*बनारस के बिजलिकर्मियो ने उ0प्र0 में सम्पूर्ण ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की तैयारी के विरोध में प्रान्त भर की भांति व्यापक विरोध प्रदर्शन कर व्यक्त किया आक्रोश* *निजीकरण और उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों के वापस होने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प* *वाराणासी-09सितम्बर* विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के लगातार 286 वें दिन आज बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों , जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं की भांति बनारस में भी जोरदार विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। बिजली कर्मियों ने संकल्प लिया कि जब तक निजीकरण का निर्णय निरस्त नहीं किया जाता और समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस नहीं ली जाती संघर्ष जारी रहेगा। वक्ताओ ने आरोप लगाया है कि यद्यपि अभी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की बात खुलकर की जा रही है किंतु वस्तुत: प्रदेश सरकार संपूर्ण ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण करने की तैयारी कर रही है। संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने आज यहां कहा कि 220 केवी और इससे अधिक क्षमता के विद्युत उपकेंद्रों और लाइनों का कार्य टी बी सी बी प्रक्रिया के तहत देने का निर्णय वस्तुतः पूरे ट्रांसमिशन सेक्टर के निजीकरण का राजमार्ग है। 100 करोड रुपए की लागत से अधिक की ट्रांसमिशन परियोजनाओं पहले ही टी बी सी बी प्रक्रिया के तहत निजी घरानों को दी जा रही हैं। उत्पादन के क्षेत्र में जहां उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग लगभग 31000 मेगावॉट है वहां उत्तर प्रदेश का सरकारी क्षेत्र का कुल उत्पादन इसका पांचवा हिस्सा लगभग 6000 मेगावॉट है। प्रदेश में नई बिजली परियोजनाएं बड़े पैमाने पर निजी घरानों को पहले ही दी जा चुकी है। अब प्रदेश के सबसे बड़े आनपारा और ओबरा ताप बिजली घर के एक्सटेंशन प्रोजेक्ट को ज्वाइंट वेंचर में मेजा थर्मल प्राइवेट को देना उत्पादन निगम के समाप्ति की तैयारी है। संघर्ष समिति के केन्द्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि शीर्ष प्रबन्धन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है और साढ़े नौ माह से निजीकरण न कर पाने के कारण हताश प्रबंधन बिजली कर्मियों का लगातार उत्पीड़न कर रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि उत्पीड़न का उद्देश्य बिजली कर्मियों का मनोबल तोड़ना है किंतु बिजली कर्मी किसी कीमत पर निजीकरण स्वीकार नहीं करेंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि उत्पीड़न की कार्यवाहियां मुख्यतया निम्नवत हैं। फेशियल अटेंडेंस के नाम पर लगभग लगभग 10 हजार बिजली कर्मचारियों का लगातार चौथे माह भी वेतन नहीं दिया गया है। कार्य करने के बाद भी फेशियल अटेंडेंस जैसे विवादास्पद तकनीकी बिंदु को लेकर वेतन रोकना घोर निंदनीय है। सितंबर अक्टूबर का महीना हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों का महीना है। ऐसे में वेतन को रोक रखना उत्पीड़न की पराकाष्ठा है। संघर्ष समिति की मांग है कि निजीकरण के नाम पर 55 साल की उम्र और डाउन साइजिंग के नाम पर हटाये गये सभी संविदा कर्मी बहाल किये जाय। उत्पीड़न की दृष्टि से बिजली कर्मियों के किये गये सभी ट्रांसफर निरस्त किये जाय। उत्पीड़न के नाम पर स्टेट विजिलेंस की जांच कराकर शीर्ष पदाधिकारियों के विरुद्ध की गई फर्जी एफ आई आर वापस ली जाए। रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने की दृष्टि से धमकी देकर जोर जबरदस्ती से स्मार्ट मीटर लगाने की कार्यवाही तत्काल बन्द की जाय। सभा को सर्वश्री ई0मायाशंकर तिवारी,अंकुर पाण्डेय, ई0एस0के0सिंह,ई0नीरज बिंद, प्रवीण कुमार,अरविंद कौशनन्दन,अनुराग मौर्य,देवेंद्र सिंह, धर्मेन्द्र यादव,एस0के0सरोज,रंजीत कुमार, सुशांत गौतम, योगेंद्र कुमार,मनोज यादव,कृपाल सिंह, नन्हेलाल,विशाल कुमार, आदि ने संबोधित किया।
