मिथिला वाहिनी के द्वारा मिथिला मैथिली और मैथिल के चहुंमुखी विकास हेतु सहरसा जिला के बाबा जी कुटी वनगांव के प्रांगण में श्री विजय झा की अध्यक्षता में एक बैठक की गई जिसका संचालन श्री निर्मल मिश्रा जी द्वारा किया गया। बैठक में अखिल भारतीय मिथिला पार्टी के कार्यकर्ताओं का भी सहयोग रहा बैठक में मिथिला वाहिनी के संस्थापक सह मुख्य संरक्षक श्री मिहिर कुमार झा महादेव भी उपस्थित हुए। बैठक को संबोधित करते श्री मिहिर झा महादेव ने सबसे पहले सभी लोगों को मिथिला वाहिनी के तरफ से अभिवादन किया और उसके बाद मिथिला वाहिनी के कार्य, गतिविधि और उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा करते हुए जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिथिलावासीयों सहित मैथिली भाषा प्रेमियों के लिए बहुत ही हर्ष का विषय है कि पहले संविधान में मैथिली था लेकिन अब मैथिली में संविधान आ गया है इसलिए मिथिला वाहिनी बिहार सरकार से मांग करती है कि मैथिली भाषा को अविलंब प्राथमिक पाठशाला में लागू किया जाय साथ ही मैथिली भाषा को राज्य की पहली या दूसरी राज्यभाषा के रूप में मान्यता दी जाए। उन्होंने सहरसा जिला के लोगों से आग्रह किया कि वे लोग मिथिला वाहिनी के गुलाबीमय मिथिला अभियान से जुड़कर मिथिला वाहिनी को मजबूत और शक्तिशाली बनायें जिससे मिथिला, मैथिली और मैथिल के लिए आवाज तेजी से बुलंद की जा सके। उन्होंने कहा कि मां मैथिली के आशीर्वाद और बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाईं के कृपा से मां उग्रतारा की धरती से इस आवाज को मजबूती मिलेगी और आने वाले समय में मिथिला राज्य निर्माण में सहरसा के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि मिथिला को कमजोर करने के लिए आजादी काल से जो षड्यंत्र चल रहा था वह आज भी चल रहा है कभी सीमांचल, कभी वज्जिकांचल, कभी अंग प्रदेश, कभी कोशी कभी तिरहुत तो कभी मिथिलांचल का नाम लेकर मिथिला ,मैथिली और मैथिल विरोधी लोग मिथिला को तोरने का प्रयास कर रहे हैं जिसे मिथिला वाहिनी के कार्यकर्ता और सहयोगी कभी सफल नहीं होने देंगे। उसमें आप लोगों का भी सहयोग और सक्रियता की आवश्यकता है। बैठक को संबोधित करते हुए श्री पारस कुमार झा जी ने मिथिला वाहिनी के संस्थापक मिहिर झा महादेव के प्रति आभार प्रकट करते हुए उपस्थित लोगों से मिथिला वाहिनी के गुलाबीमय मिथिला अभियान से जुड़ने का आग्रह किया साथ ही मिथिला और मैथिली के मजबूती हेतु सहरसा जिला के लोगों द्वारा किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया।वहीं सुमन समाज ने अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मिथिला में मिथिला वाहिनी संगठन की आवश्यकता है अतः हम सब इस संगठन से जुड़कर मिथिला मैथिली आओर मैथिल के चहुंमुखी विकास हेतु काम करने का संकल्प लेते हैं। बैठक को तरुण खां,नवल किशोर मिश्र, शिशिर कुमार झा, शशिधर ठाकुर,प्रसुन्न कुमार मिश्र गुंजन,दिलिप कुमार,ललन खां,प्रभु राम,इंद्रानंद खां सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 16 फरवरी को मिथिला वाहिनी द्वारा वनगांव में मिथिला मैथिली और मैथिल के चहुंमुखी विकास हेतु एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।जिसका प्रभारी श्री निर्मल मिश्रा जी को बनाया गया।
