राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ पब्लिक एप का ताजाअपडेट। कोटा जिले में दो मंत्रियों की नूरा कुश्ती। एक मंत्री दूसरे मंत्री पर कर रहा है। घटिया निर्माण की जांच करने के बाद आरोपा का प्रहार कर रहे। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सांगोद विधानसभा में जो बन रहे नए स्कूलों में भीषण भ्रष्टाचारी ठेकेदार अधिकारियों द्वारा किया गया भ्रष्टाचार घटिया निर्माण सामग्री की पोल खोल दी है। और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल हीरालाल के इस कदम के साथ हैं। वहीं दूसरी ओर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अब ऊर्जा मेहकमे में कमियां निकाल कर नोटिस दे रहे हैं। और मंत्री हीरालाल को कटधरे में खड़े करने के लिए कोई ठोस भ्रष्टाचार का प्रकरण खोज रहे हैं। कुल मिलाकर दोनों मंत्री की नूरा कुश्ती का प्रभाव अंता विधानसभा पर पड़ रहा है। इसीलिए भूतपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दौनो मंत्रियों का गृह जिला होने के बाद भी। अंता विधानसभा में चुनाव प्रचार स्टार प्रचारक जैसी कोई जिम्मेदारी नहीं सोपी है। और उन्हें चुनाव प्रचार से बाहर रखा गया है। जबकि हीरालाल नागर का धाकड़ समाज में अंता में बहुत जबरदस्त प्रभाव है। वही मदन दिलावर का दलित वर्ग के मतदाता में जबरदस्त प्रभाव है। फिर भी वसुंधरा ने इनको चुनाव से बाहर का रास्ता दिखा रखा है। बारा जिला और कोटा जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ पब्लिक एप का ताजाअपडेट। कोटा जिले में दो मंत्रियों की नूरा कुश्ती। एक मंत्री दूसरे मंत्री पर कर रहा है। घटिया निर्माण की जांच करने के बाद आरोपा का प्रहार कर रहे। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सांगोद विधानसभा में जो बन रहे नए स्कूलों में भीषण भ्रष्टाचारी ठेकेदार अधिकारियों द्वारा किया गया भ्रष्टाचार घटिया निर्माण सामग्री की पोल खोल दी है। और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल हीरालाल के इस कदम के साथ हैं। वहीं दूसरी ओर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अब ऊर्जा मेहकमे में कमियां निकाल कर नोटिस दे रहे हैं। और मंत्री हीरालाल को कटधरे में खड़े करने के लिए कोई ठोस भ्रष्टाचार का प्रकरण खोज रहे हैं। कुल मिलाकर दोनों मंत्री की नूरा कुश्ती का प्रभाव अंता विधानसभा पर पड़ रहा है। इसीलिए भूतपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दौनो मंत्रियों का गृह जिला होने के बाद भी। अंता विधानसभा में चुनाव प्रचार स्टार प्रचारक जैसी कोई जिम्मेदारी नहीं सोपी है। और उन्हें चुनाव प्रचार से बाहर रखा गया है। जबकि हीरालाल नागर का धाकड़ समाज में अंता में बहुत जबरदस्त प्रभाव है। वही मदन दिलावर का दलित वर्ग के मतदाता में जबरदस्त प्रभाव है। फिर भी वसुंधरा ने इनको चुनाव से बाहर का रास्ता दिखा रखा है। बारा जिला और कोटा जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
- राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ का ताजा अपडेट। जिला कांग्रेस पार्टी ने आज कोटा शहर में ओर कलेक्ट्री में जंगी प्रदर्शन किया। कांग्रेस की संसदीय दल की नेता और प्रतिपक्ष के नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी द्वारा राहत दिए जाने पर यह प्रदर्शन किया गया ।और प्रधानमंत्री का पुतला फूंका गया। प्रदेश महासचिव अमित धारीवाल शहर जिला अध्यक्ष राखी गौतम और ग्रामीण अध्यक्ष भानु प्रताप के नेतृत्व में सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।1
- #polution दिल्ली की जहरीली हवा पर पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल...1
- कोटा के किशोरपुरा में आस्था का चमत्कार! दो पेड़ों के बीच प्रकट हुए ‘जड़ के बालाजी’, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु1
- रोजाना मंडी भाव देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कीजिए और फेसबुक पर फॉलो जरूर कीजिए ताकि आप घर बैठे रोजाना सभी फसलों के भाव जान सके धन्यवादhttps://youtu.be/tZrGmR7BjpE?si=DjtvKR-4LFZTCPly1
