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एक मुसलमान की दुकान गिरा दी गई
Bablu singh
एक मुसलमान की दुकान गिरा दी गई
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- शांति अधिनियम वापस लेने व मनरेगा की पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग -सरकार की नीतियों के खिलाफ सीटू का हल्ला बोल -कोटा कलेक्ट्रेट के सामने सैंकड़ों मजदूरों व महिलाओं ने किया धरना-प्रदर्शन कोटा। केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना को कमजोर करने, नाम बदलकर इसे ध्वस्त करने की साजिश और ग्रामीण बेरोजगार श्रमिकों को पूंजीपतियों के हवाले करने के प्रयासों के खिलाफ तथा परमाणु बिजली उत्पादन में विदेशी कंपनियों को पूर्ण छूट देने वाले सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट (शांति अधिनियम) को वापस लेने की मांग को लेकर मंगलवार को कोटा में सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस) के बैनर तले जिलाधीश कार्यालय के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। सीटू मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि प्रदर्शन कारियों ने इसे भाजपा सरकार द्वारा अमेरिकी दबाव में उठाया गया देशविरोधी कदम करार दिया।प्रदर्शन को सीटू नेता कामरेड हबीब खान, कामरेड उमाशंकर, कामरेड नरेंद्र सिंह, कामरेड अली मोहम्मद, कामरेड अशोक सिंह सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया। सभा में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। वक्ताओं ने कहा कि शांति अधिनियम विदेशी कंपनियों को दुर्घटना की स्थिति में कोई जिम्मेदारी नहीं लेने की छूट देता है जो भारत की आम जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि अमेरिका के आगे घुटने टेकना बंद किया जाए, देश की परमाणु संप्रभुता स्थापित की जाए और मनरेगा की पुरानी व्यवस्था बहाल की जाए।वक्ताओं ने बताया कि नई व्यवस्था में केंद्र सरकार का अंशदान 100 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है तथा काम न मिलने पर केवल चौथाई वेतन देने का प्रावधान किया गया है। जिससे ग्रामीण मजदूर या तो शहरों की ओर पलायन करेंगे या जागीरदारों की गुलामी करने को मजबूर होंगे। प्रदर्शन करने वालों में ये रहे शामिल सीटू मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि प्रदर्शन करने वालों में कामरेड कालीचरण सोनी, कामरेड महावीर प्रसाद, कामरेड सतीश चंद त्रिवेदी, कामरेड गोपाल शर्मा, कामरेड हनुमान सिंह, कामरेड पुष्पा खींची, कामरेड रेशमा, कामरेड कैलाशी बाई सहित सैकड़ों सीटू कार्यकर्ता और महिलाएं शामिल रहीं। जारी रहेगा आंदोलन प्रदर्शन कारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि जब तक मजदूर-जनविरोधी कानून रद्द नहीं किए जाते, आंदोलन जारी रहेगा। इसके अलावा कामरेड उमाशंकर ने बताया कि जेके मजदूरों का बकाया वेतन की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट गेट के सामने अनिश्चित कालीन धरना जारी है, जो अब 11 महीने पूरे करने जा रहा है। सरकार की उदासीनता को देखते हुए आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बनाई जा रही है।4
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