पुरंदर मिश्रा जी ने कहा, "उत्कल दिवस पर हम उड़ीसा की संस्कृति और इतिहास को सलाम करते हैं!" उत्कल दिवस 1 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसे ओडिशा दिवस के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन ओडिशा की संस्कृति और इतिहास के जश्न का दिन है। इस दिन 1936 में बिहार और उड़ीसा प्रांत से अलग होकर ओडिशा राज्य का गठन हुआ था। उत्कल दिवस का महत्व ओडिशा के लोगों की एकता और गौरव की भावना को मजबूत करने में है। यह दिन ओडिशा के लोगों द्वारा एक अलग राज्य के लिए किए गए संघर्ष और बलिदान को याद करने का भी एक अवसर है। इस वर्ष उत्कल दिवस मधुसुदन चौक में उत्कल गौरव डॉ. मधु बाबु के प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, संगठन महामंत्री पवन साय, सांसद बृजमोहन अग्रवाल विधायक राजेश मुणत, मोतिलाल साहू, सुनील सोनी, महापौर मिनल चौबे सहित संगठन के पदाधीकारी निगम के समस्त पार्षदगण उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न होगा।
पुरंदर मिश्रा जी ने कहा, "उत्कल दिवस पर हम उड़ीसा की संस्कृति और इतिहास को सलाम करते हैं!" उत्कल दिवस 1 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसे ओडिशा दिवस के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन ओडिशा की संस्कृति और इतिहास के जश्न का दिन है। इस दिन 1936 में बिहार और उड़ीसा प्रांत से अलग होकर ओडिशा राज्य का गठन हुआ था। उत्कल दिवस का महत्व ओडिशा के लोगों की एकता और गौरव की भावना को मजबूत करने में है। यह दिन ओडिशा के लोगों द्वारा एक अलग राज्य के लिए किए गए संघर्ष और बलिदान को याद करने का भी एक अवसर है। इस वर्ष उत्कल दिवस मधुसुदन चौक में उत्कल गौरव डॉ. मधु बाबु के प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, संगठन महामंत्री पवन साय, सांसद बृजमोहन अग्रवाल विधायक राजेश मुणत, मोतिलाल साहू, सुनील सोनी, महापौर मिनल चौबे सहित संगठन के पदाधीकारी निगम के समस्त पार्षदगण उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न होगा।