अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष समारोह में गूंजा " राष्ट्रवाद से रामराज्य " का नारा नई दिल्ली, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष राष्ट्रवाद संगठन द्वारा पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया गया और अटल जी के अधूरे मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया गया। मुख्य कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के आवास पर समारोहपूर्वक मनाया गया। जन्मशताब्दी वर्ष समारोह में अखिल भारत हिन्दू महासभा सहित विभिन्न राष्ट्रवादी और हिंदूवादी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रवाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रितेश तोमर ने की, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने मुख्य अतिथि के रूप में मार्गदर्शन किया। समारोह में " राष्ट्रवाद से रामराज्य " का नारा गूंजा। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी देते हुए बताया कि मुरली मनोहर जोशी ने अपने संबोधन में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपने अनेक संस्मरणों को साझा किया। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी जी सदैव अनुशासन पर बल देते थे। भाजपा को उन्होंने एक अनुशासित पार्टी के रूप में स्थापित किया। अटल जी के अनुशासन और समर्पण नीति के बल पर ही भाजपा लगातार तीन बार केंद्र की सत्ता सम्भल रही है। मुरली मनोहर जोशी ने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी के मध्य प्रगाढ़ रिश्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी हिन्दू महासभा के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। जारी बयान के अनुसार हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रवाद के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने 1986 में हरिद्वार महाकुंभ में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपने संस्मरण को उपस्थित प्रतिनिधियों से साझा कर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द हैं। राष्ट्रवाद से रामराज्य का अर्थ हिन्दू राष्ट्र से रामराज्य है। उन्होंने कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाकर ही राम राज्य की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता ने अपने संबोधन में अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का पुरोधा बताते हुए कहा कि उन्होंने ही विश्व के विरोध को दरकिनार करते हुए पोखरण में परमाणु विस्फोट कर भारत को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाया। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री अरुण कुमार जैन ने अपने संबोधन में अटल जी को भारतीय राजनीति का महानायक घोषित करते हुए कहा कि भाजपा की राजनीति आज भी वाजपेयी जी की वैचारिक पृष्ठभूमि के इर्द गिर्द घूम रही है। वरिष्ठ भाजपा नेता शैलेंद्र सिंह ठाकुर ने अटल बिहारी और मुरली मनोहर जोशी के राजनीतिक संबंधों का विश्लेषण करते हुए कहा कि इन दोनों ने ही मिलकर भारतीय राजनीति को नई दिशा और दशा दी। वाजपेयी जी ने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में पूरे भारत को उच्च स्तर के सड़क मार्ग से जोड़ा एक नई मिसाल कायम की। राष्ट्रवाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रितेश तोमर ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि अटल जी का सम्मान विपक्षी दल भी करते थे। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पहले ही अटल जी के लिए कह दिया था कि ये एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे। ऐसा हुआ भी। हिन्दू महासभा शस्त्र एवं शास्त्र वितरण अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रभारी पवन शर्मा ने अटल जी को नमन करते हुए कहा कि अटल जी ने एक बार कहा था कि भगवान राम वनवास के समय सब कुछ त्याग दिया , किंतु शस्त्र साथ लेकर गए। आज हिन्दू शस्त्र और शास्त्र दोनों से विमुख हो गया है। हिन्दू समाज को भारत को सशक्त बनाना है तो उसे शस्त्र और शास्त्र दोनों की तरफ वापस लौटना होगा। हिन्दू महासभा शस्त्र और शास्त्र वितरण के माध्यम से अटल जी के स्वप्नों को पूरा करने हेतु प्रयत्नशील है। समारोह में राष्ट्रवाद के उपाध्यक्ष अजय शर्मा, कविता सिंह, जगदीश ममगई, राजेश अग्रवाल, सत्येंद्र, विक्रम, मिश्री लाल, भारत भूषण, प्रवीण, संस्कृत भाषा के प्रकाशक शैलेंद्र कुमार, हिन्दू महिला सभा दिल्ली प्रदेश मंत्री श्रीमती कटियार, हिन्दू गोरक्षक सभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेश माथुर सहित विभिन्न पदाधिकारियों ने अटल जी के विचारों को आत्मसात कर राष्ट्रवाद से राम राज्य की संकल्पना को साकार करने का संकल्प लिया।
अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष समारोह में गूंजा " राष्ट्रवाद से रामराज्य " का नारा नई दिल्ली, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष राष्ट्रवाद संगठन द्वारा पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया गया और अटल जी के अधूरे मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया गया। मुख्य कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के आवास पर समारोहपूर्वक मनाया गया। जन्मशताब्दी वर्ष समारोह में अखिल भारत हिन्दू महासभा सहित विभिन्न राष्ट्रवादी और हिंदूवादी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रवाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रितेश तोमर ने की, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने मुख्य अतिथि के रूप में मार्गदर्शन किया। समारोह में " राष्ट्रवाद से रामराज्य " का नारा गूंजा। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी देते हुए बताया कि मुरली मनोहर जोशी ने अपने संबोधन में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपने अनेक संस्मरणों को साझा किया। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी जी सदैव अनुशासन पर बल देते थे। भाजपा को उन्होंने एक अनुशासित पार्टी के रूप में स्थापित किया। अटल जी के अनुशासन और समर्पण नीति के बल पर ही भाजपा लगातार तीन बार केंद्र की सत्ता सम्भल रही है। मुरली मनोहर जोशी ने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी के मध्य प्रगाढ़ रिश्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी हिन्दू महासभा के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। जारी बयान के अनुसार हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रवाद के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने 1986 में हरिद्वार महाकुंभ में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपने संस्मरण को उपस्थित प्रतिनिधियों से साझा कर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द हैं। राष्ट्रवाद से रामराज्य का अर्थ हिन्दू राष्ट्र से रामराज्य है। उन्होंने कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाकर ही राम राज्य की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता ने अपने संबोधन में अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का पुरोधा बताते हुए कहा कि उन्होंने ही विश्व के विरोध को दरकिनार करते हुए पोखरण में परमाणु विस्फोट कर भारत को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाया। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री अरुण कुमार जैन ने अपने संबोधन में अटल जी को भारतीय राजनीति का महानायक घोषित करते हुए कहा कि भाजपा की राजनीति आज भी वाजपेयी जी की वैचारिक पृष्ठभूमि के इर्द गिर्द घूम रही है। वरिष्ठ भाजपा नेता शैलेंद्र सिंह ठाकुर ने अटल बिहारी और मुरली मनोहर जोशी के राजनीतिक संबंधों का विश्लेषण करते हुए कहा कि इन दोनों ने ही मिलकर भारतीय राजनीति को नई दिशा और दशा दी। वाजपेयी जी ने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में पूरे भारत को उच्च स्तर के सड़क मार्ग से जोड़ा एक नई मिसाल कायम की। राष्ट्रवाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रितेश तोमर ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि अटल जी का सम्मान विपक्षी दल भी करते थे। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पहले ही अटल जी के लिए कह दिया था कि ये एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे। ऐसा हुआ भी। हिन्दू महासभा शस्त्र एवं शास्त्र वितरण अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रभारी पवन शर्मा ने अटल जी को नमन करते हुए कहा कि अटल जी ने एक बार कहा था कि भगवान राम वनवास के समय सब कुछ त्याग दिया , किंतु शस्त्र साथ लेकर गए। आज हिन्दू शस्त्र और शास्त्र दोनों से विमुख हो गया है। हिन्दू समाज को भारत को सशक्त बनाना है तो उसे शस्त्र और शास्त्र दोनों की तरफ वापस लौटना होगा। हिन्दू महासभा शस्त्र और शास्त्र वितरण के माध्यम से अटल जी के स्वप्नों को पूरा करने हेतु प्रयत्नशील है। समारोह में राष्ट्रवाद के उपाध्यक्ष अजय शर्मा, कविता सिंह, जगदीश ममगई, राजेश अग्रवाल, सत्येंद्र, विक्रम, मिश्री लाल, भारत भूषण, प्रवीण, संस्कृत भाषा के प्रकाशक शैलेंद्र कुमार, हिन्दू महिला सभा दिल्ली प्रदेश मंत्री श्रीमती कटियार, हिन्दू गोरक्षक सभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेश माथुर सहित विभिन्न पदाधिकारियों ने अटल जी के विचारों को आत्मसात कर राष्ट्रवाद से राम राज्य की संकल्पना को साकार करने का संकल्प लिया।