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- कलान रिश्वत लेते A BSA और शिक्षक गिरफ्तार, शिक्षा विभाग में हड़कंप”1
- माली की 25 साल की महिला ने एक साथ नौ बच्चों को जन्म दिया है. हलिमा सिसे ने मोरक्को के एक अस्पताल में नौ बच्चों को जन्म दिया. माली की सरकार ने उन्हें ख़ास देखभाल के लिए मोरक्को भेजने का इंतज़ाम किया था.1
- *विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल व दुर्गावाहिनी नें बांग्लादेश में हो रही अमानवीय घटनाओं के लिए इस्लामिक जिहाद का पुतला दहन किया।* *पृथक आवाज* शाहजहांपुर। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल व दुर्गावाहिनी नें बांग्लादेश में हो रही अमानवीय घटनाओं के लिए इस्लामिक जिहाद का पुतला दहन किया। प्रांत मंत्री अनुज सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इस्लामी जिहादी गतिविधियां निरंतर बढ़ती जा रहीं हैं और उनके निशाने पर हिंदूओं के मंदिर,व्यावसायिक केंद्र,महिलाएं,संपत्ति,शासकीय कर्मचारी,पत्रकार ही रहते हैं। हिंदू प्रताड़ना की वीभत्स घटनाएं प्रति सप्ताह होती रहती हैं,परंतु गत सप्ताह मेमन सिंह जिले के भालुका में ऐसी घटना हुई है जिसने पूरी मानवता को लज्जित किया है। एक सामान्य हिंदू श्रमिक दीपू दास पर ईशनिंदा का झूंठा आरोप लगाया गया। एक अनौपचारिक बातचीत में दीपू दास ने ईश्वर के एक होने और उसके विभिन्न नाम होने की बात कही,जिसमें कुरान,इस्लाम या अल्लाह का कोई संदर्भ नहीं था। इसे मनमाने ढंग से ईशनिंदा का रूप देकर उसे प्रताड़ित किया गया,जिहादी तत्व यहीं नहीं रुके और एक बड़ी भीड़ ने पीट पीट कर उसकी नृशंस हत्या कर दी। आतंक फैलाने के लक्ष्य से दीपू की मृत देह को पेड़ से लटका कर जलाया और इन सब हिंसक बर्बर घटनाओं के विडियो सोशल मीडिया में तत्काल प्रसारित किए गये,यह सारा घटनाक्रम पुलिस प्रशासन की आंखों के सामने हुआ और उन्होंने इसे रोकने की कोई चेष्टा नहीं की। बांग्लादेश का पूरा प्रशासन और समाज हिंसक और बर्बर इस्लामी जिहादी तत्वों के हिंदू विरोधी नंगे नाच पर मौन साधे हुए है और निष्क्रियता से उन्हें प्रोत्साहित ही कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों के मानवीय अधिकारों का ऐसा खुला हनन किसी भी सभ्य समाज में मानवता के विरुद्ध गंभीर अपराध है। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल ऐसी बर्बर जिहादी हिंसा और प्रशासनिक निष्क्रियता की निन्दा करने,हिंदू विरोधी हिंसा पर रोक लगाने,इनके अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही कर उन्हें सजा देने और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए भय और शोषणमुक्त वातावरण बनाने की मांग करता है। संपूर्ण हिंदू समाज से आवाहन करता है कि बांग्लादेश में इस प्रकार की अमानवीय घटना के विरोध में विरोध प्रदर्शन करें। विरोध प्रदर्शन में महानगर अध्यक्ष अभिनव ओमर,विभाग मंत्री अशनील सिंह,श्री ओम गुप्ता,धर्मेंद्र सिंह,रमेश कोरी,राहुल कनौजिया,प्रीति शुक्ला,सरोज गुप्ता,तारा गुप्ता,आशीष शर्मा,लखन,राधेश्याम अरविंद वर्मा,ऋषभ गुप्ता,कुनाल राठौर,अनुभव गुप्ता,विनय सिंहविजय सिंह,सौरभ राठौर,अमन सिंह,राम लखन,सुरेश वर्मा,सर्वेश सिंह,अजय कश्यप,विकास प्रजापति,अजय वाल्मीकि,राम लखन वर्मा,राकेश वर्मा,अनमोल शर्मा,अजय मिश्रा,चंद्रवीर चौहान,किशन कुमार,गोविंद कुमार,गोपाल प्रजापति सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।1
- फर्रुखाबाद में नगर पालिका की खुली पोल,सही समय पर अलाव ना रखने से आवास विकास तिराहे पर लोगों में नाराजगी लोग जले हुए पुतले पर हाथ सेकने पर मजबूर1
- pneumonia ka gharelu upay1
