करोड़ों का एनक्लोजर भी नहीं रोक पाया कनकटी का रास्ता -हाई सिक्योरिटी एनक्लोजर से बाहर निकलकर हाइवे तक पहुंची बाघिन -ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर खड़े हुए सवाल -जरा सी लापरवाही बन सकती है बड़े हादसों का कारण कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में करोड़ों की लागत से बनाए गए हाई सिक्योरिटी एनक्लोजर से आदमखोर प्रवृत्ति की बाघिन कनकटी के बाहर निकलने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। बाघिन को नेशनल हाइवे-52 पर दरा की मुख्य सड़क के आसपास घूमते हुए देखा देखा जा रहा है। जिससे प्रशासन और वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। यह वही बाघिन है जिसने कुछ समय पहले रणथंभौर टाईगर रिजर्व क्षेत्र में दो दर्दनाक घटनाओं को अंजाम दिया था। ड्यूटी पर तैनात वन रेंजर देवेंद्र चौधरी व दादी के साथ त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन करने जा रहे 7 वर्षीय बच्चे कार्तिक सुमन को मौत के घाट उतार दिया था। इन घटनाओं के बाद इसे आदमखोर घोषित करने की मांग उठी और बाद में इसे मुकुंदरा शिफ्ट किया गया। जहां इसे उच्च सुरक्षा वाले एनक्लोजर में रखा गया था। वन विभाग का कहना है कि फिलहाल बाघिन एनक्लोजर क्षेत्र के आसपास ही है और उसकी मूवमेंट पर निगरानी की जा रही है। 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है एनक्लोजर मुकुंदरा हिल्स में टाइगर एनक्लोजर पर करीब 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विशाल एनक्लोजर बनाया गया है। वहीं 28 किलोमीटर लंबी दीवार तथा ऊपर 2.5 मीटर ऊंची संरचना और 1.2 मीटर चेन-लिंक फेंसिंग है। दावा किया गया था कि इससे बाघ बाहर नहीं जा सकेगा और कोई बाहरी जानवर अंदर नहीं आएगा। लेकिन बाघिन का इतनी आसानी से बाहर निकल जाना कई तरह के सवाल खड़े करता है। कई बार विवादों में आ चुका है मुकुंदरा हिल्स यह पहली घटना नहीं है जब मुकुंदरा हिल्स विवादों में आया हो। यहां पहले भी बाघों की मौत और लापरवाही के आरोप लगे हैं। जिनमें बाघिन एमटी-4 की इलाज नहीं मिलने से मौत, बाघ एमटी-3 रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया था जो बाद में मृत मिला, इसी प्रकार एमटी-2 की संक्रमण से मौत का मामला भी काफी चर्चा में रहा। वहीं संघर्ष में कई शावकों की मौत हुई है। अब कनकटी के इस तरह बाहर निकलने से एक बार फिर वन विभाग सवालों के घेरे में है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि बाधिन के गले में रेडियो कॉलर होने के बावजूद वह फेंसिंग तक कैसे पहुंच गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना वन विभाग के लिए एक वेक-अप कॉल की तरह है। --- बाघिन फिलहाल दरा रेंज के खुले जंगल में ही है। वन विभाग की टीम द्वारा लगातार उसकी ट्रैकिंग की जा रही है। बाघिन को क्षेत्र के अंदर भेजने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। -प्रद्युमन सिंह, रेंजर, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व
करोड़ों का एनक्लोजर भी नहीं रोक पाया कनकटी का रास्ता -हाई सिक्योरिटी एनक्लोजर से बाहर निकलकर हाइवे तक पहुंची बाघिन -ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर खड़े हुए सवाल -जरा सी लापरवाही बन सकती है बड़े हादसों का कारण कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में करोड़ों की लागत से बनाए गए हाई सिक्योरिटी एनक्लोजर से आदमखोर प्रवृत्ति की बाघिन कनकटी के बाहर निकलने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। बाघिन को नेशनल हाइवे-52 पर दरा की मुख्य सड़क के आसपास घूमते हुए देखा देखा जा रहा है। जिससे प्रशासन और वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। यह वही बाघिन है जिसने कुछ समय पहले रणथंभौर टाईगर रिजर्व क्षेत्र में दो दर्दनाक घटनाओं को अंजाम
दिया था। ड्यूटी पर तैनात वन रेंजर देवेंद्र चौधरी व दादी के साथ त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन करने जा रहे 7 वर्षीय बच्चे कार्तिक सुमन को मौत के घाट उतार दिया था। इन घटनाओं के बाद इसे आदमखोर घोषित करने की मांग उठी और बाद में इसे मुकुंदरा शिफ्ट किया गया। जहां इसे उच्च सुरक्षा वाले एनक्लोजर में रखा गया था। वन विभाग का कहना है कि फिलहाल बाघिन एनक्लोजर क्षेत्र के आसपास ही है और उसकी मूवमेंट पर निगरानी की जा रही है। 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है एनक्लोजर मुकुंदरा हिल्स में टाइगर एनक्लोजर पर करीब 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विशाल एनक्लोजर बनाया
