" स्टील प्रोसेसिंग प्लांट ऐरू वजीरगंज का निर्माण कार्य शुरू कराने हेतु जन आक्रोश चौपाल 30 अप्रैल को " उद्योग विहीन गया जिला मे सन 2008 मे तत्कालीन केन्द्रीय इस्पात मंत्री स्व राम विलास पासवान द्वारा वजीरगंज प्रखंड के ऐरू गांव में स्टील प्रोसेसिंग प्लांट का शिलान्यास किया गया था। शिलान्यास के बाद राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में पांच वर्षों की देरी करने तथा 2014 से केंद्र में एन डी ए सरकार बनने के बाद अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से स्थानीय लोगों में भयानक आक्रोश है। बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता सह स्टील प्रोसेसिंग प्लांट निर्माण कराओ संघर्ष समिति, ऐरू, वजीरगंज, गया के संयोजक प्रो विजय कुमार मिट्ठू, सह संयोजक चंद्रिका किशोर सिंह, प्रो (डॉ ) अमर सिंह सिरमौर, रमाश्रय सिंह, श्याम कन्हैया, प्रदीप मांझी, रमाकांत सिंह मोहम्मद शमीम आलम, मुन्ना मांझी, मनोज प्रजापति,आदि ने कहा कि 30 अप्रैल 2025 को ऐरू गांव में स्टील प्रोसेसिंग प्लांट के लिए अधिगृहित 30 एकड़ भूमि पर विशाल जन आक्रोश चौपाल लगाएगी जायेगी जिसमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को शामिल होने के लिए वजीरगंज नगर पंचायत एवं 19 ग्राम पंचायतों के सभी जन प्रतिनिधियों, सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठन एवं आमजनों को आमंत्रित किया जाएगा। 30 अप्रैल को जन आक्रोश चौपाल में गया जिला मुख्यालय, पटना एवं दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम की तिथि तय किया जाएगा। जन आक्रोश चौपाल में जुटे लोगों से पोस्ट कार्ड लेखन, दिवाल लेखन, एवं पंचायत, गांव स्तर तक जनजागरण अभियान कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। नेताओ ने कहा कि चौपाल के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय इस्पात मंत्री ko विस्तृत हज़ारों हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भी भेजा जाएगा। भवदीय विजय कुमार मिट्ठू
" स्टील प्रोसेसिंग प्लांट ऐरू वजीरगंज का निर्माण कार्य शुरू कराने हेतु जन आक्रोश चौपाल 30 अप्रैल को " उद्योग विहीन गया जिला मे सन 2008 मे तत्कालीन केन्द्रीय इस्पात मंत्री स्व राम विलास पासवान द्वारा वजीरगंज प्रखंड के ऐरू गांव में स्टील प्रोसेसिंग प्लांट का शिलान्यास किया गया था। शिलान्यास के बाद राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में पांच वर्षों की देरी करने तथा 2014 से केंद्र में एन डी ए सरकार बनने के बाद अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से स्थानीय लोगों में भयानक आक्रोश है। बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता सह स्टील प्रोसेसिंग प्लांट निर्माण कराओ संघर्ष समिति, ऐरू, वजीरगंज, गया के संयोजक प्रो विजय कुमार मिट्ठू, सह संयोजक चंद्रिका किशोर सिंह, प्रो (डॉ ) अमर सिंह सिरमौर, रमाश्रय सिंह, श्याम कन्हैया, प्रदीप मांझी, रमाकांत सिंह मोहम्मद शमीम आलम, मुन्ना मांझी, मनोज प्रजापति,आदि ने कहा कि 30 अप्रैल 2025 को ऐरू गांव में स्टील प्रोसेसिंग प्लांट के लिए अधिगृहित 30 एकड़ भूमि पर विशाल जन आक्रोश चौपाल लगाएगी जायेगी जिसमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को शामिल होने के लिए वजीरगंज नगर पंचायत एवं 19 ग्राम पंचायतों के सभी जन प्रतिनिधियों, सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठन एवं आमजनों को आमंत्रित किया जाएगा। 30 अप्रैल को जन आक्रोश चौपाल में गया जिला मुख्यालय, पटना एवं दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम की तिथि तय किया जाएगा। जन आक्रोश चौपाल में जुटे लोगों से पोस्ट कार्ड लेखन, दिवाल लेखन, एवं पंचायत, गांव स्तर तक जनजागरण अभियान कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। नेताओ ने कहा कि चौपाल के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय इस्पात मंत्री ko विस्तृत हज़ारों हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भी भेजा जाएगा। भवदीय विजय कुमार मिट्ठू
