आभास शर्मा बलौदाबाजार (जिला प्रमुख) *ब्राह्मण समाज पर कलंक बना अजय तिवारी — प्रशासन की चुप्पी ने बढ़ाई नाराज़गी* *न्याय की उम्मीद में पुलिस अधीक्षक तक बात पहुंचाई थी, परंतु परिणाम शून्य रहा।* *“जब कानून चुप हो जाए, तब अपराध बोलने लगता है।”* *क्या अब पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह गई है?* बलौदाबाजार। जिले में अजय तिवारी उर्फ बिल्लू का नाम एक बार फिर चर्चा में है। मांसाहार और जुए के समर्थन में उसके खुलेआम बयानों और गतिविधियों ने समाज में गहरा रोष उत्पन्न कर दिया है। समाज के बुद्धिजीवी और नागरिक यह सवाल उठाने लगे हैं कि क्या कानून अब ऐसे लोगों का सहयोगी बन चुका है, जो खुलेआम सामाजिक और धार्मिक मर्यादाओं का अपमान करते हैं? *स्थानीय पत्रकार ने भावुक होते हुए कहा* — “चाहता तो मैं भी ब्राह्मण हूँ, चोरी-छिपे खा सकता था और बन जाता मांसाहारी। पर मैंने अपनी गरिमा और अपनी ब्राह्मण जाति को शर्मशार नहीं किया। मैं यह कहकर खुद को नहीं बचा सकता कि ‘सब तो खाते हैं, मैं खाऊँगा तो क्या दिक्कत है।’ धर्म और संस्कृति की मर्यादा मेरे लिए केवल शब्द नहीं, आस्था है।” पत्रकार की इस पीड़ा ने न केवल समाज का ध्यान खींचा है, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। आरोप है कि अजय तिवारी (बिल्लू) जैसे व्यक्ति को कानून और प्रशासन का मौन सहयोग प्राप्त है — तभी तो शिकायतों और विरोधों के बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की निष्क्रियता का प्रतीक है। *अब सवाल उठता है:* *और क्या पत्रकारों की आवाज़ अब डर और दमन के साए में दबाई जा रही है*? अफसोस की बात यह है कि प्रशासन की चुप्पी इस पूरे मामले को और ज्यादा संदिग्ध बना रही है। समाज के सजग लोग कह रहे हैं कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह मुद्दा जीवित रहेगा — क्योंकि यह केवल एक व्यक्ति का नहीं, पूरे समाज की गरिमा का प्रश्न है। *पत्रकार ने दी पुलिस अधीक्षक को पूरी जानकारी, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई — सवालों के घेरे में पुलिस की निष्क्रियता* बलौदाबाजार। पत्रकार पर हुए हमले और धमकी के मामले में अब पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। पीड़ित पत्रकार ने आरोपी अजय तिवारी के खिलाफ पूरी घटना का ब्यौरा पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता को विस्तारपूर्वक संदेश के माध्यम से भेजा था। संदेश में घटना के सभी पहलुओं, आरोपी के व्यवहार, धमकी, और पहले से चल रहे विवादों की पूरी जानकारी दी गई थी। साथ ही, निष्पक्ष जांच और आरोपी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का आग्रह भी किया गया था।लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतने स्पष्ट तथ्यों और शिकायत के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस रवैये से आम जनता और पत्रकार समाज में गहरी नाराजगी है। पत्रकार का कहना है कि यदि एक पत्रकार, जो समाज की सच्चाई जनता तक पहुँचाने का कार्य करता है, उसे ही सुरक्षा नहीं मिल पा रही, तो आम नागरिक की सुरक्षा की स्थिति का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।