*दिनांक 03/08/2025 रविवार के दिन करिए पांच अर्चकों द्वारा संगीतमय माॅ गंगा आरती का दिव्य दर्शन प्रतिदिन शाम 6.30 से 7.30 तक* मंगला आरती एक अर्चक द्वारा प्रतिदिन प्रातः काल *स्थान - माॅ विंध्यवासिनी पक्का घाट विन्ध्याचल* आयोजक विन्ध्य विकास परिषद 🙏🙏🙏🙏 विन्ध्याचल धाम जो आदिशक्ति महारानी माँ विन्दुवासिनी का धाम है यही माँ विंदु की अधिष्ठात्री देवी है जिस प्रकार विंदु के बिना एक रेखा का सृजन नहीं हो सकता उसी प्रकार आदिशक्ति महारानी विन्दुवासिनी जिसे विन्ध्य पर्वत निवासिनी विन्ध्यवासिनी भी कहते है उसके बिना इस सृष्टि की परिकल्पना नहीं कि जा सकती माँ ही त्रिदेव की जननी है। माँ के इस विन्ध्य धाम में तीन विंदु एक समान दूरी पर तीन महा शक्तियों के साथ एक दुर्लभ त्रिकोण महा लक्ष्मी महा कालीऔर महा सरस्वती की शक्ति के साथ बनाती है जो यहाँ यात्रा करनेवाले यात्रियों को त्रिकोण दर्शन से जहाँ उनके जीवन के असंतुलन को संतुलित करने का काम करती है वहीं यहाँ प्रवाहित भागीरथी गंगा चौथी शक्ति के रूप में इस धाम को दुर्लभ बना एक जीवनदायनी शक्ति प्रदान करती है। विन्ध्य गंगा के महात्म पर प्रकाश डाले तो माँ गंगा ही है जो विन्ध्याचल धाम को इस धरा पर एक दुर्लभ तिर्थ बनाती है। क्यों की गंगा के गंगोत्री से गंगा सागर की पूरी अथक यात्रा को यदि देखें तो यही पर गंगा ने विश्राम किया है जिसका वर्णन विंध्यखण्ड की कथा औषनश उप महा पुराण में आया भी है जहाँ माँ गंगा ने पाण्डू देश के राजा पुण्यकृति को कहा है की विन्ध्याचल हमारा निवास स्थान है यहाँ मैं विशेष रूप से पाप का शमन करती हूँ यहाँ कोई मुझे सिर्फ अपनी नंगी आँखों से बस निहार ले तो मैं उसके सात जन्म के पाप नष्ट कर देती हूँ। क्यों कि इसी धाम में गंगा का संगम विन्ध्य पर्वत से हुआ है यहाँ माँ विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के ऊपर से बही जिससे विन्ध्यपर्वत ने भगवती गंगा को अपनी सम्पूर्ण अथक यात्रा में थोड़ा विश्राम करनें का अवसर प्रदान किया । जिसका प्रमाण यहाँ शिवपुर का रामशिला है जहाँ त्रेता युग में स्वयं भगवान राम ने आकर विन्ध्य गंगा के संगम पर अपने पितरों का पिण्ड दान किया जिसके बाद उसे राम गया के नाम से जाना जाने लगा । विन्ध्य धाम का विन्ध्य गंगा का संगम ही इसे मणिद्वीप बनाता है भारत वर्ष के सम्पूर्ण शक्ति पीठों में विन्ध्याचल ही एक मात्र ऐसा शक्तिपीठ है जिसे भगवती पतित पावनी गंगा स्पर्श करती और इस धाम को ईसी स्पर्श से सिद्धिपीठ बना देती है। विन्ध्यपर्वत श्रृंखला से निकलने वाली दो नदियों ने भी इस धाम में गंगा के साथ संगम कर दुर्लभ तीर्थ बना दिया एक नदी है कर्णावती जिसका संगम गंगा से जहाँ हुआ है उस संगम तट पर स्नान करना ब्रह्महत्या जैसे महापाप को नष्ट करने वाला है यहीं त्रेता युग में रावण के वध से लगे महापाप से मुक्ति के लिए स्वयं भगवान श्री राम ने भी कर्णावती गंगा संगम तट पर स्नान किया। एक और नदी जिसे औघजला नदी कहते है उसका भी यहाँ गंगा से संगम हुआ है उसी संगम तट पर वामन भगवान का मंदिर है इस संगम तट पर स्नान से समस्त पाप नष्ट होते हैं और एक अश्वमेघ यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है