सदर विधायक ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का किया शुभारंभ, गिठनी बाजार से निकाली भव्य तिरंगा यात्रा संतकबीरनगर। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत रविवार को हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत जिले में उत्साह और जोश के माहौल में हुई। सदर विधायक अंकुर राज तिवारी ने क्षेत्र के गिठनी बाजार से इस अभियान का विधिवत शुभारंभ किया और भव्य तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तिरंगा यात्रा में भारी संख्या में स्थानीय लोग, व्यापारी, छात्र-छात्राएं, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने हाथों में तिरंगा लेकर ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’ और ‘जय हिन्द’ के नारों से पूरे क्षेत्र को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। यात्रा के दौरान देशभक्ति गीत और ढोल-नगाड़ों की धुन ने माहौल को और अधिक जोशीला बना दिया। इस अवसर पर विधायक अंकुर राज तिवारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हर घर तिरंगा केवल एक अभियान नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के गौरव, एकता और अखंडता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “आजादी के लिए हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने जो बलिदान दिए, उन्हें याद रखना और सम्मान देना हम सभी का कर्तव्य है। तिरंगा हमारी पहचान है और इसे हर घर पर फहराना हमारे देश के प्रति प्रेम और सम्मान का प्रतीक है।” विधायक ने लोगों से अपील की कि 13 से 15 अगस्त तक अपने-अपने घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा अवश्य फहराएं और स्वतंत्रता दिवस को पूरे उत्साह और गरिमा के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि तिरंगा केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि यह हमारे इतिहास, संस्कृति और बलिदानों की जीवंत कहानी है। तिरंगा यात्रा गिठनी बाजार से शुरू होकर मुख्य मार्गों से होते हुए पुनः प्रारंभिक स्थल पर पहुंची। रास्ते भर लोगों ने फूल बरसाकर और तालियों की गड़गड़ाहट से प्रतिभागियों का स्वागत किया। यात्रा का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसके बाद सभी ने तिरंगे को सलामी दी और देश की एकता व अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लिया। इस अवसर पर बेल्डुहा प्रधान प्रतिनिधि श्रवण तिवारी, व्यापारी नेता बनर्जी लाल अग्रहरि, उमेश चंद तिवारी, कोडरा प्रधान अरुण कुमार मौर्य, टुम्पार प्रधान प्रतिनिधि विपिन सिंह, शक्ति विकास पांडे, नागेंद्र भारती, अवनी ओझा, भोला अग्रहरि, गिठनी प्रधान बंशीलाल चौधरी, रामकृपाल सिंह, अमरिंदर सिंह, दिवाकर सिंह, रत्नेश प्रताप सिंह, गोलू सिंह, ललकु पांडे विजय विश्वकर्मा, मनोज सिंह आदि मौजूद रहे।
सदर विधायक ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का किया शुभारंभ, गिठनी बाजार से निकाली भव्य तिरंगा यात्रा संतकबीरनगर। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत रविवार को हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत जिले में उत्साह और जोश के माहौल में हुई। सदर विधायक अंकुर राज तिवारी ने क्षेत्र के गिठनी बाजार से इस अभियान का विधिवत शुभारंभ किया और भव्य तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तिरंगा यात्रा में भारी संख्या में स्थानीय लोग, व्यापारी, छात्र-छात्राएं, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने हाथों में तिरंगा लेकर ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’ और ‘जय हिन्द’ के नारों से पूरे क्षेत्र को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। यात्रा के दौरान देशभक्ति गीत और ढोल-नगाड़ों की धुन ने माहौल को और अधिक जोशीला बना दिया। इस अवसर पर विधायक अंकुर राज तिवारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हर घर तिरंगा केवल एक अभियान नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के गौरव, एकता और अखंडता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “आजादी के लिए हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने जो बलिदान दिए, उन्हें याद रखना और सम्मान देना हम सभी का कर्तव्य है। तिरंगा हमारी पहचान है और इसे हर घर पर फहराना हमारे देश के प्रति प्रेम और सम्मान का प्रतीक है।” विधायक ने लोगों से अपील की कि 13 से 15 अगस्त तक अपने-अपने घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा अवश्य फहराएं और स्वतंत्रता दिवस को पूरे उत्साह और गरिमा के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि तिरंगा केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि यह हमारे इतिहास, संस्कृति और बलिदानों की जीवंत कहानी है। तिरंगा यात्रा गिठनी बाजार