संसार में उलझे हुए हों जबकि आप मनुष्य भव से मोक्ष प्राप्त कर सकते हो -- मुनिश्री सानंद सागर . रत्नकरण्डक श्रावकाचार ग्रंथ श्रवण कराते हुए मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने कहां मद से दुर्गति हो रही है। महावीर के वंश के हो, महावीर की जयघोष करते हो तो जैन कुल का पालन करें। पानी छानकर पीएं, देव दर्शन करें और रात्रि में चारों प्रकार के आहार का त्याग करें। संयम और प्रतिमा धारण कर आत्म कल्याण करें लेकिन आप अपने हाथों से दुर्गति कर रहे हो, संसार में उलझे हुए हों जबकि आप मनुष्य भव से मोक्ष प्राप्त कर सकते हो। अहंकार नहीं करें, शरीर, रुप व तप का मद भी नहीं करें, यह सब करने से दुर्गति होगी। शरीर को सजाने में लगे हुए हो, यहां किला मंदिर पर श्रेष्ठ व्यवस्था है स्नान करों, धोती दुपट्टा पहनकर भगवान के अभिषेक कर रहे हैं। सभी भगवान को नहीं छुना चाहिए।वैसे एक भगवान को भी नहीं छुना, उनके गुणों को प्राप्त करना चाहिए। भगवान को छुने के पश्चात अपने मस्तिष्क पर हाथ लगाकर दूसरे भगवान को नहीं छुना चाहिए। एक भगवान को अगर छू लिया तो कपड़े से अंगोछना चाहिए। शरीर पर अहंकार नहीं करें। सम्यकदृष्टि मनुष्य अहंकार नहीं करते हैं। मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने आगे कहा कि शरीर से राग नही करें। केवल्य ज्ञान शास्वत है। अहंकार से बचने के लिए अपने से अधिक गुणकारी पर दृष्टि रखें। मिथ्या दृष्टि अहंकार में पड़ा रहेगा। मिथ्यात्व संसार का कारण और सम्यकत्व मोक्ष का कारण है। संसार में धर्मात्माओं के बिना धर्म नहीं होता है ,कुलाचारण का पालन करने वाले सम्यक दृष्टि और धर्मात्मा है। आचार्य समंतभद्र स्वामी ने इस ग्रंथ में सम्यक दर्शन ,सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र को धर्म कहा है तथा रत्नात्रय को ही धर्म बताया है।गुण गुणी के आधार पर रहता है।अहंकार के वशीभूत होकर अगर धर्मात्मा का तिरस्कार करते हैं तो आप अपने धर्म का तिरस्कार करते हो, इससे खुद का नुकसान होगा।किसी का भी तिरस्कार नहीं करें । मुनिश्री ने आगे कहा कि भगवान के चरण नहीं आचरण छुएं। कभी भी भूलकर भी समाज का तिरस्कार नहीं करें।धन- सम्पत्ति है तो आप समाज का भला करों। अकबर के कहने पर अंतिम समय में अर्थी में दोनों हाथों को बाहर रखे थे ,लोगों को बताने के लिए की कुछ भी साथ नहीं जाता है।चार प्रकार का दान ही साथ में जाएगा। भगवान महावीर स्वामी की पालिसी दान देने पर जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी।अगर आपके गुरु लोभी नहीं तो शिष्य भी लोभी नहीं होते हैं।जिनके पास परिग्रह नहीं, वहीं गुरु होंगे। जिनके पास परिग्रह है वह साधु -संतों की श्रेणी में नहीं ऐसे लोग तो आपको संसार में ही भटकायेंगे। मोबाइल सबसे ज्यादा झूठ बोलना सिखाता है,सच बोलना चाहिए। गुरु की न तो गृहस्थी होती है और न ही वे खेती व व्यापार करते हैं। व्रती प्रमाद से बचें।स्वाध्याय करें और गुरु मुख से स्वाध्याय सुनें बहुत पुण्य अर्जित होगा।जहां प्रमाद है ,वहां हिंसा है।नजर हटी दुर्घटना घटी,इस लिए हमेशा देखकर चलें। जहां जन्म -मरण वहां संसार है और जहां जन्म- मरण नहीं वह मोक्ष है।साधु अगर स्वाधु बन जाएं तो वह साधु नहीं है।मोक्ष मार्ग से विमुख चले वह पाखंडी है। जिसे सम्मान की भूख है ,वह साधु नहीं है। गुरु के प्रति गलत भाव रखा तो वह सम्यकदृष्टि नहीं।साधु के लक्षण नहीं और पूजवाते है वह साधु नहीं स्वाधु है। नमस्कार से चमत्कार होता है। व्यक्ति को कभी भी मद नहीं करना चाहिए।मद है वहां मिथ्यात्व है।मद आठ प्रकार के होते हैं। अहंकार,मद, घमंड कर रहे हो तो मिथ्यात्व की श्रेणी में हो। किसी भी प्रकार का मद नहीं करें।कुल का मद नहीं करें। घमंड ही दुःख देने वाला है।नियम लेकर उसका हमेशा पालन करें।