ऐसी हमारी पौराणिक मान्यता है। यहा पर माँ गंगा चन्द्रमा अकार मे है जिस गंगा घाट पर माँ गंगा की दैनिक आरती होती है उसे विन्ध्य धाम में माँ विन्ध्यवासिनी पक्का घाट के नाम से जाना जाता है यहीं माँ के लक्ष्मी कुण्ड विद्यमान है जहाँ माँ राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माँ विन्ध्यवासिनी प्रतिदिन स्नान करने आती है ऐसी मान्यता है व दैनिक चारों आरती में होने वाले माँ के स्नान के चरणों का जल त्रिदेव की मूर्तियीं को स्नान करा कर सम्पूर्ण शक्ति के साथ माँ गंगा से जिस स्थल पर गिरता है उसे लक्ष्मी कुण्ड कहतें हैं वो विन्ध्याचल के माँ विन्ध्यवासिनी पक्का घाट पर स्थित है जहाँ माँ गंगा की दैनिक आरती लगभग पंद्रह वर्षों से होने वाली भव्य आरती दर्शन से भक्तों को माँ विन्ध्यवासिनी की सम्पूर्ण शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर भक्त सम्पूर्ण आनंद की प्राप्ति करता है
*दिनांक 03/08/2025 रविवार के दिन करिए पांच अर्चकों द्वारा संगीतमय माॅ गंगा आरती का दिव्य दर्शन प्रतिदिन शाम 6.30 से 7.30 तक* मंगला आरती एक अर्चक द्वारा प्रतिदिन प्रातः काल *स्थान - माॅ विंध्यवासिनी पक्का घाट विन्ध्याचल* आयोजक विन्ध्य विकास परिषद 🙏🙏🙏🙏 विन्ध्याचल धाम जो आदिशक्ति महारानी माँ विन्दुवासिनी का धाम है यही माँ विंदु की अधिष्ठात्री देवी है जिस प्रकार विंदु के बिना एक रेखा का सृजन नहीं हो सकता उसी प्रकार आदिशक्ति महारानी विन्दुवासिनी जिसे विन्ध्य पर्वत निवासिनी विन्ध्यवासिनी भी कहते है उसके बिना इस सृष्टि की परिकल्पना नहीं कि जा सकती माँ ही त्रिदेव की जननी है। माँ के इस विन्ध्य धाम में तीन विंदु एक समान दूरी पर तीन महा शक्तियों के साथ एक दुर्लभ त्रिकोण महा लक्ष्मी महा कालीऔर महा सरस्वती की शक्ति के साथ बनाती है जो यहाँ यात्रा करनेवाले यात्रियों को त्रिकोण दर्शन से जहाँ उनके जीवन के असंतुलन को संतुलित करने का काम करती है वहीं यहाँ प्रवाहित भागीरथी गंगा चौथी शक्ति के रूप में इस धाम को दुर्लभ बना एक जीवनदायनी शक्ति प्रदान करती है। विन्ध्य गंगा के महात्म पर प्रकाश डाले तो माँ गंगा ही है जो विन्ध्याचल धाम को इस धरा पर एक दुर्लभ तिर्थ बनाती है। क्यों की गंगा के गंगोत्री से गंगा सागर की पूरी अथक यात्रा को यदि देखें तो यही पर गंगा ने विश्राम किया है जिसका वर्णन विंध्यखण्ड की कथा औषनश उप महा पुराण में आया भी है जहाँ माँ गंगा ने पाण्डू देश के राजा पुण्यकृति को कहा है की विन्ध्याचल हमारा निवास स्थान है यहाँ मैं विशेष रूप से पाप का शमन करती हूँ यहाँ कोई मुझे सिर्फ अपनी नंगी आँखों से बस निहार ले तो मैं उसके सात जन्म के पाप नष्ट कर देती हूँ। क्यों कि इसी धाम में गंगा का संगम विन्ध्य पर्वत से हुआ है यहाँ माँ विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के ऊपर से बही जिससे विन्ध्यपर्वत ने भगवती गंगा को अपनी सम्पूर्ण अथक यात्रा में थोड़ा विश्राम करनें का अवसर प्रदान किया । जिसका प्रमाण यहाँ शिवपुर का रामशिला है जहाँ त्रेता युग में स्वयं भगवान राम ने आकर विन्ध्य गंगा के संगम पर अपने पितरों का पिण्ड दान किया