रामगढ़ बांध में ड्रोन से कृत्रिम बारिश का प्रयोग, भारी भीड़ के कारण हुआ स्थगित जयपुर के रामगढ़ बांध में मंगलवार को सरकार और प्राइवेट कंपनी के सहयोग से ड्रोन से कृत्रिम बारिश करवाने का प्रयोग किया जा रहा था, लेकिन भारी भीड़ के कारण इसे रोकना पड़ा। किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि यह प्रक्रिया 2 महीने चलेगी और इसमें करीब 60 क्लाउड सीडिंग टेस्ट ड्राइव होंगी। कृत्रिम बारिश प्रयोग की विशेषताएं: *प्रयोग का उद्देश्य*: रामगढ़ बांध को भरने और आसपास के इलाकों में जल संकट कम करने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। *क्लाउड सीडिंग तकनीक*: ड्रोन के माध्यम से बादलों में विशेष केमिकल, जैसे सोडियम क्लोराइड या आयोडीन का छिड़काव किया जाएगा, जिससे बादलों में नमी संघनित होकर बारिश के रूप में गिरेगी। *प्रयोग की अवधि*: यह प्रक्रिया 2 महीने चलेगी और इसमें करीब 60 क्लाउड सीडिंग टेस्ट ड्राइव होंगी। *व्यय*: इस प्रयोग में करीब दो करोड़ का खर्चा आएगा और यह कंपनी के द्वारा शुरुआती दौर में निशुल्क करवाई जा रही है। *प्रयोग के संभावित परिणाम:* *जल संकट में कमी*: यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो इससे रामगढ़ बांध को भरने और आसपास के इलाकों में जल संकट कम करने में मदद मिल सकती है। *राज्य के सूखा प्रभावित इलाकों के लिए उम्मीद*: यह प्रयोग राज्य के सूखा प्रभावित इलाकों के लिए एक नई तकनीकी दिशा तय कर सकता है और जल प्रबंधन में मदद कर सकता है।
रामगढ़ बांध में ड्रोन से कृत्रिम बारिश का प्रयोग, भारी भीड़ के कारण हुआ स्थगित जयपुर के रामगढ़ बांध में मंगलवार को सरकार और प्राइवेट कंपनी के सहयोग से ड्रोन से कृत्रिम बारिश करवाने का प्रयोग किया जा रहा था, लेकिन भारी भीड़ के कारण इसे रोकना पड़ा। किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि यह प्रक्रिया 2 महीने चलेगी और इसमें करीब 60 क्लाउड सीडिंग टेस्ट ड्राइव होंगी। कृत्रिम बारिश प्रयोग की विशेषताएं: *प्रयोग का उद्देश्य*: रामगढ़ बांध को भरने और आसपास के इलाकों में जल संकट कम करने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। *क्लाउड सीडिंग तकनीक*: ड्रोन के माध्यम से बादलों में विशेष केमिकल, जैसे सोडियम क्लोराइड या आयोडीन का छिड़काव किया जाएगा, जिससे बादलों में नमी संघनित होकर बारिश के रूप में गिरेगी। *प्रयोग की अवधि*: यह प्रक्रिया 2 महीने चलेगी और इसमें करीब 60 क्लाउड सीडिंग टेस्ट ड्राइव होंगी। *व्यय*: इस प्रयोग में करीब दो करोड़ का खर्चा आएगा और यह कंपनी के द्वारा शुरुआती दौर में निशुल्क करवाई जा रही है। *प्रयोग के संभावित परिणाम:* *जल संकट में कमी*: यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो इससे रामगढ़ बांध को भरने और आसपास के इलाकों में जल संकट कम करने में मदद मिल सकती है। *राज्य के सूखा प्रभावित इलाकों के लिए उम्मीद*: यह प्रयोग राज्य के सूखा प्रभावित इलाकों के लिए एक नई तकनीकी दिशा तय कर सकता है और जल प्रबंधन में मदद कर सकता है।
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