*डॉ. बाबा साहब आंबेडकर की अंतिम यात्रा का पूरा देश एक पल लिए एसा लगा पुरा भारत जैसे थम सा गया था साहब की अंतिम विदाई की.यादगार* डॉ. आंबेडकर ने अपने पहले गुरु बुद्ध को मुक्तिदाता नहीं बल्कि मार्गदाता ही कहा है. भले ही डॉ. आंबेडकर किसी को मुक्तिदाता बनाने के विरोधी रहे हों, लेकिन करोड़ों दलित डॉ. आंबेडकर को अपने मुक्तिदाता के रूप में याद करते हैं. दिन-प्रतिदिन उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. एक हद तक मसीहा की हैसियत उन्हें जीते-जी हासिल हो गई थी. इसकी सबसे मुखर अभिव्यक्ति 6 दिसंबर 1956 को उनके परिनिर्वाण के बाद और 7 दिसंबर को उनकी अंतिम यात्रा के समय हुई थी. उनके निधन की सूचना लाखों-लाख दलितों के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी. लोगों को लगा जैसे उन्होंने किसी अपने परिजन को खो दिया. लोगों के आंसू थे कि थमने का नाम नहीं ले रहे थे. डॉ. आंबेडकर के निधन की सूचना का लोगों के दिलो-दिमाग पर किस कदर गहरा असर पड़ा और उसकी किस तरह अभिव्यक्ति हुई, इसको मराठी के प्रसिद्ध दलित लेखक दया पवार ने अपनी आत्मकथा ‘अछूत’ में इस रूप में दर्ज किया हैं- ‘सुबह मैं हमेशा की तरह अपने काम पर निकला. अखबारों के पहले पेज पर खबर छपी थी. धरती फटने-सा एहसास हुआ. इतना शोकाकुल हो गया, जैसे घर के किसी सदस्य की मृत्यु हुई हो. घर की चौखट पकड़ कर रोने लगा. मां को, पत्नी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं इस तरह पेपर पढ़ते ही क्यों रोने लगा? घर के लोगों को बताते ही सब रोने लगे.’ दया पवार आगे लिखते हैं – ‘बाहर निकल कर देखता हूं, लोग जत्थों में बातें कर रहे हैं. बाबा साहब का निधन दिल्ली में हुई था. शाम तक विमान से शव आने वाला था. इस घटना ने सारे महाराष्ट्र में खलबली मचा दी.’ अक्टूबर 1956 में, डॉ. अम्बेडकर ने अपने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। भारत के इस महान सपूत का निधन “द बुद्ध और उनके धम्म” की अंतिम पांडुलिपि को पूरा करने के तीन दिन बाद 6 दिसंबर, 1956 में उनका निधन हो गया था। उन्हें 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। बी.आर. अम्बेडकर “बाबासाहेब” एक भारतीय राजनीतिक सुधारक भी थे जिन्होंने भारत में अछूत जाति के अधिकारों के लिए अभियान चलाया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक भूमिका निभाई और गरीबों और महिलाओं दोनों के लिए अधिक समानता और अधिकारों के प्रचार के माध्यम से भारतीय संविधान और भारतीय समाज के सुधार के प्रारूपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर एक न्यायविद, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाना जाता है। एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और एक प्रख्यात न्यायविद्, अस्पृश्यता और जाति प्रतिबंध जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के उनके प्रयास उल्लेखनीय थे। अपने पूरे जीवन में, उन्होंने दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। आइए बाबा साहेब अम्बेडकर की महा प्रणाम दिवस के मौके पर *शत शत* *नमन*
*डॉ. बाबा साहब आंबेडकर की अंतिम यात्रा का पूरा देश एक पल लिए एसा लगा पुरा भारत जैसे थम सा गया था साहब की अंतिम विदाई की.यादगार* डॉ. आंबेडकर ने अपने पहले गुरु बुद्ध को मुक्तिदाता नहीं बल्कि मार्गदाता ही कहा है. भले ही डॉ. आंबेडकर किसी को मुक्तिदाता बनाने के विरोधी रहे हों, लेकिन करोड़ों दलित डॉ. आंबेडकर को अपने मुक्तिदाता के रूप में याद करते हैं. दिन-प्रतिदिन उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. एक हद तक मसीहा की हैसियत उन्हें जीते-जी हासिल हो गई थी. इसकी सबसे मुखर अभिव्यक्ति 6 दिसंबर 1956 को उनके परिनिर्वाण के बाद और 7 दिसंबर को उनकी अंतिम यात्रा के समय हुई थी. उनके निधन की सूचना लाखों-लाख दलितों के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी. लोगों को लगा जैसे उन्होंने किसी अपने परिजन को खो दिया. लोगों के आंसू थे कि थमने का नाम नहीं ले रहे थे. डॉ. आंबेडकर के निधन की सूचना का लोगों के दिलो-दिमाग पर किस कदर गहरा असर पड़ा और उसकी किस
