खामापुर सर्किल में सागौन के कीमती पेड़ों की अवैध कटाई: वन माफिया का वन संपदा पर हमला भीमपुर/मनीष राठौर पश्चिम वन मंडल के खामापुर सर्किल में वन माफिया की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही। जानकारों के मुताबिक, तकरीबन 10 से 15 बहुमूल्य सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वन विभाग की लापरवाही से लाखों रुपये की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है, लेकिन जिम्मेदार अफसर चुप्पी साधे हुए हैं।घने जंगलों में माफिया का धावा, ग्रामीणों ने देखे कटे ठूंठखामापुर सर्किल के घने जंगलों में वन माफिया ने धावा बोल दिया। उन्होंने सागौन के बहुमूल्य पेड़ों को काट डाला और बड़ी मात्रा में लकड़ी को चुपचाप परिवहन भी कर लिया। स्थानीय निवासियों और वन क्षेत्र के जानकारों ने बताया कि यह कटाई हाल ही में हुई है।बीट गार्ड की घोर लापरवाही के कारण यह घटना तब पकड़ में आई, जब आसपास के ग्रामीणों ने जंगलों में कटे हुए पेड़ों के ठूंठ देखे। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "वन विभाग सो रहा है। माफिया बेखौफ होकर कटाई कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।"नामजद अधिकारी टालमटोल में जुटे, जांच का बहानाविभाग के अधिकारी श्रीवास्तव (एसडीओ), शैलेंद्र चौरसिया (रेंजर) और शुकम पाठक (बीट गार्ड) इस मामले में नामजद हैं। उन पर सीधी लापरवाही का आरोप लग रहा है। सूत्रों के अनुसार, ये अधिकारी पूरे प्रकरण को रफा-दफा करने की कोशिश में जुटे हैं।जब अधिकारियों से बात की गई, तो उनका रवैया हैरान करने वाला रहा। एक अधिकारी ने कहा, "आप मीडिया से हो, न्यूज मत चलाओ। हम इंक्वायरी कर रहे हैं और तस्करों को पकड़ने की कोशिश में जुटे हैं। दो दिन बाद जवाब देंगे।" यह बयान विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या अधिकारी खुद माफिया के संरक्षण में हैं?पुरानी कहानी दोहरा रही वन विभाग की नाकामीपश्चिम वन मंडल के इस सर्किल में पहले भी अवैध कटाई के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन हर बार जांच के नाम पर बातें बनती रहीं। बीट गार्ड से लेकर सर्किल इंचार्ज और उच्च अधिकारियों तक कोई स्पष्ट जवाब देने को तैयार नहीं। पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय संगठनों ने उच्च अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।यदि समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो खामापुर के जंगल पूरी तरह वीरान हो सकते हैं। वन संपदा की रक्षा का जिम्मा संभाले अफसरों की 'कुंभकर्णीय नींद' जंगल के लिए घातक साबित हो रही है।
खामापुर सर्किल में सागौन के कीमती पेड़ों की अवैध कटाई: वन माफिया का वन संपदा पर हमला भीमपुर/मनीष राठौर पश्चिम वन मंडल के खामापुर सर्किल में वन माफिया की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही। जानकारों के मुताबिक, तकरीबन 10 से 15 बहुमूल्य सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वन विभाग की लापरवाही से लाखों रुपये की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है, लेकिन जिम्मेदार अफसर चुप्पी साधे हुए हैं।घने जंगलों में माफिया का धावा, ग्रामीणों ने देखे कटे ठूंठखामापुर सर्किल के घने जंगलों में वन माफिया ने धावा बोल दिया। उन्होंने सागौन के बहुमूल्य पेड़ों को काट डाला और बड़ी मात्रा में लकड़ी को चुपचाप परिवहन भी कर लिया। स्थानीय निवासियों और वन क्षेत्र के जानकारों ने बताया कि यह कटाई हाल ही में हुई है।बीट गार्ड की घोर लापरवाही के कारण यह घटना तब पकड़ में आई, जब आसपास के ग्रामीणों ने जंगलों में कटे हुए पेड़ों के ठूंठ देखे। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "वन विभाग सो रहा है। माफिया बेखौफ होकर कटाई कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।"नामजद अधिकारी टालमटोल में जुटे, जांच का बहानाविभाग के अधिकारी श्रीवास्तव (एसडीओ), शैलेंद्र
