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एक पिता ने अपने ही डिमांड को जानबूझकर झूठे केस में फसाने की कोशिश की लेकिन उसकी बेटी ने ही अपने पिता को झूठा साबित कर दिया
बुंदेलखंड संवाद न्यूज़
एक पिता ने अपने ही डिमांड को जानबूझकर झूठे केस में फसाने की कोशिश की लेकिन उसकी बेटी ने ही अपने पिता को झूठा साबित कर दिया
- User5222Jabera, Damoh😂on 14 August
- User5222Jabera, Damoh👏on 14 August
- YuvrajkumartripathiHuzur Nagar, Rewa🙏on 12 August
- User8343Mandsaur, Madhya Pradesh💣on 12 August
- User9278Jabalpur, Madhya Pradesh😂on 11 August
- User5759Amanganj, Panna🤝on 11 August
- User7483Mandla, Madhya Pradesh💣on 11 August
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- *लोकेसन कटनी* *कड़ाके की ठंड को देखते हुए समाजसेवियों ने बढ़ाया हाथ, सार्वजनिक स्थलों पर जलवाए अलाव* एंकर,,,,,,उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण पूरे प्रदेश सहित कटनी जिले में भी कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है। जिले का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुँच जाने के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस कड़ाके की ठंड में आम जनमानस और मुसाफिरों को राहत देने के लिए 'समाज सेवा विकास संस्था' की टीम एक बार फिर आगे आई है। शनिवार को संस्था के सदस्यों ने बड़वारा क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था कराई। इन प्रमुख स्थानों पर हुई व्यवस्था राहगीरों और मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए संस्था ने योजनाबद्ध तरीके से लकड़ियों का इंतजाम किया। समाजसेवियों ने मुख्य रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यहाँ रात के समय आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को ठंड से बड़ी राहत मिलेगी। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड में ठिठुरते हुए यात्रियों के लिए यह अलाव किसी वरदान से कम साबित नहीं होगो। बड़वारा थाना परिसर व लोक सेवा केंद्र में अपने कार्यों से आने वाले ग्रामीणों को ठंड से बचने का सहारा मिलेगा रूपोंद रोड़ बास्टेण्ड में आवागमन करने वाले राहगीरों के लिए भी अलग-अलग पॉइंट पर लकड़ियों का ढेर रखकर अलाव जलाए गे संस्था की ओर से समाजसेवी पूजा सिंह ने बताया कि समाज सेवा विकास संस्था' का मुख्य उद्देश्य ही जनसेवा है। उन्होंने कहा,पारा गिरने के कारण लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। हमारी टीम ने पूर्व में भी अलाव की व्यवस्था की थी और वर्तमान स्थितियों को देखते हुए आज पुन: अस्पताल, रेलवे स्टेशन, थाना परिसर और बस स्टैंड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में अलाव जलाए गए हैं। आने वाले दिनों में यदि ठंड और बढ़ती है, तो संस्था इस अभियान को और विस्तार देगी। अस्पताल और स्टेशन पर मौजूद लोगों ने समाजसेवियों की इस पहल की सराहना की है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन के साथ-साथ जब सामाजिक संस्थाएं इस तरह की जिम्मेदारी उठाती हैं, तो बेसहारा और राहगीरों को विषम परिस्थितियों में संबल मिलता है। अलाव जलने से न केवल ठंड से राहत मिली, बल्कि देर शाम बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर सन्नाटे के बीच लोग अलाव के इर्द-गिर्द राहत महसूस करते नजर आए। बाइट-01 समाजसेवी बबीता सिंह4
- 🔴 ID कार्ड गिरते ही भड़का पुलिस अफसर, बीच सड़क युवती को जड़े थप्पड़ — VIDEO वायरल > 📍अहमदाबाद से सामने आया यह मामला एक बार फिर पुलिस के व्यवहार और महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। बीच सड़क एक युवती के साथ हुई कथित मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देखने के बाद लोग हैरानी, गुस्से और चिंता का इज़हार कर रहे हैं। > 🔹 क्या है पूरा मामला? पीड़ित युवती की पहचान बंसारी ठक्कर के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, घटना उस समय हुई जब युवती सड़क से गुजर रही थी। इसी दौरान एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने उसे रोका और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने को कहा। > युवती ने पुलिसकर्मी को अपना लाइसेंस दिखाया। इसके बाद जब बातचीत के दौरान पुलिस अधिकारी का ID कार्ड युवती के हाथ से गलती से गिर गया, तो अधिकारी अचानक भड़क गया। > प्रत्यक्षदर्शियों और वायरल वीडियो में आरोप लगाया जा रहा है कि इसी बात पर पुलिसकर्मी ने युवती से ऊंची आवाज़ में बात करना शुरू किया और देखते ही देखते बीच सड़क उसे थप्पड़ मार दिए। > 🔹 चोट, डर और अफरा-तफरी थप्पड़ों के बाद युवती की आंख के ऊपर चोट लगने और खून निकलने की बात सामने आई है। मौके पर मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही हालात तनावपूर्ण हो गए। