Shuru
Apke Nagar Ki App…
गरीब बेसहारा का कौन बनेगा सहारा.... क्या अधिकारियों के चक्कर काट के बीतेगी जिंदगी
Mohd Hashim Ansari
गरीब बेसहारा का कौन बनेगा सहारा.... क्या अधिकारियों के चक्कर काट के बीतेगी जिंदगी
- Arvind GuptaSitapur, Uttar Pradesh5 बच्चे को इतनी दयनीय हालत में पैदा करने की जरूरत क्यों हैon 24 November
More news from Uttar Pradesh and nearby areas
- पति पत्नी में हुई क्लेश तो पत्नी ने देदी अपनी जान1
- सीतापुर: उप स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर देवरिया चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट।1
- Post by Anupam singh Raj1
- सीतापुर: क्षेत्रीय जिम्मेदार व पीडब्लूडी की लापरवाही से कभी हो सकती है दुर्घटना।1
- Bulldozer Action : सीतापुर में दो धार्मिक स्थल जमींदोज, मंदिर और मस्जिद पर चला बुलडोजर | Sitapur |1
- सीतापुर रोडवेज बस अड्डे पर फर्जी वेंडरो का बोलबाला,यात्रियों के साथ हुई अनहोनी का कौन होगा जिम्मेदार सीतापुर रोडवेज बस स्टॉप पर खुले आम वेंडर ग्राहकों को खाने-पीने की नकली वस्तुएं खुले आम बेच रहे हैं और सीतापुर रोडवेज प्रबंधक अथवा जिम्मेदारों को कोई खबर नहीं। आपको बताते चले रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों के साथ अक्सर जहर खुरानी के हादसे देखने को मिलते हैं अब यह जहर खुरानी कौन होते हैं इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है तो वही कुछ लोग यात्रियों को नशीला पदार्थ खिलाकर उन्हें बेहोश करके उनका सामान लूट लेते हैं ऐसी स्थिति में कभी कभार यात्रियों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। सीतापुर के रोडवेज बस स्टॉप पर ऐसी ही कुछ स्थिति देखने को मिल रही है खाने को तो यह खाने पीने की वस्तु बेच रहे हैं किंतु किसके कहने पर और किस अधिकार से यह रोडवेज परिसर में पहुंच कर बसों में चढ़कर यात्रियों को पानी की बोतल समोसा व अन्य सामान खुले आम बेच रहे हैं जो पूरी तरीके से गैर कानूनी और नियम विरुद्ध है। ऐसी स्थिति में यदि किसी यात्री के साथ कोई घटना घटती है अथवा जहर खुरानी का शिकार होता है या उसके सामान गायब होते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा। सीतापुर रोडवेज परिसर और बसों में चढ़कर सामान बेचने वाले वेंडरो को लेकर जब रोडवेज प्रबंधक से बात की गई तो पता चला वह कुंभ मेला में ड्यूटी कर रहे हैं तो वहीं सीतापुर के रोडवेज प्रबंधक इंचार्ज से जानकारी चाहिए तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां कोई वेंडर नहीं है एक कैंटीन है जिस पर यात्री अपनी इच्छा से सामान खरीदने और खाते पीते हैं इस रोडवेज परिसर में किसी भी गैर दुकानदार को आने नहीं दिया जाता है। अब सवाल यह है रोडवेज इंचार्ज साहब यदि सत्य बोल रहे हैं तो फिर इस वीडियो में चढ़ने और उतरने वाले वेंडर कौन और कहां के हैं वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है हाथों में खाने-पीने बेचने की वस्तु किस प्रकार से लेकर घूम रहे हैं क्या यह लीगल तरीके से है अथवा फर्जी वेंडर है और यदि रोडवेज सीतापुर परिसर में यह घूम रहे हैं तो इन्हें कौन संरक्षण दे रहा है इस संबंध में कोई भी कर्मचारी अथवा अधिकारी या जिम्मेदार व्यक्ति जवाब देने से बच रहा है। फिलहाल इन वेंडरो को देखकर यह तो अंदाजा लगाया जा सकता है जब तक सीतापुर रोडवेज के कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी का संरक्षण नहीं होगा तब तक यह अवैध रूप से वेल्डर बस में चढ़कर यात्रियों को कोई सामान बेचने में सफल नहीं होंगे किंतु अफसोस की बात यह है इतना सब कुछ होने के बावजूद भी सीतापुर रोडवेज प्रशासन को कुछ भी नहीं मालूम तो वही यात्रियों के साथ कोई घटना घटती है तो फिर इसका उत्तरदायित्व कौन होगा यह एक बड़ा प्रश्न बन रहा है फिलहाल अधिकारी अपना पल्ला झाड़ने हुए सीधे हाथ खड़े कर दिए और कोई भी सवाल देने के बजाय दबी जुबान से कहने लगे कहां और कब तक किसको रोका जाए। उनके भी बच्चे हैं और कारोबार करने कहां जाएं। राहुल तिवारी1
- देख कर जनक नंदिनी राम जी को इंद्रपाल मिश्रा महोली सीतापुर1
- पुरानी पेंशन बहाली ना होने तक जारी रहेगा अटेवा का आंदोलन सीतापुर। के महावीर पार्क में अटेवा कार्यकर्ताओं ने एक बैठक कर रणनीति बनाते हुए कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाएगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। सीतापुर अटेवा संयोजक अवनीश कुमार के नेतृत्व में सीतापुर के महावीर पार्क में एक बैठक की गई बैठक में शिक्षक एवं सरकारी कर्मचारी एक स्वर में नारा लगाते हुए कहा पुरानी पेंशन बहाल करो या कुर्सी छोड़ो। पत्रकारों के सामने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि अब सरकार द्वारा इतनी पेंशन दी जा रही है कि उनका क्रिया कर्म भी नहीं हो सकता है तो जीवन कैसे चल पाएगा। कार्यक्रम को लेकर सभी कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी नारा लगाते हुए कहा सरकारी पेंशन बहाल करो या फिर कुर्सी छोड़ो। सांसद विधायक और जनप्रतिनिधियों को तो भरपूर पेंशन मिलती है सुविधा मिलती है किंतु सरकारी कर्मचारी 60 वर्ष की आयु में जब रिटायर होता है तो उसके हाथों में कुछ नहीं होता है जीने का एकमात्र सहारा पेंशन है वह भी उसे अब नहीं मिलेगी या कहां का न्याय और इंसाफ है इसके लिए आंदोलन आखरी दम तक अटेवा मंच के माध्यम किया जाएगा। अनुभव शुक्ला1