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जो मुस्तफ़ा ﷺ का वफ़ादार होता है वो कौम का गद्दार कभी नही हो सकता!? सुनो मुफ़्ती असरफ अज़हरी साहब ने क्या कहा बैरिस्टर @asadowaisi साहब के बारे में!?

on 21 April
user_MAKKI TV NEWS
MAKKI TV NEWS
Journalist Mainpuri, Uttar Pradesh•
on 21 April

जो मुस्तफ़ा ﷺ का वफ़ादार होता है वो कौम का गद्दार कभी नही हो सकता!? सुनो मुफ़्ती असरफ अज़हरी साहब ने क्या कहा बैरिस्टर @asadowaisi साहब के बारे में!?

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  • एक बार फिर तंदूर में डालने से पहले रोटी पर थूका | Viral Video | उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक ढाबे पर रोटियां बनाते समय कारीगर द्वारा थूक लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से हो गया. वीडियो सामने आते ही लोगों में गुस्सा और चिंता दोनों देखने को मिल रही है.वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि तंदूर में रोटी डालने से पहले कारीगर उस पर थूकता है. यह न सिर्फ गंदगी का प्रतीक है, बल्कि आम लोगों की सेहत के साथ खुला खिलवाड़ भी है. इस घटना ने खाने-पीने की जगहों पर साफ-सफाई और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद लोगों में रोष फैल गया है. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है.
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    एक बार फिर तंदूर में डालने से पहले रोटी पर थूका | Viral Video | उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक ढाबे पर रोटियां बनाते समय कारीगर द्वारा थूक लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से हो गया. वीडियो सामने आते ही लोगों में गुस्सा और चिंता दोनों देखने को मिल रही है.वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि तंदूर में रोटी डालने से पहले कारीगर उस पर थूकता है. यह न सिर्फ गंदगी का प्रतीक है, बल्कि आम लोगों की सेहत के साथ खुला खिलवाड़ भी है. इस घटना ने खाने-पीने की जगहों पर साफ-सफाई और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद लोगों में रोष फैल गया है. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है.
    user_Pankaj shrivastav
    Pankaj shrivastav
    Kisan putr Mainpuri•
    3 hrs ago
  • मैनपुरी ब्रेकिंग - रिपोर्टर अमित कौशिक दबंग भू माफिया प्रधान के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठा परिवार कलेक्ट्रेट स्थित तिकोनिया पार्क में भूख हड़ताल पर बैठा परिवार चकरोड के नाम पर जमीन कब्जा करने का लगाया आरोप 2 माह से अधिकारियों के चक्कर काट रहा था पीड़ित परिवार समाधान नहीं होने तक भूख हड़ताल पर बैठने कि कही बात डीएम ने मामले की जाँच के बाद कार्रवाई के दिए निर्देश भोगांव थाना क्षेत्र के दीवन्नपुर गांव का मामला
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    मैनपुरी ब्रेकिंग - 
रिपोर्टर अमित कौशिक
दबंग भू माफिया प्रधान के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठा परिवार 
कलेक्ट्रेट स्थित तिकोनिया पार्क में भूख हड़ताल पर बैठा परिवार
चकरोड के नाम पर जमीन कब्जा करने का लगाया आरोप
2 माह से अधिकारियों के चक्कर काट रहा था पीड़ित परिवार 
समाधान नहीं होने तक भूख हड़ताल पर बैठने कि कही बात 
डीएम ने मामले की जाँच के बाद कार्रवाई के दिए निर्देश 
भोगांव थाना क्षेत्र के दीवन्नपुर गांव का मामला
    user_Mainpuri explorer
    Mainpuri explorer
    Reporter Mainpuri, Uttar Pradesh•
    3 hrs ago
  • औंछा में सर्राफा दुकानों से लाखों के आभूषण चोरी शटर काटकर वारदात, पुलिस जांच में जुटी मैनपुरी के औंछा बाजार में बीती रात चोरों ने दो सर्राफा दुकानों को निशाना बनाया। चोरों ने दुकानों के शटर काटकर लाखों रुपये के सोने और चांदी के आभूषण चुरा लिए। औंछा निवासी मनोज कुमार वर्मा की 'देव ज्वैलर्स' और विपन कुमार गुप्ता की 'साई ज्वैलर्स' नाम से बाजार में दुकानें हैं। दुकानदारों ने बताया कि वे प्रतिदिन की तरह रात करीब 8 बजे अपनी दुकानें बंद कर घर चले गए थे। देर रात मोहल्ले के लोगों ने उन्हें दुकानों के शटर टूटे होने की सूचना दी। मनोज कुमार वर्मा ने मौके पर पहुँचकर देखा कि उनकी दुकान 'देव ज्वैलर्स' का सामान बिखरा हुआ था और तिजोरी गायब थी। उनके अनुसार, दुकान से लगभग 250 ग्राम सोना और करीब 20-21 किलोग्राम चांदी चोरी हुई है। चोरी हुए आभूषणों की कुल कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। वहीं, विपन कुमार गुप्ता की 'साई ज्वैलर्स' से लगभग 120 ग्राम सोने के आभूषण, 10-12 किलोग्राम चांदी के आभूषण और ढाई लाख रुपये नकद चोरी होने की जानकारी मिली है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई। थाना प्रभारी निरीक्षक चंद्रपाल सिंह और सीओ कुरावली सच्चिदानंद सिंह ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच के लिए डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया, जिन्होंने दुकानों के अंदर और बाहर से फिंगरप्रिंट तथा अन्य साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह चोरी योजनाबद्ध तरीके से की गई है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और मामले का जल्द खुलासा करने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। पुलिस स्थानीय लोगों से भी पूछताछ कर रही है और जल्द ही मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया है। इस चोरी की घटना के बाद औंछा बाजार के व्यापारियों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने बाजार क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और रात की गश्त बढ़ाने की मांग की है।
