ब्रम्हांड अधीश्वरी माँ विन्ध्यवासिनी - - - 🌺🌺🌺🌹🌹🌹🌷🌷🌷 एकावन शक्तिपीठ में एकटा अनन्त ब्रम्हाण्ड अधीश्वरी केर धाम श्री विन्ध्याचल धाम । देवी भक्ति लेल विश्व प्रसिद्ध धाम विन्ध्याचल धाम उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला मे विन्ध्य पहाड़ पर स्थित आदि शक्ति श्री दुर्गा जी केर मन्दिर जकरा हमरा लोकनि विन्ध्याचल मन्दिर के नाम सँ जनैत छी। विन्ध्याचल धाम अनादि काल सँ साधक के लेल सर्वोत्तम सिद्धपीठ मानल जाइत छैक। ई मन्दिर पौराणिक नगरी काशी सँ लगभग पचास किलोमीटर दूर पर स्थित अछि। देश के एकावन शक्तिपीठ में गानल गेल एहि शक्तिपीठ केर विशेषता छैक जे एहि ठाम सँ तीन किलोमीटर के अन्दर तीन टा प्रमुख देवी विराजमान छैथि जकर पूर्ण दर्शन के उपरांत विन्ध्याचल के सम्पूर्ण यात्रा मानल जाइत छैक। तीनू दैवी केर केन्द्र मे माँ विन्ध्यवासिनी विराजमान छैथि। एहि देवी केर अतिरिक्त कालीखोह पहाङ पर महाकाली आ अष्टभुजा पहाड़ पर अष्टभुजी देवी विराजित छैथि। माता केर दरवार मे तंत्र मंत्र के साधक उपस्थित भ माता रानी केर कृपा प्राप्त करैत छैथि। नवरात मे एहि ठाम विश्व के कोना कोना सँ भक्त केर तांता लागल रहैत अछि। त्रिकोण यंत्र पर स्थित विन्ध्याचल क्षेत्र केर अस्तित्व सृष्टि केर आरम्भ सँ मानल जाइत अछि जे प्रलय केर बादो समाप्त नहि होइत अछि कारण जे एहि स्थान पर महालक्ष्मी महाकाली आ आद्यशक्ति माँ विन्ध्यवासिनी स्वयं विराजमान छैथि। एहि ठाम सभ सँ पहिले गंगा स्नान कयल जाइत अछि फेर जय जगत जननी केर उदघोष करैत माँ विन्ध्यवासिनी केर दर्शन कयल जाइत अछि। एहि पुण्य स्थान केर वर्णन पुराण में तपोभूमि के रूप में कयल गेल अछि। एहि ठाम देवी सिंह पर आरूढ अवस्था में छैथि जकरा बारे में मान्यता छैक जे देवी भागवत के दसम स्कंध में सृष्टिकर्ता ब्रम्हाजी सभ सँ पहिले मनु आ श्री शांतरूपा के प्रकट कयने छलाह। श्री मनु सौ वर्ष धरि एहि ठाम देवी के मूर्ति बना कय कठोर तपस्या कयने रहैथि। जाहि सँ प्रसन्न भ भगवती हुनका निष्कंटक राज्य, वंश वृद्धि केर आशीर्वाद देने रहथिन। वरदान देलाक पश्चात् महादेवी विन्ध्याचल पर्वत पर चलि गेल छलीह। तखनहि सँ माँ विन्ध्यवासिनी के रूप में आदि शक्ति केर पूजा एहि ठाम आरम्भ भेल। शिव पुराण केर अनुसार माँ विन्ध्यवासिनी के माता सती के दोसर रूप मानल जाइत अछि। श्रीमदभागवत में हिनक नाम नन्दजा देवी केर रूप में वर्णित अछि। माता केर अन्य नाम कृष्णानुजा आ वनदुर्गा के नाम सँ अन्य धार्मिक ग्रन्थ में वर्णित अछि। विन्ध्यवासिनी देवी केर वर्णन में "नन्द गोप गृहे जाता यशोदा गर्भ संभवः तत्सवै नाश्यामि विन्ध्याचलवासिनी" अर्थात जखन कंस माँ यशोदा के संतान के देवकी के अंतिम सन्तान बुझि मारवाक लेल हवा में उछालने रहय तखन देवी योगमाया वनि उङि कय एहि स्थान पर विराजित भ गेल छलीह। शास्त्र केर अनुसार महर्षि कात्यायनी माता जगदम्बा के प्रसन्न कयने रहैथि एहि कारण सँ माता केर नाम कात्यायनी सेहो छैन्ह। नील तंत्र में एहि बात केर उल्लेख