*दिनांक 31/07/2025 गुरुवार के दिन करिए पांच अर्चकों द्वारा संगीतमय माॅ गंगा आरती का दिव्य दर्शन प्रतिदिन शाम 6.30 से 7.30 तक* मंगला आरती एक अर्चक द्वारा प्रतिदिन प्रातः काल *स्थान - माॅ विंध्यवासिनी पक्का घाट विन्ध्याचल* आयोजक विन्ध्य विकास परिषद 🙏🙏🙏🙏 विन्ध्याचल धाम जो आदिशक्ति महारानी माँ विन्दुवासिनी का धाम है यही माँ विंदु की अधिष्ठात्री देवी है जिस प्रकार विंदु के बिना एक रेखा का सृजन नहीं हो सकता उसी प्रकार आदिशक्ति महारानी विन्दुवासिनी जिसे विन्ध्य पर्वत निवासिनी विन्ध्यवासिनी भी कहते है उसके बिना इस सृष्टि की परिकल्पना नहीं कि जा सकती माँ ही त्रिदेव की जननी है। माँ के इस विन्ध्य धाम में तीन विंदु एक समान दूरी पर तीन महा शक्तियों के साथ एक दुर्लभ त्रिकोण महा लक्ष्मी महा कालीऔर महा सरस्वती की शक्ति के साथ बनाती है जो यहाँ यात्रा करनेवाले यात्रियों को त्रिकोण दर्शन से जहाँ उनके जीवन के असंतुलन को संतुलित करने का काम करती है वहीं यहाँ प्रवाहित भागीरथी गंगा चौथी शक्ति के रूप में इस धाम को दुर्लभ बना एक जीवनदायनी शक्ति प्रदान करती है। विन्ध्य गंगा के महात्म पर प्रकाश डाले तो माँ गंगा ही है जो विन्ध्याचल धाम को इस धरा पर एक दुर्लभ तिर्थ बनाती है। क्यों की गंगा के गंगोत्री से गंगा सागर की पूरी अथक यात्रा को यदि देखें तो यही पर गंगा ने विश्राम किया है जिसका वर्णन विंध्यखण्ड की कथा औषनश उप महा पुराण में आया भी है जहाँ माँ गंगा ने पाण्डू देश के राजा पुण्यकृति को कहा है की विन्ध्याचल हमारा निवास स्थान है यहाँ मैं विशेष रूप से पाप का शमन करती हूँ यहाँ कोई मुझे सिर्फ अपनी नंगी आँखों से बस निहार ले तो मैं उसके सात जन्म के पाप नष्ट कर देती हूँ। क्यों कि इसी धाम में गंगा का संगम विन्ध्य पर्वत से हुआ है यहाँ माँ विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के ऊपर से बही जिससे विन्ध्यपर्वत ने भगवती गंगा को अपनी सम्पूर्ण अथक यात्रा में थोड़ा विश्राम करनें का अवसर प्रदान किया । जिसका प्रमाण यहाँ शिवपुर का रामशिला है जहाँ त्रेता युग में स्वयं भगवान राम ने आकर विन्ध्य गंगा के संगम पर अपने पितरों का पिण्ड दान किया जिसके बाद उसे राम गया के नाम से जाना जाने लगा । विन्ध्य धाम का विन्ध्य गंगा का संगम ही इसे मणिद्वीप बनाता है भारत वर्ष के सम्पूर्ण शक्ति पीठों में विन्ध्याचल ही एक मात्र ऐसा शक्तिपीठ है जिसे भगवती पतित पावनी गंगा स्पर्श करती और इस धाम को ईसी स्पर्श से सिद्धिपीठ बना देती है। विन्ध्यपर्वत श्रृंखला से निकलने वाली दो नदियों ने भी इस धाम में गंगा के साथ संगम कर दुर्लभ तीर्थ बना दिया एक नदी है कर्णावती जिसका संगम गंगा से जहाँ हुआ है उस संगम तट पर स्नान करना ब्रह्महत्या जैसे महापाप को नष्ट करने वाला है यहीं त्रेता युग में रावण के वध से लगे महापाप से मुक्ति के लिए स्वयं भगवान श्री राम ने भी कर्णावती गंगा संगम तट पर स्नान किया। एक और नदी जिसे औघजला नदी कहते है उसका भी यहाँ गंगा से संगम हुआ है उसी संगम तट पर वामन भगवान का मंदिर है इस संगम तट पर स्नान से समस्त पाप नष्ट होते हैं और एक अश्वमेघ यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है ऐसी हमारी