Shuru
Apke Nagar Ki App…
फिलिस्तीन 💔 गाजा #Gaza घेराबंदी और दवाओं की कमी के कारण #Palestinian बच्चा यामेन गंभीर कुपोषण से पीड़ित है, और उसका परिवार उसकी जान बचाने, उपचार उपलब्ध कराने और तत्काल सहायता प्रदान करने की गुहार लगा रहा है।
MAKKI TV NEWS
फिलिस्तीन 💔 गाजा #Gaza घेराबंदी और दवाओं की कमी के कारण #Palestinian बच्चा यामेन गंभीर कुपोषण से पीड़ित है, और उसका परिवार उसकी जान बचाने, उपचार उपलब्ध कराने और तत्काल सहायता प्रदान करने की गुहार लगा रहा है।
More news from Nagaur and nearby areas
- मेड़ता की सुबह बनी ‘सफेद चादर’, शहर दिखा धुंध में गुम1
- रोहित शर्मा के फैन दीपक पटेल का स्पेशल इंटरव्यू, भारत के सभी मैचों का देखने का खर्चा उठाते है रोहित शर्मा1
- ac repairing course in jaipur Rajasthan call 99820554490#hkitjaipur @hkitjaipur1
- किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं1
- Jain Sahab8
- बांग्लादेश को मारपीट2
- रोहित शर्मा ने सवाई मानसिंह स्टेडियम जयपुर में विजय हजारे ट्रॉफी में लगाया शतक1
- Post by प्रभुरामचौधरीबिजोवा1
- न्यायालय का बड़ा फैसला: कृषि भूमि के दो बेचाननामा रद्द, नामांतरण प्रक्रिया पर उठे सवाल बाली ।पाली (जमाल खान)। समीपवर्ती बाली में वरिष्ठ सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय ने कृषि भूमि से जुड़े दो बेचाननामों को विधि विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिया है। न्यायालय ने साथ ही निषेधाज्ञा जारी कर अप्रार्थी को भूमि में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी से पाबंद किया है। अधिवक्ता भरत जे. राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि पाली जिले के बाली उपखंड के ग्राम दादाई स्थित राजस्व खातेदारी कृषि भूमि के मामले में वरिष्ठ सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट मदनलाल बालोटिया ने संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किया। प्रकरण में दीपा की मृत्यु के बाद नामांतरण संख्या 872 के तहत उनके वारिसान—ओटाराम व अन्य—के नाम भूमि दर्ज की गई थी। इसके पश्चात ओटाराम ने उक्त भूमि का बेचान करण कुमार के पक्ष में किया, और बाद में करण कुमार ने वही भूमि पुनः ओटाराम की पुत्रवधू अंशी देवी के नाम बेचान कर दी। न्यायालय ने इन दोनों बेचाननामों को विधि विरुद्ध ठहराते हुए निरस्त कर दिया। साथ ही निरस्तीकरण की सूचना उप पंजीयक बाली एवं देसूरी न्यायालय के माध्यम से संबंधित उप पंजीयक कार्यालयों को भिजवाई गई है। न्यायाधीश ने आदेश में यह भी निर्देश दिए हैं कि दोनों निरस्त दस्तावेजों पर लाल स्याही से स्पष्ट टिप्पणी अंकित की जाए, जिससे यह दर्ज रहे कि उक्त दस्तावेज न्यायालय द्वारा रद्द किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने निषेधाज्ञा जारी करते हुए स्वर्गीय भूरिया के वारिसान की कृषि भूमि में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी नहीं करने का आदेश दिया है। प्रकरण में नामांतरण दर्ज करने में राजस्व विभाग की कथित जल्दबाजी और कर्मचारियों की लापरवाही पर भी सवाल उठे हैं, जिसके चलते न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा। अब इस मामले में संबंधित राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध उपखंड एवं जिला स्तरीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई की जाएगी या नहीं, यह भविष्य में तय होगा।1