गया है। वहीं 28 किलोमीटर लंबी दीवार तथा ऊपर 2.5 मीटर ऊंची संरचना और 1.2 मीटर चेन-लिंक फेंसिंग है। दावा किया गया था कि इससे बाघ बाहर नहीं जा सकेगा और कोई बाहरी जानवर अंदर नहीं आएगा। लेकिन बाघिन का इतनी आसानी से बाहर निकल जाना कई तरह के सवाल खड़े करता है। कई बार विवादों में आ चुका है मुकुंदरा हिल्स यह पहली घटना नहीं है जब मुकुंदरा हिल्स विवादों में आया हो। यहां पहले भी बाघों की मौत और लापरवाही के आरोप लगे हैं। जिनमें बाघिन एमटी-4 की इलाज नहीं मिलने से मौत, बाघ एमटी-3 रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया था जो बाद में मृत मिला, इसी प्रकार एमटी-2 की संक्रमण से
मौत का मामला भी काफी चर्चा में रहा। वहीं संघर्ष में कई शावकों की मौत हुई है। अब कनकटी के इस तरह बाहर निकलने से एक बार फिर वन विभाग सवालों के घेरे में है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि बाधिन के गले में रेडियो कॉलर होने के बावजूद वह फेंसिंग तक कैसे पहुंच गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना वन विभाग के लिए एक वेक-अप कॉल की तरह है। --- बाघिन फिलहाल दरा रेंज के खुले जंगल में ही है। वन विभाग की टीम द्वारा लगातार उसकी ट्रैकिंग की जा रही है। बाघिन को क्षेत्र के अंदर भेजने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। -प्रद्युमन सिंह, रेंजर, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व
- राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ और पब्लिक एप का ताजा अपडेट। कोटा अभिभाषक परिषद का चुनाव शांतिपूर्वक भाईचारे के बीच में संपन्न। चुनाव में 18 प्रत्याशियों ने पूरजोर ताकत लगाई। 16469 के करीब मतदाताओं में से 1600 मतदाताओं ने शायद अपने मत का उपयोग किया। अध्यक्ष पद पर गोपाल दत्त शर्मा और भारत सिंह के बीच में कांटे की टक्कर 13 तारीख को सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। इस बार के चुनाव में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भागीदारी की है। वही युवा वकीलों ने भी अपना दमखम दिखाया है। राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ की हमेशा भविष्यवाणी सही रहती है। देखिएगा 13 तारीख के क्या नतीजा आते हैं।1
- #TragicAccident पूर्वांचल एक्स्प्रेस वे पर दर्दनाक सड़क हादसा: बाराबंकी जिले में खड़ी कार को तेज रफ्तार कार ने मारी टक्कर: दोनों कारों में लगी आग: 5 लोग जिंदा जले...1
- Post by Mahendar.merotha2
- SUNO KAVITA........ ANDHA BANIYA.1
- डेली मेल ने एक दिल छू लेने वाला वीडियो शेयर किया, जिसमें एक अनाथ नन्हा बंदर सड़क की एक बिल्ली से ऐसे लिपटा है जैसे वह उसकी माँ हो। वीडियो में बंदर बिल्ली के पेट से चिपक कर उसके साथ चलता दिखता है, जबकि बिल्ली उसे पूरी शांति से सुरक्षा देती रहती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि अब दोनों कभी अलग नहीं होते। यह रिश्ता साबित करता है कि मातृत्व की भावना प्रजातियों से ऊपर होती है।🔥 #viral #trending #cutestvideo #animals #animalshorts #catlove #monkeylove #viralreels #trendingreels #hearttouching #mustwatch #dailynews #pets #reelkarofeelkaro #foryou #fyp #viralscene #cuteanimals #naturelove1
- sandhya satsang at Katne MP1
- अवैध लकड़ियों से भरा ट्रैक्टर ट्राली किया जप्त , उपवन संरक्षक बांरा के निर्देशन में वन विभाग ने की कार्रवाई छीपाबड़ौद - (इंसाफ अली) वन विभाग ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए अवैध लकड़ियों से भरा ट्रेक्टर ट्राली जप्त किया है । उपवन संरक्षक बारां द्वारा दिए गए निर्देश अनुसार अवैध खनन अवैध कटान व गेरवानिकी कार्यों की रोकथाम की पालना में छीपाबड़ौद क्षेत्रीय वन अधिकारी हेमेंद्र शाक्यवाल के नेतृत्व में मुखबिर से मिले इनपुट पर रेंज छीपाबड़ौद से सरकारी वाहन से रवाना हुआ तो वनखंड छीपाबड़ौद के काजलिया पिथपुर रोड़ पर गिली लकड़ियों से भरी बिना नम्बर प्लेट ट्रैक्टर ट्राली आते हुए नजर आई तभी उसे वन कर्मियों ने रोका,और चालक को रोककर पूछताछ की तो संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर अवैध लकड़ियों से भरा ट्रेक्टर ट्राली जप्त कर कार्रवाई हेतु वन विभाग कार्यालय में खड़ा कर दिया गया । जिसमें राजस्थान वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही की गई । कार्रवाई के दौरान आशा भावरिया,जितेन्द्र कुमार वनरक्षक,रिंकू कुमार मीणा वनरक्षक,मालमसिंह वनरक्षक, सुनील कुमार सागवान,लालसिंह मीणा वनरक्षक सहित अन्य वनकर्मी मौजूद रहे ।1
- राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ का ताजा अपडेट। कोटा कलेक्टर पियूष सामरिया ने दिया विशेष साक्षात्कार राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ चैनल हेड रमेश गांधी को।1