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- रोजाना मंडी भाव देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कीजिए और फेसबुक पर फॉलो जरूर कीजिए ताकि आप घर बैठे रोजाना सभी फसलों के भाव जान सके धन्यवादhttps://youtu.be/tZrGmR7BjpE?si=DjtvKR-4LFZTCPly1
- आलोट मंडी से सोयाबीन के भाव दिनांक 17 दिसंबर 20251
- Post by भगाराम देवासी1
- Post by District.reporter.babulaljogawat1
- सीटू कार्यकर्ताओं ने 4 श्रम कानूनों की प्रतियां जलाकर किया विरोध प्रदर्शन -कोटा में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने निकाली रैली -इटावा में यूनियन कार्यालय पर लाल झंडा फहराकर की नारेबाजी इटावा/कोटा। केंद्र सरकार द्वारा 21 नवंबर 2025 को लागू की गई चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं (लेबर कोड्स) के खिलाफ सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस) के राष्ट्रीय आह्वान पर राजस्थान में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। कोटा जिले में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली, जबकि इटावा में निर्माण मजदूरों ने श्रम संहिताओं की प्रतियां जलाकर और नारेबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर किया। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी कि जब तक ये संहिताएं वापस नहीं ली जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। कोटा में विशाल रैली और प्रदर्शन सीटू के राष्ट्रीय आह्वान पर कोटा जिले में जिला कलेक्ट्रेट के सामने बड़ा प्रदर्शन हुआ। सीटू महामंत्री comrade उमाशंकर, comrade हबीब खान और comrade नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाएं और कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शन कारियों ने रैली निकालकर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगाए। इटावा में प्रतियां जलाईं, लाल झंडा फहराया इटावा में निर्माण मजदूर यूनियन सीटू के अध्यक्ष comrade गोपाल लाल महावर और महामंत्री मुरारीलाल बैरवा के नेतृत्व में क्षेत्र के निर्माण मजदूरों और कार्यकर्ताओं ने सीटू बैनर तले प्रदर्शन किया। उन्होंने चार श्रम संहिताओं की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज किया। यूनियन कार्यालय पर लाल झंडा फहराकर जोरदार नारेबाजी की गई और केंद्र सरकार से इन संहिताओं को तुरंत रद्द करने की मांग की। यूनियन अध्यक्ष comrade गोपाल लाल महावर ने कहा कि सरकार द्वारा ये मजदूर विरोधी संहिताएं वापस नहीं ली जातीं, तब तक सीटू का आंदोलन जारी रहेगा। इटावा में प्रदर्शन करने वालों में ये रहे शामिल इटावा में प्रदर्शन करने वालों में अमोलक चंद, भोजराज नागर, शंकरलाल, बबलू शेरावत, राकेश कुमार, प्रेम पेटर, सुरेश कुमार, संजय महावर, सोनू, रामफुल सहित दर्जनों निर्माण मजदूर और यूनियन पदाधिकारी मौजूद रहे। मजदूरों के अधिकारों पर हमला सीटू यूनियन महामंत्री मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि केंद्र सरकार ने कारपोरेट घरानों के पक्ष में 2019-2020 में लाए गए चार श्रम संहिताओं से 44 केंद्रीय श्रम कानूनों में से 29 को समाप्त कर दिया। इनके लागू होने से बेरोजगारी बढ़ेगी, शोषण बढ़ेगा, काम के घंटे अधिक होंगे, स्थायी रोजगार खत्म होगा, यूनियन बनाने और हड़ताल का अधिकार छिनेगा, वेतन कम होगा तथा पेंशन, ग्रेच्युटी, बोनस, प्रॉविडेंट फंड, बीमा और असंगठित क्षेत्र के लाभ समाप्त हो जाएंगे। सीटू ने इसका लगातार विरोध किया, लेकिन सरकार ने 21 नवंबर 2025 को इन्हें लागू कर दिया।4
- Post by District.reporter.babulaljogawat1
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