तरह अभिव्यक्ति हुई, इसको मराठी के प्रसिद्ध दलित लेखक दया पवार ने अपनी आत्मकथा ‘अछूत’ में इस रूप में दर्ज किया हैं- ‘सुबह मैं हमेशा की तरह अपने काम पर निकला. अखबारों के पहले पेज पर खबर छपी थी. धरती फटने-सा एहसास हुआ. इतना शोकाकुल हो गया, जैसे घर के किसी सदस्य की मृत्यु हुई हो. घर की चौखट पकड़ कर रोने लगा. मां को, पत्नी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं इस तरह पेपर पढ़ते ही क्यों रोने लगा? घर के लोगों को बताते ही सब रोने लगे.’ दया पवार आगे लिखते हैं – ‘बाहर निकल कर देखता हूं, लोग जत्थों में बातें कर रहे हैं. बाबा साहब का निधन दिल्ली में हुई था. शाम तक विमान से शव आने वाला था. इस घटना ने सारे महाराष्ट्र में खलबली मचा दी.’ अक्टूबर 1956 में, डॉ. अम्बेडकर ने अपने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। भारत के इस महान सपूत का निधन “द बुद्ध और उनके धम्म” की अंतिम पांडुलिपि को पूरा
करने के तीन दिन बाद 6 दिसंबर, 1956 में उनका निधन हो गया था। उन्हें 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। बी.आर. अम्बेडकर “बाबासाहेब” एक भारतीय राजनीतिक सुधारक भी थे जिन्होंने भारत में अछूत जाति के अधिकारों के लिए अभियान चलाया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक भूमिका निभाई और गरीबों और महिलाओं दोनों के लिए अधिक समानता और अधिकारों के प्रचार के माध्यम से भारतीय संविधान और भारतीय समाज के सुधार के प्रारूपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर एक न्यायविद, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाना जाता है। एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और एक प्रख्यात न्यायविद्, अस्पृश्यता और जाति प्रतिबंध जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के उनके प्रयास उल्लेखनीय थे। अपने पूरे जीवन में, उन्होंने दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। आइए बाबा साहेब अम्बेडकर की महा प्रणाम दिवस के मौके पर *शत शत* *नमन*
- 🌹🌹🌹🌹🌹🌹❤️🌹🌹❤️❤️❤️❤️1
- *ब्रेकिंग न्यूज़ औरैया* *भावनात्मक मामला आया सामने ज़ब एक युवक चढ़ा ऊंचे पोल पर* औरैया --औरैया में पारिवारिक अनबन के बीच एक युवक की भावनात्मक आवेश में उठाई गई कदम ने बड़ा हादसा होने से बचा लिया। मामले के अनुसार, युवक ने अपनी चचेरी बहन को पड़ोसी युवक द्वारा टोका-टाकी करने पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ गई। इसी नाराज़गी में युवक अचानक एक ऊंचे विद्युत पोल पर चढ़ गया, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष बेला गंगादास गौतम टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। उन्होंने धैर्य और समझदारी के साथ युवक से संवाद किया और उसे शांत कराया। लगभग कुछ देर की कड़ी मशक्कत और समझाइश के बाद युवक को सुरक्षित नीचे उतारा गया। स्थानीय लोगों ने थाना बेला पुलिस और विशेष रूप से थाना अध्यक्ष गंगादास गौतम की त्वरित कार्रवाई और सूझबूझ की सराहना की।3
- *TTN24 NATIONAL LiVE न्यूज चैनल* *JIO TV*📺 *JIO FIBER*📺 *VODAFONE*📺 *ZENGA TV*📺 *Sky TV* 📺 *OTT LIVE*📺 *DAILYHUNT* 👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻श्याम करण जिला संवाददाता(जालौन) 📱94526525511
- जालौन के कुठौंद थाने में शुक्रवार देर रात हुई घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की थाने परिसर में बने सरकारी आवास में सर्विस पिस्टल की गोली लगने से मौत हो गई। उनके आवास पर 9 एम.एम की पिस्तौल का खोखा बरामद हुआ है, जिसको पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। घटना के समय एक और बड़ी बात सामने आई है, बताया गया कि गोली चलने के तुरंत बाद एक महिला को इंस्पेक्टर के आवास से बाहर भागते हुए देखा गया। महिला को तेजी से परिसर से निकलते देखने के बाद पुलिस के सामने सवाल और भी गंभीर हो गए हैं। क्या इंस्पेक्टर किसी प्रेम-प्रसंग में फंसे थे? क्या मृतक ने खुद गोली मारी या फिर किसी तीसरे व्यक्ति ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की?1