संसार में उलझे हुए हों जबकि आप मनुष्य भव से मोक्ष प्राप्त कर सकते हो -- मुनिश्री सानंद सागर . रत्नकरण्डक श्रावकाचार ग्रंथ श्रवण कराते हुए मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने कहां मद से दुर्गति हो रही है। महावीर के वंश के हो, महावीर की जयघोष करते हो तो जैन कुल का पालन करें। पानी छानकर पीएं, देव दर्शन करें और रात्रि में चारों प्रकार के आहार का त्याग करें। संयम और प्रतिमा धारण कर आत्म कल्याण करें लेकिन आप अपने हाथों से दुर्गति कर रहे हो, संसार में उलझे हुए हों जबकि आप मनुष्य भव से मोक्ष प्राप्त कर सकते हो। अहंकार नहीं करें, शरीर, रुप व तप का मद भी नहीं करें, यह सब करने से दुर्गति होगी। शरीर को सजाने में लगे हुए हो, यहां किला मंदिर पर श्रेष्ठ व्यवस्था है स्नान करों, धोती दुपट्टा पहनकर भगवान के अभिषेक कर रहे हैं। सभी भगवान को नहीं छुना चाहिए।वैसे एक भगवान को भी नहीं छुना, उनके गुणों को प्राप्त करना चाहिए। भगवान को छुने के पश्चात अपने मस्तिष्क पर हाथ लगाकर दूसरे भगवान को नहीं छुना चाहिए। एक भगवान को अगर छू लिया तो कपड़े से अंगोछना चाहिए। शरीर पर अहंकार नहीं करें। सम्यकदृष्टि मनुष्य अहंकार नहीं करते हैं। मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने आगे कहा कि शरीर से राग नही करें। केवल्य ज्ञान शास्वत है। अहंकार से बचने के लिए अपने से अधिक गुणकारी पर दृष्टि रखें। मिथ्या दृष्टि अहंकार में पड़ा रहेगा। मिथ्यात्व संसार का कारण और सम्यकत्व मोक्ष का कारण है। संसार में धर्मात्माओं के बिना धर्म नहीं होता है ,कुलाचारण का पालन करने वाले सम्यक दृष्टि और धर्मात्मा है। आचार्य समंतभद्र स्वामी ने इस ग्रंथ में सम्यक दर्शन ,सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र को धर्म कहा है तथा रत्नात्रय को ही धर्म बताया है।गुण गुणी के आधार पर रहता है।अहंकार के वशीभूत होकर अगर धर्मात्मा का तिरस्कार करते हैं तो आप अपने धर्म का तिरस्कार करते हो, इससे खुद का नुकसान होगा।किसी का भी तिरस्कार नहीं करें । मुनिश्री ने आगे कहा कि भगवान के चरण नहीं आचरण छुएं। कभी भी भूलकर भी समाज का तिरस्कार नहीं करें।धन- सम्पत्ति है तो आप समाज का भला करों। अकबर के कहने पर अंतिम समय में अर्थी में दोनों हाथों को बाहर रखे थे ,लोगों को बताने के लिए की कुछ भी साथ नहीं जाता है।चार प्रकार का दान ही साथ में जाएगा। भगवान महावीर स्वामी की पालिसी दान देने पर जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी।अगर आपके गुरु लोभी नहीं तो शिष्य भी लोभी नहीं होते हैं।जिनके पास परिग्रह नहीं, वहीं गुरु होंगे। जिनके पास परिग्रह है वह साधु -संतों की श्रेणी में नहीं ऐसे लोग तो आपको संसार में ही भटकायेंगे। मोबाइल सबसे ज्यादा झूठ बोलना सिखाता है,सच बोलना चाहिए। गुरु की न तो गृहस्थी होती है और न ही वे खेती व व्यापार करते हैं। व्रती प्रमाद से बचें।स्वाध्याय करें और गुरु मुख से स्वाध्याय सुनें बहुत पुण्य अर्जित होगा।जहां प्रमाद है ,वहां हिंसा है।नजर हटी दुर्घटना घटी,इस लिए हमेशा देखकर चलें। जहां जन्म -मरण वहां संसार है और जहां जन्म- मरण नहीं वह मोक्ष है।