*बिजली कर्मचारियों ने उठाई आवाज : उत्पीड़नात्मक कार्यवाही वापस लेने और रोका वेतन जारी करने की मांग* संतकबीरनगर, 20 सितम्बर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से मांग की है कि दशहरा और दीपावली जैसे बड़े पर्वों के पूर्व बिजली कर्मचारियों पर की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को वापस लिया जाए तथा निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कर कार्य का अच्छा वातावरण बनाया जाए। समिति ने कहा है कि त्योहारों के दौरान आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्राथमिकता पर दी जाएगी। संघर्ष समिति के पदाधिकारी रमेश प्रजापति ने बिजली कर्मियों से अपील की कि वे निजीकरण का विरोध जारी रखते हुए उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने दें। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मी पिछले दस माह से आंदोलनरत हैं, किंतु इस दौरान उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ नहीं दी गई। महाकुंभ की बिजली व्यवस्था से लेकर मई-जून की भीषण गर्मी तक बिजली कर्मचारियों ने रिकॉर्ड आपूर्ति सुनिश्चित की। समिति के पदाधिकारी श्रवण प्रजापति ने कहा कि नवरात्र से पहले सभी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को वापस लिया जाना चाहिए। मार्च 2023 की हड़ताल और डाउनसाइजिंग के नाम पर हटाए गए अल्पवेतनभोगी संविदा कर्मियों को तत्काल पुनः बहाल किया जाए। फेशियल अटेंडेंस के नाम पर जिन हजारों कर्मियों का वेतन रोका गया है, उन्हें त्यौहारों के पहले जारी किया जाए। इसी क्रम में समिति के पदाधिकारी धीरेन्द्र यादव ने कहा कि अच्छा कार्य वातावरण तभी बन सकता है जब उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों को समाप्त कर निजीकरण का निर्णय पूरी तरह वापस लिया जाए। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं होता। निजीकरण के विरोध में जारी आंदोलन के 297वें दिन संतकबीरनगर में हुए विरोध प्रदर्शन में सुनील प्रजापति, भास्कर पांडेय, विजय कुमार, मनीष मिश्रा, नारायण चंद्र चौरसरिया, अशोक कुमार, आशीष कुमार, रमेश प्रजापति, श्रवण प्रजापति, धीरेन्द्र यादव, उमेश चौधरी, मनोज यादव एवं वीके मौर्य समेत बड़ी संख्या में बिजली कर्मी मौजूद रहे।
*बिजली कर्मचारियों ने उठाई आवाज : उत्पीड़नात्मक कार्यवाही वापस लेने और रोका वेतन जारी करने की मांग* संतकबीरनगर, 20 सितम्बर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से मांग की है कि दशहरा और दीपावली जैसे बड़े पर्वों के पूर्व बिजली कर्मचारियों पर की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को वापस लिया जाए तथा निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कर कार्य का अच्छा वातावरण बनाया जाए। समिति ने कहा है कि त्योहारों के दौरान आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्राथमिकता पर दी जाएगी। संघर्ष समिति के पदाधिकारी रमेश प्रजापति ने बिजली कर्मियों से अपील की कि वे निजीकरण का विरोध जारी रखते हुए उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने दें। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मी पिछले दस माह से आंदोलनरत हैं, किंतु इस दौरान उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ नहीं दी गई। महाकुंभ की बिजली व्यवस्था से लेकर मई-जून की भीषण गर्मी तक बिजली कर्मचारियों ने रिकॉर्ड आपूर्ति
सुनिश्चित की। समिति के पदाधिकारी श्रवण प्रजापति ने कहा कि नवरात्र से पहले सभी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को वापस लिया जाना चाहिए। मार्च 2023 की हड़ताल और डाउनसाइजिंग के नाम पर हटाए गए अल्पवेतनभोगी संविदा कर्मियों को तत्काल पुनः बहाल किया जाए। फेशियल अटेंडेंस के नाम पर जिन हजारों कर्मियों का वेतन रोका गया है, उन्हें त्यौहारों के पहले जारी किया जाए। इसी क्रम में समिति के पदाधिकारी धीरेन्द्र यादव ने कहा कि अच्छा कार्य वातावरण तभी बन सकता है जब उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों को समाप्त कर निजीकरण का निर्णय पूरी तरह वापस लिया जाए। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं होता। निजीकरण के विरोध में जारी आंदोलन के 297वें दिन संतकबीरनगर में हुए विरोध प्रदर्शन में सुनील प्रजापति, भास्कर पांडेय, विजय कुमार, मनीष मिश्रा, नारायण चंद्र चौरसरिया, अशोक कुमार, आशीष कुमार, रमेश प्रजापति, श्रवण प्रजापति, धीरेन्द्र यादव, उमेश चौधरी, मनोज यादव एवं वीके मौर्य समेत बड़ी संख्या में बिजली कर्मी मौजूद रहे।
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