पौराणिक मान्यता है। यहा पर माँ गंगा चन्द्रमा अकार मे है जिस गंगा घाट पर माँ गंगा की दैनिक आरती होती है उसे विन्ध्य धाम में माँ विन्ध्यवासिनी पक्का घाट के नाम से जाना जाता है यहीं माँ के लक्ष्मी कुण्ड विद्यमान है जहाँ माँ राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माँ विन्ध्यवासिनी प्रतिदिन स्नान करने आती है ऐसी मान्यता है व दैनिक चारों आरती में होने वाले माँ के स्नान के चरणों का जल त्रिदेव की मूर्तियीं को स्नान करा कर सम्पूर्ण शक्ति के साथ माँ गंगा से जिस स्थल पर गिरता है उसे लक्ष्मी कुण्ड कहतें हैं वो विन्ध्याचल के माँ विन्ध्यवासिनी पक्का घाट पर स्थित है जहाँ माँ गंगा की दैनिक आरती लगभग पंद्रह वर्षों से होने वाली भव्य आरती दर्शन से भक्तों को माँ विन्ध्यवासिनी की सम्पूर्ण शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर भक्त सम्पूर्ण आनंद की प्राप्ति करता है
*दिनांक 31/07/2025 गुरुवार के दिन करिए पांच अर्चकों द्वारा संगीतमय माॅ गंगा आरती का दिव्य दर्शन प्रतिदिन शाम 6.30 से 7.30 तक* मंगला आरती एक अर्चक द्वारा प्रतिदिन प्रातः काल *स्थान - माॅ विंध्यवासिनी पक्का घाट विन्ध्याचल* आयोजक विन्ध्य विकास परिषद 🙏🙏🙏🙏 विन्ध्याचल धाम जो आदिशक्ति महारानी माँ विन्दुवासिनी का धाम है यही माँ विंदु की अधिष्ठात्री देवी है जिस प्रकार विंदु के बिना एक रेखा का सृजन नहीं हो सकता उसी प्रकार आदिशक्ति महारानी विन्दुवासिनी जिसे विन्ध्य पर्वत निवासिनी विन्ध्यवासिनी भी कहते है उसके बिना इस सृष्टि की परिकल्पना नहीं कि जा सकती माँ ही त्रिदेव की जननी है। माँ के इस विन्ध्य धाम में तीन विंदु एक समान दूरी पर तीन महा शक्तियों के साथ एक दुर्लभ त्रिकोण महा लक्ष्मी महा कालीऔर महा सरस्वती की शक्ति के साथ बनाती है जो यहाँ यात्रा करनेवाले यात्रियों को त्रिकोण दर्शन से जहाँ उनके जीवन के असंतुलन को संतुलित करने का काम करती है वहीं यहाँ प्रवाहित भागीरथी गंगा चौथी शक्ति के रूप में इस धाम को दुर्लभ बना एक जीवनदायनी शक्ति प्रदान करती है। विन्ध्य गंगा के महात्म पर प्रकाश डाले तो माँ गंगा ही है जो विन्ध्याचल धाम को इस धरा पर एक दुर्लभ तिर्थ बनाती है। क्यों की गंगा के गंगोत्री से गंगा सागर की पूरी अथक यात्रा को यदि देखें तो यही पर गंगा ने विश्राम किया है जिसका वर्णन विंध्यखण्ड की कथा औषनश उप महा पुराण में आया भी है जहाँ माँ गंगा ने पाण्डू देश के राजा पुण्यकृति को कहा है की विन्ध्याचल हमारा निवास स्थान है यहाँ मैं विशेष रूप से पाप का शमन करती हूँ यहाँ कोई मुझे सिर्फ अपनी नंगी आँखों से बस निहार ले तो मैं उसके सात जन्म के पाप नष्ट कर देती हूँ। क्यों कि इसी धाम में गंगा का संगम विन्ध्य पर्वत से हुआ है यहाँ माँ विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के ऊपर से बही जिससे विन्ध्यपर्वत ने भगवती गंगा को अपनी सम्पूर्ण अथक यात्रा में थोड़ा विश्राम करनें का अवसर प्रदान किया । जिसका प्रमाण यहाँ शिवपुर का रामशिला है जहाँ त्रेता युग में स्वयं भगवान राम ने आकर विन्ध्य गंगा के संगम पर अपने पितरों का पिण्ड दान किया जिसके बाद उसे राम गया के नाम से जाना जाने लगा । विन्ध्य धाम का विन्ध्य