कयल गेल अछि जे पतित पावनी गंगा विन्ध्याचल पर्वत के स्पर्श करैत अछि जाहि ठाम माता केर वास छैन्ह। एहि महाशक्तिपीठ में वैदिक आ वाम मार्ग दुनू विधि सँ पूजा कयल जाइत अछि। शास्त्र केर अनुसार आन शक्तिपीठ में देवी के अलग अलग अंग केर पूजा कयल जाइत छैन्ह जखन कि एहि ठाम पूर्ण स्वरूप केर पूजा कयल जाइत अछि तेँ विन्ध्य महात्म केर अनुसार माँ विन्ध्यवासिनी के पूर्णपीठ कहल जाइत अछि। स्थानीय धार्मिक तथ्य केर अनुसार नवरात्र के समय में माँ मन्दिर केर पताका 🚩 पर वास करैत छैथि ताकि समस्त भक्त के दर्शन करवा में कोनो तरह केर परेशानी नहि होइन्ह। एहि कारण सँ कतेको भक्त गण अत्यधिक भीड़ होयवाक कारण पताक केर दर्शन कयला सँ अपना कए धन्य बुझै छैथि ओना माँ के चोखट सँ आइ धरि किओ खाली हाथ वापस नहि अवैत छैथि। माता केर दर्शन के संगहि अष्टभुजी मन्दिर केर नजदीक में सीताकुंड, तारादेवी, भैरवकुंड केर दर्शन भक्त लोकनि करैत छैथि। त्रेता युग में भगवान श्रीराम देवी केर पूजा कय रामेश्वर महादेव के स्थापना कयने छलाह जखन कि द्वापर युग में श्री वसुदेव जी केर कुल पुरोहित श्री गर्ग मुनि कंस वध आ कृष्णावतार हेतु विन्ध्याचल में लक्षचंडी केर अनुष्ठान कयने छलाह। एहि प्रकार सँ माँ विन्ध्यवासिनी समस्त श्रृष्टि केर आदि शक्ति जगदम्बा केर रूप में विख्यात छैथि। 🌹🌹🌹🌷🌷🌷🌺🌺🌺🍁🍁🍁
ब्रम्हांड अधीश्वरी माँ विन्ध्यवासिनी - - - 🌺🌺🌺🌹🌹🌹🌷🌷🌷 एकावन शक्तिपीठ में एकटा अनन्त ब्रम्हाण्ड अधीश्वरी केर धाम श्री विन्ध्याचल धाम । देवी भक्ति लेल विश्व प्रसिद्ध धाम विन्ध्याचल धाम उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला मे विन्ध्य पहाड़ पर स्थित आदि शक्ति श्री दुर्गा जी केर मन्दिर जकरा हमरा लोकनि विन्ध्याचल मन्दिर के नाम सँ जनैत छी। विन्ध्याचल धाम अनादि काल सँ साधक के लेल सर्वोत्तम सिद्धपीठ मानल जाइत छैक। ई मन्दिर पौराणिक नगरी काशी सँ लगभग पचास किलोमीटर दूर पर स्थित अछि। देश के एकावन शक्तिपीठ में गानल गेल एहि शक्तिपीठ केर विशेषता छैक जे एहि ठाम सँ तीन किलोमीटर के अन्दर तीन टा प्रमुख देवी विराजमान छैथि जकर पूर्ण दर्शन के उपरांत विन्ध्याचल के सम्पूर्ण यात्रा मानल जाइत छैक। तीनू दैवी केर केन्द्र मे माँ विन्ध्यवासिनी विराजमान छैथि। एहि देवी केर अतिरिक्त कालीखोह पहाङ पर महाकाली आ अष्टभुजा पहाड़ पर अष्टभुजी देवी विराजित छैथि। माता केर दरवार मे तंत्र मंत्र के साधक उपस्थित भ माता रानी केर कृपा प्राप्त करैत छैथि। नवरात मे एहि ठाम विश्व के कोना कोना सँ भक्त केर तांता लागल रहैत अछि। त्रिकोण यंत्र पर स्थित विन्ध्याचल क्षेत्र केर अस्तित्व सृष्टि केर आरम्भ सँ मानल जाइत अछि जे प्रलय केर बादो समाप्त नहि होइत अछि कारण जे एहि स्थान पर महालक्ष्मी महाकाली आ आद्यशक्ति माँ विन्ध्यवासिनी स्वयं विराजमान छैथि। एहि ठाम सभ सँ पहिले गंगा स्नान कयल जाइत अछि फेर जय जगत जननी केर उदघोष करैत माँ विन्ध्यवासिनी केर दर्शन कयल जाइत अछि। एहि पुण्य स्थान केर वर्णन पुराण में