालय ने साथ ही निषेधाज्ञा जारी कर अप्रार्थी को भूमि में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी से पाबंद किया है। अधिवक्ता भरत जे. राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि पाली जिले के बाली उपखंड के ग्राम दादाई स्थित राजस्व खातेदारी कृषि भूमि के मामले में वरिष्ठ सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट मदनलाल बालोटिया ने संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किया। प्रकरण में दीपा की मृत्यु के बाद नामांतरण संख्या 872 के तहत उनके वारिसान—ओटाराम व अन्य—के नाम भूमि दर्ज की गई थी। इसके पश्चात ओटाराम ने उक्त भूमि का बेचान करण कुमार के पक्ष में किया, और बाद में करण कुमार ने वही भूमि पुनः ओटाराम की पुत्रवधू अंशी देवी के नाम बेचान कर दी। न्यायालय ने इन दोनों बेचाननामों को विधि विरुद्ध ठहराते हुए निरस्त कर दिया। साथ ही निरस्तीकरण की सूचना उप पंजीयक बाली एवं देसूरी न्यायालय के माध्यम से संबंधित उप पंजीयक कार्यालयों को भिजवाई गई है। न्यायाधीश ने आदेश में यह भी निर्देश दिए हैं कि दोनों निरस्त दस्तावेजों पर लाल स्याही से स्पष्ट टिप्पणी अंकित की जाए, जिससे यह दर्ज रहे कि उक्त दस्तावेज न्यायालय द्वारा रद्द किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने निषेधाज्ञा जारी करते हुए स्वर्गीय भूरिया के वारिसान की कृषि भूमि में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी नहीं करने का आदेश दिया है। प्रकरण में नामांतरण दर्ज करने में राजस्व विभाग की कथित जल्दबाजी और कर्मचारियों की लापरवाही पर भी सवाल उठे हैं, जिसके चलते न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा। अब इस मामले में संबंधित राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध उपखंड एवं जिला स्तरीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई की जाएगी या नहीं, यह भविष्य में तय होगा।1
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- jodhpur :- जोधपुर से बड़ी खबर, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री मान् भजनलाल जी शर्मा की रैली में मेड़ता आ रहे, ग्रामीणों को नागौर में पुलिस ने रोका, वहीं ग्रामीणों ने किसान एकता जिंदाबाद के जमकर नारे लगाये।1
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- चारभुजा नाथ के चरणों में संवाददाता नंदलाल पुरबिया न्यू द्वारकेश न्यूज़ चैनल नांदोली राजसमंद राजस्थान द्वारा1
- yah Suraj gaon bherunath Mandir4
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