*आरपीएफ रांची द्वारा नवजात शिशु को सुरक्षित बचाया गया* कमांडेंट श्री पवन कुमार के निर्देशानुसार आरपीएफ रांची द्वारा ड्यूटी के दौरान सतर्कता बरती जा रही है। इसी क्रम में दिनांक 20.12.2025 को जांच के दौरान आरपीएफ पोस्ट रांची में ड्यूटी पर तैनात शिफ्ट अधिकारी एएसआई अरुण कुमार एवं महिला कांस्टेबल राखी कुमारी द्वारा रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर जीआरपी/रांची के समीप ओवरब्रिज के नीचे एक लगभग 03 माह के नवजात शिशु बालक को लावारिस अवस्था में पाया गया। घटना की सूचना तत्काल जीआरपी/रांची को दी गई। महिला कांस्टेबल राखी कुमारी द्वारा शिशु को सुरक्षित रूप से जीआरपी/रांची लाया गया तथा उसे सुरक्षित अभिरक्षा में रखा गया। इसके पश्चात आसपास मौजूद यात्रियों से पूछताछ की गई, किंतु कोई भी व्यक्ति शिशु के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सका। आगे की जांच के क्रम में स्टेशन परिसर के सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया गया, जिसमें एक अज्ञात पुरुष व्यक्ति शिशु को लेकर जाते हुए दिखाई दिया। हालांकि, फुटेज में शिशु को रखने का सटीक स्थान स्पष्ट नहीं था तथा उक्त व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित नहीं हो सकी। इसके आधार पर रेलवे स्टेशन परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में व्यापक खोजबीन की गई, लेकिन संबंधित व्यक्ति का पता नहीं चल सका। सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूर्ण करने के उपरांत शिशु बालक को जीआरपी/रांची की उपस्थिति में चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी), रांची को सुरक्षित रूप से सुपुर्द कर दिया गया।
*आरपीएफ रांची द्वारा नवजात शिशु को सुरक्षित बचाया गया* कमांडेंट श्री पवन कुमार के निर्देशानुसार आरपीएफ रांची द्वारा ड्यूटी के दौरान सतर्कता बरती जा रही है। इसी क्रम में दिनांक 20.12.2025 को जांच के दौरान आरपीएफ पोस्ट रांची में ड्यूटी पर तैनात शिफ्ट अधिकारी एएसआई अरुण कुमार एवं महिला कांस्टेबल राखी कुमारी द्वारा रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर जीआरपी/रांची के समीप ओवरब्रिज के नीचे एक लगभग 03 माह के नवजात शिशु बालक को लावारिस अवस्था में पाया गया। घटना की सूचना तत्काल जीआरपी/रांची को दी गई। महिला कांस्टेबल राखी कुमारी द्वारा शिशु को सुरक्षित रूप से जीआरपी/रांची लाया गया तथा उसे सुरक्षित अभिरक्षा में रखा गया। इसके पश्चात आसपास मौजूद यात्रियों से पूछताछ की गई, किंतु कोई भी व्यक्ति शिशु के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सका। आगे की जांच के क्रम में स्टेशन परिसर के सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया गया, जिसमें एक अज्ञात पुरुष व्यक्ति शिशु को लेकर जाते हुए दिखाई दिया। हालांकि, फुटेज में शिशु को रखने का सटीक स्थान स्पष्ट नहीं था तथा उक्त व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित नहीं हो सकी। इसके आधार पर रेलवे स्टेशन परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में व्यापक खोजबीन की गई, लेकिन संबंधित व्यक्ति का पता नहीं चल सका। सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूर्ण करने के उपरांत शिशु बालक को जीआरपी/रांची की उपस्थिति में चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी), रांची को सुरक्षित रूप से सुपुर्द कर दिया गया।
- Post by Seema Kumari1
- video viral https://youtube.com/shorts/FUUDI90kGHU?si=yr4GKxsQDJP2AVAk1
- क्या आपके खाते मे कभी 9999997401 रुपया आया है और अगर आता है तो आप क्या करोगे1
- जय बाबा बैद्यनाथ 🙏 #Toyota ने भारतीय ऑटोमोटिव बाजार में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, जिसमें देश में अपने संचालन के बारे में कई दिलचस्प और कम ज्ञात तथ्यों हैं: 1. भारत में अर्ली एंट्री: टोयोटा ने 1997 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया टोयोटा क्वालिस, उस समय एक लोकप्रिय एमपीवी (मल्टी-पर्पज वाहन) के लॉन्च के साथ। यह भारत में महत्वपूर्ण उपस्थिति स्थापित करने वाले पहले विदेशी वाहन निर्माताओं में से एक था। 