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि घटना के बाद युवती घबराई हुई और डरी-सहमी नजर आती है। > इस पूरी घटना ने सड़क पर मौजूद लोगों को भी स्तब्ध कर दिया। कई लोग यह सवाल करते नजर आए कि क्या एक छोटी-सी गलती पर इस तरह का व्यवहार उचित है। 🔹 FIR कराने पहुंची तो वहां भी परेशानी? पीड़िता का आरोप है कि वह जब इस घटना की शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंची, तो वहां भी उसे धमकाया गया और शिकायत दर्ज करने से इनकार किया गया। बताया गया कि युवती देर रात तक थाने में बैठी रही और आखिरकार उसने लिखित शिकायत दी। इस दौरान कथित तौर पर उसे यह भी कहा गया कि उसके खिलाफ क्रॉस कंप्लेंट दर्ज की जा सकती है। > 🔹 वीडियो वायरल, सवाल तेज इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि— > क्या पुलिस को नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार करने का अधिकार है? क्या महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह गई है? क्या कानून सभी के लिए बराबर है? सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। > 🔹 अहम समय पर सामने आया मामला यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब हाल ही में पुलिस अधिकारियों को नागरिकों से सम्मान, संयम और संवेदनशीलता के साथ पेश आने की सख्त हिदायतें दी गई थीं। खास तौर पर महिलाओं, बुजुर्गों और आम नागरिकों के साथ व्यवहार को लेकर पुलिस विभाग को बार-बार निर्देश दिए जाते रहे हैं। ऐसे में यह घटना इन निर्देशों पर भी सवाल खड़े करती है। > 🔹 महिला सुरक्षा पर फिर बहस महिला अधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि— > “अगर एक महिला के साथ बीच सड़क पुलिस द्वारा इस तरह का व्यवहार होता है, तो आम नागरिक खुद को कितना सुरक्षित महसूस करेगा?” उनका कहना है कि पुलिस व्यवस्था पर भरोसा तभी मजबूत होगा जब गलत करने वालों पर बिना भेदभाव के कार्रवाई होगी। > 🔹 पुलिस की छवि और जवाबदेही पुलिस को समाज का रक्षक माना जाता है। लेकिन जब इसी व्यवस्था से जुड़े किसी अधिकारी पर इस तरह के आरोप लगते हैं, तो पूरी व्यवस्था की छवि पर असर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि— ऐसी घटनाओं में त्वरित और पारदर्शी जांच जरूरी है दोषी पाए जाने पर कड़ी विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए पीड़िता को न्याय और सुरक्षा का भरोसा मिलना चाहिए > 🔹 अब आगे क्या? फिलहाल यह मामला जांच का विषय बताया जा रहा है। संबंधित विभाग द्वारा तथ्यों की पुष्टि की जा रही है। वीडियो और शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल मजबूती से खड़ा कर दिया है कि— ❓ क्या खाकी कानून से ऊपर है? ❓ महिलाओं की गरिमा और सम्मान की रक्षा कौन करेगा? ❓ ऐसी घटनाओं पर कब सख्त और उदाहरणात्मक कार्रवाई होगी? --- 📌 संपादकीय नोट यह खबर उपलब्ध जानकारी, वायरल वीडियो और पीड़िता के आरोपों पर आधारित है। मामले की जांच संबंधित विभाग द्वारा की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही अंतिम स्थिति स्पष्ट होगी। --- 📰 Sach Tak Patrika News 🎤 संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा 🗣️ “हमारी सबसे बड़ी ताकत — सच ही हमारी ताकत है।”1
