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धनबली प्रभावशालियों द्वारा गरीब कमजोरों पर आए दिन किए जा रहे जुल्म ज्यादती अन्याय उत्पीड़न के सापेक्ष अपेक्षित न्याय न मिलने के क्रम से निचला तपका आहत हैं। अभय प्रजापति के ज्वलंत प्रकरण में मुलाकात करने आए सर्वश्री आल्हा प्रसाद निषाद,बांके निषाद, कमलेश निषाद,राम अधीन गौतम,भावी विधानसभा प्रत्याशी धनघटा अंजू चौहान व सोनू चौहान आदि शुभचिंतकों का दिल की गहराई से आभार व्यक्त करते हैं।🙏
अनिल कुमार प्रजापति
धनबली प्रभावशालियों द्वारा गरीब कमजोरों पर आए दिन किए जा रहे जुल्म ज्यादती अन्याय उत्पीड़न के सापेक्ष अपेक्षित न्याय न मिलने के क्रम से निचला तपका आहत हैं। अभय प्रजापति के ज्वलंत प्रकरण में मुलाकात करने आए सर्वश्री आल्हा प्रसाद निषाद,बांके निषाद, कमलेश निषाद,राम अधीन गौतम,भावी विधानसभा प्रत्याशी धनघटा अंजू चौहान व सोनू चौहान आदि शुभचिंतकों का दिल की गहराई से आभार व्यक्त करते हैं।🙏
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- 🎤 बहरीन के सिंगर फ्लिप्पेराची, जिनकी अलग पहचान वाली आवाज़ कभी चर्चा में रही थी, एक बार फिर सुर्खियों में लौट आए हैं। वजह बना फिल्म ‘धुरंधर’ का एक सीन, जिसमें अक्षय खन्ना की दमदार मौजूदगी के साथ उनका म्यूज़िक फिर से लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। via @flipperachay #Dhurandhar #AkshayeKhanna #Flipperachi #ViralMusic #MusicComeback #IndianCinema #ViralReels #TrendingMusic #InstagramTrends #MovieBuzz1
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- गोरखपुर में 16 दिसंबर को स्व. दिनेश चंद्र श्रीवास्तव स्मृति विचार गोष्ठी व पत्रकार सम्मान समारोह1
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- यह मामला वाकई हैरान करने वाला है और कई सवाल खड़े करता है। उत्तर प्रदेश पुलिस की इंस्पेक्टर साहिबा द्वारा भाई-बहन को रोकने और भाई को गार्जियन न मानने का यह रवैया संवेदनशीलता और समझ की कमी को दर्शाता है। इस घटना के संबंध में कुछ मुख्य बातें यहाँ दी गई हैं: घटना का विवरण: एक भाई-बहन शीतला माता के दर्शन करने पहुँचे थे, जहाँ उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महिला इंस्पेक्टर ने कपल होने के संदेह में रोक लिया। भाई-बहन ने अपनी पहचान स्पष्ट की और इंस्पेक्टर ने परिवार से फोन पर बात करके भी पुष्टि कर ली। इंस्पेक्टर का तर्क: परिवार से पुष्टि होने के बावजूद, इंस्पेक्टर ने उनसे कहा कि अगली बार किसी "गार्जियन" (अभिभावक) को साथ लेकर आएँ। उनका कहना था कि सगा भाई गार्जियन नहीं होता। विवाद: यह कार्रवाई तर्कहीन लगती है, क्योंकि सामान्य सामाजिक और कानूनी मान्यताओं के अनुसार, एक बालिग सगा भाई अपनी बहन के लिए एक वैध गार्जियन या संरक्षक माना जा सकता है, खासकर माता-पिता या अन्य वरिष्ठ परिजनों की अनुपस्थिति में। प्रतिक्रिया: इस घटना ने सोशल मीडिया और आम जनता के बीच यूपी पुलिस के इस रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया और बहस छेड़ दी है, जिसमें पुलिस अधिकारियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण और संवेदनशीलता की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। कई लोगों ने इसे पुलिस की तरफ से अनावश्यक दखलअंदाजी और खराब व्यवहार बताया है। यह घटना निश्चित रूप से पुलिस विभाग के भीतर संवेदनशीलता और सामाजिक समझ की कमी को उजागर करती है।1
- वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय दिनेश चंद्र श्रीवास्तव की 38वीं पुण्यतिथि पर गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा 16 दिसंबर को विवेक होटल के हाल में श्रद्धांजलि सभा के साथ एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया है1