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- अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही समीरा खान पहुंची नवादा *मॉडर्न इंग्लिश स्कूल कुंती नगर के छात्राओं को किया संबोधित* *साइकिल से 37 देशों की यात्रा कर, संघर्ष की मिसाल बनी समीरा - डॉ अनुज* नवादा लाइव नेटवर्क। दुनिया के 37 देशों की साइकिल से यात्रा करने वाली साइकिलिस्ट और माउंट एवरेस्ट सहित 11 ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने का प्रयास करने वाली अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही समीरा खान सोमवार को नवादा पहुंची। इस दौरान समीरा ने शहर के कुंती नगर स्थित मॉडर्न इंग्लिश स्कूल पहुंचकर छात्राओं को संबोधित किया। इस मौके पर विद्यालय के निदेशक डॉ अनुज सिंह की अगुवाई में समीरा खान का जोरदार स्वागत किया गया। जहां विद्यालय पहुंचने पर छात्राओं के द्वारा विधिवत तिलक चंदन लगाकर स्वागत किया गया,उसके बाद विद्यालय के निदेशक डॉ अनुज सिंह ने पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया। मौके पर उपस्थित डॉ अनुज सिंह ने कहा कि समीरा खान आज साइकिलिंग के माध्यम से बालिका सशक्तिकरण की अलख जगा रही हैं. वे महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों की यात्रा कर चुकी हैं और वे सरकारी व निजी विद्यालयों में जाकर छात्राओं को बड़े सपने देखने, आत्मनिर्भर बनने और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित कर रही हैं। आज समीरा खान संघर्ष की मिसाल बन चुकी है। समीरा की कहानी आज हर किसी के लिए प्रेरणास्रोत है। महज 9 साल में मां के खोने और वर्ष 2015 में पिता के निधन के बाद भी समीरा ने हार नहीं मानी।टूटने के बजाय उन्होंने ठान लिया कि वे कुछ ऐसा करेंगी, जिसे दुनिया याद रखे।मां-बाप को खोने के बाद समीरा वर्ष 2018 में साइकिल से ‘मिशन माउंट एवरेस्ट’ के संकल्प के साथ घर से निकल पड़ीं। वहीं समीरा खान ने छात्राओं को कहा कि आप खुद को एक लड़़की नहीं इंसान माने तभी आप आगे कुछ भी कर सकती है। ज़ब आप लड़की मानोगे तो बहुत सारे रोक लगेंगे। यह नहीं करों, वह नहीं करो। जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा अपनी सोच ऊंची रखें। आसपास के लोग क्या बोलते हैं, इसको लेकर निराश ना हो, आगे बढ़ाने के लिए अपने माता-पिता को हमेशा विश्वास में रखें, क्योंकि, आपको आगे बढ़ाने में उनका सबसे बड़ा सहयोग मिलता है ।समीरा खान ने इस मौके पर छात्राओं को अपने जीवन संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि बचपन में ही उनके माता-पिता खो गए थे ।इसके बावजूद भी उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में खुद को तैयार किया और सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उनका लक्ष्य माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना और अपनी यात्राओं और अनुभव पर एक किताब भी लिखना है। उसने बताया कि अब तक वह 11 पहाड़ों पर चढ़ने का प्रयास कर चुकी है और इस दौरान सात चोटियों पर चढ़ने में सफलता अर्जित की है। इसमें 6859 मीटर ऊंची अमा डबलाम चोटी भी शामिल है।इसके साथ ही वह साइकिल से अब तक दुनिया के 37 देशों की यात्रा कर चुकी है। मौके पर विद्यालय के वरिष्ठ खेल शिक्षक व राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अलखदेव प्रसाद, विद्यालय के क्रिकेट कोच राकेश रंजन, कल्पना कुमारी, नीतीश कुमार के साथ-साथ विद्यालय के सभी शिक्षकों की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही।2
- शिक्षा हो, रोजगार हो या कराना हो इलाज, सबके लिए बिहार छोड़ना है!!1