" अनुदान नहीं वेतनमान चाहिए के नारों को बुलंद करते हुए पटना महाधरना में पहुचें राज्य के वित्त रहित डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी " बिहार राज्य के 220 अनुदानित संबंद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को लेट- लतीफ अनुदान के बदले वेतनमान के लिए विगत दो दिनों से पटना के धरना-प्रदर्शन स्थल गर्दनीबाग में चल रहे महाधरना में सम्पूर्ण बिहार से हज़ारों की संख्या में लोग जमें हुए है, जो तीसरे दिन 12 सितंबर को समाप्त होगा। आज धरना-प्रदर्शन में गया जिला के दर्जनों डिग्री कॉलेज के सैकड़ों शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू, डॉ अरविंद कुमार प्राचार्य महाबोधि कॉलेज बेलागंज, डॉ अनिल कुमार सिन्हा, प्रो सूर्यदेव यादव, प्रो एहशान अहमद, प्रो अमर सिंह सिरमौर, निशांत कुमार मुन्ना, प्रो सुनील कुमार शर्मा, प्रो राजीव कुमार, आदि के नेतृत्व में पटना गर्दनिबाग पहुंच कर महाधरना में शामिल हुए। महाधरना की अध्यक्षता बिहार राज्य सम्बध्द डिग्री महाविद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शंभू नाथ सिन्हा ने किया। महाधरना को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के चंद दिन शेष बचे है जिसे राज्य के संबद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की सासें फूल रही है, इनके दिल- दिमाग में यह प्रश्न उठ रहा है कि जब पटना उच्च न्यायालय के डबल बेंच का फैसला जिस पर उच्चतम न्यायालय का भी मुहर लगा हुआ है, तथा बिहार विधान परिषद के शिक्षा समिति के निर्णय के बाद भी बिहार की नीतीश सरकार राज्य के सभी प्रकार के कर्मचारियों की मांगों पर विचार करते हुए कुछ न कुछ जरूर दिया परंतु संबद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की मागें जो लगभग 40 साल पुरानी है, उस पर अभी तक क्यों गूंगे, बहरें बने हुए हैं। नेताओ ने कहा कि अभी तक 08 वर्षों का बकाया अनुदान भी डिग्री कॉलेजो को नहीं मिलने से हज़ारों शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों, उनके परिवार को खाने के लाले पड़े हैं। नेताओ ने कहा कि राज्य के 65 % छात्र राज्य के इन्हीं 220 डिग्री अनुदानित कॉलेजो में अध्ययन करते हैं, तथा राज्य सरकार लगातार इस बात की घोषणा कर रही है कि बिहार के 534 प्रखंडों में हम डिग्री कॉलेज सुनिश्चित करेंगे, जबकि राज्य में 65 सरकारी एवं 220 अनुदानित कुल मिला कर 285 कॉलेज ही होता है, बाबजूद नीतीश सरकार सम्बध्द डिग्री कॉलेज को सरकारी कॉलेज की तरह वेतनमान एवं पेंशन देने की घोषणा क्यों नहीं कर रही है।
" अनुदान नहीं वेतनमान चाहिए के नारों को बुलंद करते हुए पटना महाधरना में पहुचें राज्य के वित्त रहित डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी " बिहार राज्य के 220 अनुदानित संबंद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को लेट- लतीफ अनुदान के बदले वेतनमान के लिए विगत दो दिनों से पटना के धरना-प्रदर्शन स्थल गर्दनीबाग में चल रहे महाधरना में सम्पूर्ण बिहार से हज़ारों की संख्या में लोग जमें हुए है, जो तीसरे दिन 12 सितंबर को समाप्त होगा। आज धरना-प्रदर्शन में गया जिला के दर्जनों डिग्री कॉलेज के सैकड़ों शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू, डॉ अरविंद कुमार प्राचार्य महाबोधि कॉलेज बेलागंज, डॉ अनिल कुमार सिन्हा, प्रो सूर्यदेव यादव, प्रो एहशान अहमद, प्रो अमर सिंह सिरमौर, निशांत कुमार मुन्ना, प्रो सुनील कुमार शर्मा, प्रो राजीव कुमार, आदि के नेतृत्व में पटना गर्दनिबाग पहुंच कर महाधरना में शामिल हुए। महाधरना की अध्यक्षता बिहार राज्य सम्बध्द डिग्री महाविद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शंभू नाथ सिन्हा ने किया। महाधरना को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के चंद दिन शेष बचे है जिसे राज्य के संबद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की सासें फूल रही है, इनके दिल- दिमाग में यह प्रश्न उठ रहा है कि जब पटना उच्च न्यायालय के डबल बेंच का फैसला जिस पर उच्चतम न्यायालय का भी मुहर लगा हुआ है, तथा बिहार विधान परिषद के शिक्षा समिति के निर्णय के बाद भी बिहार की नीतीश सरकार राज्य के सभी प्रकार के कर्मचारियों की मांगों पर विचार करते हुए कुछ न कुछ जरूर दिया परंतु संबद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की मागें जो लगभग 40 साल पुरानी है, उस पर अभी तक क्यों गूंगे, बहरें बने हुए हैं। नेताओ ने कहा कि अभी तक 08 वर्षों का बकाया अनुदान भी डिग्री कॉलेजो को नहीं मिलने से हज़ारों शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों, उनके परिवार को खाने के लाले पड़े हैं। नेताओ ने कहा कि राज्य के 65 % छात्र राज्य के इन्हीं 220 डिग्री अनुदानित कॉलेजो में अध्ययन करते हैं, तथा राज्य सरकार लगातार इस बात की घोषणा कर रही है कि बिहार के 534 प्रखंडों में हम डिग्री कॉलेज सुनिश्चित करेंगे, जबकि राज्य में 65 सरकारी एवं 220 अनुदानित कुल मिला कर 285 कॉलेज ही होता है, बाबजूद नीतीश सरकार सम्बध्द डिग्री कॉलेज को सरकारी कॉलेज की तरह वेतनमान एवं पेंशन देने की घोषणा क्यों नहीं कर रही है।
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