गंगा का संगम ही इसे मणिद्वीप बनाता है भारत वर्ष के सम्पूर्ण शक्ति पीठों में विन्ध्याचल ही एक मात्र ऐसा शक्तिपीठ है जिसे भगवती पतित पावनी गंगा स्पर्श करती और इस धाम को ईसी स्पर्श से सिद्धिपीठ बना देती है। विन्ध्यपर्वत श्रृंखला से निकलने वाली दो नदियों ने भी इस धाम में गंगा के साथ संगम कर दुर्लभ तीर्थ बना दिया एक नदी है कर्णावती जिसका संगम गंगा से जहाँ हुआ है उस संगम तट पर स्नान करना ब्रह्महत्या जैसे महापाप को नष्ट करने वाला है यहीं त्रेता युग में रावण के वध से लगे महापाप से मुक्ति के लिए स्वयं भगवान श्री राम ने भी कर्णावती गंगा संगम तट पर स्नान किया। एक और नदी जिसे औघजला नदी कहते है उसका भी यहाँ गंगा से संगम हुआ है उसी संगम तट पर वामन भगवान का मंदिर है इस संगम तट पर स्नान से समस्त पाप नष्ट होते हैं और एक अश्वमेघ यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है ऐसी हमारी पौराणिक मान्यता है। यहा पर माँ गंगा चन्द्रमा अकार मे है जिस गंगा घाट पर माँ गंगा की दैनिक आरती होती है उसे विन्ध्य धाम में माँ विन्ध्यवासिनी पक्का घाट के नाम से जाना जाता है यहीं माँ के लक्ष्मी कुण्ड विद्यमान है जहाँ माँ राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माँ विन्ध्यवासिनी प्रतिदिन स्नान करने आती है ऐसी मान्यता है व दैनिक चारों आरती में होने वाले माँ के स्नान के चरणों का जल त्रिदेव की मूर्तियीं को स्नान करा कर सम्पूर्ण शक्ति के साथ माँ गंगा से जिस स्थल पर गिरता है उसे लक्ष्मी कुण्ड कहतें हैं वो विन्ध्याचल के माँ विन्ध्यवासिनी पक्का घाट पर स्थित है जहाँ माँ गंगा की दैनिक आरती लगभग पंद्रह वर्षों से होने वाली भव्य आरती दर्शन से भक्तों को माँ विन्ध्यवासिनी की सम्पूर्ण शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर भक्त सम्पूर्ण आनंद की प्राप्ति करता है
- लोक अदालत में जनपद न्यायाधीश की दिखी दरियादिली2
- DU Student Crying Video: Professor की प्रताड़ना से तंग छात्रा का बुरा हाल, सिस्टम पर सवाल | News Time UP दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से सामने आए एक वीडियो ने सबको झकझोर कर रख दिया है। देखिए कैसे एक प्रोफेसर की प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा कैमरे के सामने ही फूट-फूट कर रो पड़ी। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की छात्रा चित्रा (Chitra) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्र सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में छात्रा बेहद डरी और सहमी हुई नजर आ रही है और रोते हुए अपना दर्द बयां कर रही है। चित्रा का आरोप है कि उसके विभाग के एक प्रोफेसर (Professor) ने उसे मानसिक रूप से बुरी तरह प्रताड़ित (Mental Harassment) किया है। #delhiuniversity🎓 #girlharrasment #treandingreels1
- Kya ho raha hai bike me1