साधु अगर स्वाधु बन जाएं तो वह साधु नहीं है।मोक्ष मार्ग से विमुख चले वह पाखंडी है। जिसे सम्मान की भूख है ,वह साधु नहीं है। गुरु के प्रति गलत भाव रखा तो वह सम्यकदृष्टि नहीं।साधु के लक्षण नहीं और पूजवाते है वह साधु नहीं स्वाधु है। नमस्कार से चमत्कार होता है। व्यक्ति को कभी भी मद नहीं करना चाहिए।मद है वहां मिथ्यात्व है।मद आठ प्रकार के होते हैं। अहंकार,मद, घमंड कर रहे हो तो मिथ्यात्व की श्रेणी में हो। किसी भी प्रकार का मद नहीं करें।कुल का मद नहीं करें। घमंड ही दुःख देने वाला है।नियम लेकर उसका हमेशा पालन करें।
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- इंदौर। विधायक गोलू शुक्ला के बड़े बेटे-बहू ने तोड़ा नियम, खजराना गणेश के गर्भगृह में एक-दूसरे को माला पहनाई। छोटा बेटा भी तोड़ता रहा प्रोटोकॉल #indorelocal3
- Post by Mo.Shahid Lala1
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- *ठंड से सुरक्षा, जीवन की रक्षा* *जिले में नवजात शिशुओं की जान बचाने प्रशासन की पहल* खरगोन 18 दिसंबर 2025। जिले में नवजात शिशुओं को ठंड से होने वाली जटिलताओं से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहल की गई है। कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल के निर्देशन में जिले में संचालित 108 एम्बुलेंस एवं जननी एम्बुलेंस वाहनों में कंबलों की व्यवस्था की गई है, जिससे शिशुओं को सुरक्षित रूप से स्वास्थ्य संस्थाओं तक पहुंचाया जा सके। इस दौरान कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने कहा कि ठंड के मौसम में नवजात शिशुओं को उपचार अथवा रेफर किए जाने के दौरान हाइपोथर्मिया का खतरा रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एम्बुलेंस वाहनों में कंबल उपलब्ध कराए गए हैं तथा वहां कार्यरत स्टाफ को नवजात शिशुओं की देखभाल के संबंध में प्रशिक्षण भी दिया गया है, ताकि शिशुओं के शरीर का तापमान सुरक्षित रखा जा सके। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने जिले के समस्त अभिभावकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की कि नवजात शिशुओं को एम्बुलेंस में लाते-ले जाते समय उन्हें अच्छी तरह ढककर लाया जाए, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। जनजागरूकता एवं नवजात शिशुओं की सुरक्षा के उद्देश्य से रोटरी क्लब खरगोन द्वारा जिले में संचालित 108 एवं जननी एम्बुलेंस वाहनों के लिए 60 कंबल प्रदान किए गए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दौलत सिंह चौहान ने इस जनहितकारी पहल के लिए जिला प्रशासन एवं रोटरी क्लब का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।1
- Post by प्रेस क्लब अध्यक्ष बेटमा रणजीत मंडलोई1
- *👉 इंदौर के बेटमा में जन संवाद कार्यक्रम आयोजित---✍️* *👉 लोगों ने उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे✍️* *👉 देखें खबर ab न्यूज़ पर✍️* *👉 टीम प्रेस क्लब बेटमा ✍️*1
- Pratap Singh Thakur Congress neta1
- MGNREGA पर घमासान, लोकसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेश किया 'वीबी जी रामजी' बिल, केंद्र सरकार मनरेगा को खत्म करके नया ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ कानून लाने की तैयारी में है. कांग्रेस ने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताया, पूरी डिबेट देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें ....https://www.facebook.com/share/v/1U7emDyfDS/1