पीड़ित पत्रकार ने बताया कि अजय तिवारी पहले भी विवादों में घिरा रहा है और उसके द्वारा लगातार मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना दी जा रही है। इसके बावजूद प्रशासन का मौन रहना कई प्रश्न खड़े करता है। उन्होंने कहा कि “मैंने न्याय की उम्मीद में पुलिस अधीक्षक तक बात पहुंचाई थी, परंतु परिणाम शून्य रहा। यहां आम जनता सुरक्षित नहीं, तो पत्रकार की क्या अहमियत रह गई है।” *पत्रकारो पर कई हमले* पत्रकारों पर हो रहे हमले, धमकियां और झूठे आरोप लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा आघात हैं। ऐसे मामलों में प्रशासन की चुप्पी लोकतंत्र के लिए चिंताजनक संकेत है। जनता और पत्रकार समुदाय ने शासन और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर आरोपी अजय तिवारी के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि पत्रकारों और आम नागरिकों को न्याय मिल सके और कानून पर उनका विश्वास बरकरार रहे।
आभास शर्मा बलौदाबाजार (जिला प्रमुख) *ब्राह्मण समाज पर कलंक बना अजय तिवारी — प्रशासन की चुप्पी ने बढ़ाई नाराज़गी* *न्याय की उम्मीद में पुलिस अधीक्षक तक बात पहुंचाई थी, परंतु परिणाम शून्य रहा।* *“जब कानून चुप हो जाए, तब अपराध बोलने लगता है।”* *क्या अब पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह गई है?* बलौदाबाजार। जिले में अजय तिवारी उर्फ बिल्लू का नाम एक बार फिर चर्चा में है। मांसाहार और जुए के समर्थन में उसके खुलेआम बयानों और गतिविधियों ने समाज में गहरा रोष उत्पन्न कर दिया है। समाज के बुद्धिजीवी और नागरिक यह सवाल उठाने लगे हैं कि क्या कानून अब ऐसे लोगों का सहयोगी बन चुका है, जो खुलेआम सामाजिक और धार्मिक मर्यादाओं का अपमान करते हैं? *स्थानीय पत्रकार ने भावुक होते हुए कहा* — “चाहता तो मैं भी ब्राह्मण हूँ, चोरी-छिपे खा सकता था और बन जाता मांसाहारी। पर मैंने अपनी गरिमा और अपनी ब्राह्मण जाति को शर्मशार नहीं किया। मैं यह कहकर खुद को नहीं बचा सकता कि ‘सब तो खाते हैं, मैं खाऊँगा तो क्या दिक्कत है।’ धर्म और संस्कृति की मर्यादा मेरे लिए केवल शब्द नहीं, आस्था है।” पत्रकार की इस पीड़ा ने न केवल समाज का ध्यान खींचा है, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। आरोप है कि अजय तिवारी (बिल्लू) जैसे व्यक्ति को कानून और प्रशासन का मौन सहयोग प्राप्त है — तभी तो शिकायतों और विरोधों के बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की निष्क्रियता का प्रतीक है। *अब सवाल उठता है:* *और क्या पत्रकारों की आवाज़ अब डर और दमन के साए में दबाई जा रही है*? अफसोस की बात यह है कि प्रशासन की चुप्पी इस पूरे मामले को और ज्यादा संदिग्ध बना रही है। समाज के सजग लोग कह रहे हैं कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह मुद्दा जीवित रहेगा — क्योंकि यह केवल एक व्यक्ति का नहीं, पूरे समाज की गरिमा का प्रश्न है। *पत्रकार ने दी पुलिस अधीक्षक को पूरी जानकारी, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई — सवालों के घेरे में पुलिस की निष्क्रियता* बलौदाबाजार। पत्रकार पर हुए हमले और धमकी के मामले में अब पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। पीड़ित पत्रकार ने आरोपी अजय तिवारी के खिलाफ पूरी घटना का ब्यौरा पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता को विस्तारपूर्वक संदेश के माध्यम से भेजा था। संदेश में घटना के सभी पहलुओं, आरोपी के व्यवहार, धमकी, और पहले से चल रहे विवादों की पूरी जानकारी दी गई थी। साथ ही, निष्पक्ष जांच और आरोपी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का आग्रह भी किया गया था।लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतने स्पष्ट तथ्यों और शिकायत के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस रवैये से आम जनता और पत्रकार समाज में गहरी नाराजगी है। पत्रकार का कहना है कि यदि एक पत्रकार, जो समाज की सच्चाई जनता तक पहुँचाने का कार्य करता है, उसे ही सुरक्षा नहीं मिल पा रही, तो आम नागरिक की सुरक्षा की स्थिति का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।पीड़ित पत्रकार ने बताया कि अजय तिवारी पहले भी विवादों में घिरा रहा है और उसके द्वारा लगातार मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना दी जा रही है। इसके बावजूद प्रशासन का मौन रहना कई प्रश्न खड़े करता है। उन्होंने कहा कि “मैंने न्याय की उम्मीद में पुलिस अधीक्षक तक बात पहुंचाई थी, परंतु परिणाम शून्य रहा। यहां आम जनता सुरक्षित नहीं, तो पत्रकार की क्या अहमियत रह गई है।” *पत्रकारो पर कई हमले* पत्रकारों पर हो रहे हमले, धमकियां और झूठे आरोप लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा आघात हैं। ऐसे मामलों में प्रशासन की चुप्पी लोकतंत्र के लिए चिंताजनक संकेत है। जनता और पत्रकार समुदाय ने शासन और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर आरोपी अजय तिवारी के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि पत्रकारों और आम नागरिकों को न्याय मिल सके और कानून पर उनका विश्वास बरकरार रहे।
- तथाकथित पत्रकार और षड्यंत्रकारी संस्था की तीसरी चाल भी बेअसर।**1
- श्रीराम कन्ट्रकशन डामर प्लाट पेन्ड्रीडीह मे अचानक हार्ड अटेक आने से कर्मचारी की हुई मौत हिर्री पुलिस जांच मे जुटी शनिवार की रात 10 बजे हिर्री पुलिस से मिली जानकारी अनुसार नाम सूचक - धर्मेन्द्र कुमार नापित पिता स्व. श्री छोटेलाल नापित उम्र 29 साल साकिन सिरौली थाना मंझौली जिला सिंधी मध्य प्रदेश मृतक का नाम - राजेश कुमार पिता अमरनाथ मारन पता ग्राम जरही थाना राजेन्द्र नगर जिला अनुपपुर मध्य प्रदेश विवरण- सूचक धर्मेन्द्र कुमार नापित पिता स्व. श्री छोटेलाल नापित उम्र 29 साल साकिन सिरौली थाना मंझौली जिला सिंधी मध्य प्रदेश हमराह नफिस खान पिता स्व. मिराज खान उम्र 29 साल साकिन राज नगर कालोनी थाना रामनगर जिला अनुपपुर मध्य प्रदेश के साथ शनिवार की सुबह 11.20 बजे थाना उपस्थित आकर मौखिक मर्ग इंटीमेशन चाक कराया कि श्रीराम कन्ट्रकशन डामर प्लाट पेन्ड्रीडीह चौक में काम करने वाला राजेश कुमार पिता अमरनाथ मारन ग्राम जरही थाना राजेन्द्र ग्राम जिला अनुपपुर मध्य प्रदेश का दिनांक 12.12.2025 के रात्रि को मेस में खाना खा कर अपने साथीयों के साथ रूम में सो गये थे कि दिनांक 13.12.2025 के रात्रि 01.30 बजे राजेश कुमार उठ कर बताये कि मेरे सिने में दर्द हो रहा है और बोला कि मुझे ईलाज कराने कही ले चलो तो हम लोग उसको पानी पिलाये फिर ज्यादा दर्द होने से उसको ईलाज कराने के लिये मै एवं मेरे साथी अलाम असारी ड्रायवर प्रकाश शुक्ला के साथ फोर वीलर वाहन से बिलासपुर के लाईफ केयर अस्पताल ले गये जहाँ डांक्टर द्वारा चेक करने पर डांक्टर साहब ने मृत होना बताया तब हम लोग उसके शव को श्रीराम कन्ट्रकशन डामर प्लाट पेन्ड्रीडीह वापस ले आये वहां उसके रूम