- नमस्ते आपका दिन शुभ हो! वाराणसी में एक आदर्श आवासीय या निवेश प्लॉट की तलाश में हैं? शहर के सबसे तेज़ी से विकसित हो रहे इलाकों में से एक, रोहनिया-गंगापुर रोड पर विशेष प्लॉट उपलब्ध हैं! ✅ गंजारी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम से केवल 3 किमी दूर ✅ रोहनिया पुलिस स्टेशन से केवल 2 किमी दूर ✅ सनबीम स्कूल से 1.5 किमी दूर उत्कृष्ट कनेक्टिविटी, शांत वातावरण और तेज़ी से विकसित हो रहे बुनियादी ढाँचे का आनंद लें - आपके सपनों के घर या स्मार्ट निवेश के लिए आदर्श स्थान। सीमित प्लॉट उपलब्ध हैं! साइट विज़िट और बुकिंग विवरण के लिए अभी 8004125382 शिवम पाण्डेय पर कॉल करें। https://youtube.com/shorts/REQHZw2WU1M?feature=share1
- आजम खान जी की पत्नी को सुने आजम खान जी पहले से बीमार थे, इसके बावजूद उन्हें जेल में धरती पर लिटाया गया। हैरानी की बात यह है कि न्यायालय के आदेश के बावजूद उन्हें समुचित चिकित्सीय सुविधा नहीं दी गई।1
- फिलीपींस के सेबू के मंडाउ शहर में लगी भीषण आग के दौरान एक महिला ने अपने पालतू कुत्तों के बिना भागने से मना कर दिया पहले उसने कुत्ते को सुरक्षित नीचे फेंक दिया, फिर अपने हाथों से रेलिंग से लटक गई और फ़ायर फाइटर्स ने सीढ़ी की मदद से उसे सुरक्षित उतार लिया।1
- घने कोहरे की चादर में लिपटेगा पूर्वांचल, जानें वाराणसी का क्या रहेगा हाल... वाराणसी। काशी में ठंड और कोहरे ने शनिवार को अपना सबसे तीखा असर दिखाया। जिले में इस सीजन का अब तक का सबसे घना कोहरा छाया रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। बाबतपुर एयरपोर्ट पर सुबह दृश्यता महज 100 मीटर दर्ज की गई, जबकि शहर में भी 200 मीटर दूर तक देख पाना मुश्किल हो गया। शाम ढलते ही सड़कें और स्ट्रीट लाइटें कोहरे की सफेद चादर में लिपटी नजर आईं। गांव-देहात से लेकर शहर तक ठंड का असर एक जैसा रहा। लोग गर्म कपड़ों और अलाव का सहारा लेते दिखे। रात में तेजी से गिरा तापमान शनिवार की रात 10 बजे तक न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, वहीं रात 12 बजे तक पारा लुढ़ककर 9 डिग्री के करीब आ गया। ठिठुरन का असर काशी के घाटों पर भी साफ नजर आया। आमतौर पर गुलजार रहने वाले घाटों पर पर्यटकों की संख्या घटकर लगभग आधी रह गई।शहर की सड़कें, जो शाम आठ बजे तक जाम से जूझ रही थीं, देर रात तक लगभग खाली नजर आईं। सुबह कोहरा, दोपहर में हल्की राहत शनिवार की सुबह करीब 10 बजे तक कोहरा काफी घना रहा। 11 बजे के आसपास धूप निकली जरूर, लेकिन वह कमजोर रही। हालांकि दोपहर होते-होते तापमान बढ़कर 24 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। इस दौरान सुबह और दोपहर के तापमान में करीब 15 डिग्री सेल्सियस का अंतर महसूस किया गया। अलाव का सहारा लेते लोग ठंड बढ़ने के साथ ही जिले के कई इलाकों में लोग अलाव के चारों ओर जुटे नजर आए। खासकर सुबह और देर रात ठंड का असर ज्यादा रहा।मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान सामान्य से 1.1 डिग्री कम, 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री नीचे 9.5 डिग्री सेल्सियस रहा। दोपहर के समय हवा करीब 6 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली। यूपी आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वी यूपी के कई इलाकों में घना से अत्यंत घना कोहरा छाने की संभावना बनी हुई है। हालांकि, फिलहाल वाराणसी के लिए कोई विशेष चेतावनी जारी नहीं की गई है।1
- राष्ट्रीय लोक अदालत में 73735 मुकदमे निस्तारित1