चौरसिया (रेंजर) और शुकम पाठक (बीट गार्ड) इस मामले में नामजद हैं। उन पर सीधी लापरवाही का आरोप लग रहा है। सूत्रों के अनुसार, ये अधिकारी पूरे प्रकरण को रफा-दफा करने की कोशिश में जुटे हैं।जब अधिकारियों से बात की गई, तो उनका रवैया हैरान करने वाला रहा। एक अधिकारी ने कहा, "आप मीडिया से हो, न्यूज मत चलाओ। हम इंक्वायरी कर रहे हैं और तस्करों को पकड़ने की कोशिश में जुटे हैं। दो दिन बाद जवाब देंगे।" यह बयान विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या अधिकारी खुद माफिया के संरक्षण में हैं?पुरानी कहानी दोहरा रही वन विभाग की नाकामीपश्चिम वन मंडल के इस सर्किल में पहले भी अवैध कटाई के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन हर बार जांच के नाम पर बातें बनती रहीं। बीट गार्ड से लेकर सर्किल इंचार्ज और उच्च अधिकारियों तक कोई स्पष्ट जवाब देने को तैयार नहीं। पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय संगठनों ने उच्च अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।यदि समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो खामापुर के जंगल पूरी तरह वीरान हो सकते हैं। वन संपदा की रक्षा का जिम्मा संभाले अफसरों की 'कुंभकर्णीय नींद' जंगल के लिए घातक साबित हो रही है।
- खंडवा में साल2025 की विदाई पर हुड़दंगबाजियो पर नजर... बाइक से पुलिस की गस्त...CSP पुलिस टीम के साथ निकले सड़क पर एडिशनल एसपी, राजेश रघुवंशी ने क्या कहा1
- Post by पंडित नीतेश कुमार मिश्रा साधना न्यूज़ संवाददाता1
- खंडवा निवासी और राजपथ न्यूज़ के प्रधान संपादक कृष्ण कुमार दुबे पहुंचे जम्मू-कश्मीर के एक दारुल उलूम में। इनमें से कोई हैदर अली है, कोई जाकिर हुसैन, कोई नासिर हुसैन, कोई मोहम्मद शाहिद तो कोई अजहरूद्दीन... इनके माता-पिता ने बड़ी उम्मीदों के साथ इस दारुल उलूम में भेजा है। मेरे मित्र सैयद बशारत मूसा और रियाज साहब ने एक सपना देखा है कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली के तहत इन बच्चों को तकनीकी और वैज्ञानिक शिक्षा देकर इनके सपनों को साकार किया जाए। मुझे भी इन बच्चों से मुलाकात कर राजपथ न्यूज़ के बारे में बताया..1
- ग्राम करनपुर में स्टेट हाईवे पर 64 लाख की अंग्रेजी शराब से भरा ट्रक सड़क से नीचे उतरा, हेल्पर और ड्राइवर मौके से हुए रफ़ूचक्कर। सोहागपुर // ग्राम करनपुर के पास स्टेट हाईवे पर अंग्रेजी शराब से भरा एक ट्रक सड़क से नीचे उतर गया। इसकी सूचना जैसे ही पुलिस को लगी पुलिस मौके पर पहुंची और देखा कि ट्रक के अंदर काफी मात्रा में अंग्रेजी शराब भरी हुई है। जिसे दूसरी गाड़ी में रखकर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। लेकिन ट्रक से ना तो ड्राइवर और हेल्पर मिले हैं, दोनों ही मौके से फरार हो गए थे। यह पूरा मामला अवैध शराब से जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा है, हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस जांच में जुट हुई है। फिलहाल शराब अवैध है या अवैध इसकी पुष्टि पुलिस द्वारा नहीं