- *बड़ी खबर :---* *_SSP इटावा बृजेश कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में बकेवर पुलिस ने अपनी मामी के घऱ से 30 लाख के जेवरात चोरी करने वाली भांजी को उसके बॉयफ्रेंड के साथ गिरफ़्तार कर भेजा जेल,,,,,,दोनों के कब्जे से चोरी किये हुए 30 लाख के शत प्रतिशत जेवरात बरामद_* ____________________________________ ⏩मेरे सपनों का वो राजा-मेरे दिल का वो राजकुमार,,,सपनों के राजकुमार से शादी करने,शादी के बाद घऱ बनवाने व गाड़ी खरीदने के लिए भांजी ने अपने ही मामा-मामी की लॉकर से साफ किये 30 लाख के मूल्यवान जेवरात ⏩Boyfriend ने अपनी गर्लफ्रेंड को दिया Crime Scene का idea,,,बॉयफ्रेंड की आपराधिक साजिश में शामिल होकर प्रेमिका ने अपने मामा-मामी के घऱ बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम देकर लॉकर से साफ किये 30 लाख के जेवरात ⏩मामा-मामी को दूर-दूर तक नहीं थी ये भनक कि उनकी भांजी ही उनके मूल्यवान जेवरों पर हाथ साफ क़र देगी ⏩भांजी के सर चढ़ा परवान इश्क़ के चलते अपने प्रेमी के बताये प्लान के अनुसार भांजी ने विगत 6 महीनों में धीमे-धीमे चोरी कर कुल 30 लाख के जेवर चोरी कर boyfriend को दे दिए थे ⏩भांजी का पड़ोसी गांव के योगेश उर्फ़ गोलू से चल रहा था प्रेम-प्रसंग और अपने बॉयफ्रेंड से शादी करने के लिए भांजी ने अपनी मामी के घऱ को ही बना डाला निशाना ⏩ज़ब मामी ने पुलिस थाने में दर्ज कराया मुकदमा तो पुलिस की जांच में संदेह की सुई सबसे पहले भांजी पर घूमी ⏩फिर क्या पुलिस ने भांजी के पूरे प्लान को Expose कर भांजी व उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ़्तार कर लिया व इन दोनों के कब्जे से चोरी किये गए 30 लाख के जेवरात बरामद ⏩भांजा-भांजी के मनसूबों पर बकेवर पुलिस ने पानी फेरते हुए दोनों को गिरफ़्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है ⏩SSP इटावा बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी भांजी व उसके Boyfriend को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया हैं ⏩SSP इटावा के निर्देशन में व ASP देहात श्रीश चंद्र के नेतृत्व में बकेवर थानाध्यक्ष विपिन कुमार मालिक व उनकी टीम की बड़ी कार्यवाही में प्रेमी-प्रेमिका को गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया है ⏩बकेवर पुलिस,बकेवर थानाध्यक्ष विपिन मलिक,SI स्वदेश कुमार व पूरी टीम ने 30 लाख के जेवरात की बड़ी चोरी की घटना का सफल अनावरण करते हुए चोरी किये हुए 30 लाख के सभी आभूषण बरामद कर लिए हैं ⏩इस घटना के राजफ़ाश पर क्या कुछ कहना हैं इटावा के SSP बृजेश कुमार श्रीवास्तव का,,आप भी सुनिए --- ⏩देखिये इटावा से Raftaar Media संवाददाता इंजीनियर सनत तिवारी की ये Exclusive Report:-- *✒️इंजी.सनत तिवारी-इटावा*1
- जालौन: नेशनल हाइवे पर बाइक सवारों की जानलेवा स्टंटबाजी का वीडियो वायरल। उरई कोतवाली क्षेत्र, कालपी रोड, संकट मोचन मंदिर के पास का मामला1
- जालौन: पिरोना के पास नेशनल हाईवे पर दर्दनाक सड़क हादसा, बाइक सवार गंभीर रूप से घायल जालौन। जिले के उरई क्षेत्र के अंतर्गत नेशनल हाइवे पर पिरोना के निकट एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक बाइक सवार बुरी तरह से जख्मी हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हाईवे पर तेज रफ्तार वाहनों के बीच अचानक हुई टक्कर के चलते बाइक सवार सड़क पर गिर पड़ा और गंभीर चोटें आ गईं। घटना की सूचना पर राहगीरों ने तत्काल एंबुलेंस की मदद से घायल युवक को अस्पताल पहुँचाया, जहाँ उसका उपचार जारी है। हादसे का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि हाईवे पर तेज रफ्तार एवं अव्यवस्थित यातायात बड़ी वजह बन रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।1
- जालौन...... सरकार की योजना बिजली बिल माफी के तहत आज ग्राम औरेखी मे जालौन बिजली विभाग द्वारा बिल माफी के लिए कैंप लगाया गया जिसे जिसमें 20 लोगों को लाभ मिला है1