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विपक्षी नेता राहुल गांधी की बिहार यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी की मां पर अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा यहां कांग्रेस कार्यालय पर घेराव विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद कांग्रेसियों द्वारा पथराव किए जाने से सदर विधायिका सहित आधा दर्जन भाजपाई घायल हो जाने पर एस एस पी बृजेश श्रीवास्तव के निर्देश पर 16 कांग्रेसियों को गिरफ्तार किया गया था। जहां बीती रात महिला मोर्चा की अध्यक्ष विरला शाक्य की तहरीर पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आशुतोष दीक्षित, नगर अध्यक्ष राशिद खान, पल्लव दुबे, प्रशांत तिवारी, कोमल सिंह, विपिन कुशवाहा, आसिफ पठान समेत 20 अज्ञात कांग्रेसियों के खिलाफ धारा शहर कोतवाल यशवंत सिंह ने 191,190,109,125,352,351(3) वलवा व जान लेवा के तहत इन धाराओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किय गया तथा उन्हें जेल भेज दिया गया।

on 2 September
user_नव भारत संवाद
नव भारत संवाद
Journalist Etawah, Uttar Pradesh•
on 2 September

विपक्षी नेता राहुल गांधी की बिहार यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी की मां पर अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा यहां कांग्रेस कार्यालय पर घेराव विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद कांग्रेसियों द्वारा पथराव किए जाने से सदर विधायिका सहित आधा दर्जन भाजपाई घायल हो जाने पर एस एस पी बृजेश श्रीवास्तव के निर्देश पर 16 कांग्रेसियों को गिरफ्तार किया गया था। जहां बीती रात महिला मोर्चा की अध्यक्ष विरला शाक्य की तहरीर पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आशुतोष दीक्षित, नगर अध्यक्ष राशिद खान, पल्लव दुबे, प्रशांत तिवारी, कोमल सिंह, विपिन कुशवाहा, आसिफ पठान समेत 20 अज्ञात कांग्रेसियों के खिलाफ धारा शहर कोतवाल यशवंत सिंह ने 191,190,109,125,352,351(3) वलवा व जान लेवा के तहत इन धाराओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किय गया तथा उन्हें जेल भेज दिया गया।

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  • पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है. क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं। जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है। जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं। यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें। अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं। पूरा मामला विस्तार से जानें पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया। घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है। जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
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    पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है.
क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है?
पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं।
जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है।
जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं।
यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें।
अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं।
पूरा मामला विस्तार से जानें
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया।
घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान
जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है।
जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
    user_Misty Helping Foundation
    Misty Helping Foundation
    Etawah, Uttar Pradesh•
    1 hr ago
  • इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी पंडाल में प्रेस क्लब इटावा के तत्वावधान में पत्रकार सम्मेलन व सम्मान समारोह का कार्यक्रम मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सदर विधायिका श्री मती सरिता भदौरिया व विशिष्ट अतिथि एस एस पी इटावा श्री ब्रृजेश कुमार श्रीवास्तव का प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, महामंत्री श्री विशुन यादव, वरिष्ठ पत्रकार गौरव डूडेजा बीरेश मिश्रा, संजय सक्सेना, सन्तोष पाठक ने मंच पर आकर शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर तथा जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व जनपद के कई वरिष्ठ अधिकारियों व शिक्षा विदो का सम्मान किया गया। सम्मान करने वालों प्रमुख भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा दोस्त, बृजेश शुक्ला, रमेश यादव, अखिल सक्सेना, नीलकमल, मनोज दीक्षित, सुघर सिंह यादव, कुश चतुर्वेदी, रजत सिंह, अमित तिवारी, निहाल, उवेश चौधरी, प्रेरणा जुबैरी, रज्जन सिंह, बबलू यादव, महेश कुशवाहा, वी वी सिंह, प्रेम सिंह व रवि कुमार, राजीव शर्मा ने सम्मान किया। इस कार्यक्रम का संचालन विशुन यादव ने किया। रजत यादव पत्रकार नव भारत संवाद इटावा
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    इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी पंडाल में प्रेस क्लब इटावा के तत्वावधान में पत्रकार सम्मेलन व सम्मान समारोह का कार्यक्रम मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सदर विधायिका श्री मती सरिता भदौरिया व विशिष्ट अतिथि एस एस पी इटावा श्री ब्रृजेश कुमार श्रीवास्तव का प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, महामंत्री श्री विशुन यादव, वरिष्ठ पत्रकार गौरव डूडेजा बीरेश मिश्रा, संजय सक्सेना, सन्तोष पाठक ने मंच पर आकर शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर तथा जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व जनपद के कई वरिष्ठ अधिकारियों व शिक्षा विदो का सम्मान किया गया। सम्मान करने वालों प्रमुख भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा दोस्त, बृजेश शुक्ला, रमेश यादव, अखिल सक्सेना, नीलकमल, मनोज दीक्षित, सुघर सिंह यादव, कुश चतुर्वेदी, रजत सिंह, अमित तिवारी, निहाल, उवेश चौधरी, प्रेरणा जुबैरी, रज्जन सिंह, बबलू यादव, महेश कुशवाहा, वी वी सिंह, प्रेम सिंह व रवि कुमार, राजीव शर्मा ने सम्मान किया। इस कार्यक्रम का संचालन विशुन यादव ने किया।
रजत यादव पत्रकार 
नव भारत संवाद इटावा
    user_नव भारत संवाद
    नव भारत संवाद
    Journalist Etawah, Uttar Pradesh•
    9 hrs ago
  • इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी पंडाल में प्रेस क्लब इटावा के तत्वावधान में पत्रकार सम्मेलन व सम्मान समारोह का कार्यक्रम मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सदर विधायिका श्री मती सरिता भदौरिया व विशिष्ट अतिथि एस एस पी इटावा श्री ब्रृजेश कुमार श्रीवास्तव का प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, महामंत्री श्री विशुन यादव, वरिष्ठ पत्रकार गौरव डूडेजा बीरेश मिश्रा, संजय सक्सेना, सन्तोष पाठक ने मंच पर आकर शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर तथा जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व जनपद के कई वरिष्ठ अधिकारियों व शिक्षा विदो का सम्मान किया गया। सम्मान करने वालों प्रमुख भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा दोस्त, बृजेश शुक्ला, रमेश यादव, अखिल सक्सेना, नीलकमल, मनोज दीक्षित, सुघर सिंह यादव, कुश चतुर्वेदी, रजत सिंह, अमित तिवारी, निहाल, उवेश चौधरी, प्रेरणा जुबैरी, रज्जन सिंह, बबलू यादव, महेश कुशवाहा, वी वी सिंह, प्रेम सिंह व रवि कुमार, राजीव शर्मा ने सम्मान किया। इस कार्यक्रम का संचालन विशुन यादव ने किया। रमेश यादव पत्रकार नव भारत टाइम्स इटावा