के सामने शव को रखे है फिर उसके बाद फोन से घटना कि सूचना उसके परिजन को दिये है कि सूचक की सूचना पर मर्ग क्रमांक 50/2025 धारा 194 बी एन एस एस कायम कर मर्ग पंचनामा कार्यवाही में लिया गया है जिसके बाद परिजनों के आने के बाद शव को बिल्हा के चिर घर ले जा कर पी एम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया हैं इस घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हैं सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मृतक के दो बेटे और एक पत्नी हैं जिनके खातिर मृतक राजेश मध्यप्रदेस से बिलासपुर कमाने खाने आया हुवा था उसे भी पता नहीं था की उसकी मौत अचानक हार्ड अटेक से हों जाएगी फिलहाल पुलिस मामले की जांच मे जुटी हुई हैं1
- गणित की दुनिया में 0 से अनंत तक की यात्रा कभी समाप्त नहीं होती। हर संख्या के बाद एक और बड़ी संख्या मौजूद होती है। यही कारण है कि गणित में “आख़िरी नंबर” जैसा कोई सिद्धांत नहीं है। संख्या रेखा सकारात्मक और नकारात्मक दोनों दिशाओं में अनंत तक फैली होती है। यह अवधारणा हमें सिखाती है कि संख्याएँ बिना किसी सीमा के बढ़ती और घटती रह सकती हैं। #Infinity #MindBlowingFacts #MathFacts #DidYouKnow #KnowledgeReels #ExploreMore1
- Bhau Dada khanwar tahsil lanji jila Balaghat10
- Post by Hari sharma Sharma1
- hanumaan dhara ki dhukhat ghatna1
- हरियाणा में संत रामपाल जी महाराज का जलवा बड़े बड़े लगे पोस्टर और प्लेक्स1
- ग्राम डिघोरा मे जमीन विवाद पर दो भाइयो के बिच जम कर हुवा मार पिट दोनों पक्छो ने थाना हिर्री मे दर्ज कराई रिपोर्ट आज शनिवार की साम 6 बजे हिर्री पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पहला नाम प्रार्थी - कुलदीप डहरिया पिता अघनु डहरिया उम्र 37 साल साकिन डिघोरा थाना हिरी जिला बिलासपुर छ.ग. ने शनिवार की दोपहर 14.28 बजे थाना हिर्री मे उपस्थित हों कर रिपोर्ट दर्ज कराई हैं की मैं ग्राम डिघोरा में रहता है। रोजी मजदूरी का काम करता हा कि दिनांक 12.12.2025 को में सुबह 09.00 बजे अपने पत्नी सुनीता डहरिया के साथ फिल इस्पात कंपनीडिघोरा में काम करने गया था वहां से काम करके शाम 06.00 बजे वापस घर आ गये थेो मैं एवं मेरी पानी के साथ घर में थे कि शाम 06.30 बजे के लगभग मेरा बडा भाई दीपक डहरिया घर आया और मुझे पारिवारिक जमीन हिस्रा बटवारा की बात को लेकर मुझे मां बहन की अश्लील गंदी गंदी गाली गलौच करने लगा तब मैं अपने बड़े भाई दीपक डहरिया को गाली गलौच करने से मना किया तो मेरा बडा भाई दीपक मुझे हाथ मुक्का से मारपीट कर जान से मारने की धमकी दे रहा था। लडाई झगडा को देखकर मेरी पत्नी सुनीता डहरिया बीच बचाव करने आई तो उसे भी मेरा बड़ा भाई दीपक डहरिया के द्वारा मां बहन की अश्लील गंदी गंदी गाली गलौच कर हाथ मुक्का से मारपीट कर उसके बाल को पकड़कर खीच दिया मारपीट करने से मेरे बाया हाथ में चोट लगा है दर्द हो रहा है। तथा मेरी पत्नी के सिर में दर्द हो रही है। घटना को मेरे पिता अघनू डहरिया एवं बहन सिंधु घृतलहरे देखे सुने तथा बीच बचाव किया है। घटना कोरिपोर्ट करता है। कार्यवाही किया जावे मैं अपना रिपोर्ट पढकर देखा सूना मेरे बताये अनुसार सही लिखी गई है प्रॉर्थी की रिपोर्ट पर हिर्री पुलिस ने अपराध धारा-296, 115(2), 351(2) बी एन एस के तहत मामला दर्ज कर लिया हैं और मामले की विवेचना जारी हैं1