परिवार नियोजन में पुरुषों की भूमिका बढ़ाने को पखवाड़ा • प्रदेश में आज से शुरू होगा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा • पखवाड़े की थीम है ‘आज ही शुरुआत करें, पति-पत्नी मिलकर परिवार नियोजन की बात करें’ लखनऊ, 20 नवम्बर 2024 परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में गुरुवार से पुरूष नसबंदी (एनएसवी) पखवाड़ा आयोजित होगा। यह पखवाड़ा चार दिसंबर तक चलेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डा. पिंकी जोवेल ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं। पत्र के अनुसार पखवाड़े का पहला चरण-मोबिलाइजेशन चरण 21 से 27 नवंबर तक चलेगा, जिसमें जागरूकता अभियान और पुरुषों को नसबंदी के प्रति प्रोत्साहित करने की गतिविधियाँ आयोजित होंगी। दूसरा चरण 28 नवंबर से चार दिसंबर तक चलेगा, जिसमें स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क एनएसवी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी जिससे इच्छुक पुरुष इस प्रक्रिया का लाभ उठा सकें। डॉ पिंकी जोवेल ने बताया कि इस पखवाड़े का उद्देश्य पुरुषों के लिए नसबंदी को सुरक्षित, प्रभावी और स्थाई परिवार नियोजन के विकल्प के रूप में बढ़ावा देना है। परिवार नियोजन केवल महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है, पुरुषों को भी आगे आते हुए परिवार नियोजन में भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। महिला और पुरुष एक गाड़ी के दो पहिए हैं। यही इस पखवाड़े की थीम भी है - ‘आज ही शुरुआत करें, पति-पत्नी मिलकर परिवार नियोजन की बात करें।’ महाप्रबंधक, परिवार नियोजन सूर्यांशु ओझा ने बताया कि पुरुष नसबंदी न केवल सुरक्षित और स्थाई विकल्प है, बल्कि यह परिवार की खुशहाली को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग के आंकड़ों के अनुसार साल 2022-23 में जहाँ 2,968 पुरुषों ने नसबंदी अपनाई थी वहीं साल 2023-24 में 3834 पुरुषों ने इसको अपनाया है | यह 29 फीसदी की बढ़त विभाग द्वारा किया जा रहे प्रयासों का ही परिणाम है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़े में जहाँ पुरुषों को नसबंदी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा वहीं इस प्रक्रिया से जुड़े मिथकों को भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को इस अभियान में सक्रिय सहयोग देने का आह्वान भी किया। इस पखवाड़े के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्थलों पर जागरूकता शिविर, व्यक्तिगत परामर्श सत्र और प्रचार सामग्री का वितरण कर जन-जागरूकता का प्रसार किया जाएगा। साथ ही सास बहू बेटा सम्मलेन व मिस्टर स्मार्ट सम्मलेन जैसी गतिविधियों का आयोजन व सारथी वाहन के माध्यम से पुरुष नसबंदी के बारे में जानकारी दी जाएगी। पुरूष नसबंदी है सबसे आसान यह प्रक्रिया पूरी तरह से चीरे और टांके से मुक्त होती है, जिससे किसी भी प्रकार की जटिलता का खतरा नहीं रहता। इसके बाद व्यक्ति जल्द ही सामान्य दिनचर्या में लौट सकता है, जिससे इसे सुरक्षित और सुविधाजनक विधि माना जाता है। इस विधि से पुरुष परिवार नियोजन में स्थाई योगदान दे सकते हैं, जिससे उनके परिवार की स्थिरता और समृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा। https://shuru.page.link/wi8pxN4uJFprKVSF7
परिवार नियोजन में पुरुषों की भूमिका बढ़ाने को पखवाड़ा • प्रदेश में आज से शुरू होगा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा • पखवाड़े की थीम है ‘आज ही शुरुआत करें, पति-पत्नी मिलकर परिवार नियोजन की बात करें’ लखनऊ, 20 नवम्बर 2024 परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में गुरुवार से पुरूष नसबंदी (एनएसवी) पखवाड़ा आयोजित होगा। यह पखवाड़ा चार दिसंबर तक चलेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डा. पिंकी जोवेल ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं। पत्र के अनुसार पखवाड़े का पहला चरण-मोबिलाइजेशन चरण 21 से 27 नवंबर तक चलेगा, जिसमें जागरूकता अभियान और पुरुषों को नसबंदी के प्रति प्रोत्साहित करने की गतिविधियाँ आयोजित होंगी। दूसरा चरण 28 नवंबर से चार दिसंबर तक चलेगा, जिसमें स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क एनएसवी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी जिससे इच्छुक पुरुष इस प्रक्रिया का लाभ उठा सकें। डॉ पिंकी जोवेल ने बताया कि इस पखवाड़े का उद्देश्य पुरुषों के लिए नसबंदी को सुरक्षित, प्रभावी और स्थाई परिवार नियोजन के विकल्प के रूप में बढ़ावा देना है। परिवार नियोजन केवल महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है, पुरुषों को भी आगे आते हुए परिवार नियोजन में भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। महिला और पुरुष एक गाड़ी के दो पहिए हैं। यही इस पखवाड़े की थीम भी है - ‘आज ही शुरुआत करें, पति-पत्नी मिलकर परिवार नियोजन की बात करें।’ महाप्रबंधक, परिवार नियोजन सूर्यांशु ओझा ने बताया कि पुरुष नसबंदी न केवल सुरक्षित और स्थाई विकल्प है, बल्कि यह परिवार की खुशहाली को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग के आंकड़ों के अनुसार साल 2022-23 में जहाँ 2,968 पुरुषों ने नसबंदी अपनाई थी वहीं साल 2023-24 में 3834 पुरुषों ने इसको अपनाया है | यह 29 फीसदी की बढ़त विभाग द्वारा किया जा रहे प्रयासों का ही परिणाम है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़े में जहाँ पुरुषों को नसबंदी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा वहीं इस प्रक्रिया से जुड़े मिथकों को भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को इस अभियान में सक्रिय सहयोग देने का आह्वान भी किया। इस पखवाड़े के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्थलों पर जागरूकता शिविर, व्यक्तिगत परामर्श सत्र और प्रचार सामग्री का वितरण कर जन-जागरूकता का प्रसार किया जाएगा। साथ ही सास बहू बेटा सम्मलेन व मिस्टर स्मार्ट सम्मलेन जैसी गतिविधियों का आयोजन व सारथी वाहन के माध्यम से पुरुष नसबंदी के बारे में जानकारी दी जाएगी। पुरूष नसबंदी है सबसे आसान यह प्रक्रिया पूरी तरह से चीरे और टांके से मुक्त होती है, जिससे किसी भी प्रकार की जटिलता का खतरा नहीं रहता। इसके बाद व्यक्ति जल्द ही सामान्य दिनचर्या में लौट सकता है, जिससे इसे सुरक्षित और सुविधाजनक विधि माना जाता है। इस विधि से पुरुष परिवार नियोजन में स्थाई योगदान दे सकते हैं, जिससे उनके परिवार की स्थिरता और समृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा। https://shuru.page.link/wi8pxN4uJFprKVSF7
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