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    इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी पंडाल में प्रेस क्लब इटावा के तत्वावधान में पत्रकार सम्मेलन व सम्मान समारोह का कार्यक्रम मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सदर विधायिका श्री मती सरिता भदौरिया व विशिष्ट अतिथि एस एस पी इटावा श्री ब्रृजेश कुमार श्रीवास्तव का प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, महामंत्री श्री विशुन यादव, वरिष्ठ पत्रकार गौरव डूडेजा बीरेश मिश्रा, संजय सक्सेना, सन्तोष पाठक ने मंच पर आकर शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर तथा जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व जनपद के कई वरिष्ठ अधिकारियों व शिक्षा विदो का सम्मान किया गया। सम्मान करने वालों प्रमुख भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा दोस्त, बृजेश शुक्ला, रमेश यादव, अखिल सक्सेना, नीलकमल, मनोज दीक्षित, सुघर सिंह यादव, कुश चतुर्वेदी, रजत सिंह, अमित तिवारी, निहाल, उवेश चौधरी, प्रेरणा जुबैरी, रज्जन सिंह, बबलू यादव, महेश कुशवाहा, वी वी सिंह, प्रेम सिंह व रवि कुमार, राजीव शर्मा ने सम्मान किया। इस कार्यक्रम का संचालन विशुन यादव ने किया।
रमेश यादव पत्रकार 
नव भारत टाइम्स इटावा
    user_रमेश यादव पत्रकार
    रमेश यादव पत्रकार
    Journalist Etawah, Uttar Pradesh•
    10 hrs ago
  • इटावा महोत्सव
    1
    इटावा महोत्सव
    user_इटावा एक्सप्रेस etawah express
    इटावा एक्सप्रेस etawah express
    Journalist Etawah, Uttar Pradesh•
    16 hrs ago
  • त्रिदिवसीय जैन जन्मकल्याणक महोत्सव का भव्य शुभारम्भ, ------ शनिवार को जैन समाज द्वारा भगवान पार्श्वनाथ एवं चंद्र प्रभु भगवान के जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर आयोजित त्रिदिवसीय कार्यक्रमों का भव्य एवं श्रद्धापूर्ण शुभारम्भ हुआ। महोत्सव के प्रथम दिन प्रातःकाल भगवान पार्श्वनाथ एवं चंद्र प्रभु भगवान के जन्मकल्याणक अवसर पर अभिषेक एवं शांतिधारा का आयोजन किया गया, जिसका सौभाग्य राजकमल जैन एवं चिराग जैन को प्राप्त हुआ।इस अवसर पर टीकमगढ़ से पधारे मोनू एंड पार्टी के संयोजक मोनू जैन द्वारा चंद्र प्रभु विधान की समस्त धार्मिक क्रियाएं विधि-विधान एवं शास्त्रोक्त परंपरा के अनुसार सम्पन्न कराई गईं। आयोजन के दौरान जैन समाज में विशेष उत्साह एवं भक्ति का वातावरण देखने को मिला। महिलाओं ने भक्ति भाव से पूजा-अर्चना एवं स्तुतियाँ कीं, वहीं पुरुष वर्ग ने भक्ति नृत्य एवं गान के माध्यम से अपनी श्रद्धा प्रकट की।कार्यक्रम में जिनशासन म्यूजिकल ग्रुप, आगरा से पधारे संगीतकार संस्कार जैन ने संगीतमय भक्ति भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भक्ति की गंगा में सराबोर कर दिया। इस दौरान नवदेवता पूजन, पार्श्वनाथ पूजन, चंद्र प्रभु पूजन एवं चंद्र प्रभु विधान संगीतमय वातावरण में सम्पन्न हुए।संध्या के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसके उपरांत नवीन रथ निर्माण के संदर्भ में बोलियाँ लगाई गईं। इसमें समाज के प्रत्येक वर्ग ने उत्साहपूर्वक बढ़-चढ़कर सहभागिता करते हुए अपनी श्रद्धानुसार बोलियाँ लगाईं।कार्यक्रम की सफलता पर समाज के वरिष्ठजनों ने हर्ष व्यक्त किया। नगर के स्वाध्याय एवं अध्यात्म से जुड़े उत्साही युवा आराध्य जैन ने बताया कि भगवान पार्श्वनाथ का जन्म आज से लगभग 2902 वर्ष पूर्व काशी (वाराणसी) में हुआ था। इस पावन दिवस को जैन समाज श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाता है तथा यह संकल्प लेता है कि हम भी अपने जीवन के कष्टों का त्याग कर परम सुख अर्थात मोक्ष की ओर अग्रसर हों।
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    त्रिदिवसीय जैन जन्मकल्याणक महोत्सव का भव्य शुभारम्भ, 
