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पीएम नरेंद्र मोदी है प्रयागराज महाकुंभ में
SK
SANJAY KUMAR
पीएम नरेंद्र मोदी है प्रयागराज महाकुंभ में
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- सुंदर वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है यह मंदिर, अद्भुत कलाकारी व अलौकिक दृश्य का मनोरम संगम है यह स्थान... स्वामी नारायण मंदिर की स्थापना 19वीं शताब्दी में स्वामी नारायण संप्रदाय के अनुयायियों द्वारा की गई थी। स्वामी नारायण एक महान संत और आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने 18वीं शताब्दी में गुजरात में स्वामी नारायण संप्रदाय की स्थापना की थी। स्वामी नारायण मंदिर एक सुंदर और विशाल मंदिर है जो अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह भगवान स्वामी नारायण की मूर्ति को समर्पित है, जो एक सुंदर और शांत वातावरण में स्थित है। मंदिर के चारों ओर सुंदर बाग़ और पेड़ हैं, जो मंदिर को एक शांत और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करते हैं। यह मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो अपनी सुंदर वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान स्वामी नारायण को समर्पित है और उनके अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।10
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- संगम की रेती पर होने वाले 2025 महाकुंभ की तैयारियां जोरो पर है अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री रविंद्र पुरी महराज ने सुपर प्रयाग न्यूज से खास बातचीत में तीर्थराज प्रयाग को विश्व धरोहर की मांग केंद्र की मोदी सरकार से की है जबकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे। पवनदेव,लोकप्रिय,टीवी पत्रकार, प्रयागराज।1
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- महाकुंभ की थीम पर चौथा पुस्तक मेला 20 दिसंबर से एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में जुटेंगे देश भर के प्रमुख प्रकाशक, होंगे विविध आयोजन प्रयागराज। महाकुंभ थीम पर आधारित चौथे प्रयागराज पुस्तक मेले का आयोजन फोर्सवन बुक्स और बुकवाला द्वारा संयुक्त रूप से 20 दिसंबर से 29 दिसंबर 2024 तक एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज, कमला नेहरू रोड, सिविल लाइंस, प्रयागराज में किया जा रहा है। निःशुल्क प्रवेश वाले इस 10 दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक होगा। संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस वर्ष मेले की थीम "महाकुंभ 2025 - आओ चलें महाकुंभ" रखी गई है। मेले में आने बाले पाठकों को कुंभ के महत्व और उससे जुड़ी जानकारियों के साथ-साथ अध्यात्म, संस्कृति, साहित्य और अन्य विषयों पर आधारित पुस्तकों और सामग्री का संग्रह देखने को मिलेगा। मेले के आयोजन के लिए 15000 वर्ग फुट का बाटरप्रूफ हेंगर लगाया जा रहा है, जिसमें देश के विभिन्न शहरों के हिंदी, अंग्रेज़ी और उर्दू भाषा के प्रमुख प्रकाशक, वितरक, आयातक, और सामाजिक संस्थान भाग लेंगे। इस बार मेले में शामिल होने वाले प्रमुख प्रकाशक हैं: राजकमल-लोकभारती प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, प्रकाशन विभाग (भारत सरकार), नेशनल लाइब्रेरी कोलकाता, अनवाउंड स्क्रिप्ट, प्रकाशन संस्थान, सेतु प्रकाशन, सस्ता माहित्य मंडल, साहित्य भंडार, सम्यक प्रकाशन, सामयिक प्रकाशन, राजपाल एंड संस, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, हिन्द युग्म, दिव्यांश प्रकाशन, और बोधरस प्रकाशन। मेले के सह-संयोजक मनीष गर्ग ने बताया कि पुस्तक प्रेमियों को न्यूनतम 10 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल युग में भी किताबों का महत्व अटूट है। किताबें सदियों से समाज के विकास में अहम भूमिका निभाती आई हैं और आज भी हमारी सबसे अच्छी दोस्त मानी जाती हैं। पुस्तक मेले में पुस्तकों का विमोचन, लेखकों से मिलिए कार्यक्रम, कवि सम्मेलन और बच्चों के लिए विशेष आयोजन भी किए जाएंगे। इसके अलावा, स्थानीय लेखकों को अपनी पुस्तकों के प्रदर्शन और विक्री के लिए निःशुल्क स्टॉल प्रदान किया जाएगा। पिछले तीन वर्षों में आयोजित प्रयागराज पुस्तक मेले को सभी वर्गों के पाठकों का अपार समर्थन मिला है। मेले ने पाठकों को अपनी रुचि की पुस्तकों को खोजने और खरीदने का अनूठा अवसर प्रदान किया है।1
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