*नरक की जिंदगी गुजार रहे साहब.. कोई नहीं सुनता दर्द* *नदी में जहर घोल रहा शुगर मिल! दर्जनों गांव की फिजा बनी जहरीली; लोगों की जिंदगी हुई तबाह* *जहरीले पानी से जानवरों सहित इंसानों में बीमारियां बना रही घर* अकबरपुर चीनी मिल के जहरीले पानी ने नदी के किनारे खड़े नाजुक पेड़ों को सुखा दिया है. साथ ही पर्यावरण के लिए अनुकूल जीव जंतुओं की जीवन लीला खत्म कर दी है. यहीं नहीं जहरीले पानी जानवरों से छूते ही सड़न जैसी बीमारी शुरू हो जाती है.जो लोगों द्वारा बताया जा रहा है,चीनी मिल से निकलने वाला जहरीला दूषित पानी आसपास के दर्जनों गांव के लिए जीवन दायिनी साबित होने वाली तमसा नदी को प्रदूषित कर दिया है. यही नहीं चीनी मिल से निकलने वाले जहरीले पानी से जानवर तो बीमार पड़ ही रहे है. साथ ही साथ इसका असर अब इंसानों की जिंदगी पर भी पड़ रहा है.इस दौरान खतरनाक और जहरीला पानी बेहतर जलवायु को लगातार नष्ट कर रहा है.इससे पेड़ पौधों से लेकर, नदी में रहने वाले जीव जंतु, जानवर सहित मानव जीवन पर खतरे के बादल तेजी से मंड़रा रहे हैं. बताया जा रहा है कि जानवरों सहित इंसानों में त्वचा सहित दमा जैसी खतरनाक बीमारियां पैदा हो रही है.वहीं,चीनी मिल के नाले से निकल रहे जहरीले काले पानी को देखिए. इस पानी की दुर्गंध से इंसान मिनट भर भी खड़ा न हो पाए. जहां जहरीले पानी का अंश उपजाऊ भूमि, पेड़ पौधे, जीव जन्तु, जानवर सहित इंसानों के तबाही की दासता लिख दे. लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह सब दिखाई नहीं देता है. किसानों की लहलहाती फसल की पैदावार भी खत्म हो गई और पानी छूते ही जानवर भी बीमारी को जोड़ लें. ऐसे जहरीले पानी की फिजा में दर्जनों गांव के लोग नरक भरी जिंदगी जीने को मजबूर है. वहीं, अकबरपुर चीनी का प्रबंधन अपने रसूख के चलते इंसानों की जिंदगी और पर्यावरण से लगातार खिलवाड़ कर रहा है, लेकिन इन सबको देखने वाला कोई नहीं है.इस दौरान स्थानीय गांव वालों का कहना है कि चीनी मिल के जहरीले पानी की वजह से इंसानों की जिंदगी नरक जैसी हो गई है. जहां जहरीले पानी को नदी में छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से नदी का पानी इंसानों के फायदे की वजह उनकी मुसीबत बन गया है. किसानों की बातें माने तो इससे पहले नदी के पानी जानवरों को नहलाने, खेतो की सिंचाई सहित कई कामों में काम आता था.लेकिन पानी का अंश जहां भी गिरता है तो वहां की मिट्टी, पेड़ सहित सब कुछ नष्ट कर देता है. ऐसे में कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन आज तक चीनी मिल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है. फिलहाल, चीनी ने दर्जनों गांव के लोगों के जीवन की फिजा में जहर घोल दिया है.वहीं, अकबरपुर चीनी मिल ने कागजों में प्रदूषण बोर्ड से जीरो डिस्चार्ज सर्टिफिकेट लिया है, लेकिन प्रदूषण बोर्ड के नियमों को ताक पर रखकर जीवन दायिनी नदीं में जहरीला पानी गिराकर नदी को भी मिल ने जहरीला बना दिया है।
