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ईस अपराधी को काला पानी की मौत या फांसी की थी जानी है

on 3 October
AP
Akash Patel
Manora, Jashpur•
on 3 October

ईस अपराधी को काला पानी की मौत या फांसी की थी जानी है

More news from Jharkhand and nearby areas
  • गुमला-रांची मुख्य मार्ग पर दर्दनाक सड़क हादसा, प्रधानाध्यापक की मौत, आक्रोशित भीड़ ने वाहन फूंका गुमला-रांची मुख्य मार्ग पर जुरा के पास बीती रात एक भीषण सड़क दुर्घटना में सकरौली स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रेम कुजूर की दर्दनाक मौत हो गई। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो गाड़ी को आग के हवाले कर दिया और मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, शिक्षक प्रेम कुजूर अपनी मोटरसाइकिल से जा रहे थे। उसी दौरान, अत्यधिक रफ्तार से आ रही एक बोलेरो गाड़ी ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि शिक्षक प्रेम कुजूर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई
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    गुमला-रांची मुख्य मार्ग पर दर्दनाक सड़क हादसा, प्रधानाध्यापक की मौत, आक्रोशित भीड़ ने वाहन फूंका
गुमला-रांची मुख्य मार्ग पर जुरा के पास बीती रात एक भीषण सड़क दुर्घटना में सकरौली स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रेम कुजूर की दर्दनाक मौत हो गई। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो गाड़ी को आग के हवाले कर दिया और मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, शिक्षक प्रेम कुजूर अपनी मोटरसाइकिल से जा रहे थे। उसी दौरान, अत्यधिक रफ्तार से आ रही एक बोलेरो गाड़ी ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि शिक्षक प्रेम कुजूर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई
    user_दीपक कुमार गुप्ता
    दीपक कुमार गुप्ता
    रिपोर्टर Gumla, Jharkhand•
    16 hrs ago
  • Post by Bijay babu
    1
    Post by Bijay babu
    user_Bijay babu
    Bijay babu
    Ghaghra, Gumla•
    16 hrs ago
  • ranchi ramgarh
    1
    ranchi ramgarh
    JL
    Jharkhand local news
    Journalist Lohardaga, Jharkhand•
    8 hrs ago
  • रंका धान क़य केंद्र को उपायुक्त ने किया निरीक्षण
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    रंका धान क़य केंद्र को उपायुक्त ने किया निरीक्षण
    user_Sunil singh
    Sunil singh
    Reporter Ranka, Garhwa•
    1 hr ago
  • विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में एक बार फिर इलाज में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। गर्म चाय गिरने से झुलसे 11 महीने के मासूम की शुक्रवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और दोषी डॉक्टरों व स्टाफ पर कार्रवाई की मांग को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया। जानकारी के मुताबिक पीड़ित परिवार अतरैला थाना क्षेत्र के गड़ेरा गांव का है। मृतक बच्चे के पिता लवकुश यादव ने बताया कि 9 दिसंबर को घर में खेलते समय बच्चे पर गर्म चाय गिर गई थी, जिससे उसका पेट और पीठ झुलस गई। परिजन उसे तुरंत संजय गांधी अस्पताल लेकर आये, जहां बर्न यूनिट भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। परिजनों का आरोप है कि इलाज के हर कदम पर लापरवाही बरती गई। एडमिशन फाइल में बच्चे का नाम तक गलत लिखा गया। डॉक्टरों ने ब्लड की जरूरत बताई, लेकिन बच्चे का ब्लड ग्रुप तक नहीं बताया, जिससे परिजन परेशान रहे। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने अंधेरे में रखा, उन्हें सही जानकारी नहीं दी। बच्चा ठीक था, लेकिन लापरवाही से उसकी जान चली गई। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। वहीं अस्पताल के सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि परिजनों की मांग स्वीकार कर ली गई है। बच्चे का पोस्टमॉर्टम विशेषज्ञों की टीम और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी टीम की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि लापरवाही के आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी और जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी
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    विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में एक बार फिर इलाज में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। गर्म चाय गिरने से झुलसे 11 महीने के मासूम की शुक्रवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और दोषी डॉक्टरों व स्टाफ पर कार्रवाई की मांग को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया। जानकारी के मुताबिक पीड़ित परिवार अतरैला थाना क्षेत्र के गड़ेरा गांव का है। मृतक बच्चे के पिता लवकुश यादव ने बताया कि 9 दिसंबर को घर में खेलते समय बच्चे पर गर्म चाय गिर गई थी, जिससे उसका पेट और पीठ झुलस गई। परिजन उसे तुरंत संजय गांधी अस्पताल लेकर आये, जहां बर्न यूनिट भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। परिजनों का आरोप है कि इलाज के हर कदम पर लापरवाही बरती गई। एडमिशन फाइल में बच्चे का नाम तक गलत लिखा गया। डॉक्टरों ने ब्लड की जरूरत बताई, लेकिन बच्चे का ब्लड ग्रुप तक नहीं बताया, जिससे परिजन परेशान रहे। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने अंधेरे में रखा, उन्हें सही जानकारी नहीं दी। बच्चा ठीक था, लेकिन लापरवाही से उसकी जान चली गई। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। वहीं अस्पताल के सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि परिजनों की मांग स्वीकार कर ली गई है। बच्चे का पोस्टमॉर्टम विशेषज्ञों की टीम और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी टीम की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि लापरवाही के आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी और जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी
    user_Sooraj singh
    Sooraj singh
    Student Danda•
    8 hrs ago
  • BSF ने किया तस्करों का भंडाफोड़ सीमा सुरक्षा बल (BSF) भारत का एक प्रमुख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, जिसका गठन 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद 1 दिसंबर 1965 को हुआ था; यह गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है और पाकिस्तान व बांग्लादेश से लगी भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की निगरानी, सुरक्षा, तस्करी व घुसपैठ रोकने तथा सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए जिम्मेदार है, और इसे 'भारत की पहली रक्षा पंक्ति' भी कहा जाता है. मुख्य कार्य और भूमिका: सीमा सुरक्षा: शांति काल में भारत की भूमि सीमाओं (पाकिस्तान और बांग्लादेश) की निरंतर निगरानी और रक्षा करना. अवैध गतिविधियों की रोकथाम: तस्करी, घुसपैठ, और अन्य सीमा-पार अपराधों को रोकना. सुरक्षा बोध: सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा की भावना विकसित करना. आंतरिक सुरक्षा: आवश्यकता पड़ने पर देश की आंतरिक सुरक्षा के मोर्चों पर भी तैनात होना. विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल: यह दुनिया का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है, जो 6,385 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा की सुरक्षा करता है. गठन और स्थापना: गठन: 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद सीमाओं की सुरक्षा के लिए. स्थापना दिवस: हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है. आदर्श वाक्य (Motto): "जीवन पर्यन्त कर्तव्य" (Duty Unto Death).
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    BSF ने किया तस्करों का भंडाफोड़ 
सीमा सुरक्षा बल (BSF) भारत का एक प्रमुख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, जिसका गठन 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद 1 दिसंबर 1965 को हुआ था; यह गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है और पाकिस्तान व बांग्लादेश से लगी भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की निगरानी, सुरक्षा, तस्करी व घुसपैठ रोकने तथा सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए जिम्मेदार है, और इसे 'भारत की पहली रक्षा पंक्ति' भी कहा जाता है. 
मुख्य कार्य और भूमिका:
सीमा सुरक्षा: शांति काल में भारत की भूमि सीमाओं (पाकिस्तान और बांग्लादेश) की निरंतर निगरानी और रक्षा करना.
अवैध गतिविधियों की रोकथाम: तस्करी, घुसपैठ, और अन्य सीमा-पार अपराधों को रोकना.
सुरक्षा बोध: सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा की भावना विकसित करना.
आंतरिक सुरक्षा: आवश्यकता पड़ने पर देश की आंतरिक सुरक्षा के मोर्चों पर भी तैनात होना.
विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल: यह दुनिया का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है, जो 6,385 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा की सुरक्षा करता है. 
गठन और स्थापना:
गठन: 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद सीमाओं की सुरक्षा के लिए.
स्थापना दिवस: हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है.
आदर्श वाक्य (Motto): "जीवन पर्यन्त कर्तव्य" (Duty Unto Death).
    user_Pura such news 15
    Pura such news 15
    Journalist Namkum, Ranchi•
    4 hrs ago
  • संध्या 7:30 बजे तक झारखंड की 25 सबसे बड़ी खबर। Today Jharkhand News। Today breaking News। Top News।
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    संध्या 7:30 बजे तक झारखंड की 25 सबसे बड़ी खबर। Today Jharkhand News। Today breaking News। Top News।
    user_Objectionnews
    Objectionnews
    Media company Ranchi, Jharkhand•
    4 hrs ago
  • रांची-डालटेनगंज NH-39 पर जानलेवा हुआ पकरियों पुल: बदहाल सड़क से आए दिन हो रहे हादसे।
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    रांची-डालटेनगंज NH-39 पर जानलेवा हुआ पकरियों पुल: बदहाल सड़क से आए दिन हो रहे हादसे।
    user_Objectionnews
    Objectionnews
    Media company Ranchi, Jharkhand•
    5 hrs ago
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