*बनारस के बिजलिकर्मियो ने उ0प्र0 में सम्पूर्ण ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की तैयारी के विरोध में प्रान्त भर की भांति व्यापक विरोध प्रदर्शन कर व्यक्त किया आक्रोश* *निजीकरण और उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों के वापस होने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प* *वाराणासी-09सितम्बर* विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के लगातार 286 वें दिन आज बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों , जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं की भांति बनारस में भी जोरदार विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। बिजली कर्मियों ने संकल्प लिया कि जब तक निजीकरण का निर्णय निरस्त नहीं किया जाता और समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस नहीं ली जाती संघर्ष जारी रहेगा। वक्ताओ ने आरोप लगाया है कि यद्यपि अभी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की बात खुलकर की जा रही है किंतु वस्तुत: प्रदेश सरकार संपूर्ण ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण करने की तैयारी कर रही है। संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने आज यहां कहा कि 220 केवी और इससे अधिक क्षमता के विद्युत उपकेंद्रों और लाइनों का कार्य टी बी सी बी प्रक्रिया के तहत देने का निर्णय वस्तुतः पूरे ट्रांसमिशन सेक्टर के निजीकरण का राजमार्ग है। 100 करोड रुपए की लागत से अधिक की ट्रांसमिशन परियोजनाओं पहले ही टी बी सी बी प्रक्रिया के तहत निजी घरानों को दी जा रही हैं। उत्पादन के क्षेत्र में जहां उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग लगभग 31000 मेगावॉट है वहां उत्तर प्रदेश का सरकारी क्षेत्र का कुल उत्पादन इसका पांचवा हिस्सा लगभग 6000 मेगावॉट है। प्रदेश में नई बिजली परियोजनाएं बड़े पैमाने पर निजी घरानों को पहले ही दी जा चुकी है। अब प्रदेश के सबसे बड़े आनपारा और ओबरा ताप बिजली घर के एक्सटेंशन प्रोजेक्ट को ज्वाइंट वेंचर में मेजा थर्मल प्राइवेट को देना उत्पादन निगम के समाप्ति की तैयारी है। संघर्ष समिति के केन्द्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि शीर्ष प्रबन्धन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है और साढ़े नौ माह से निजीकरण न कर पाने के कारण हताश प्रबंधन बिजली कर्मियों का लगातार उत्पीड़न कर रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि उत्पीड़न का उद्देश्य बिजली कर्मियों का मनोबल तोड़ना है किंतु बिजली कर्मी किसी कीमत पर निजीकरण स्वीकार नहीं करेंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि उत्पीड़न की कार्यवाहियां मुख्यतया निम्नवत हैं। फेशियल अटेंडेंस के नाम पर लगभग लगभग 10 हजार बिजली कर्मचारियों का लगातार चौथे माह भी वेतन नहीं दिया गया है। कार्य करने के बाद भी फेशियल अटेंडेंस जैसे विवादास्पद तकनीकी बिंदु को लेकर वेतन रोकना घोर निंदनीय है। सितंबर अक्टूबर का महीना हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों का महीना है। ऐसे में वेतन को रोक रखना उत्पीड़न की पराकाष्ठा है। संघर्ष समिति की मांग है कि निजीकरण के नाम पर 55 साल की उम्र और डाउन साइजिंग के नाम पर हटाये गये सभी संविदा कर्मी बहाल किये जाय। उत्पीड़न की दृष्टि से बिजली कर्मियों के किये गये सभी ट्रांसफर निरस्त किये जाय। उत्पीड़न के नाम पर स्टेट विजिलेंस की जांच कराकर शीर्ष पदाधिकारियों के विरुद्ध की गई फर्जी एफ आई आर वापस ली जाए। रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने की दृष्टि से धमकी देकर जोर जबरदस्ती से स्मार्ट मीटर लगाने की कार्यवाही तत्काल बन्द की जाय। सभा को सर्वश्री ई0मायाशंकर तिवारी,अंकुर पाण्डेय, ई0एस0के0सिंह,ई0नीरज बिंद, प्रवीण कुमार,अरविंद कौशनन्दन,अनुराग मौर्य,देवेंद्र सिंह, धर्मेन्द्र यादव,एस0के0सरोज,रंजीत कुमार, सुशांत गौतम, योगेंद्र कुमार,मनोज यादव,कृपाल सिंह, नन्हेलाल,विशाल कुमार, आदि ने संबोधित किया।
