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Kishan Sikligar
- Gh.Bhadesar, Chittorgarh🙏on 24 August
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- *राजकीय आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय, केकड़ी में संस्कृत संभाषा “प्रबोधनवर्ग” एवं शास्त्रीय च्यवनप्राश निर्माण का सफल आयोजन* *केकड़ी 21 दिसंबर (पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क)* *राजकीय आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय, केकड़ी में संस्कृत भारती – चित्तौड़ प्रांत के तत्वावधान में संस्कृत संभाषा “प्रबोधनवर्ग” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दिनांक 20 एवं 21 दिसंबर 2025 को दो दिवसीय रूप में आयोजित हुआ, जिसमें भारत की देवभाषा संस्कृत में संवाद एवं व्यवहारिक अभ्यास कराया गया।* *कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय के बी.ए.एम.एस. (प्रथम एवं द्वितीय वर्ष) तथा बी.एन.वाई.एस. (प्रथम वर्ष) के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संस्कृत संभाषा सत्रों में विद्यार्थियों को सरल, सहज एवं व्यवहारिक संस्कृत बोलने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे संस्कृत भाषा के प्रति रुचि एवं आत्मविश्वास में वृद्धि हुई।* *इस अवसर पर संस्कृत भारती – चित्तौड़ प्रांत से पधारे विद्वानों ने विद्यार्थियों से प्रत्यक्ष संवाद किया। कार्यक्रम में* *डॉ. हरिओमशरण शर्मा (वर्ग संयोजक)* • *डॉ. मधुसूदन शर्मा (प्रांत मंत्री)*, *श्री महेश चन्द्र शर्मा (प्रांताध्यक्ष) एवं* *देवराज जी (जिला प्रमुख)* *द्वारा संस्कृत भाषा की महत्ता, भारतीय संस्कृति में इसकी भूमिका तथा आयुर्वेद एवं योग के शास्त्रों में संस्कृत के अनिवार्य स्थान पर सारगर्भित मार्गदर्शन प्रदान किया गया।* *महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गिरिराज साहू के कुशल निर्देशन में कार्यक्रम के साथ-साथ एक विशेष शैक्षणिक गतिविधि के रूप में बी.ए.एम.एस. द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा रसशास्त्र विभाग के अंतर्गत च्यवनप्राश निर्माण का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी सम्पन्न हुआ। विद्यार्थियों ने चरक संहिता में वर्णित शास्त्रीय विधि के अनुसार ताजा जड़ी-बूटियों एवं ताजे आंवले का उपयोग कर च्यवनप्राश का निर्माण किया।* *च्यवनप्राश निर्माण कार्य डॉ. दुर्गा प्रसाद एवं डॉ. कमलेश कुमार गुर्जर के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। इस गतिविधि में विद्यार्थियों ने अत्यंत उत्साह, अनुशासन एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ भाग लेते हुए आयुर्वेदिक औषध निर्माण की पारंपरिक एवं प्रामाणिक प्रक्रिया को निकट से समझा।* *कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में संस्कृत भाषा के प्रति जागरूकता, संवाद क्षमता का विकास तथा आयुर्वेदिक शास्त्रों के व्यावहारिक ज्ञान को सुदृढ़ करना रहा। यह आयोजन भाषा, संस्कृति एवं चिकित्सा विज्ञान के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण सिद्ध हुआ।* *कार्यक्रम की सफलता पर महाविद्यालय प्रशासन, संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने संस्कृत भारती – चित्तौड़ प्रांत का आभार व्यक्त किया एवं भविष्य में ऐसे और भी शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की इच्छा प्रकट की।*6
- Post by Kismat Kalara3
- श्री मेवाड़ पर्नतीय दिगंबर जैन दसा नरसिंहपुर महासभा बैठक हुई जिसमें दहेज प्रथा की चर्चा और संकल्प की चर्चा समाज सेवा की चर्चा की गई बांसवाड़ा खांडू कॉलोनी जैन मंदिर1
- छाणी मगरी धाम बेडसा चौरासी डूंगरपुर राजस्थान1
- अनादि कल्पेश्वर महादेव मंदिर आलोट1
- *_‘राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष’_* *_‘2 साल: नव उत्थान-नई पहचान’_ _‘बढ़ता राजस्थान-हमारा राजस्थान’_* *मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में लॉजिस्टिक अवसंरचना के विकास में हो रही उल्लेखनीय प्रगति* *माल परिवहन लागत में कमी की दिशा में राज्य सरकार का निर्णायक एवं दूरदर्शी कदम* *पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के चार स्टेशन टू-लेन सड़कों से जुड़े, 8 स्टेशनों का काम भी शीघ्र होगा पूरा* जयपुर, 21 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व एवं प्रभावी नीतियों के फलस्वरूप प्रदेश में परिवहन तथा लॉजिस्टिक अवसंरचना के विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य सरकार द्वारा माल परिवहन लागत में कमी लाने एवं औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गत 2 वर्षों में किए गए प्रयास अब मूर्त रूप ले रहे हैं। माल परिवहन को और अधिक सुलभ, त्वरित एवं किफायती बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की प्रमुख धुरी माने जाने वाले पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के प्रदेश से गुजरने वाले खंड में सभी फ्रेट कॉरिडोर स्टेशनों को ऑल-वेदर टू-लेन सड़कों से जोड़ने का काम किया जा रहा है। *112 करोड़ रुपये की लागत से 59 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़कों का निर्माण* राज्य सरकार द्वारा पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 12 नवीन स्टेशनों तक कनेक्टिविटी सुदृढ़ करने के लिए लगभग 112 करोड़ रुपये की लागत से 59 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़कों के निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। इनमें से चार स्टेशनों- किशनगढ़, मारवाड़ जंक्शन, केशवगंज एवं बनास स्टेशनों तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अन्य आठ स्टेशनों- श्रीमाधोपुर, सराधना, हरिपुर, चंडावल, जवाली, बिरोलिया, साखून एवं स्वरूपगंज स्टेशनों को भी टू-लेन सड़कों से जोड़ने का कार्य जारी है। इन सड़कों के निर्माण से उद्योगों को कच्चे माल एवं तैयार उत्पादों के परिवहन में सुगमता मिलेगी साथ ही लागत में भी कमी आएगी। लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि होने के कारण औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा तथा रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध होंगे। फ्रेट कॉरिडोर की कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ बनाने के लिए बधाल डीएफसीसी टर्मिनल को राष्ट्रीय राजमार्ग-52 से जोड़ने हेतु 95 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। साथ ही मुख्य जिला सड़क-81 पर बागावास बाईपास के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। यहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके अतिरिक्त मंडा रीको औद्योगिक क्षेत्र को लालासर (एमडीआर-81) से जोड़ने के लिए 9 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी प्रदान की जा चुकी है एवं कार्य प्रगति पर है। *564 किलोमीटर फ्रेट कॉरिडोर पर 18 नवीन फ्रेट स्टेशन* उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे द्वारा विकसित किए जा रहे 1504 किलोमीटर लंबे पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में से लगभग 564 किलोमीटर का महत्त्वपूर्ण खंड राजस्थान से होकर गुजरता है। इस मार्ग पर 18 नवीन फ्रेट स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से 12 स्टेशन पूर्व में समुचित सड़क सुविधा से वंचित थे। राज्य सरकार की बजट घोषणा के बाद इन सभी स्टेशनों को ऑल वेदर रोड से जोड़ने का काम प्रगति पर है। --------4
- Post by भारत कि सान1
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