गांधीजी व शास्त्री जी को वर्णिता संस्था ने नमन कर दी पुष्पांजलि हमीरपुर। देशभक्तों की देश के प्रति भूमिका के मद्देनजर वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत सुमेरपुर कस्बे में देश की दोमहान विभूतियों शास्त्री जी और गांधी जी की जयंती पर संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि सादगी, सद्भाव और संघर्ष के साक्षी लाल बहादुर शास्त्री हैं और अहिंसक संग्राम के बेजोड़ प्रणेता गांधी जी। भारत माता के ये दोनों सपूत देश के वफादार सूरमा थे। शास्त्री जी का जन्म मुगलसराय में शारदा प्रसाद और रामदुलारी के घर 2अक्टूबर 1904 को हुआ था। जबकि गांधीजी ने 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में करमचंद गांधी और पुतलीबाई के घर जन्म लिया था। शास्त्री जी के असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन में इनकी विशेष भूमिका रही। यह कई बार जेल भी गए। इसी तरह शास्त्री जी 9 जून 1964 को 18 माह तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री रहे। इन्होंने ही जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को शिकस्त दी। भारत को खाद्य व्यवस्था में आत्म निर्भर बनाया। इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। कालांतर में 11 जनवरी 1966 को इनका संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया। गांधी जी की भी भारत की आजादी के आन्दोलन में एक प्रभावी और निर्णायक भूमिका रही। जिसे विस्मृत नहीं किया जा सकता है। लगभग तीन दशकों के गांधी जी के योगदान के कारण ही इनके आन्दोलनात्मक प्रतिभाग को गांधी आन्दोलन के नाम से जाना गया। आगे चलकर 30 जनवरी 1948 को इनकी जीवन लीला को समाप्त कर दिया गया। कार्यक्रम में अशोक अवस्थी, सिद्धा, प्रेम,सागर, प्रिन्स, महावीर प्रजापति, विकास, पंकज सिंह, रिचा, भोलू सिंह, बाबूलाल, शिवा, राहुल प्रजापति आदि शामिल रहे।
गांधीजी व शास्त्री जी को वर्णिता संस्था ने नमन कर दी पुष्पांजलि हमीरपुर। देशभक्तों की देश के प्रति भूमिका के मद्देनजर वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत सुमेरपुर कस्बे में देश की दोमहान विभूतियों शास्त्री जी और गांधी जी की जयंती पर संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि सादगी, सद्भाव और संघर्ष के साक्षी लाल बहादुर शास्त्री हैं और अहिंसक संग्राम के बेजोड़ प्रणेता गांधी जी। भारत माता के ये दोनों सपूत देश के वफादार सूरमा थे। शास्त्री जी का जन्म मुगलसराय में शारदा प्रसाद और रामदुलारी के घर 2अक्टूबर 1904 को हुआ था। जबकि गांधीजी ने 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में करमचंद गांधी और पुतलीबाई के घर जन्म लिया था। शास्त्री जी के असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन में इनकी विशेष भूमिका रही। यह कई बार जेल भी गए। इसी तरह शास्त्री जी 9 जून 1964 को 18 माह तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री रहे। इन्होंने ही जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को शिकस्त दी। भारत को खाद्य व्यवस्था में आत्म निर्भर बनाया। इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। कालांतर में 11 जनवरी 1966 को इनका संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया। गांधी जी की भी भारत की आजादी के आन्दोलन में एक प्रभावी और निर्णायक भूमिका रही। जिसे विस्मृत नहीं किया जा सकता है। लगभग तीन दशकों के गांधी जी के योगदान के कारण ही इनके आन्दोलनात्मक प्रतिभाग को गांधी आन्दोलन के नाम से जाना गया। आगे चलकर 30 जनवरी 1948 को इनकी जीवन लीला को समाप्त कर दिया गया। कार्यक्रम में अशोक अवस्थी, सिद्धा, प्रेम,सागर, प्रिन्स, महावीर प्रजापति, विकास, पंकज सिंह, रिचा, भोलू सिंह, बाबूलाल, शिवा, राहुल प्रजापति आदि शामिल रहे।
- UP की लुटेरी दुल्हनों का दोहरा खेल . . .1
- Post by Ajeet kumar1
- यूपी – जिला हमीरपुर में 55 दिन से लापता BJP नेता/MP प्रत्याशी प्रीतम सिंह लखनऊ में मिले। वो एक घर में दुबके हुए थे। पुलिस अब उन्हें हाईकोर्ट में पेश करेगी। 18 अक्टूबर को प्रीतम सिंह के पेट्रोल पंप पर झगड़ा हुआ। पुलिस उन्हें थाने पर ले आई। इसके बाद वो घर नहीं लौटे। कहा जा रहा है कि पुलिस को सबक सिखाने के लिए BJP नेता ने खुद के गायब होने का नाटक किया। इस दौरान पुलिस पर BJP नेता की हत्या करने तक के आरोप लगे। 8 दिसंबर को हाईकोर्ट ने 1 हफ्ते में BJP नेता को बरामद करके पेश करने का आदेश दिया था।1
- घाटमपुर में अज्ञात वाहन की चपेट में आए दो बाइक सवार#परिजनों में मच गई चीख पुकार1
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा: अस्थि विसर्जन को जा रहे एक ही परिवार के चार लोगों की मौत, तीन गंभीर हमीरपुर। जिले में रविवार को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। अस्थि विसर्जन के लिए प्रयागराज जा रहे एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाज़ुक बताई जा रही है। यह हादसा हमीरपुर–बांदा सीमा पर इचौली गांव के पास बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के 71 नंबर पिलर के समीप उस समय हुआ, जब घने कोहरे के बीच तेज रफ्तार से आ रही एक प्राइवेट बस ने आगे चल रही बोलेरो कार को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बोलेरो के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार लोग बुरी तरह फंस गए। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और एक्सप्रेसवे की राहत टीम मौके पर पहुंची। कड़ी मशक्कत के बाद घायलों को वाहन से बाहर निकाला गया और तत्काल एंबुलेंस की मदद से नजदीकी अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया गया कि सभी लोग हाल ही में दिवंगत हुई अपनी मां की अस्थियां विसर्जित करने प्रयागराज जा रहे थे। इस दर्दनाक घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है, वहीं गांव और रिश्तेदारों में शोक की लहर दौड़ गई है। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया हादसे का कारण घना कोहरा और तेज रफ्तार माना जा रहा है। बस चालक की तलाश की जा रही है और मामले की जांच जारी है। प्रशासन ने घायलों के समुचित इलाज का आश्वासन दिया है।1
- यह दर्शन प्रस्तुत किया — संजय सोनी भारतीय तत्व-दर्शन एवं गति प्रवाह सिद्धांत के प्रतिपादक निवेदन - यह वीडियो दार्शनिक और वैचारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।यह किसी प्रकार का चिकित्सकीय, धार्मिक या वैज्ञानिक दावा नहीं है।1
- Post by Arvind Rajputh1
- बिजली का बिल गांव की समस्या 😀 अवधी कॉमेडी वीडियो1