- केड़वरिया त्रिमुहानी पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज2
- Post by Sarvar Ali2
- उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रयागराज पहुंचे जहां वे कल वंदे मातरम् 150 साल पूर्ण होने के कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। आज केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज पहुंचे जहां उन्होंने उन्होंने मीडिया से बात करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष को कठपुतली और अमित शाह पर की गई टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानसिक संतुलन पूरी तरीके से बिगड़ चुका है और उनके नेता पूरी तरीके से अपना दिमागी संतुलन खो चुके हैं जिसके कारण उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद की गरिमा समझ में नहीं आती। उनकी सोच और उनकी समझ दोनों काफी गंदी है जिसकी वजह से वह अपने निर्णय पूरी तरीके से नहीं ले पाती। हमारा जो मंडल अध्यक्ष है वह उससे ज्यादा समझदार और काबिल है। क्योंकि हम एक संगठन के रूप में काम करते हैं इसलिए हमारे पार्टी में एक सदस्य भी देश के विकास का काम करती है ना कि उनकी तरह सब कुछ समाप्त करने में जुटी हुई है। अखिलेश यादव द्वारा लोक सेवा आयोग के सामने हो रहा है प्रदर्शन को लेकर किए गए ट्वीट पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है और यहां पर किसी भी युवा को बेरोजगार नहीं रखा जाएगा चाहे वह नौकरी करें या वह अपना उधम करें उनको पूरी तरीके से सहायता मिलेगी और उनको अपने रोजगार सहित जिसमें क्षेत्र में जाना चाहता है उसे पूरी सहूलियत प्रदान होगी क्योंकि यह एक और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात की जा रही है वहीं दूसरी ओर हमारे प्रदेश अध्यक्ष भी काफी समझदार है और सात बार सांसद रह चुके हैं तो उनको इस बात का इल्म है कि किस प्रकार युवाओं का विकास किया जाना चाहिए। वाराणसी के बहुत चर्चित कफ सिरप मामले में अखिलेश यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जहां जहर भरी दवाई है वहां भाजपाई है इसपर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि अगर यह सपा की सरकार होती तो अभी तक उसे बचाने और पूरे मामले को दबाने का काम समाजवादी पार्टी की सरकार कर चुकी होती। यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और हमारे यहां पर किसी भी तरीके से किसी भी अपराध पर समर्थन नहीं किया जाता है । इसके लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार कटिबंध है और जल्दी इस पूरे मामले पर सभी देशों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बाइट केशव प्रसाद मौर्य उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार3
- Saphala Ekadashi 2025 | सफला एकादशी 2025 | #Khatu #khatushyam #saphalaekadashi #khatushyamji #PrayagrajDekho1
- Post by @PappuKumar-ky6qb you tube my channel1
- बाहुबली पूर्व ब्लाक प्रमुख माफिया अजय सिंह सिपाही से खास इंटरव्यू (ट्रेलर ) - बाबा के खौफ से थरथर कांप रहा है माफिया कुनबा - - अजय सिंह सिपाही (पूरा इंटरव्यू देखिए अगले 4 एपिसोड में ) #ambedkarnagar_news1
- *दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गाजियाबाद में नकली दवाओं की एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो आरोपियों गौरव भगत और श्रीराम उर्फ विशाल गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है।* जांच में सामने आया है कि स्किन रोगों में इस्तेमाल होने वाली बेटनोबेट जैसी क्रीम भी नकली तरीके से तैयार की जा रही थी। कार्रवाई के दौरान करीब 2.30 करोड़ रुपये मूल्य का नकली दवा और कच्चा माल जब्त किया गया है। आरोपियों के नेटवर्क से उत्तर भारत के कई राज्यों में इन नकली दवाओं की सप्लाई की जा रही थी। मामले में आगे की जांच जारी है।1
- शिक्षा अपना अधिकार1
- Post by Sarvar Ali2