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- देवरिया शहर के गोरखपुर रोड स्थित ओवरब्रिज के ठीक बगल में चीनी मिल के मैदान पर एक बार फिर मेला लगाया गया है। हैरानी की बात यह है कि दो साल पहले इसी ओवरब्रिज से सेल्फी और वीडियो बनाने के दौरान हादसे की आशंका को देखते हुए मेला और प्रदर्शनी पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद इस बार फिर अनुमति दिए जाने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। गोरखपुर रोड स्थित यह ओवरब्रिज पहले से ही हादसों के लिहाज से संवेदनशील माना जाता रहा है। पूर्व में 20 नवंबर 2023 से 20 फरवरी 2024 तक ओवरब्रिज से सटे चीनी मिल मैदान में मेला और प्रदर्शनी लगाने की अनुमति दी गई थी। मेला लगने के बाद बड़ी संख्या में लोग ओवरब्रिज पर रुककर नीचे लगे मेले की सेल्फी और वीडियो बनाने लगे थे। इससे न सिर्फ ओवरब्रिज पर भीड़ जमा हो गई, बल्कि कई बार जाम की स्थिति भी बनी। स्थानीय लोगों ने ओवरब्रिज से नीचे गिरने या किसी बड़े हादसे की आशंका को लेकर तहसील प्रशासन से शिकायत भी की थी। शिकायत में अगस्त 2023 की उस घटना का भी जिक्र किया गया था, जब एक ट्रक अनियंत्रित होकर रेलिंग तोड़ते हुए ओवरब्रिज से नीचे गिर गया था। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद तत्कालीन एसडीएम सदर ने कोतवाली पुलिस और तहसीलदार से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट में ओवरब्रिज के बगल में लगने वाले मेले को सुरक्षा और यातायात की दृष्टि से संवेदनशील बताया गया था। दो वर्ष पहले एसडीएम ने मेला व प्रदर्शनी पर लगाई थी रोक दुर्घटना की आशंका को देखते हुए तत्कालीन एसडीएम ने 3 नवंबर 2023 को अनुमति पत्र को निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद एक बार फिर उसी स्थान पर मेला लगने से प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस संवेदनशील मामले पर क्या कदम उठाता है, या किसी बड़े हादसे के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।1
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- Post by Tk singh Singh1
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- लोकेशन- गोरखपुर संवाददाता- जे.बी.सिंह मो०- 8542007400.9140241789 Labor pain in train दिल्ली से दर भंगा जा रही महिला ने गोरखपुर में दिया बच्चे को जन्म, पति की बेवफाई से टूटी मां ने 48 घंटे तक नवजात को अपनाने से किया इनकार 48 घंटे तक मनाते रहे डॉक्टर-कर्मी पति ने छोड़ा, सहारे छूटे ट्रेन में शुरू हुआ दर्द, गोरखपुर में प्रसव पति की बेवफाई और जीवन की कठोर परिस्थितियों से जूझ रही एक गर्भवती महिला की दर्दनाक कहानी गोरखपुर में सामने आई है। दिल्ली से दरभंगा जा रही महिला को ट्रेन यात्रा के दौरान अचानक प्रसव पीड़ा हुई। हालत बिगड़ती देख रेलवे कर्मचारियों ने उसे तत्काल गोरखपुर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने सुरक्षित प्रसव कराया। महिला ने एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन मानसिक आघात और आर्थिक असहायता के चलते उसने नवजात को अपनाने और दूध पिलाने से इनकार कर दिया।पीड़िता मूल रूप से दरभंगा की रहने वाली है। उसकी शादी एक वर्ष पहले हुई थी। शादी के कुछ समय बाद वह पति के साथ दिल्ली रहने लगी, लेकिन गर्भावस्था के चौथे महीने में ही पति उसे छोड़कर किसी अन्य महिला के साथ चला गया। इसके बाद उसने सारे संपर्क बंद कर दिए। महिला के माता-पिता पहले ही गुजर चुके हैं, ऐसे में वह दिल्ली में काम कर किसी तरह जीवनयापन कर रही थी। डिलीवरी डेट पूरी होने पर 14 दिसंबर को वह दिल्ली से दरभंगा के लिए ट्रेन से निकली। 14–15 दिसंबर की रात रास्ते में तेज दर्द उठा। गोरखपुर पहुंचते ही रेलवे कर्मियों ने उसकी हालत देखकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने प्रसव कराया। प्रसव के बाद जब नवजात को मां के पास दूध पिलाने के लिए लाया गया, तो उसने साफ इनकार कर दिया। डॉक्टरों के पूछने पर महिला ने पति की बेवफाई, आर्थिक तंगी और सहारे के अभाव का हवाला देते हुए कहा कि वह बच्चे को कैसे पालेगी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने लगातार 48 घंटे तक उसे समझाया। इस दौरान नवजात की हालत नाजुक होने के कारण उसे स्पेशल न्यू बॉर्न यूनिट (SNU) में भर्ती रखा गया और वैकल्पिक फीडिंग की व्यवस्था की गई।आखिरकार मां मानी और लगातार काउंसलिंग के बाद महिला ने बच्चे को अपनाया और दूध पिलाना शुरू किया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार नवजात को सांस लेने में दिक्कत थी, जिसे कृत्रिम ऑक्सीजन देकर संभाला गया। फिलहाल बच्चे का इलाज SNU में जारी है। “दिल्ली से दरभंगा जा रही महिला को रास्ते में प्रसव हुआ। गोरखपुर पहुंचने पर रेलवे कर्मचारियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। प्रसव के बाद महिला ने आर्थिक कारणों और पति द्वारा छोड़े जाने की वजह से बच्चे को लेने से इनकार किया, लेकिन काफी मशक्कत और काउंसलिंग के बाद वह मान गई। बच्चा अभी SNU में भर्ती है और इलाज चल रहा है।”2
- Post by Tk singh Singh1