की गई है। पुलिस के द्वारा शराब को अवैध मानते हुए कार्यवाही की जा रही है। ट्रक के अंदर लगभग 64 लाख रुपए की शराब होने की संभावना बताई जा रही है। इस पूरे मामले में एसडीओपी संजू चौहान ने बताया कि शराब से भरा ट्रक कहां से कहां जा रहा था इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन सड़क से नीचे उतरने की सूचना मिली थी, जिसमें पुलिस मौके पर पहुंचकर कार्रवाई कर रही है, उन्होंने बताया कि शायद ड्राइवर को नींद लग गई हो या वाहन को बचाने के चक्कर में ट्रक सड़क से नीचे उतर गया था, लेकिन अभी तक ना तो ड्राइवर और ना ही उनका कोई साथी हमारे पास आया है। इस मामले की पूरी जांच की जा रही है। शराब अवैध है या वैध इसके बारे में अभी स्पष्ट नहीं किया जा सकता। दिनभर बी जाने के बावजूद कोई भी व्यक्ति इसके मालिकाना हक को लेकर नहीं आया है। ट्रक से 750 पेटी के लगभग शराब जप्त की गई है। जिसकी कुल कीमत 64 लख रुपए के लगभग है एवं ट्रक की कीमत 40 लख रुपए को जप्त किया गया है। जप्त शराब को अवैध मानते हुए आईपीसी की धारा 34(2) के तहत कार्यवाही की जा रही है। गौरतलब है कि नए वर्ष पर भारी मात्रा में शराब का उपयोग किया जाता है। हो सकता है कि यह शराब भी अवैध रूप से खपाने के लिए ले जाए जा रही हो और इसी दौरान ग्राम करनपुर के पास यह हादसा हो गया जिससे इतनी बड़ी मात्रा में शराब पुलिस के हाथ लग गई।4
- अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं का आक्रोश, गोराडिया की करीब पच्चीस से तीस महिलाएं एसपी कार्यालय पहुंचीं1
- वेतन का भुगतान समय पर नहीं होने के कारण नगर पंचायत कर्मचारी ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम के नाम तहसीलदार अंजली गुप्ता को सोपा ज्ञापन कन्नौद, नगर परिषद कन्नौद के कर्मचारियों ने समय पर वेतन न मिलने के कारण बुधवार दोप,1 बजे एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम के नाम तहसीलदार अंजली गुप्ता को सोपा ज्ञापन ज्ञापन के वाचन में बताया कि माह अक्टूबर से दिसंबर तक तीन माह का वेतन नहीं दिया गया है जिसके कारण जीवन यापन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जैसे बच्चों की स्कूली फीस, बिजली बिल, ऋण की किस्त, बीमारी के कारण समय पर परिवार का इलाज करवाना जैसी समस्याऐ बताई,यदि समय पर भुगतान नहीं किया गया तो कलम बंद कर हड़ताल पर बैठने पर मजबूर होना पड़ेगा2
- महादेव की पवित्र नगरी पचमढ़ी में शिवरात्रि मेला 15 फरवरी से आयोजित होने जा रहा है। मेले में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से लाखों श्रद्धालु चौरागढ़ महादेव एवं जटाशंकर के दर्शन हेतु पहुंचेंगे। श्रद्धालु नांदिया जंक्शन होते हुए चौरागढ़ पहुंचते हैं। मेले की तैयारियों एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु जैन, अनुविभागीय अधिकारी आकिप खान एवं अन्य मेले संबंधित अधिकारियों ने आज बुधवार को शाम 4:00 बजे मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। जिला सीईओ द्वारा श्रद्धालुओं के आवगमन को सुचारू बनाए रखने के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। मेला क्षेत्र में पानी की सप्लाई, सफाई और ब्लीचिंग के छिड़काव के लिए संबंधित अधिकारियों को सीईओ हिमांशु जैन द्वारा निर्देशित किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि मेले में दुकानदारों को ईको फ्रेंडली बांस के डस्टबिन का इस्तेमाल करने हेतु प्रेरित किया जाए, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।1