मिथिला वाहिनी के द्वारा मिथिला मैथिली और मैथिल के चहुंमुखी विकास हेतु सहरसा जिला के बाबा जी कुटी वनगांव के प्रांगण में श्री विजय झा की अध्यक्षता में एक बैठक की गई जिसका संचालन श्री निर्मल मिश्रा जी द्वारा किया गया। बैठक में अखिल भारतीय मिथिला पार्टी के कार्यकर्ताओं का भी सहयोग रहा बैठक में मिथिला वाहिनी के संस्थापक सह मुख्य संरक्षक श्री मिहिर कुमार झा महादेव भी उपस्थित हुए। बैठक को संबोधित करते श्री मिहिर झा महादेव ने सबसे पहले सभी लोगों को मिथिला वाहिनी के तरफ से अभिवादन किया और उसके बाद मिथिला वाहिनी के कार्य, गतिविधि और उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा करते हुए जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिथिलावासीयों सहित मैथिली भाषा प्रेमियों के लिए बहुत ही हर्ष का विषय है कि पहले संविधान में मैथिली था लेकिन अब मैथिली में संविधान आ गया है इसलिए मिथिला वाहिनी बिहार सरकार से मांग करती है कि मैथिली भाषा को अविलंब प्राथमिक पाठशाला में लागू किया जाय साथ ही मैथिली भाषा को राज्य की पहली या दूसरी राज्यभाषा के रूप में मान्यता दी जाए। उन्होंने सहरसा जिला के लोगों से आग्रह किया कि वे लोग मिथिला वाहिनी के गुलाबीमय मिथिला अभियान से जुड़कर मिथिला वाहिनी को मजबूत और शक्तिशाली बनायें जिससे मिथिला, मैथिली और मैथिल के लिए आवाज तेजी से बुलंद की जा सके। उन्होंने कहा कि मां मैथिली के आशीर्वाद और बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाईं के कृपा से मां उग्रतारा की धरती से इस आवाज को मजबूती मिलेगी और आने वाले समय में मिथिला राज्य निर्माण में सहरसा के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि मिथिला को कमजोर करने के लिए आजादी काल से जो षड्यंत्र चल रहा था वह आज भी चल रहा है कभी सीमांचल, कभी वज्जिकांचल, कभी अंग प्रदेश, कभी कोशी कभी तिरहुत तो कभी मिथिलांचल का नाम लेकर मिथिला ,मैथिली और मैथिल विरोधी लोग मिथिला को तोरने का प्रयास कर रहे हैं जिसे मिथिला वाहिनी के कार्यकर्ता और सहयोगी कभी सफल नहीं होने देंगे। उसमें आप लोगों का भी सहयोग और सक्रियता की आवश्यकता है। बैठक को संबोधित करते हुए श्री पारस कुमार झा जी ने मिथिला वाहिनी के संस्थापक मिहिर झा महादेव के प्रति आभार प्रकट करते हुए उपस्थित लोगों से मिथिला वाहिनी के गुलाबीमय मिथिला अभियान से जुड़ने का आग्रह किया साथ ही मिथिला और मैथिली के मजबूती हेतु सहरसा जिला के लोगों द्वारा किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया।वहीं सुमन समाज ने अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मिथिला में मिथिला वाहिनी संगठन की आवश्यकता है अतः हम सब इस संगठन से जुड़कर मिथिला मैथिली आओर मैथिल के चहुंमुखी विकास हेतु काम करने का संकल्प लेते हैं। बैठक को तरुण खां,नवल किशोर मिश्र, शिशिर कुमार झा, शशिधर ठाकुर,प्रसुन्न कुमार मिश्र गुंजन,दिलिप कुमार,ललन खां,प्रभु राम,इंद्रानंद खां सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 16 फरवरी को मिथिला वाहिनी द्वारा वनगांव में मिथिला मैथिली और मैथिल के चहुंमुखी विकास हेतु एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।जिसका प्रभारी श्री निर्मल मिश्रा जी को बनाया गया।
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