- *गांजा तस्करी करते दो गिरफ्तार* *ढीमरखेडा पुलिस की कार्रवाई* श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय जिला कटनी श्री अभिनय विश्वकर्मा (आई पी.एस.) द्वारा जिले में जुआ, सटटा, शराब तथा मादक पदार्थ की तस्करी में प्रभावी कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किये गये थे जो निर्देश के पालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री डॉ संतोष डेडरिया एव एस.डी.ओ.पी. श्रीमति आंकाक्षा चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में अवैध मादक पदार्थ की विक्रय एवं परिवहन में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुये थाना प्रभारी ढीमरखेडा निरीक्षक अभिषेक चौबे के नेतृत्व में ढीमरखेडा पुलिस टीम द्वारा सफलता प्राप्त की है। प्रथम प्रकरण में ग्राम झिन्नापिपरिया चंढी माता मंदिर के पास एक व्यक्ति मोटर सायकिल होण्डा कंपनी की सीडी 100 सफेद काले रंग की जिसकी पैटोल टंकी पर सफेद प्लास्टिक की बोरी रखे हुये था झिन्नापिपरिया तरफ से आ रहा था जो पुलिस को देखरकर घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा जिसे हमराह स्टाफ घेराबंदी कर पकडा जिससे नाम पता पूछने पर अपना नाम बृजभान पिता अमर सिंह परस्ते उम्र 25 साल निवासी मखडार थाना कुंडम जिला जबलपुर का होना बताया जिसकी मोटर सायकिल से 01 सफेद रंग की प्लास्टिक की बोरी में कुल 2 किलो 400 ग्राम मादक पदार्थ गांजा एवं एक मोटर सायकिल जप्त कर धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है। इसी तरह दूसरे प्रकरण में ढीमरखेडा पुलिस टीम द्वारा मादक पदार्थ गांजा की तस्करी करते हुयें ग्राम खमतरा बिचुआ मोड मेनरोड एक व्यक्ति एक काले रंग का बैग हाथ में लिये खड़ा था जो पुलिस को देख घबराकर भागने की कोशिश करने लगा जिसे हमराह स्टाफ घेराबंदी कर पकडा जिससे नाम पता पूछने पर अपना नाम पंचम पिता अमर सिंह उम्र 46 साल निवासी ग्राम जामूनचुआ थाना ढीमरखेडा का होना बताया हाथ में लिये काले रंग के बैग में कुल 3 किलो 100 ग्राम मादक पदार्थ गांजा बरामद किया गया। तथा आरोपी के विरुद्ध धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है। भूमिका :- थाना प्रभारी निरीक्षक अभिषेक चौबे, उनि सुरेश सउनि जयपाल सिंह, आर 608 पंकज सिंह, आर. 730 डुमनदास, आर 10 जागेश्वर, आर कमोद कोल, आर. 692 देवेन्द्र अहिरवार, आर गंधर्व की महत्तवपूर्ण भूमिका रही।3
- Madhya Pradesh Se Badi news a rahi hai platform per hi kar rahe the train ka intezar platform ek per pahunch Gai Mahindra Thar1
- Post by Nathuram Ahirwar1
- करणी सेना के सदस्य निकले आंदोलन को हरदा,, 21 सूत्री मांगों को लेकर, भाजपा सरकार को चुनौती से मांग रखने की बात बड़ा आंदोलन1
- “बांग्लादेश में मानवता शर्मसार | हिंदू युवक को बांधकर जिंदा जलाया गया”1
- *दतला नदी में अवैध रेत उत्खनन पर बड़ी कार्रवाई* *माइनिंग-पुलिस की संयुक्त दबिश से चार ट्रैक्टर जब्त* *माफियाओं में हड़कंप* ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के अंतर्गत दतला नदी घाटों में लंबे समय से चल रहे अवैध रेत उत्खनन पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। माइनिंग विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने दबिश देकर अवैध रूप से रेत का उत्खनन और परिवहन करते हुए चार ट्रैक्टरों को पकड़कर ज़प्त किय और सिलौड़ी चौकी में सुरक्षार्थ रखा गया है। इस कार्रवाई से क्षेत्र के रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के विभिन्न नदी घाटों से लंबे समय से अवैध रूप से रेत निकासी की जा रही थी। जिससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था। लगातार शिकायतों के बाद यह मामला कटनी कलेक्टर आशीष तिवारी एवं पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा तक पहुंचा, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर संयुक्त कार्रवाई की योजना बनाई गई। ढीमरखेडा थाना प्रभारी अभिषेक चौबे ने बताया कि पुलिस द्वारा अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ लगातार दबिश दी जा रही थी, लेकिन पुलिस की भनक लगते ही माफिया मौके से फरार हो जाते थे। बुधवार को माइनिंग इंस्पेक्टर कमलेश परस्ते, पवन कुशवाह के नेतृत्व में माइनिंग विभाग की टीम के साथ टी आई ढीमरखेडा अभिषेक चौबे के नेतृत्व वाले पुलिस बल ने दतला नदी घाट में अचानक दबिश दी। कार्रवाई के दौरान दतला घाट, बम्होरी गांव के पास अवैध रूप से रेत उत्खनन करते हुए चार ट्रैक्टर पकड़े गए, जिन्हें सिलौड़ी चौकी में लाकर जब्त किया गया। पुलिस और माइनिंग विभाग की इस संयुक्त कार्रवाई को लेकर आमजन में संतोष देखा जा रहा है। वहीं अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ आगे भी सख्त अभियान जारी रहेगा और किसी भी स्थिति में माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा।4