- khandwa : नया साल 2026: हनुवंतिया टापू पर जल महोत्सव का आगाज, पानी की लहरों पर नववर्ष का जश्न... खंडवा कलेक्टर ने क्या कुछ कहा1
- मढ़ई में नियमों को ताक रखकर नए साल का जश्न मनाने की जा रही तैयारी, हजारों की संख्या में सतपुड़ा की वादियों में पहुंचेंगे पर्यटक सोहागपुर // साल 2025 की विदाई और नए साल 2026 के स्वागत का जश्न मनाने के लिए पूरी दुनिया में तैयारी चल रही है। ऐसे में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व मढ़ई कैसे पीछे रह सकता है। हर साल नए साल की स्वागत के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक मढ़ई पहुंचते हैं। यह समय होटल एवं रिसोर्ट की कमाई का एक बड़ा अवसर होता है ऐसे में शासन एवं प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ाकर देश विदेश से आने वाले पर्यटकों की आओ भगत की जाती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रिसोर्ट एवं होटल मालिकों द्वारा उनके यहां आने वाले मेहमानों को बिना लाइसेंस के शराब परोसी जाएगी तो वही यहां होने वाली पार्टियों में तेज आवाज में डीजे की धुन का शोरगुल वन्यजीवों के लिए घातक हो सकता है इसकी कोई चिंता नहीं होगी। टाइगर रिजर्व क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर रोक के आदेश मिल चुके हैं। लेकिन मढ़ई में डीजे साउंड जैसी स्थिति तो अभी से बनने लगी है। नए साल के सीजन में यहां आने वाले पर्यटकों को नए साल का लुप्त होना उठाने के लिए अपनी जेब भी कुछ ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है। नए साल में बड़े घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए यहां की होटल एवं रिसोर्ट में बड़े स्तर पर तैयारियां अंतिम चरण में है। पर्यटक यहां मढ़ई में टाइगर सहित अन्य वन प्राणियों व सुंदर वादियों का आनंद तो लेंगे ही लेंगे साथ ही होटल द्वारा उनके लिए विशेष भव्य पार्टियों का आयोजन भी किया जा रहा है जिसके लिए अलग-अलग पैकेज की व्यवस्था भी रखी गई है। इन पैकेजों में कपल के लिए अलग शुल्क फैमिली के लिए अलग शुल्क का भुगतान करना होगा तो वही सिंगल युवाओं के लिए भी व्यवस्थाएं की गई है जिसके लिए भी एक निश्चित शुल्क अदा करना होगा। सूत्रों ने यह भी बताया कि मढ़ई क्षेत्र में मात्र 3 -4 होटल एवं रिसॉर्ट के पास आबकारी द्वारा दिए जाने वाला बार लाइसेंस है जिसमें वह अपनी होटल या रिसॉर्ट में आने वाले मेहमानों को शराब परोस सकते हैं। हालांकि मप्र आबकारी विभाग द्वारा नए साल में पार्टी करने के लिए एक दिन का लाइसेंस भी जारी किया जा रहा है अब देखना बाकी है कि क्षेत्र की किन होटल मालिकों द्वारा यह लाइसेंस लिया गया है और किन लोगों द्वारा अवैध रूप से रूप से उनके यहां आने वाले पर्यटकों को खुलेआम शराब पड़ोसी जाएगी। अब देखना यह बाकी है कि आबकारी विभाग द्वारा इस तरह से खुलेआम अवैध शराब खोरी को रोकने के लिए किस तरह की निगरानी की जाती है या पिछले वर्षों की तरह नियमों की धज्जियां उड़ती रहेगी। क्योंकि कई होटलों के पास तो फायर सेफ्टी सिस्टम भी नहीं है। -कोर एरिया में मोबाइल पर प्रतिबंध होने से पर्यटक होंगे मायूस- मध्य प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में सफारी के दौरान मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिससे पर्यटक टाइगर वह अन्य वन्य जीवो की यादगार तस्वीरें नहीं ले सकेंगे न ही वह सेल्फी ले सकेंगे। यदि पर्यटकों को इन यादगार लम्हों को अपने पास सुरक्षित रखना है तो उन्हें कैमरा का उपयोग करना होगा।1