जिसके बाद उसे राम गया के नाम से जाना जाने लगा । विन्ध्य धाम का विन्ध्य गंगा का संगम ही इसे मणिद्वीप बनाता है भारत वर्ष के सम्पूर्ण शक्ति पीठों में विन्ध्याचल ही एक मात्र ऐसा शक्तिपीठ है जिसे भगवती पतित पावनी गंगा स्पर्श करती और इस धाम को ईसी स्पर्श से सिद्धिपीठ बना देती है। विन्ध्यपर्वत श्रृंखला से निकलने वाली दो नदियों ने भी इस धाम में गंगा के साथ संगम कर दुर्लभ तीर्थ बना दिया एक नदी है कर्णावती जिसका संगम गंगा से जहाँ हुआ है उस संगम तट पर स्नान करना ब्रह्महत्या जैसे महापाप को नष्ट करने वाला है यहीं त्रेता युग में रावण के वध से लगे महापाप से मुक्ति के लिए स्वयं भगवान श्री राम ने भी कर्णावती गंगा संगम तट पर स्नान किया। एक और नदी जिसे औघजला नदी कहते है उसका भी यहाँ गंगा से संगम हुआ है उसी संगम तट पर वामन भगवान का मंदिर है इस संगम तट पर स्नान से समस्त पाप नष्ट होते हैं और एक अश्वमेघ यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है ऐसी हमारी पौराणिक मान्यता है। यहा पर माँ गंगा चन्द्रमा अकार मे है जिस गंगा घाट पर माँ गंगा की दैनिक आरती होती है उसे विन्ध्य धाम में माँ विन्ध्यवासिनी पक्का घाट के नाम से जाना जाता है यहीं माँ के लक्ष्मी कुण्ड विद्यमान है जहाँ माँ राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माँ विन्ध्यवासिनी प्रतिदिन स्नान करने आती है ऐसी मान्यता है व दैनिक चारों आरती में होने वाले माँ के स्नान के चरणों का जल त्रिदेव की मूर्तियीं को स्नान करा कर सम्पूर्ण शक्ति के साथ माँ गंगा से जिस स्थल पर गिरता है उसे लक्ष्मी कुण्ड कहतें हैं वो विन्ध्याचल के माँ विन्ध्यवासिनी पक्का घाट पर स्थित है जहाँ माँ गंगा की दैनिक आरती लगभग पंद्रह वर्षों से होने वाली भव्य आरती दर्शन से भक्तों को माँ विन्ध्यवासिनी की सम्पूर्ण शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर भक्त सम्पूर्ण आनंद की प्राप्ति करता है
- रमाशंकर दुबे पत्रकारBhadohi, Uttar Pradeshजय होon 3 August
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- *मीरजापुर पुलिस* *प्रेस नोट* दिनांकः22.12.2025 *थाना मड़िहान पुलिस द्वारा पुलिस मुठभेड़ में एक वांछित गो-तस्कर घायल/गिरफ्तार, मौके से अवैध तमंचा व कारतूस बरामद —* ‘सोमेन बर्मा’ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मीरजापुर द्वारा जनपद में अपराध की रोकथाम एवं अपराधियों की धरपकड़ तथा गो-तस्करी में संलिप्त अभियुक्तों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु जनपद के समस्त प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्षगण को निर्देश दिया गया है । ज्ञातव्य हो कि दिनांकः20.12.2025 को थाना मड़िहान पुलिस द्वारा पिकअप वाहन में क्रूरता पूर्वक बांध कर वध हेतु ले जाए जा रहे 10 राशि गोवंशों को बरामद किया गया था बरामदगी के दौरान गो-तस्करों द्वारा वाहन से पुलिस को जान मारने की नीयत से कुचलने का प्रयास किया गया था । जिसके सम्बन्ध में थाना मड़िहान पर मु0अ0सं0-329/2025 धारा 109 बीएनएस, 3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व 11 पशु क्रूरता अधिनियम पंजीकृत