*नरक की जिंदगी गुजार रहे साहब.. कोई नहीं सुनता दर्द* *नदी में जहर घोल रहा शुगर मिल! दर्जनों गांव की फिजा बनी जहरीली; लोगों की जिंदगी हुई तबाह* *जहरीले पानी से जानवरों सहित इंसानों में बीमारियां बना रही घर* अकबरपुर चीनी मिल के जहरीले पानी ने नदी के किनारे खड़े नाजुक पेड़ों को सुखा दिया है. साथ ही पर्यावरण के लिए अनुकूल जीव जंतुओं की जीवन लीला खत्म कर दी है. यहीं नहीं जहरीले पानी जानवरों से छूते ही सड़न जैसी बीमारी शुरू हो जाती है.जो लोगों द्वारा बताया जा रहा है,चीनी मिल से निकलने वाला जहरीला दूषित पानी आसपास के दर्जनों गांव के लिए जीवन दायिनी साबित होने वाली तमसा नदी को प्रदूषित कर दिया है. यही नहीं चीनी मिल से निकलने वाले जहरीले पानी से जानवर तो बीमार पड़ ही रहे है. साथ ही साथ इसका असर अब इंसानों की जिंदगी पर भी पड़ रहा है.इस दौरान खतरनाक और जहरीला पानी बेहतर जलवायु को लगातार नष्ट कर रहा है.इससे पेड़ पौधों से लेकर, नदी में रहने वाले जीव जंतु, जानवर सहित मानव जीवन पर खतरे के बादल तेजी से मंड़रा रहे हैं. बताया जा रहा है कि जानवरों सहित इंसानों में त्वचा सहित दमा जैसी खतरनाक बीमारियां पैदा हो रही है.वहीं,चीनी मिल के नाले से निकल रहे जहरीले काले पानी को देखिए. इस पानी की दुर्गंध से इंसान मिनट भर भी खड़ा न हो पाए. जहां जहरीले पानी का अंश उपजाऊ भूमि, पेड़ पौधे, जीव जन्तु, जानवर सहित इंसानों के तबाही की दासता लिख दे. लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह सब दिखाई नहीं देता है. किसानों की लहलहाती फसल की पैदावार भी खत्म हो गई और पानी छूते ही जानवर भी बीमारी को जोड़ लें. ऐसे जहरीले पानी की फिजा में दर्जनों गांव के लोग नरक भरी जिंदगी जीने को मजबूर है. वहीं, अकबरपुर चीनी का प्रबंधन अपने रसूख के चलते इंसानों की जिंदगी और पर्यावरण से लगातार खिलवाड़ कर रहा है, लेकिन इन सबको देखने वाला कोई नहीं है.इस दौरान स्थानीय गांव वालों का कहना है कि चीनी मिल के जहरीले पानी की वजह से इंसानों की जिंदगी नरक जैसी हो गई है. जहां जहरीले पानी को नदी में छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से नदी का पानी इंसानों के फायदे की वजह उनकी मुसीबत बन गया है. किसानों की बातें माने तो इससे पहले नदी के पानी जानवरों को नहलाने, खेतो की सिंचाई सहित कई कामों में काम आता था.लेकिन पानी का अंश जहां भी गिरता है तो वहां की मिट्टी, पेड़ सहित सब कुछ नष्ट कर देता है. ऐसे में कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन आज तक चीनी मिल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है. फिलहाल, चीनी ने दर्जनों गांव के लोगों के जीवन की फिजा में जहर घोल दिया है.वहीं, अकबरपुर चीनी मिल ने कागजों में प्रदूषण बोर्ड से जीरो डिस्चार्ज सर्टिफिकेट लिया है, लेकिन प्रदूषण बोर्ड के नियमों को ताक पर रखकर जीवन दायिनी नदीं में जहरीला पानी गिराकर नदी को भी मिल ने जहरीला बना दिया है।
- AAbidFarrukhabad, Uttar Pradesh😂2 hrs ago