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    औंछा में सर्राफा दुकानों से लाखों के आभूषण चोरी
शटर काटकर वारदात, पुलिस जांच में जुटी
मैनपुरी के औंछा बाजार में बीती रात चोरों ने दो सर्राफा दुकानों को निशाना बनाया। चोरों ने दुकानों के शटर काटकर लाखों रुपये के सोने और चांदी के आभूषण चुरा लिए।
औंछा निवासी मनोज कुमार वर्मा की 'देव ज्वैलर्स' और विपन कुमार गुप्ता की 'साई ज्वैलर्स' नाम से बाजार में दुकानें हैं। दुकानदारों ने बताया कि वे प्रतिदिन की तरह रात करीब 8 बजे अपनी दुकानें बंद कर घर चले गए थे। देर रात मोहल्ले के लोगों ने उन्हें दुकानों के शटर टूटे होने की सूचना दी।
मनोज कुमार वर्मा ने मौके पर पहुँचकर देखा कि उनकी दुकान 'देव ज्वैलर्स' का सामान बिखरा हुआ था और तिजोरी गायब थी। उनके अनुसार, दुकान से लगभग 250 ग्राम सोना और करीब 20-21 किलोग्राम चांदी चोरी हुई है। चोरी हुए आभूषणों की कुल कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है।
वहीं, विपन कुमार गुप्ता की 'साई ज्वैलर्स' से लगभग 120 ग्राम सोने के आभूषण, 10-12 किलोग्राम चांदी के आभूषण और ढाई लाख रुपये नकद चोरी होने की जानकारी मिली है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई। थाना प्रभारी निरीक्षक चंद्रपाल सिंह और सीओ कुरावली सच्चिदानंद सिंह ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच के लिए डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया, जिन्होंने दुकानों के अंदर और बाहर से फिंगरप्रिंट तथा अन्य साक्ष्य एकत्र किए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह चोरी योजनाबद्ध तरीके से की गई है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और मामले का जल्द खुलासा करने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। पुलिस स्थानीय लोगों से भी पूछताछ कर रही है और जल्द ही मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया है।
इस चोरी की घटना के बाद औंछा बाजार के व्यापारियों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने बाजार क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और रात की गश्त बढ़ाने की मांग की है।
    user_Arjun Singh पत्रकार
    Arjun Singh पत्रकार
    Journalist Ghiror, Mainpuri•
    5 hrs ago
  • Post by Anish Yadav
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    Post by Anish Yadav
    user_Anish Yadav
    Anish Yadav
    Acrobatic diving pool Jasrana, Firozabad•
    7 hrs ago
  • Jay maa kali 🙏🚩🚩
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    Jay maa kali 🙏🚩🚩
    user_Sumit Rajput
    Sumit Rajput
    Farmer Etawah, Uttar Pradesh•
    8 hrs ago
  • पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है. क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं। जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है। जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं। यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें। अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं। पूरा मामला विस्तार से जानें पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया। घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है। जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
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    पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..?
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है.
क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है?
पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं।
जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है।
जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं।
यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें।
अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं।
पूरा मामला विस्तार से जानें
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया।
घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान
जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है।
जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur
    user_Misty Helping Foundation
    Misty Helping Foundation
    Etawah, Uttar Pradesh•
    21 hrs ago
  • CITY NEWS : बदमाशों ने दिनदहाड़े कैश कलेक्शन कर्मी को गोली मारकर की सात लाख की लूट
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    CITY NEWS : बदमाशों ने दिनदहाड़े कैश कलेक्शन कर्मी को गोली मारकर की सात लाख की लूट
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    Farrukhabad, Uttar Pradesh•
    3 hrs ago
  • CITY NEWS: फतेहगढ़ के सुभाष चौक पर चला सघन चेकिंग अभियान
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    CITY NEWS: फतेहगढ़ के सुभाष चौक पर चला सघन चेकिंग अभियान
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