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15 साल पति के गुजरे हो गया आज तक वृद्धा पेंशन नहीं बना नहीं कोई प्रयास किया
शर्मा जी के समाचार
15 साल पति के गुजरे हो गया आज तक वृद्धा पेंशन नहीं बना नहीं कोई प्रयास किया
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- Post by शर्मा जी के समाचार1
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- किसके इशारे पर रातों-रात नेस्तनाबूद हुआ छत्रसाल स्टेडियम का चबूतरा? बिना अनुमति तोड़फोड़, फुटबॉल गोल पोस्ट भी उखाड़े गए — प्रशासन मौन सीधी। सीधी शहर एक बार फिर विकास नहीं, बल्कि नियमों की खुलेआम अनदेखी को लेकर चर्चा में है। कानून और प्रक्रिया को ताक पर रखकर प्रशासनिक लापरवाही का जो नज़ारा छत्रसाल स्टेडियम में देखने को मिला, उसने खिलाड़ियों से लेकर आम नागरिकों तक को हैरान कर दिया है। बीती शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात छत्रसाल स्टेडियम के मेन स्टेज के नीचे बने विशाल चबूतरे को जड़ से खोदकर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया, वहीं फुटबॉल मैदान में लगे गोल पोस्ट भी उखाड़ दिए गए। सुबह जब लोगों को इसकी जानकारी मिली तो स्टेडियम में भारी भीड़ जुट गई और सवालों की बौछार शुरू हो गई। क्रिकेट टूर्नामेंट के नाम पर मनमानी? बताया जा रहा है कि स्टेडियम में एक भव्य क्रिकेट टूर्नामेंट प्रस्तावित है, जिसमें देश-विदेश के खिलाड़ी शामिल होंगे। इस आयोजन से जुड़े कुछ सत्ताधारी भाजपा के राजनीतिक परिवारों पर आरोप है कि मंच के नीचे बना चबूतरा और फुटबॉल के गोल पोस्ट “बाधा” बन रहे थे। आरोप यह भी है कि राजनीतिक प्रभाव के चलते बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के यह तोड़फोड़ कराई गई। 26 जनवरी और दशहरा की तैयारियों पर संकट यह चबूतरा वर्षों से गणतंत्र दिवस, दशहरा और सांस्कृतिक आयोजनों का अहम हिस्सा रहा है। अब जबकि 26 जनवरी में एक माह से भी कम समय बचा है, इस सुविधा को खत्म कर देना सरकारी कार्यक्रमों की तैयारी पर सीधा असर डालने वाला कदम माना जा रहा है। सीएमओ के आदेश के बिना कैसे हुई कार्रवाई? सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर पालिका सीधी की सीएमओ मिनी अग्रवाल का कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ, फिर यह चबूतरा कैसे तोड़ा गया? जब इस संबंध में सीएमओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। राजनीतिक बयान जिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्ञान सिंह चौहान ने इसे गंभीर साजिश बताते हुए कहा— “बिना अनुमति चबूतरा तोड़ना निंदनीय है। प्रशासन को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तत्काल जांच कर दोषियों को उजागर करना चाहिए।” वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष देवकुमार सिंह ने कहा— “हमें अभी इस मामले की जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर ही कुछ कह पाऊंगा।” सबको पता, फिर भी चुप्पी स्टेडियम में हुई इस कार्रवाई को लेकर ऑफ द रिकॉर्ड सब कुछ स्पष्ट होने के बावजूद, प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। खिलाड़ियों में भारी आक्रोश है और सवाल वही है— 👉 किसके इशारे पर तोड़ा गया चबूतरा? 👉 क्या कानून राजनीतिक प्रभाव से छोटा पड़ गया? अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले को रहस्य बनाए रखता है या सच सामने लाता है।1
- Post by Awaaz -e-Bharat1
- Post by Dharmendar Pathak1
- keval jhoot bona hai itna garibo ghar tod diya1
- Post by Awaaz -e-Bharat1
- Post by Dharmendar Pathak1