निर्दलीय नहीं लड़ूंगा, महागठबंधन धर्म का पालन करें": टिकट कटने के बाद छलका दानिश मलिक का दर्द बोले- "जनता को सिंबल चाहिए था, कैंडिडेट नहीं; अब जो आया है, उसका साथ दें," समर्थकों से की हताश न होने की अपील बिहारशरीफ, निज संवाददाता। बिहारशरीफ विधानसभा सीट से राजद के टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे युवा नेता दानिश मलिक ने अंततः अपनी चुप्पी तोड़ दी है। सीट बंटवारे में यह सीट कांग्रेस के खाते में चले जाने के बाद, उन्होंने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता कर स्पष्ट किया कि वे निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपने समर्थकों से 'महागठबंधन धर्म' का पालन करने की अपील की। "जनता को सिंबल चाहिए था, दानिश मलिक नहीं" भावुक होते हुए दानिश मलिक ने कहा, "जब हम नगर निगम का चुनाव जीतने के बाद आपके बीच आते थे, तो आप सब यही कहते थे कि राजद का सिंबल लेकर आइएगा, तभी हम साथ देंगे। आपको कैंडिडेट नहीं, सिंबल चाहिए था। अब जब सिंबल आ गया है, तो उसका सम्मान करें।" उन्होंने सोशल मीडिया पर आक्रोश दिखा रहे समर्थकों से कहा कि अब इसका कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा, "रात में 2 बजे तक लोग मेरे घर पर जमा होकर निर्दलीय लड़ने का दबाव बनाते रहे, लेकिन यह संभव नहीं है। मैंने वादा किया था कि जिस पार्टी में जाऊंगा, अंत तक उसी में रहूंगा। मैं सेकुलर ताकतों को तोड़कर चुनाव नहीं लड़ सकता।" "हताश न हों, ढाई साल अभी हम हैं" उन्होंने अपने समर्थकों, विशेषकर रहुई प्रखंड की रोती हुई माताओं-बहनों को संदेश देते हुए कहा, "हताश होने की कोई जरूरत नहीं है। ठीक है, सत्ता मिलने से काम आसान हो जाता, लेकिन अभी भी नगर निगम में हमारा ढाई साल का कार्यकाल बाकी है। दानिश मलिक का दरवाजा आपके लिए हमेशा खुला है।" महागठबंधन की देरी पर उठाए सवाल उन्होंने इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे में हुई अत्यधिक देरी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "जो काम 15-20 दिन पहले होना चाहिए था, वह इतना लेट हुआ कि जनता का उत्साह ही खत्म हो गया। यह कहीं न कहीं महागठबंधन को कमजोर करेगा।" अंत में, उन्होंने सभी से अपना वोट बर्बाद न करने और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लक्ष्य के साथ महागठबंधन के प्रत्याशी का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा, "मेहनत करना हमारे हाथ में था, जो हमने किया। टिकट मिलना या न मिलना हमारे हाथ में नहीं है।" इस घोषणा के साथ ही उन्होंने बिहारशरीफ सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उनके उतरने की सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।
निर्दलीय नहीं लड़ूंगा, महागठबंधन धर्म का पालन करें": टिकट कटने के बाद छलका दानिश मलिक का दर्द बोले- "जनता को सिंबल चाहिए था, कैंडिडेट नहीं; अब जो आया है, उसका साथ दें," समर्थकों से की हताश न होने की अपील बिहारशरीफ, निज संवाददाता। बिहारशरीफ विधानसभा सीट से राजद के टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे युवा नेता दानिश मलिक ने अंततः अपनी चुप्पी तोड़ दी है। सीट बंटवारे में यह सीट कांग्रेस के खाते में चले जाने के बाद, उन्होंने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता कर स्पष्ट किया कि वे निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपने समर्थकों से 'महागठबंधन धर्म' का पालन करने की
अपील की। "जनता को सिंबल चाहिए था, दानिश मलिक नहीं" भावुक होते हुए दानिश मलिक ने कहा, "जब हम नगर निगम का चुनाव जीतने के बाद आपके बीच आते थे, तो आप सब यही कहते थे कि राजद का सिंबल लेकर आइएगा, तभी हम साथ देंगे। आपको कैंडिडेट नहीं, सिंबल चाहिए था। अब जब सिंबल आ गया है, तो उसका सम्मान करें।" उन्होंने सोशल मीडिया पर आक्रोश दिखा रहे समर्थकों से कहा कि अब इसका कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा, "रात में 2 बजे तक लोग मेरे घर पर जमा होकर निर्दलीय लड़ने का दबाव बनाते रहे, लेकिन यह संभव नहीं है। मैंने वादा
किया था कि जिस पार्टी में जाऊंगा, अंत तक उसी में रहूंगा। मैं सेकुलर ताकतों को तोड़कर चुनाव नहीं लड़ सकता।" "हताश न हों, ढाई साल अभी हम हैं" उन्होंने अपने समर्थकों, विशेषकर रहुई प्रखंड की रोती हुई माताओं-बहनों को संदेश देते हुए कहा, "हताश होने की कोई जरूरत नहीं है। ठीक है, सत्ता मिलने से काम आसान हो जाता, लेकिन अभी भी नगर निगम में हमारा ढाई साल का कार्यकाल बाकी है। दानिश मलिक का दरवाजा आपके लिए हमेशा खुला है।" महागठबंधन की देरी पर उठाए सवाल उन्होंने इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे में हुई अत्यधिक देरी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "जो काम
15-20 दिन पहले होना चाहिए था, वह इतना लेट हुआ कि जनता का उत्साह ही खत्म हो गया। यह कहीं न कहीं महागठबंधन को कमजोर करेगा।" अंत में, उन्होंने सभी से अपना वोट बर्बाद न करने और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लक्ष्य के साथ महागठबंधन के प्रत्याशी का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा, "मेहनत करना हमारे हाथ में था, जो हमने किया। टिकट मिलना या न मिलना हमारे हाथ में नहीं है।" इस घोषणा के साथ ही उन्होंने बिहारशरीफ सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उनके उतरने की सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।
- Rohit RajBihar Sharif, Nalanda😤on 17 October
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