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शनिवार को जैन समाज द्वारा भगवान पार्श्वनाथ एवं चंद्र प्रभु भगवान के जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर आयोजित त्रिदिवसीय कार्यक्रमों का भव्य एवं श्रद्धापूर्ण शुभारम्भ हुआ। महोत्सव के प्रथम दिन प्रातःकाल भगवान पार्श्वनाथ एवं चंद्र प्रभु भगवान के जन्मकल्याणक अवसर पर अभिषेक एवं शांतिधारा का आयोजन किया गया, जिसका सौभाग्य राजकमल जैन एवं चिराग जैन को प्राप्त हुआ।इस अवसर पर टीकमगढ़ से पधारे मोनू एंड पार्टी के संयोजक मोनू जैन द्वारा चंद्र प्रभु विधान की समस्त धार्मिक क्रियाएं विधि-विधान एवं शास्त्रोक्त परंपरा के अनुसार सम्पन्न कराई गईं। आयोजन के दौरान जैन समाज में विशेष उत्साह एवं भक्ति का वातावरण देखने को मिला। महिलाओं ने भक्ति भाव से पूजा-अर्चना एवं स्तुतियाँ कीं, वहीं पुरुष वर्ग ने भक्ति नृत्य एवं गान के माध्यम से अपनी श्रद्धा प्रकट की।कार्यक्रम में जिनशासन म्यूजिकल ग्रुप, आगरा से पधारे संगीतकार संस्कार जैन ने संगीतमय भक्ति भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भक्ति की गंगा में सराबोर कर दिया। इस दौरान नवदेवता पूजन, पार्श्वनाथ पूजन, चंद्र प्रभु पूजन एवं चंद्र प्रभु विधान संगीतमय वातावरण में सम्पन्न हुए।संध्या के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसके उपरांत नवीन रथ निर्माण के संदर्भ में बोलियाँ लगाई गईं। इसमें समाज के प्रत्येक वर्ग ने उत्साहपूर्वक बढ़-चढ़कर सहभागिता करते हुए अपनी श्रद्धानुसार बोलियाँ लगाईं।कार्यक्रम की सफलता पर समाज के वरिष्ठजनों ने हर्ष व्यक्त किया। नगर के स्वाध्याय एवं अध्यात्म से जुड़े उत्साही युवा आराध्य जैन ने बताया कि भगवान पार्श्वनाथ का जन्म आज से लगभग 2902 वर्ष पूर्व काशी (वाराणसी) में हुआ था। इस पावन दिवस को जैन समाज श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाता है तथा यह संकल्प लेता है कि हम भी अपने जीवन के कष्टों का त्याग कर परम सुख अर्थात मोक्ष की ओर अग्रसर हों।
    user_रिपोर्टर सुशील कान्त चौधरी
    रिपोर्टर सुशील कान्त चौधरी
    Journalist Jaswantnagar, Etawah•
    14 hrs ago
  • फूप थाना पुलिस ने सोशल मीडिया स्ट्राग्राम पर फर्जी आईडी बनाकर लड़की को परेशान करने वाले युवक को तकनीकी सहायता से पकड़ा भेजा जेल*
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    फूप थाना पुलिस ने सोशल मीडिया स्ट्राग्राम पर फर्जी आईडी बनाकर लड़की को परेशान करने वाले युवक को तकनीकी सहायता से पकड़ा भेजा जेल*
    user_Dinesh soni
    Dinesh soni
    Journalist Bhind Nagar, Madhya Pradesh•
    9 hrs ago
  • किसी की जान बचना सबसे बड़ा धर्म है
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    किसी की जान बचना सबसे बड़ा धर्म है
    SU
    सच वॉयरल न्यूज
    Journalist Bhind, Madhya Pradesh•
    10 hrs ago
  • दिग्गज फुटबॉलर लियोनेल मेसी 14 साल बाद भारत आए। वो कोलकाता स्टेडियम में करीब 22 मिनट रुके। इस पर फैंस भड़क गए। कुर्सी–बोतलें फेंक दी। फैंस इस बात से नाराज थे कि उन्होंने इतना महंगा टिकट लिया और मेसी को ठीक से देख तक नहीं पाए। CM ममता बनर्जी ने मिस मैनेजमेंट पर माफी मांगी है।
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    दिग्गज फुटबॉलर लियोनेल मेसी 14 साल बाद भारत आए। वो कोलकाता स्टेडियम में करीब 22 मिनट रुके। इस पर फैंस भड़क गए। कुर्सी–बोतलें फेंक दी। फैंस इस बात से नाराज थे कि उन्होंने इतना महंगा टिकट लिया और मेसी को ठीक से देख तक नहीं पाए। CM ममता बनर्जी ने मिस मैनेजमेंट पर माफी मांगी है।
    user_MAKKI TV NEWS
    MAKKI TV NEWS
    Journalist Ajitmal, Auraiya•
    1 day ago
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