तपोभूमि के रूप में कयल गेल अछि। एहि ठाम देवी सिंह पर आरूढ अवस्था में छैथि जकरा बारे में मान्यता छैक जे देवी भागवत के दसम स्कंध में सृष्टिकर्ता ब्रम्हाजी सभ सँ पहिले मनु आ श्री शांतरूपा के प्रकट कयने छलाह। श्री मनु सौ वर्ष धरि एहि ठाम देवी के मूर्ति बना कय कठोर तपस्या कयने रहैथि। जाहि सँ प्रसन्न भ भगवती हुनका निष्कंटक राज्य, वंश वृद्धि केर आशीर्वाद देने रहथिन। वरदान देलाक पश्चात् महादेवी विन्ध्याचल पर्वत पर चलि गेल छलीह। तखनहि सँ माँ विन्ध्यवासिनी के रूप में आदि शक्ति केर पूजा एहि ठाम आरम्भ भेल। शिव पुराण केर अनुसार माँ विन्ध्यवासिनी के माता सती के दोसर रूप मानल जाइत अछि। श्रीमदभागवत में हिनक नाम नन्दजा देवी केर रूप में वर्णित अछि। माता केर अन्य नाम कृष्णानुजा आ वनदुर्गा के नाम सँ अन्य धार्मिक ग्रन्थ में वर्णित अछि। विन्ध्यवासिनी देवी केर वर्णन में "नन्द गोप गृहे जाता यशोदा गर्भ संभवः तत्सवै नाश्यामि विन्ध्याचलवासिनी" अर्थात जखन कंस माँ यशोदा के संतान के देवकी के अंतिम सन्तान बुझि मारवाक लेल हवा में उछालने रहय तखन देवी योगमाया वनि उङि कय एहि स्थान पर विराजित भ गेल छलीह। शास्त्र केर अनुसार महर्षि कात्यायनी माता जगदम्बा के प्रसन्न कयने रहैथि एहि कारण सँ माता केर नाम कात्यायनी सेहो छैन्ह। नील तंत्र में एहि बात केर उल्लेख कयल गेल अछि जे पतित पावनी गंगा विन्ध्याचल पर्वत के स्पर्श करैत अछि जाहि ठाम माता केर वास छैन्ह। एहि महाशक्तिपीठ में वैदिक आ वाम मार्ग दुनू विधि सँ पूजा कयल जाइत अछि। शास्त्र केर अनुसार आन शक्तिपीठ में देवी के अलग अलग अंग केर पूजा कयल जाइत छैन्ह जखन कि एहि ठाम पूर्ण स्वरूप केर पूजा कयल जाइत अछि तेँ विन्ध्य महात्म केर अनुसार माँ विन्ध्यवासिनी के पूर्णपीठ कहल जाइत अछि। स्थानीय धार्मिक तथ्य केर अनुसार नवरात्र के समय में माँ मन्दिर केर पताका 🚩 पर वास करैत छैथि ताकि समस्त भक्त के दर्शन करवा में कोनो तरह केर परेशानी नहि होइन्ह। एहि कारण सँ कतेको भक्त गण अत्यधिक भीड़ होयवाक कारण पताक केर दर्शन कयला सँ अपना कए धन्य बुझै छैथि ओना माँ के चोखट सँ आइ धरि किओ खाली हाथ वापस नहि अवैत छैथि। माता केर दर्शन के संगहि अष्टभुजी मन्दिर केर नजदीक में सीताकुंड, तारादेवी, भैरवकुंड केर दर्शन भक्त लोकनि करैत छैथि। त्रेता युग में भगवान श्रीराम देवी केर पूजा कय रामेश्वर महादेव के स्थापना कयने छलाह जखन कि द्वापर युग में श्री वसुदेव जी केर कुल पुरोहित श्री गर्ग मुनि कंस वध आ कृष्णावतार हेतु विन्ध्याचल में लक्षचंडी केर अनुष्ठान कयने छलाह। एहि प्रकार सँ माँ विन्ध्यवासिनी समस्त श्रृष्टि केर आदि शक्ति जगदम्बा केर रूप में विख्यात छैथि। 🌹🌹🌹🌷🌷🌷🌺🌺🌺🍁🍁🍁
- सोशल मीडिया पर एक मज़ेदार वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बिल्ली मुंह में कबूतर दबाकर सड़क पार कर रही होती है। तभी कार सवार व्यक्ति के अचानक हॉर्न बजाने से बिल्ली घबरा जाती है और उसका शिकार छूट जाता है। कबूतर उड़ जाता है, जबकि बिल्ली का गुस्से भरा रिएक्शन लोगों को खूब हंसा रहा है। #ViralVideo #FunnyAnimals #CatVideo #UnexpectedMoment #InternetLaughs #AnimalReels #TrendingNow1