से शुरू होकर मुख्य मार्गों से होते हुए पुनः प्रारंभिक स्थल पर पहुंची। रास्ते भर लोगों ने फूल बरसाकर और तालियों की गड़गड़ाहट से प्रतिभागियों का स्वागत किया। यात्रा का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसके बाद सभी ने तिरंगे को सलामी दी और देश की एकता व अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लिया। इस अवसर पर बेल्डुहा प्रधान प्रतिनिधि श्रवण तिवारी, व्यापारी नेता बनर्जी लाल अग्रहरि, उमेश चंद तिवारी, कोडरा प्रधान अरुण कुमार मौर्य, टुम्पार प्रधान प्रतिनिधि विपिन सिंह, शक्ति विकास पांडे, नागेंद्र भारती, अवनी ओझा, भोला अग्रहरि, गिठनी प्रधान बंशीलाल चौधरी, रामकृपाल सिंह, अमरिंदर सिंह, दिवाकर सिंह, रत्नेश प्रताप सिंह, गोलू सिंह, ललकु पांडे विजय विश्वकर्मा, मनोज सिंह आदि मौजूद रहे।
- User6213Gorakhpur, Uttar Pradesh😤on 14 August
- चिता का हमला कितना भयानक होता है आदमी की हालत बहुत गंभीर बताई जा रही है भगवान से प्रार्थना है कि जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो जाओ और कृपा करो1
- माई भारत' के तहत प्रधानमंत्री मुद्रा और आयुष्मान भारत योजना पर कार्यशाला आयोजित #ganeshchandrachauhan #जिलाधिकारी #संतकबीरनगर #explorepage #प्रधानमंत्री #आयुष्मान भारत #उदाहा1
- जेल में बंद अनेक कैदियों ने दिखाए अपने अंदर छिपी प्रतिभाएं, बना डाला एक से बढ़कर एक कलाकृतियां #bichhiya jail #gorakhpur1
- संसद में संजय सिंह का बड़ा हमला | VB-G RAM G बिल को बताया काला कानून | AAP vs Modi Govt1
- चौंकाने वाला मामला - फाइलों में मौत, असल में जिंदा—फर्जी बैनामे से जमीन कब्जाने का खुलासा...कागजों में मरा, हकीकत में जिंदा, फर्जी बैनामे का सनसनीखेज खुलासा...1
- लोकेशन- गोरखपुर संवाददाता- जे.बी.सिंह मो०- 8542007400.9140241789 Labor pain in train दिल्ली से दर भंगा जा रही महिला ने गोरखपुर में दिया बच्चे को जन्म, पति की बेवफाई से टूटी मां ने 48 घंटे तक नवजात को अपनाने से किया इनकार 48 घंटे तक मनाते रहे डॉक्टर-कर्मी पति ने छोड़ा, सहारे छूटे ट्रेन में शुरू हुआ दर्द, गोरखपुर में प्रसव पति की बेवफाई और जीवन की कठोर परिस्थितियों से जूझ रही एक गर्भवती महिला की दर्दनाक कहानी गोरखपुर में सामने आई है। दिल्ली से दरभंगा जा रही महिला को ट्रेन यात्रा के दौरान अचानक प्रसव पीड़ा हुई। हालत बिगड़ती देख रेलवे कर्मचारियों ने उसे तत्काल गोरखपुर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने सुरक्षित प्रसव कराया। महिला ने एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन मानसिक आघात और आर्थिक असहायता के चलते उसने नवजात को अपनाने और दूध पिलाने से इनकार कर दिया।पीड़िता मूल रूप से दरभंगा की रहने वाली है। उसकी शादी एक वर्ष पहले हुई थी। शादी के कुछ समय बाद वह पति के साथ दिल्ली रहने लगी, लेकिन गर्भावस्था के चौथे महीने में ही पति उसे छोड़कर किसी अन्य महिला के साथ चला गया। इसके बाद उसने सारे संपर्क बंद कर दिए। महिला के माता-पिता पहले ही गुजर चुके हैं, ऐसे में वह दिल्ली में काम कर किसी तरह जीवनयापन कर रही थी। डिलीवरी डेट पूरी होने पर 14 दिसंबर को वह दिल्ली से दरभंगा के लिए ट्रेन से निकली। 14–15 दिसंबर की रात रास्ते में तेज दर्द उठा। गोरखपुर पहुंचते ही रेलवे कर्मियों ने उसकी हालत देखकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने प्रसव कराया। प्रसव के बाद जब नवजात को मां के पास दूध पिलाने के लिए लाया गया, तो उसने साफ इनकार कर दिया। डॉक्टरों के पूछने पर महिला ने पति की बेवफाई, आर्थिक तंगी और सहारे के अभाव का हवाला देते हुए कहा कि वह बच्चे को कैसे पालेगी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने लगातार 48 घंटे तक उसे समझाया। इस दौरान नवजात की हालत नाजुक होने के कारण उसे स्पेशल न्यू बॉर्न यूनिट (SNU) में भर्ती रखा गया और वैकल्पिक फीडिंग की व्यवस्था की गई।आखिरकार मां मानी और लगातार काउंसलिंग के बाद महिला ने बच्चे को अपनाया और दूध पिलाना शुरू किया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार नवजात को सांस लेने में दिक्कत थी, जिसे कृत्रिम ऑक्सीजन देकर संभाला गया। फिलहाल बच्चे का इलाज SNU में जारी है। “दिल्ली से दरभंगा जा रही महिला को रास्ते में प्रसव हुआ। गोरखपुर पहुंचने पर रेलवे कर्मचारियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। प्रसव के बाद महिला ने आर्थिक कारणों और पति द्वारा छोड़े जाने की वजह से बच्चे को लेने से इनकार किया, लेकिन काफी मशक्कत और काउंसलिंग के बाद वह मान गई। बच्चा अभी SNU में भर्ती है और इलाज चल रहा है।”2
- सबको साथ लेकर चलना है और भारत को फिर से अशोका राज अखंड भारत निर्माण कार्य शुरू हो गया है1
- लोकप्रिय विधायक गणेश चंद्र चौहान जी के नेतृत्व में हुआ कुश्ती का आयोजन।1