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में विश्व हिंदू महासंघ का प्रदर्शन।1
- *🟥 #बड़ी खबर | कॉलेज में तिलक लगाने पर छात्र से कथित भेदभाव, परीक्षा फॉर्म रोके जाने का गंभीर आरोप, जिलाधिकारी से शिकायत* _जागो न्यूज हरदोई उ.प्र._ *#हरदोई।* जनपद हरदोई के शाहाबाद क्षेत्र से एक बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा व्यवस्था, धार्मिक स्वतंत्रता और छात्र अधिकारों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बीएड प्रथम सेमेस्टर के एक छात्र ने कॉलेज प्रशासन पर धार्मिक आस्था के आधार पर मानसिक उत्पीड़न, भेदभाव और परीक्षा फॉर्म रोकने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला बी एन डिग्री कॉलेज, शाहाबाद से जुड़ा बताया जा रहा है, जो मान्यवर श्रीकाशीराम लॉ कॉलेज के अंतर्गत संचालित है। पीड़ित छात्र अमित यादव पुत्र रामनरेश, निवासी खेड़ा बीबी जई, तहसील शाहाबाद, जिला हरदोई, ने जिलाधिकारी हरदोई को लिखित प्रार्थना पत्र देकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 📌 क्या है पूरा मामला प्रार्थना पत्र के अनुसार, अमित यादव LLB प्रथम सेमेस्टर का नियमित छात्र है। वह अपने धार्मिक विश्वास के अनुसार माथे पर तिलक लगाकर कॉलेज आता-जाता है। आरोप है कि कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. उमर ने छात्र से आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि, > “यह बी एन डिग्री कॉलेज है, गुरुकुल नहीं, यहां तिलक लगाकर मत आओ।” छात्र का आरोप है कि इसके बाद से ही कॉलेज प्रशासन उससे रंजिश मानने लगा और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगा। सबसे गंभीर आरोप यह है कि छात्र का परीक्षा फॉर्म जानबूझकर नहीं भरवाया गया, जबकि फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2025 थी। 📌 भविष्य पर संकट परीक्षा फॉर्म न भर पाने के कारण छात्र का पूरा शैक्षणिक भविष्य संकट में पड़ गया है, क्योंकि बिना परीक्षा फॉर्म वह परीक्षा में बैठ ही नहीं सकता। छात्र का कहना है कि इस पूरे मामले के बाद वह भारी मानसिक तनाव में है, उसे लगातार अज्ञात नंबरों से फोन आ रहे हैं और डराया-धमकाया जा रहा है। 📌 धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल यह मामला केवल एक छात्र का नहीं, बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) से भी जुड़ा हुआ है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या कोई शैक्षणिक संस्थान किसी छात्र को उसकी धार्मिक पहचान या आस्था के कारण प्रताड़ित कर सकता है? 📌 प्रशासन से मांग पीड़ित छात्र अमित यादव ने जिलाधिकारी हरदोई से मांग की है कि— उसका परीक्षा फॉर्म तत्काल भरवाया जाए, कॉलेज प्रधानाचार्य एवं संबंधित जिम्मेदारों के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर उचित एवं कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी छात्र के साथ ऐसा न हो। 📌 शिक्षा विभाग की भूमिका पर भी सवाल यह प्रकरण शिक्षा विभाग की निगरानी व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह न केवल शैक्षणिक अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि मानवाधिकार और संवैधानिक मूल्यों का भी हनन माना जाएगा। फिलहाल मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर आरोप को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या पीड़ित छात्र को न्याय मिल पाता है या नहीं। *(#संवाददाता आलोक सिंह की खास रिपोर्ट ✍️1
- फर्रुखाबाद में तेज तर्रार यातायात प्रभारी सतेंद्र कुमार सिंह द्वारा चलाया गया चेकिंग अभियान, पुलिस के साथ साथ काटे गए कई चालान1