भालुओं का आतंक खत्म: वन विभाग ने मादा भालू व दो शावकों को किया रेस्क्यू, शहरवासियों ने ली राहत की सांस: मनेन्द्रगढ़/एमसीबी: जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ में बीते तीन महीनों से जारी भालुओं का आतंक आखिरकार समाप्त हो गया। वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत और सुनियोजित अभियान के तहत एक मादा भालू सहित उसके दो शावकों को सुरक्षित रूप से पकड़ लिया है। भालुओं की लगातार मौजूदगी से शहर में दहशत का माहौल था और शाम ढलते ही लोग घरों से बाहर निकलने से कतराने लगे थे। पिछले तीन महीनों के दौरान भालुओं के हमलों में आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग द्वारा उच्च अधिकारियों से अनुमति लेकर रेस्क्यू अभियान की तैयारी की गई। अनुमति मिलने के बाद शहर के विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पिंजरे लगाए गए, हालांकि शुरुआती दिनों में सफलता हाथ नहीं लगी। वन मंडल अधिकारी मनीष कश्यप को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि एक मादा भालू अपने दो शावकों के साथ शहर में खुलेआम विचरण कर रही है, जिससे नागरिकों में भय व्याप्त है। वन विभाग की टीम लगातार निगरानी में जुटी रही, बावजूद इसके कुछ दिन पूर्व भालुओं के हमले में तीन और लोग घायल हो गए। स्थिति और अधिक बिगड़ती देख वन विभाग ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और पुलिस विभाग के सहयोग से बीते मंगलवार रात विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लंबे प्रयासों के बाद बुधवार सुबह दोनों शावकों को पिंजरे में कैद कर लिया गया। शावकों के पकड़े जाने के बाद मादा भालू इधर-उधर दौड़ने लगी। इसके बाद वन विभाग कार्यालय के पास शावकों को रखा गया, जिससे मादा भालू वहीं पहुंची। मौके पर मौजूद डॉक्टरों की टीम ने ट्रेंक्यूलाइज़र की मदद से मादा भालू को बेहोश कर सुरक्षित रूप से पकड़ लिया। होश में आने के बाद मादा भालू को उसके दोनों शावकों के साथ एक ही पिंजरे में रखा गया। रेस्क्यू की सूचना मिलते ही मौके पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वन विभाग के अनुसार पकड़े गए भालुओं को शहर से दूर सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़े जाने की तैयारी की जा रही है। भालुओं के पकड़े जाने के बाद शहरवासियों ने राहत की सांस ली है और सामान्य जनजीवन के फिर से पटरी पर लौटने की उम्मीद जताई है। इस सफल रेस्क्यू अभियान पर स्थानीय विधायक एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने वन अमले को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अब मनेन्द्रगढ़ शहरवासी पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए नागरिकों को भी जागरूक होना होगा। खाद्य पदार्थों का सुरक्षित निपटान अत्यंत आवश्यक है, ताकि भोजन की तलाश में जंगली जानवरों का शहर में प्रवेश न हो।
भालुओं का आतंक खत्म: वन विभाग ने मादा भालू व दो शावकों को किया रेस्क्यू, शहरवासियों ने ली राहत की सांस: मनेन्द्रगढ़/एमसीबी: जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ में बीते तीन महीनों से जारी भालुओं का आतंक आखिरकार समाप्त हो गया। वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत और सुनियोजित अभियान के तहत एक मादा भालू सहित उसके दो शावकों को सुरक्षित रूप से पकड़ लिया है। भालुओं की लगातार मौजूदगी से शहर में दहशत का माहौल था और शाम ढलते ही लोग घरों से बाहर निकलने से कतराने लगे थे। पिछले तीन महीनों के दौरान भालुओं के हमलों में आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके थे। स्थिति की गंभीरता को देखते
हुए वन विभाग द्वारा उच्च अधिकारियों से अनुमति लेकर रेस्क्यू अभियान की तैयारी की गई। अनुमति मिलने के बाद शहर के विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पिंजरे लगाए गए, हालांकि शुरुआती दिनों में सफलता हाथ नहीं लगी। वन मंडल अधिकारी मनीष कश्यप को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि एक मादा भालू अपने दो शावकों के साथ शहर में खुलेआम विचरण कर रही है, जिससे नागरिकों में भय व्याप्त है। वन विभाग की टीम लगातार निगरानी में जुटी रही, बावजूद इसके कुछ दिन पूर्व भालुओं के हमले में तीन और लोग घायल हो गए। स्थिति और अधिक बिगड़ती देख वन विभाग ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और पुलिस विभाग के सहयोग
से बीते मंगलवार रात विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लंबे प्रयासों के बाद बुधवार सुबह दोनों शावकों को पिंजरे में कैद कर लिया गया। शावकों के पकड़े जाने के बाद मादा भालू इधर-उधर दौड़ने लगी। इसके बाद वन विभाग कार्यालय के पास शावकों को रखा गया, जिससे मादा भालू वहीं पहुंची। मौके पर मौजूद डॉक्टरों की टीम ने ट्रेंक्यूलाइज़र की मदद से मादा भालू को बेहोश कर सुरक्षित रूप से पकड़ लिया। होश में आने के बाद मादा भालू को उसके दोनों शावकों के साथ एक ही पिंजरे में रखा गया। रेस्क्यू की सूचना मिलते ही मौके पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वन विभाग के अनुसार पकड़े
गए भालुओं को शहर से दूर सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़े जाने की तैयारी की जा रही है। भालुओं के पकड़े जाने के बाद शहरवासियों ने राहत की सांस ली है और सामान्य जनजीवन के फिर से पटरी पर लौटने की उम्मीद जताई है। इस सफल रेस्क्यू अभियान पर स्थानीय विधायक एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने वन अमले को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अब मनेन्द्रगढ़ शहरवासी पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए नागरिकों को भी जागरूक होना होगा। खाद्य पदार्थों का सुरक्षित निपटान अत्यंत आवश्यक है, ताकि भोजन की तलाश में जंगली जानवरों का शहर में प्रवेश न हो।
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- Post by Santosh Sao1
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- 18❤️12🌹2025❤️🙏1
- Post by Hari Sharma Sharma1