- उत्तरांचल प्रेस क्लब: मंजुल सिंह माजिला स्मृति क्रिकेट टूर्नामेंट में रनरअप रही टीम दून सुपर किंग को 29 रन से हराकर टीम दून किंग रीडर ने फाइनल मैच में अपने नाम किया जीत का खिताब। zeta news 24x71
- हरिद्वार में ठंड बढ़ने पर अब प्रशासन ने जगह जगह अलाव जलाने शुरू कर दिए हैं। विभिन्न चौक, चौराहों सहित रैन बसेरों में भी अलाव जलवाए जा रहे हैं। जिलाधिकारी म्यूर दीक्षित ने नगरनिगम अधिकारियों के साथ अब से थोड़ी देर पूर्व हरकी पैड़ी के आसपास रैन बसेरों का निरीक्षण किया व वहां अलाव व ठंड से राहत के लिए किये जा रहे इंतजामात को देखा। जिलाधिकारी ने रैन बसेरों में रह रहे लोगों से भी व्यवस्थाओं के बारे में फीडबैक लिया।इस दौरान मुख्य नगरायुक्त नगरनिगम नंदन कुमार सहित निगम के अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद रहे।एमएनए नंदन कुमार ने बताया कि निगम क्षेत्र में पूर्व निर्धारित सभी अलाव स्थलों पर अलाव जलवाए जाने शुरू किए जा चुके हैं। आवश्यक होने पर अन्य स्थानों पर अलाव जलवाए जाएंगे।1
- नीतीश कुमार ने जो भी किया और सही किया जावेद अख्तर.......1
- यमुनानगर पुलिस के लिए ब्लाइंड मर्डर (सिर कटी हुई लाश) चुनौती बन गया था आज डीएसपी रजत गुलिया बताया कि 7 दिसंबर को प्रतापनगर थाना क्षेत्र के गांव बहादुरपुर के एरिया में, मुख्य सड़क जो यहां से पोंटा साहिब की ओर जाती है, उससे लगभग 20 मीटर की दूरी पर एक युवती का शव बरामद हुआ था। शव की स्थिति अत्यंत भयावह थी—युवती का सिर धड़ से अलग था और शरीर पर सिर्फ ऊपरी अंतर्वस्त्र के अलावा कोई कपड़ा नहीं था। प्रथम दृष्टया ही यह स्पष्ट हो गया था कि यह एक जघन्य, गंभीर और अत्यंत संवेदनशील हत्या का मामला है।1
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- सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह CCTV फुटेज सड़क पर तेज रफ्तार की खतरनाक सच्चाई दिखाता है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक तरफ से कार आ रही थी, तभी दूसरी दिशा से तेज़ रफ्तार में आ रही बाइक ने कार को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक सवार हवा में उछलकर कुछ दूरी पर जा गिरा। यह हादसा साफ संदेश देता है कि कुछ सेकंड की लापरवाही पूरी ज़िंदगी बदल सकती है। रफ्तार, जल्दबाज़ी और नियमों की अनदेखी न सिर्फ अपनी, बल्कि दूसरों की जान भी खतरे में डाल देती है। यह वीडियो हर वाहन चालक को सोचने पर मजबूर करता है कि सड़क रेस ट्रैक नहीं है।1
- zetanews24x7. com देहरादून के रायपुर क्षेत्र के प्राईमस हॉस्पिटल का मामला। अजय सोनकर निवासी शिव कॉलोनी कांवली रोड की उपचार के दौरान मौत। परिवार जनों का आप है कि डॉक्टर टम्टा ने नशे की हालत में किया ऑपरेशन और एक पथरी के छोटे से ऑपरेशन की जगह काट डाला पूरा पेट।1