कर फरार/वांछित गो-तस्करों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीमों द्वारा संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही थी कि आज दिनांकः22.12.2025 को थाना मड़िहान पुलिस को जरिए मुखबिर सूचना मिली कि वांछित गो-तस्कर जुड़िया जंगल में मौजूद है । सूचना पर थाना मड़िहान पुलिस द्वारा मौके पर पहुंच कर दबिश दी गयी तो गो-तस्करों द्वारा पुलिस से स्वयं को घिरता देख कर पुलिस टीम पर जान मारने की नीयत से फायरिंग कर मौके से भागने का प्रयास किया गया । पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ सीमित जवाबी कार्यवाही की गयी, जिसमें एक गो-तस्कर संजय भारती पुत्र स्व0रामवृक्ष भारती निवासी जमालपुर थाना जमालपुर जपनद मीरजापुर के बांए पैर में गोली लगी । जिसे पुलिस अभिरक्षा में इलाज हेतु अस्पताल भिजवाया गया है, जहां उसकी स्थिति सामान्य है जबकि एक गो तस्कर भौगोलिक परिस्थितियों का फायदा उठाकर मौके से भागने में सफल रहा, मुठभेड़ की घटना में प्रयुक्त 01 अवैध तमंचा 315 बोर, 01 खोखा व 01 जिन्दा कारतूस बरामद किया गया है । शेष फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीमे प्रयासरत् है, थाना मड़िहान पुलिस द्वारा गिरफ्तारी व बरामदगी के सम्बन्ध में नियमानुसार अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है । *पुलिस मुठभेड़ में घायल/गिरफ्तार अभियुक्त —* संजय भारती पुत्र स्व0रामवृक्ष भारती निवासी जमालपुर थाना जमालपुर जपनद मीरजापुर, उम्र करीब-45 वर्ष । *विवरण बरामदगी —* 01 तमंचा 315 बोर, 01 खोखा व 01 जिन्दा कारतूस । 03 मोबाइल फोन । *आपराधिक इतिहास —* 1.मु0अ0सं0-207/2021 धारा 3/5A/8 गोवध निवारण अधिनियम व 11 पशु क्रूरता अधिनियम, थाना लालगंज, मीरजापुर । 2.मु0अ0सं0-298/2021 धारा 3/5A/8 गोवध निवारण अधिनियम व 11 पशु क्रूरता अधिनियम, थाना लालगंज, मीरजापुर । 3.मु0अ0सं0-953/2016 धारा 3(1) गैंगेस्टर अधिनियम, थाना अदलहाट, मीरजापुर । 4.मु0अ0सं0-943/2016 धारा 3/5A/8 गोवध निवारण अधिनियम व 11 पशु क्रूरता अधिनियम, थाना जमालपुर, मीरजापुर । 5.मु0अ0सं0-944/2016 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट, थाना जमालपुर, मीरजापुर । 6.मु0अ0सं0-945/2016 धारा 4/25 आर्म्स एक्ट, थाना जमालपुर, मीरजापुर । 7.मु0अ0सं0-216/2023 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट, थाना जमालपुर, मीरजापुर । 8.मु0अ0सं0-64/2016 धारा 3/5A/8 गौ हत्या नि० अधि० व 11 पशु क्रूरता अधिनियम, थाना पड़री, मीरजापुर । 9.मु0अ0सं0-296/2016 धारा 3(1) गैंगेस्टर एक्ट, थाना पड़री, मीरजापुर । 10.मु0अ0सं0-254/2020 धारा 307,420 भादवि, 3/5A/8 गोवध निवारण व 11 पशु क्रूरता अधि0, थाना चकिया, चन्दौली । 11.मु0अ0सं0-152/2021 धारा 3(1) गैंगेस्टर एक्ट, थाना चकिया, चन्दौली । 12.मु0अ0सं0-256/2020 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट, थाना चकिया, चन्दौली । *गिरफ्तारी व बरामदगी करने वाली पुलिस टीम —* निरीक्षक-बालमुकुन्द मिश्रा, प्रभारी निरीक्षक मड़िहान, मीरजापुर मय टीम । उप-निरीक्षक अमरनाथ यादव चौकी प्रभारी पटेहरा, थाना मड़िहान मय टीम ।1