- कोटा, 303 वे दिन भी बकाया वेतन भुगतान सरकार से करवाने की मांग को लेकर सीटू के बैनर तले जे के मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना बिना किसी नतीजे के जिला कलेक्ट्रेट कोटा के सामने जारी रहा. धरने मे 11 महीनो से सैकड़ो की संख्या मे महिलाए ओर जे के मजदूरों के साथ सीटू के कार्यकर्ता डटे हुए है लगातार धरने के समर्थन मे आमजनता काकारवा जुड़ता जा रहा है। आज धरने को का. हबीब खान, का. उमाशंकर, का. नरेंद्रसिंह, का. पुष्पा खींची, का. कालीचरण सोनी, का. हनुमान सिँह, का. अली मोहम्मद,, का सतीश चंद त्रिवेदी, का. गोपाल शर्मा, का. केदार जोशी, का. लटूरलाल, सहित कई मजदूर नेताओं ने सम्बोधित किया ओर सभी ने नारेबाजी करतेहुए प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा की जल्द से जल्द सरकार से तमाम जे के मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान कराया जाये अन्यथा धरने को उग्र करने का काम करेंगे। का. महावीर प्रसाद ने धरने पर मजदूरों की उपस्थिति के बारे मे जानकारी देते हुए बताया की आज बुधवार को 303 के दिन के धरने मे यूनियन के रजिस्टर मे 630 मजदूरों नेअपनी उपस्थिति दर्ज कराई है जिसमे सैकड़ो की संख्या मे महिलाए भी लगातार शामिल हो रही है। धरने का संचालन का. अशोकसिंह ने किया3
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- अच्छी व्यापारियों को हुई इनकम अच्छी हुए आवक किसने किसानों को भी हुआ अच्छा मुनाफा1
- सीटू कार्यकर्ताओं ने 4 श्रम कानूनों की प्रतियां जलाकर किया विरोध प्रदर्शन -कोटा में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने निकाली रैली -इटावा में यूनियन कार्यालय पर लाल झंडा फहराकर की नारेबाजी इटावा/कोटा। केंद्र सरकार द्वारा 21 नवंबर 2025 को लागू की गई चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं (लेबर कोड्स) के खिलाफ सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस) के राष्ट्रीय आह्वान पर राजस्थान में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। कोटा जिले में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली, जबकि इटावा में निर्माण मजदूरों ने श्रम संहिताओं की प्रतियां जलाकर और नारेबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर किया। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी कि जब तक ये संहिताएं वापस नहीं ली जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। कोटा में विशाल रैली और प्रदर्शन सीटू के राष्ट्रीय आह्वान पर कोटा जिले में जिला कलेक्ट्रेट के सामने बड़ा प्रदर्शन हुआ। सीटू महामंत्री comrade उमाशंकर, comrade हबीब खान और comrade नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाएं और कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शन कारियों ने रैली निकालकर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगाए। इटावा में प्रतियां जलाईं, लाल झंडा फहराया इटावा में निर्माण मजदूर यूनियन सीटू के अध्यक्ष comrade गोपाल लाल महावर और महामंत्री मुरारीलाल बैरवा के नेतृत्व में क्षेत्र के निर्माण मजदूरों और कार्यकर्ताओं ने सीटू बैनर तले प्रदर्शन किया। उन्होंने चार श्रम संहिताओं की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज किया। यूनियन कार्यालय पर लाल झंडा फहराकर जोरदार नारेबाजी की गई और केंद्र सरकार से इन संहिताओं को तुरंत रद्द करने की मांग की। यूनियन अध्यक्ष comrade गोपाल लाल महावर ने कहा कि सरकार द्वारा ये मजदूर विरोधी संहिताएं वापस नहीं ली जातीं, तब तक सीटू का आंदोलन जारी रहेगा। इटावा में प्रदर्शन करने वालों में ये रहे शामिल इटावा में प्रदर्शन करने वालों में अमोलक चंद, भोजराज नागर, शंकरलाल, बबलू शेरावत, राकेश कुमार, प्रेम पेटर, सुरेश कुमार, संजय महावर, सोनू, रामफुल सहित दर्जनों निर्माण मजदूर और यूनियन पदाधिकारी मौजूद रहे। मजदूरों के अधिकारों पर हमला सीटू यूनियन महामंत्री मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि केंद्र सरकार ने कारपोरेट घरानों के पक्ष में 2019-2020 में लाए गए चार श्रम संहिताओं से 44 केंद्रीय श्रम कानूनों में से 29 को समाप्त कर दिया। इनके लागू होने से बेरोजगारी बढ़ेगी, शोषण बढ़ेगा, काम के घंटे अधिक होंगे, स्थायी रोजगार खत्म होगा, यूनियन बनाने और हड़ताल का अधिकार छिनेगा, वेतन कम होगा तथा पेंशन, ग्रेच्युटी, बोनस, प्रॉविडेंट फंड, बीमा और असंगठित क्षेत्र के लाभ समाप्त हो जाएंगे। सीटू ने इसका लगातार विरोध किया, लेकिन सरकार ने 21 नवंबर 2025 को इन्हें लागू कर दिया।4