- 🔴 RDVV में NSUI का अनोखा प्रदर्शन: कार्यपरिषद बैठक के दौरान उड़ाए गए तोते, कुलगुरु पर गंभीर आरोप 》 जबलपुर | विशेष रिपोर्ट 》 जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) में शुक्रवार को उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने कुलगुरु के खिलाफ अनोखे और प्रतीकात्मक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। कार्यपरिषद (Executive Council) की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने तोतों को उड़ाकर प्रशासन के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराया। --- 🕊️ प्रतीकात्मक विरोध: “तोते उड़ाकर जताया आक्रोश” एनएसयूआई का कहना है कि यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय को “अयोग्य नेतृत्व के चंगुल से मुक्त कराने” का प्रतीक है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कुलगुरु नियमों और शैक्षणिक मानकों का पालन नहीं कर रहे, जिससे छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। 》 कार्यपरिषद की बैठक में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को मौके पर मौजूद पुलिस ने रोक दिया। इससे नाराज होकर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने बैठक के दौरान तोतों को पिंजरे से निकालकर उड़ा दिया, जिसके बाद परिसर में जमकर नारेबाजी हुई। --- 🚔 पुलिस मौजूदगी में हुआ प्रदर्शन घटना के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बल तैनात रहा। एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मुख्य भवन में ताला लगाकर छात्रों और कार्यकर्ताओं को अंदर जाने से रोका, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। 》 छात्रों का कहना है कि यह कदम उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है। --- 🎓 शैक्षणिक अव्यवस्थाओं के गंभीर आरोप एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें प्रमुख हैं: विश्वविद्यालय में प्रशासनिक निरंकुशता छात्र सुविधाओं में लगातार कटौती प्रशासनिक खर्चों में अनावश्यक वृद्धि शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट 》 संगठन के अनुसार, वर्तमान कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली निरंकुश हो गई है, जिसका सीधा असर छात्रों और संस्थान की साख पर पड़ा है। --- 💻 तकनीकी पाठ्यक्रम केवल “औपचारिकता”? एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि विधानसभा में तकनीकी पाठ्यक्रमों को लेकर भ्रामक जानकारी दी गई। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि: बीसीए, एमसीए और बीटेक जैसे पाठ्यक्रमों में ❌ पर्याप्त कंप्यूटर ❌ जरूरी सॉफ्टवेयर ❌ आधुनिक प्रयोगशालाएं उपलब्ध नहीं हैं। छात्रों का कहना है कि ऐसे में ये पाठ्यक्रम सिर्फ कागज़ी औपचारिकता बनकर रह गए हैं। --- 📉 परीक्षा और परिणाम प्रणाली पर सवाल विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर भी सवाल उठाए गए। एनएसयूआई के अनुसार: स्वीकृत पदों की तुलना में बहुत कम नियमित प्राध्यापक कार्यरत हैं परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो पा रहीं परिणाम महीनों तक लंबित रहते हैं इसका सीधा असर छात्रों के अगले सत्र, प्रवेश, प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार पर पड़ रहा है। --- ⚠️ आंदोलन तेज करने की चेतावनी प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलगुरु और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही छात्र हितों की अनदेखी और प्रशासनिक मनमानी पर रोक नहीं लगी, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष सचिन रजक, प्रदेश उपाध्यक्ष अमित मिश्रा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। --- ✍️ निष्कर्ष RDVV में हुआ यह अनोखा प्रदर्शन न सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छात्र संगठन अब प्रतीकात्मक और रचनात्मक तरीकों से अपनी आवाज उठाने लगे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इन आरोपों पर क्या कदम उठाता है। --- 📍 रिपोर्ट: सच तक पत्रिका न्यूज़ 🖊️ संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा, जबलपुर1