2. किर्लोस्कर के साथ संयुक्त उद्यम: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन और किर्लोस्कर समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम है। यह साझेदारी 1997 में शुरू हुई थी, और तब से कंपनी भारतीय ऑटोमोटिव मार्केट में एक प्रमुख खिलाड़ी रही है। 3. स्थानीय विनिर्माण सुविधाएं: भारत में टोयोटा के विनिर्माण संयंत्र बिदादी, कर्नाटक में और तमिलनाडु में दूसरे संयंत्र में स्थित हैं। ये संयंत्र उन्नत प्रौद्योगिकी से सुसज्जित हैं और एक महत्वपूर्ण स्थानीय सामग्री है, जो "मेक इन इंडिया" पहल के लिए टोयोटा की प्रतिबद्धता में योगदान देता है। 4. टोयोटा का ग्लोबल आर एंड डी हब: टोयोटा ने बेंगलुरु में अपना ग्लोबल बिजनेस सर्विसेज (जीबीएस) केंद्र स्थापित किया, जो टोयोटा की वैश्विक अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए प्रमुख हब में से एक है। यह केंद्र आईटी और इंजीनियरिंग समाधान सहित ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है। 5. हाइब्रिड प्रौद्योगिकी नेता: टोयोटा दुनिया की पहली बड़े पैमाने पर उत्पादित हाइब्रिड कार टोयोटा प्रियस की शुरूआत के साथ हाइब्रिड प्रौद्योगिकी में अग्रणी थी। भारत में, टोयोटा ने 2013 में टोयोटा कैमरी हाइब्रिड के साथ अपनी हाइब्रिड तकनीक पेश की, जिससे भारतीय बाजार में हाइब्रिड वाहनों को अधिक सुलभ बनाया गया। 6. हाइब्रिड वाहनों का उत्पादन करने वाला पहला भारतीय संयंत्र: बिदाड़ी में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर संयंत्र भारत में स्थानीय रूप से हाइब्रिड वाहनों का निर्माण करने वाला पहला भारतीय संयंत्र था। इस कदम से लागत कम करने और भारतीय बाजार में हाइब्रिड प्रौद्योगिकी की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिली। 7. स्थिरता के लिए टोयोटा की प्रतिबद्धता: टोयोटा इंडिया का स्थिरता और पर्यावरण की पहलों पर एक मजबूत फोकस है। कंपनी ने विभिन्न इको-फ्रेंडली पीआर में निवेश किया है1
- मनरेगा को कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण गरीबों को रोजगार का कानूनी अधिकार देने और पलायन रोकने के लिए लाया, जिसने करोड़ों परिवारों को सम्मानजनक आजीविका दी। मोदी सरकार ने बीते वर्षों में मनरेगा को कमजोर किया और अब इसके पूरे ढांचे को बदलकर गरीबों के हितों पर हमला किया है। डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व और श्रीमती सोनिया गांधी जी के देखरेख में बने मनरेगा को बर्बाद करने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस और उसके कार्यकर्ता पूरी ताकत से संघर्ष करेंगे।1
- केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री जीतन राम मांझी का खुले मंच पर चुनावी बयान # फिर ऊ टर्न #hilights नितिश कुमार फैन्स एसोसिएशन Election Commission of India1
- Post by Seema Kumari1
- viral video https://youtube.com/shorts/FUUDI90kGHU?si=yr4GKxsQDJP2AVAk1
- दुलमी–ललकी घाटी मार्ग पर तेज रफ्तार का कहर, फॉर व्हीलर की टक्कर से घर व दो वाहन क्षतिग्रस्त जामसिंघ (दुलमी): दुलमी–ललकी घाटी मार्ग अंतर्गत जामसिंघ के आसपास के क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में आज एक तेज रफ्तार फॉर-व्हीलर कार ने घर के साइड में खड़े चार चक्का टेंपू को जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में टेंपू, फॉर-व्हीलर कार के साथ-साथ पास स्थित घर भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। स्थानीय लोगों के अनुसार यह मार्ग ग्रामीण क्षेत्र से होकर गुजरता है, बावजूद इसके यहां वाहन चालक तेज रफ्तार से गाड़ियां चलाते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। संकरी सड़क, स्पीड ब्रेकर का अभाव और प्रशासनिक लापरवाही हादसों की मुख्य वजह मानी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन से इस सड़क पर गति नियंत्रण, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा उपाय लगाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यदि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में बड़ी जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता। स्थानीय जनता ने प्रशासन से मांग की है कि दुलमी–ललकी घाटी मार्ग पर स्पीड ब्रेकर, चेतावनी संकेत बोर्ड, नियमित पुलिस गश्ती तथा तेज रफ्तार वाहनों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा हो सके।1