कुछ न्यूज चैनल और सोशल मीडिया पर राँची में माननीय राष्ट्रपति की सुरक्षा में चूक और उनके कारकेड के बीच एक स्कूटी सवार के घुसने की खबर चलाई जा रही है। राँची पुलिस यह स्पष्ट करना चाहती है कि इस तरह की बात आधारहीन है।वीडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है, कि जब राष्ट्रपति महोदया, महामहिम राज्यपाल और माननीय मुख्यमंत्री का कारकेड काफी दूर निकल चुका था तथा उसके बाद एयरपोर्ट पर प्रतिनियुक्त पदाधिकारी अपनी ड्यूटी से वापस लौट रहे थे तब पीछे पीछे एक स्कूटी सवार भी सड़क पर दिखता है जिसे प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मी द्वारा एहतियातन रोका गया। जाँचोपरांत यह पाया गया कि वह विशेष शाखा का पुलिस कर्मी था जो आसूचना संकलन हेतु एयरपोर्ट पर प्रतिनियुक्त था तथा वो भी अन्य पदाधिकारियों की भांति अपने गंतव्य तक जा रहा था। यह पुनः स्पष्ट किया जाता है की वो गाड़िया किसी भी कारकेड का हिस्सा नहीं था। इसी को लेकर कुछ लोगों को संभवतः संशय हुआ कि काफिले की सुरक्षा में चूक हुई। राँची पुलिस के सभी कर्मी अपनी ड्यूटी हेतु सजग एवं प्रतिबद्ध हैं। *राँची पुलिस*
कुछ न्यूज चैनल और सोशल मीडिया पर राँची में माननीय राष्ट्रपति की सुरक्षा में चूक और उनके कारकेड के बीच एक स्कूटी सवार के घुसने की खबर चलाई जा रही है। राँची पुलिस यह स्पष्ट करना चाहती है कि इस तरह की बात आधारहीन है।वीडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है, कि जब राष्ट्रपति महोदया, महामहिम राज्यपाल और माननीय मुख्यमंत्री का कारकेड काफी दूर निकल चुका था तथा उसके बाद एयरपोर्ट पर प्रतिनियुक्त पदाधिकारी अपनी ड्यूटी से वापस लौट रहे थे तब पीछे पीछे एक स्कूटी सवार भी सड़क पर दिखता है जिसे प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मी द्वारा एहतियातन रोका गया। जाँचोपरांत यह पाया गया कि वह विशेष शाखा का पुलिस कर्मी था जो आसूचना संकलन हेतु एयरपोर्ट पर प्रतिनियुक्त था तथा वो भी अन्य पदाधिकारियों की भांति अपने गंतव्य तक जा रहा था। यह पुनः स्पष्ट किया जाता है की वो गाड़िया किसी भी कारकेड का हिस्सा नहीं था। इसी को लेकर कुछ लोगों को संभवतः संशय हुआ कि काफिले की सुरक्षा में चूक हुई। राँची पुलिस के सभी कर्मी अपनी ड्यूटी हेतु सजग एवं प्रतिबद्ध हैं। *राँची पुलिस*
- इस तरह के कई वीडियो सामने आ चुके हैं,भारतीय नौजवान जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं! अगर सच है तो ये चिंताजनक है! रूस पढ़ने गए छात्रों को युद्ध में धकेला जा रहा है,और सरकार अपनी लफ़्फ़ाज़ी में मस्त है! मोदी जी पुतिन को हरी झंडी दे दिए क्या अपने नागरिकों युद्ध में धकेलने की?😭1
- सोनभद्र पुलिस की बड़ी कारवाई कोडिफ सिरफ को लेकर फरार चल रहे चार अभियुक्त पर पुलिस द्वारा इनाम घोषित किया गया है1
- Post by @PappuKumar-ky6qb you tube my channel1
- आज मैं एक गाना गया आप लोगों को कैसा लगा बताइएगा1
- *नामकुम अंचल में जमीन माफियाओं का खुला खेल, भू-रैयतों की जमीन पर रातों-रात म्यूटेशन का आरोप* रांची। रांची जिला के नामकुम अंचल में जमीन से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं और हेराफेरी के आरोप सामने आ रहे हैं। स्थानीय भू-रैयतों का कहना है कि अंचल क्षेत्र में जमीन दलालों का नेटवर्क सक्रिय है, जो अंचल कार्यालय के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से गरीब व असहाय रैयतों की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर रहा है। ताजा मामला तेली महतो की जमीन से जुड़ा बताया जा रहा है। आरोप है कि जमीन दलालों ने बिना किसी वैध बंटवारे के, गोतिया लोगों के नाम पर फर्जी वंशावली तैयार कर ली और अंचल कार्यालय में रिकॉर्ड में हेरफेर कर रातों-रात म्यूटेशन करवा लिया। रैयतों का कहना है कि जब तक उन्हें इसकी जानकारी होती है, तब तक जमीन का दाखिल-खारिज पूरा कर दिया जाता है। *फर्जी वंशावली बनाकर जमीन हड़पने का आरोप* भू-रैयतों के अनुसार, जमीन का पारिवारिक बंटवारा नहीं होने के बावजूद कुछ लोग स्वयं को उत्तराधिकारी बताकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। इन दस्तावेजों को अंचल कार्यालय में स्वीकार कर लिया जा रहा है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि बिना समुचित जांच-पड़ताल के म्यूटेशन कैसे संभव हो पा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अंचल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है और बिना “सेटिंग” के इस तरह की कार्रवाई संभव नहीं है। *थाना स्तर पर भी नहीं मिल रही सुनवाई* पीड़ित भू-रैयतों का कहना है कि जब वे न्याय की उम्मीद लेकर स्थानीय थाना पहुंचते हैं, तो वहां भी उनकी बात नहीं सुनी जाती। आरोप है कि थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे रैयतों के साथ गाली-गलौज की जाती है और उन्हें डराया-धमकाया जाता है। कई पीड़ितों का कहना है कि पुलिस उन्हें यह कहकर लौटा देती है कि यह “जमीन का मामला” है और वे इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे। *प्रशासन की चुप्पी पर सवाल* नामकुम अंचल में लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि समय रहते इन मामलों की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो जमीन माफियाओं का हौसला और बढ़ेगा तथा आम भू-रैयत अपनी ही जमीन से बेदखल हो जाएंगे। जांच और कार्रवाई की मांग पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि नामकुम अंचल में हुए सभी संदिग्ध म्यूटेशन मामलों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही फर्जी वंशावली तैयार करने वाले जमीन दलालों, इसमें शामिल अंचल कर्मियों और लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है और यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इन गंभीर आरोपों पर क्या रुख अपनाता है और भू-रैयतों को न्याय कब तक मिल पाता है।1
- Post by Cs Cs1
- मुस्लिम लड़के को अपहरण करो और सुनसान जगह ले जाकर एसिड से जला कर मारो बहुत मज़ा आता है, ऐसा कहना है इस शख्स का जो वीडियो मे दिखाई दे रहा है इसका नाम है Rishabh Ojha । इस वीडियो को पूरे देश मे वाईरल करें ताकि ये जहां भी हो इसको पुलिस पकड़ कर जेल में डाले।1
- Post by @PappuKumar-ky6qb you tube my channel1
- चद पैसा कमाए खाती बहुत नीचे गिर रही है औरत आप लोग जरूर उनको मना कीजिए1